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भरथना, केंसर पीड़ित के नाम फर्जी दस्तावेज से निकाला गया ऋण जांच के भय से हुआ जमा,

*खबर का असर*

*बैंक से निकला फर्जी ऋण खुद हो गया जमा*

● जिला सहकारी बैंक प्रबंधक ने फर्जी ऋण बसूल करने के किये थे प्रयास,

● केंसर पीड़ित के नाम फर्जी दस्तावेज से निकाला गया ऋण जांच के भय से हुआ जमा,

भरथना,इटावा। भरथना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नगला रामलाल (वेर) निबासी केंसर पीड़ित ग्रामीण अशोक कुमार पुत्र महताब सिंह के परिजनों के उस समय होश उड़ गए थे जब विगत 3 जून को जिला सहकारी बैंक बालूगंज भरथना शाखा के प्रबंधक ने केंसर पीड़ित अशोक कुमार के घर पहुँच कर ऋण लोन की रकम बसूली करने का प्रयास शुरू किया।
बैंक प्रबंधक के गांव पहुँचने के दौरान केंसर पीड़ित अशोक कुमार घर नहीं था। जिसपर बैंक प्रबंधक ने अशोक कुमार की पत्नी को हिदायत देते हुए बताया कि उनके पति अशोक कुमार ने बैंक से ऋण लोन लिया था। जिसकी अभी तक एक भी क़िस्त जमा नही की गई है,बैंक व्याज सहित ऋण लोन की रकम अतिअधिक हो जाने के कारण उन्हें ऋण लोन बसूली के लिए घर आना पड़ा है। बैंक प्रबन्धक ने अशोक कुमार की पत्नी को चेतावनी देते हुए कहा है कि समय रहते मयव्याज ऋण लोन की रकम जल्द से जल्द बैंक में जमा करादी जाए अन्यथा कृषि भूमि को जब्त कर ऋण लोन की रकम मयव्याज के बसूल करली जाएगी।
अशोक कुमार के रात्रि घर पहुँचने पर पत्नी ने जैसे ही ऋण लोन से सम्बंधित पूरी घटना से अवगत कराया केंसर पीड़ित अशोक कुमार के होश उड़ गए। अशोक कुमार के नाम फर्जी तरीके से निकाले गए।
जिसपर पीड़ित अशोक कुमार ने भरथना कोतवाली पुलिस को सौंपे एक प्रार्थना पत्र में उसके नाम फर्जी दस्तावेज तैयार कर निकाले गए ऋण लोन मामले की जांच कर कार्यवाही करने की गुहार लगाई गई थी। और उक्त खबर को प्राथमिकता से प्रकाशित किया गया था।
जिसमे पीड़ित अशोक कुमार ने बताया कि उपरोक्त बैंक में उसका ना ही कभी कोई खाता रहा है और ना ही कभी किसी प्रकार का उसने कोई लेन देन किया है पिछले चार वर्षों से वह अपने पेट के कैंसर रोग का आगरा से इलाज करा रहा है। केंसर रोग से पीड़ित होने के कारण उसका भरथना कस्बा सहित बाजार आदि जाना और आना पूरी तरह बर्जित है। उसने बताया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसके नाम से उक्त बैंक से ऋण लोन निकाला गया होगा जिसमें किसी बैंक कर्मी का भी हाथ सामिल हो सकता है,जिसकी जांच होना जरूरी है। उक्त खबर के प्रकाशित होते ही बैंक कर्मियों सहित उक्त ऋण लोन निकालने बालों में हड़कम्प मंचा गया,और मामले की जांच पड़ताल शुरू होती इससे पूर्व मात्र 4 दिनों के अन्दर 10 जून को निकाला गया ऋण लोन खुद वा खुद जमा ही गया। और कोई जांच पड़ताल शुरू होती इससे पूर्व बैंक के अपर जिला सहकारी आधिकारी राजेश कुमार मिश्र ने सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता इटावा को पत्र भेज कर ऋण लोन जमा हो जाने की जानकारी से अवगत कराते हुए जांच पर विराम लगवा दिया है।