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इटावा, सरकार की घरौनी योजना में लगी भृष्टाचार की दीमक* ● जिलाधिकारी को सौंपा ग्रामीणों ने प्रार्थना पत्र,

*सरकार की घरौनी योजना में लगी भृष्टाचार की दीमक*

● जिलाधिकारी को सौंपा ग्रामीणों ने प्रार्थना पत्र,

इटावा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित के लिए घरौनी (ग्रामीण आवासीय अभिलेख) योजना चलाई है। जिसके तहत गांव में रह रहे किसानों को खेत के साथ-साथ अब इनके घरों के अभिलेख भी मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सर्वे कराया था।‌ सर्व प्रथम राजस्व लेखपालों से गांव-गांव जाकर सर्वे कराया गया था। उसके बाद ड्रोन कैमरा के द्वारा सर्वे कराया गया था। जिससे किसानों को गांव में बने घरों के सम्बन्ध में लड़ाई-झगडो़ से झूझना पड़ता था। जब किसानों को घरौनी मुहैया करा दी जाएगी,तो घर(आवास) के लिए जो लड़ाई हो रही थी खत्म हो जाएगी।

*क्या है घरौनी जाने पूरा मामला*

आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामित्व योजना के तहत गांव की आबादी वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों को घरौनी (ग्रामीण आवास अभिलेख) मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। जिसमें किसानों के घरों का सम्पूर्ण ब्यौरा होगा। जिससे किसानों के घरों पर कोई भी अवैध कब्जा न कर सकें,और न ही किसी तरह का घर को लेकर झगड़ा-फसाद हो सके। ग्रामीणों को घरौनी मुहैया कराने की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाया गया। शासन ने उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण एंव अभिलेख संक्रिया नियमावली 2020 को अधिसूचित कर दिया। उसके बाद घरौनी का कार्य शुरू कर दिया।

लेकिन भृष्टाचार के चलते घरौनी योजना दीमक लग गई,और जहां घरौनी बननी थी। वहां तो घरौनी बनी नहीं। बल्कि आबादी की जगह पर घरौनी आवांटन कर दी गई। आलम यह है कि जिस गाटे में घरौनी आवंटन की गई है। उस गाटे में कोई भी पक्का और न ही कच्चा मकान बना है। लेकिन गाटे संख्या 112 पर रजनीश कुमार पुत्र अर्जुन सिंह, सरला देवी पत्नी कमलेश कुमार,कुसमा देवी पत्नी प्रमोद कुमार और किरन देवी पत्नी सतीश चन्द्र निवासी ग्राम टिपटिया की घरौनी बना दी गई।
वही ग्रामीणों का आरोप है कि आशीष कठेरिया लेखपाल ने मोटी रकम लेकर यह फर्जी घरौनी बना दी है। जिसको लेकर गांव के ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की है।
जब इन लोगों की तहसील स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो सभी ग्रामीणों ने सामूहिक प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को सौंपा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि जहां योगी सरकार ने किसानों को घर के मामले में लड़ाई झगडे से बचने के लिए यह योजना चलाई थी। लेकिन भृष्टाचार चलते घरौनी खाली जगह पर बना कर आवंटन कर दी गई। जहां पर वास्तविक में वर्षों पुराने बने मकानों की घरौनी नहीं बनाई गई। वही ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुई जिलाधिकारी के नाम प्रार्थना पत्र दिया । इस प्रार्थना पत्र में दर्शाया कि रजनीश कुमार पुत्र अर्जुन सिंह, सरला देवी पत्नी कमलेश कुमार,कुसमा देवी पत्नी प्रमोद कुमार और किरन देवी पत्नी सतीश चन्द्र आदि को घरौनी वितरण की गई। जबकि इन लोगों की गाटा संख्या 112 में कोई मकान नहीं बना है। वही नाहर सिंह,छविराम आदि लोगों ने प्रार्थना पत्र के माध्यम से किए गए फर्जी घरौनी को तत्काल खारिज करने का अनुरोध किया है।
वही अपर जिलाधिकारी जय प्रकाश ने बताया कि जो ग्रामीणों द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया है। उसका मौके पर जाकर निरीक्षण कराया जाएगा। अगर वास्तविक में घरौनी गलत तरीके से बनी है, तो जांच कर जितनी गलत घरौनी बनी है उन्हें खारिज कर दिया जाएगा।