ईरान ने पांच देशों के संगठन ‘ब्रिक्स’ में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।इस शिखर सम्मेलन में ‘पूर्ण परामर्श और आम सहमति’ से नये देशों को ब्रिक्स में शामिल करने पर चर्चा हुई थी। ईरान के विदेश मंत्री के इस ऐलान के बाद सवाल यह है कि क्या ईरान में प्रवेश से भारत की मुश्किलें बढ़ेंगी।
यही नहीं गर ईरान ब्रिक्स में शामिल होता है तो इस संगठन में अमेरिका विरोधी देशों की संख्या में इजाफा होगा। ईरान लंबे समय से अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है, जिससे उसके आर्थिक हालात खराब हुए हैं।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के हवाले से कहा कि अर्जेंटीना और ईरान ने ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि कई देशों ने उभरते बाजारों के पांच सदस्यीय ब्लॉक में शामिल होने के लिए अपनी रुचि व्यक्त की है।
उसे भी नए बाजार चाहिए और ब्रिक्स उसके लिए एक बेहतरीन मौका हो सकता है। ऐसे में ईरान और भारत के संबंधों के बीच अमेरिका के साथ संतुलन बनाना भारत के लिए एक चुनौती बन सकता है।