*औरैया, सीबीएसई ने आयोजित की कार्यशाला*
*राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कक्षा तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों का हुआ मंथन*
*दिबियापुर,औरैया।* गेल डीएवी पब्लिक स्कूल में सीबीएसई (प्रयागराज) द्वारा क्षमता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया। पूरे दिन चली इस कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० के लक्ष्य और मुख्य बिंदुओं पर विचार करते हुए उसको कक्षा तक कैसे पहुंचाया जाए इस पर गहन मंथन किया गया। औरैया जनपद के लगभग 12 सीबीएसई विद्यालयों के विभिन्न विषयों के 66 शिक्षकों ने भाग लिया। सीबीएसई के प्रतिनिधि के तौर पर विषय विशेषज्ञ बलविंदर सिंह सीबीएसई सिटी कॉर्डिनेटर, एनटीए कॉर्डिनेटर कानपुर और राजीव मोहन मिश्रा सीबीएसई सिटी कोर्डिनेटर,एनटीए कॉर्डिनेटर शाहजहांपुर ने कार्यशाला को संचालित किया। इस अवसर पर प्राचार्य नवोदय विद्यालय संजीव कुमार गुप्ता भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन से किया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारत की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक शिक्षा नीति के समान स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा गया। जिसमें विद्यालय स्तर के शिक्षकों का प्रमुख योगदान होगा।राजीव मोहन मिश्रा ने बताया की किस प्रकार विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जाए। विशेषज्ञ बलविंदर सिंह ने बताया की नई शिक्षा नीति ना केवल विद्यार्थियों को ग्लोबल सिटीजन के रूप में तैयार करेगी बल्कि भारतीय संस्कृति के संरक्षण और प्रसार पर भी उतना ही ध्यान देगी। गेल डीएवी प्राचार्य अशोक कुमार शर्मा ने बताया की तेजी से विकसित होती आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के दौर में शिक्षकों को नई टेक्नोलॉजी के प्रयोग में दक्ष होना कितना आवश्यक है। प्रतिभागी शिक्षकों ने बदलते रोजगार और समय के साथ समाप्त और उत्पन्न होते रोजगारों की जानकारी विद्यार्थियों तक पहुंचाने पर जोर दिया गया। इस बात पर भी मंथन हुआ की अंकों की होड़ की अपेक्षा विद्यार्थियों में कौशल विकास, निर्णय क्षमता, नवाचार सृजन पर अधिक जोर दिया जाए। आज जब टेक्नोलॉजी के दौर में शिक्षक ही ज्ञान का एक मात्र स्रोत नही है वह अपनी सार्थकता कैसे सिद्ध करे इस बार विचार विमर्श किया गया। बहुत सी समूह गतिविधियों और सार्थक विचार विमर्श से कार्यशाला में शिक्षकों की ऊर्जा भरपूर देखने को मिली। ज्ञात हो गेल डीएवी पब्लिक स्कूल को सीबीएसई ने अपने ट्रेनिंग सेंटर के रूप में चुना है साथ ही विद्यालय जिले के विद्यालयों का परीक्षा और मूल्यांकन केंद्र भी है। कार्यक्रम का समापन वैदिक शांतिपाठ से किया गया।
रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता