*फाइलेरिया रोगियों के इलाज को लगेंगे शिविर-सीएमओ*
● जसवंत नगर सीएचसी पर फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को बांटी गईं एमएमडीपी किट,
● मरीजों को फाइलेरिया प्रभावित अंगों की साफ-सफाई के प्रति किया जागरूक,
जसबन्त नगर,इटावा।
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है। मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने के प्रति जागरूक करने के साथ ही दवाईया वितरण की जा रही है। इस बीमारी के प्रति सामुदायिक जागरूकता के लिए जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पाथ संस्था के सहयोग से फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के लिए विशेष कैंप का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी इटावा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ०भगवान दास ने देते हुए बताया
कि इसी कड़ी में मंगलवार को जसवंत नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कैंप लगाकर फाइलेरिया ग्रसित रोगियों को इलाज के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी गयी है,साथ ही नि:शुल्क दवा उपलब्ध कराई गई है।
कैंप में सात फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट भी प्रदान की गई, जिसमें प्लास्टिक बाल्टी, मग,साबुन,तौलिया तथा क्रैप बैंडेज सामिल है, इसके साथ ही उन्हें नियमित तौर पर व्यायाम करते रहने की सलाह दी गई। इस दौरान कैंप में असिस्टेंट जिला मलेरिया अधिकारी नीरज दुबे,जसवंत नगर सीएचसी के अधीक्षक डॉ०सुशील कुमार यादव व बीसीपीएम सुनील,पाथ संस्था से कोआर्डिनेटर डा०शिवकांत मौजूद रहे।
एसीएमओ व नोडल अधिकारी महेश चंद्रा ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत एमएमडीपी किट मुहैया कराई जा रही हैं। इस किट में प्रभावित अंगों की अच्छी तरह से साफ-सफाई को लेकर टब,मग, तौलिया,साबुन,गरम पट्टी व जरूरी चीजें दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोग में अक्सर हाथ या पैर में बहुत ही ज़्यादा सूजन हो जाती है । इसलिए इस रोग को हाथी पांव भी कहते हैं। जिन व्यक्तियों के अंदर माइक्रो फायलेरिया के कीटाणु रहते है,उन्हें दवा सेवन करने पर कुछ प्रभाव जैसे- जी मचलाना,उल्टी आना, हल्का बुखार आना, चक्कर आना आदि हो सकता है। इससे घबराना नहीं चाहिए |
जिला मलेरिया अधिकारी लक्ष्मी कांत पांडे ने बताया कि इस किट का वितरण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से भी किया जायेगा जिस किसी को इस रोग की शिकायत हो वह सम्बंधित सीएचसी पर जाकर इस किट को प्राप्त कर सकता है। जब भी किट लेने आयें अपना आधार कार्ड साथ लेकर आयें। इसके साथ ही कहा कि इस समय जनपद में लगभग 318 लोग फाइलेरिया से ग्रसित हैं |
5 से 15 साल में दिखते हैं फाइलेरिया के लक्षण
डीएमओ ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 साल में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। महिलाओं को स्तन के आकार में परिवर्तन हो सकता है।
मरीजों ने ली राहत की सांस प्रभावित अंगों की साफ-सफाई को लेकर एमएमडीपी किट मिलने से मरीजों ने राहत की सांस ली। जसवंतनगर ब्लॉक के रहने वाली 45 वर्षीया निर्मला देवी कहती हैं कि मुझे कुछ माह पहले फाइलेरिया की शिकायत हुई थी। काफी निजी चिकित्सकों से इलाज कराया पर कोई फायदा नहीं मिला। तब जाकर मलेरिया कार्यालय से मुझे दवा मिली थोडा आराम है| पहले से पैरों की सूजन कम हुई है। फाइलेरिया की वजह से बड़ी समस्या होती है। सूजन की जगह से कभी-कभी पानी का रिसाव भी होता है। इससे चलने-फिरने में दिक्कत होती है। किट मिलने से प्रभावित अंगों की साफ-सफाई अच्छे से होगी तो आराम रहेगा।