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इटावा, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर भाजपा कार्यालय पर आयोजित ‘जिला संगोष्ठी’ कार्यक्र

*डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर भाजपा कार्यालय पर आयोजित ‘जिला संगोष्ठी’ कार्यक्रम !*

इटावा राष्ट्रीय एकता व अखंडता के पर्याय, महान शिक्षाविद्, प्रखर राष्ट्रवादी और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर *भारतीय जनता पार्टी इटावा कार्यालय पर जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत की अध्यक्षता एवं संयोजक जिला मंत्री चक्रेश जैन के संयोजन में ‘जिला संगोष्ठी’ का आयोजन* किया गया ।

जिला संगोष्ठी का *शुभारंभ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलित करके* हुआ ।

जिला *संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में औरैया के संगठनात्मक प्रभारी एवं कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र से वरिष्ठ नेता प्रमोद अग्रहरि ‘बॉर्डर’ का* मार्गदर्शन प्राप्त हुआ ।

बलिदान दिवस के अवसर पर *जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत, मुख्य अतिथि प्रमोद अग्रहरि ‘बॉर्डर’ व जिला पदाधिकारीगणों के साथ मिलकर कार्यालय परिसर में पौधा रोपित किया तथा जनपदवासियों से वृक्षारोपण करने* की अपील की ।

*मुख्य अतिथि प्रमोद अग्रहरि ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए* जानकारी दी, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (6 जुलाई 1901-23 जून 1953) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर और शिक्षाविद थे । जिन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया । नेहरू के साथ होने के बाद भी नेहरू-लियाकत समझौते का विरोध करते हुए, हिंदुत्व के प्रतीक मुखर्जी जी ने नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया ।

*मुखर्जी जी ने एक नारा दिया “एक देश मे दो निशान दो विधान दो प्रधान” नही चलेंगे ।*

*संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता राजेंद्र गुप्ता ने* बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार करते हुए 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया।

 

*संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रमाकान्त शर्मा ने* बताया कि कांग्रेस नेतृत्व की सरकार ने संविधान में चोरी छिपे धारा 370 को जोड़ने का कुत्सित कार्य किया था तो उसका विरोध डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने किया था। उन्होंने उस वक्त नारा दिया कि एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे। इसके खिलाफ उन्होंने देश में आंदोलन चलाया और एक साजिश का शिकार बने। 1953 में आज ही के दिन उनका महान बलिदान देश की एकता का आधार बना।

अपने *समापन उद्बोधन में जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहा* कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मदद से मुखर्जी जी ने सन 1951 में भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ की स्थापना की।

23 जून 1953 को जम्मू कश्मीर पुलिस की हिरासत में इनकी म्रत्यु हुई । चूंकि भारतीय जनता पार्टी भारतीय जनसंघ की उत्तराधिकारी है । इसलिए मुखर्जी जी को भारतीय जनता पार्टी का संस्थापक माना जाता है और मुखर्जी जी के म्रत्यु दिवस को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है । बलिदान दिवस को भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्तर से लेकर बूथ स्तर तक मनाती है तथा इस दिन भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें याद करता है ।

*संगोष्ठी कार्यक्रम का कुशल संचालन जिला महामंत्री शिवाकांत चौधरी ने किया ।*

संगोष्ठी कार्यक्रम में प्रमुख रूप से निवर्तमान जिलाध्यक्ष अजय धाकरे, वरिष्ठ नेता अच्युत मिश्रा, पूर्व विधायक के के राज, बढ़पुरा ब्लॉक प्रमुख गणेश राजपूत, प्रशांत राव चौबे, जिला उपाध्यक्ष शिवकिशोर धनगर, जिला मंत्री पूजा चौधरी, विकास भदौरिया, कोषाध्यक्ष संजीव भदौरिया, जिला मीडिया प्रभारी रोहित शाक्य, महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती विरला शाक्य, मनीषा शुक्ला, कृपा नारायण तिवारी,रवि प्रकाश धनगर, सतेंद्र राजपूत, पंकज कुशवाहा, मण्डल अध्यक्ष सुशान्त दीक्षित, ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष मुनेश बघेल, अल्प- संख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष रईसुद्दीन राइन, पूर्व जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र बघेल सहित पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहें