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औरैया, महिलाओं को समूह से मिला प्रोत्साहन*

*औरैया, महिलाओं को समूह से मिला प्रोत्साहन*

*० घर में दाल से बनी जैविक खाद और मूंग दाल से गोमूत्र*

*औरैया।* संचालित स्वयं सहायता समूह ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी आय बढ़ाने में काफी सफल साबित हो रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं और व्यवसाय में आगे आ रही हैं। इसी क्रम में औरैया की अजीतमल तहसील के सफर गांव में चल रहे नारा नारायण हरि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं दाल व जैविक खाद बनाकर बाजार में बेच रही हैं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। “तैयार माल को बाजार में बेचने के लिए पति ने बांटे हाथ” ग्रुप की अध्यक्ष कुसमा देवी, उपाध्यक्ष मीरा देवी ने बताया कि उन्होंने समूह की सदस्य संगीता चंद्रकाली, सुगंधी, गीता, सत्यवती समेत दस महिलाओं की मदद से दलबरी बनाना शुरू किया, क्योंकि यह हमारा हुनर ​​था. हम महीने में 25 से 30 किलो दालबरी तैयार करते हैं, जिसे पैक करके बाजार में बेचा जाता है। कुसमा देवी ने बताया कि उनके पति लखन सिंह बाजार से मूंग और मसाले लाकर तैयार माल बेचने में मदद करते हैं। “काम हमारे लिए पैसा आता रहता है” उसने बताया कि उसने तीन साल के एक समूह के माध्यम से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था, जिसके जरिए उसने लाखों रुपये कमाए और उसे सभी लोगों में बांट दिया. इस कार्य से हमारा समय बीतने के साथ-साथ धन की आवक बनी रहती है जिससे परिवार चलाना आसान हो जाता है। “12वीं पास कुसमा तैयार करती हैं जैविक खाद” 55 वर्षीय कुसमा देवी, जिन्होंने 12वीं की पढ़ाई की है, फूलों और फसलों के लिए जैविक खाद भी तैयार करती हैं। जिसके लिए वह गाय के गोबर और पेशाब का इस्तेमाल करती हैं। 5 किलो की पैकिंग में तैयार खाद बाजार में बिकती है। उसने बताया कि पति किराना की दुकान चलाता है, लेकिन हम उसे महीने की आमदनी भी बराबर कर देते हैं, जिससे उसके चार बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ परिवार का खर्चा भी आराम से चल रहा है. सहायता समूह के प्रखंड मिशन प्रबंधक जगदीश राजपूत एसआईएसडी विमल कुमार ने कहा कि अन्य समूहों की अनदेखी कर यह समूह अच्छा काम कर अच्छा पैसा कमा रहा है।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता