Sunday , November 24 2024

बकेवर ,बरसात के चलते डेंगू मच्छर की दस्तक* ● अप्रशिक्षित झोलाछाप चिकित्सकों की शुरू हुई मौज,

*बरसात के चलते डेंगू मच्छर की दस्तक*

● अप्रशिक्षित झोलाछाप चिकित्सकों की शुरू हुई मौज,

बकेवर इटावा।
नगर बकेवर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू व वायरल का प्रकोप बढ़ गया है। अस्पतालों में वायरल, डेंगू, टाइफाइड के मरीज तेजी से बढ़े हैं। कस्बे के एक दर्जन से अधिक प्राइवेट अस्पतालों में मौसमी मरीजो की भीड़ देखी जा सकती हैं।
सरकारी अस्पतालों में भीड़ की वजह से कई मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है। बकेवर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के प्राइवेट अस्पतालों का आलम यह है। साधारण बुखार के कारण रोगी दवाइयों का पांच सौ से एक हजार रूपये तक का गठ्ठा बांध कर पकङा दिया जाता है। प्राइवेट अस्पतालों की लूट घसोट के चलते गरीब व आम जनमानस को अपनी जेब खाली करनी पङती है। इसी के चलते झोलाछाप डॉक्टरों की बल्ले बल्ले होती है। वहीं इटावा रोड, भरथना रोड सहित झोलाछाप डॉक्टरों की रोगियों के साथ दवा में लूट घसोट के चलते दुकानें अच्छे से फल फूल रही है। वहीं‌ सूत्रों से पता चला कि इन प्राइवेट अस्पतालों के झोलाछाप डॉक्टरों का गठजोड़ सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों से है। जिससे निडर होकर धन्धा दिनरात चौगुना हो रहा है। वहीं झोलाछाप डॉक्टर रोगियों को एमबी बीएस के डॉक्टरों के बराबर का दर्जा बताकर गुमराह करते हैं।
डेंगू व वायरल बुखार के कारण प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिक, जांच लेबोरेट्री की बल्ले बल्ले हो गई है। बुखार आने पर रक्त की जांच कराना अनिवार्य है। इससे जांच लेबोरट्रीज में मरीजों की भीड़ लगने लगी हैं। रक्त की जांच में प्लेटलेट्स कम पाए जाने पर डेंगू पॉजिटिव के लिए अलग से टेस्ट कराना होता है। पूरी जांच के लिए एक हजार से अधिक खर्च आता हैं। प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू के मरीज को 10 हजार से अधिक का खर्च सामान्य बात है। इलाज के दौरान रोजाना मरीज के रक्त में प्लेटलेट्स व श्वेत रुधिर कणिकाओं की जांच की जाती हैं, जिसका खर्च अलग से वहन करना पड़ता है। इस माह तेज बारिश के कारण अस्पतालों में मौसमी रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। डॉक्टरों के अनुसार अधिक बारिश से वायरल का इंफेक्शन बढ़ गया है। इसमें मरीज को पहले बुखार आता है, फिर संक्रमण ज्वर, बुखार, टाइफाइड में बदल जाता है। ,डेंगू एवं टाइफाइड के केस अधिक हैं। बता दें कि बारिश के पानी सम्मिश्रण से बोरवेल एवं कुओं के पानी में माइक्रो बैक्टीरिया पैदा हो गए हैं। जलभराव से मच्छर भी बढ़े हैं। मानसून की बारिश से डेंगू के मच्छर ज्यादा बढ़े हैं। इस सम्बन्ध में नगर के समाज सेवियों ने जिला चिकित्सा अधिकारी से नगर के झोलाछाप डॉक्टरों व अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने की मांग की है।ताकि गरीबों सहित आम जनमानस कोअच्छा इलाज कराने में सुविधा हो सके।