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डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की कीमत में दर्ज़ हुई गिरावट, क्या आम आदमी पर पड़ेगी इसकी मार

रुपये की कीमत ने आज एक बार फिर ऑल टाइम लो का नया रिकॉर्ड कायम कर लिया। रुपये में आ रही कमजोरी सबके लिए नुकसान का सौदा नहीं है। निर्यातकों को इससे फायदा होने वाला है।भारतीय मुद्रा की कीमत आज पहली बार डॉलर के मुकाबले 80 रुपये के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे पहुंच गयी।

इसका कारण यह है कि विदेश में सामान बेचने से डॉलर में आमदनी होती है और जैसे-जैसे रुपया कमजोर होकर गिरेगा उन्हें अपने उत्पाद की ज्यादा कीमत मिलेगी। आईटी और फार्मा कंपनियों को रुपए में कमजोरी से फायदा क्योंकि वे अपने उत्पादों का बड़े पैमाने पर निर्यात भी करते हैं। उनकी ज्यादातर आय डॉलर में ही होती है।
डॉलर इंडेक्स की मजबूती और विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार हो रही बिकवाली के कारण रुपये पर लगातार दबाव बना हुआ है। इस वजह से पिछले लगातार आठ कारोबारी सत्रों से भारतीय मुद्रा गिरावट का नया रिकॉर्ड बना रही है।

रुपये में जैसे-जैसे कमजोरी बढ़ेगी आम आदमी की मुसीबत भी बढ़ती ही जाएगी। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारा देश बहुत सारी चीजों के लिए आयात पर निर्भर है। ज्यादातर आयात-निर्यात अमेरिकी डॉलर में ही होता है इसलिए बाहरी देशों से कुछ भी खरीदने के लिए हमें अधिक मात्रा में रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

 रुपया आज 4 पैसे कमजोर होकर खुला है। इससे पहले सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.97 पर बंद हुआ था।पिछले एक महीने में रुपया 2% से भी ज्यादा टूट चुका है। जानकारी दें कि एक साल में रुपया डॉलर के सामने 7.4% नीचे गिर गया है।