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इटावा में नौ माह की नन्ही लाडो ने जीती कुपोषण से जंग*

*इटावा में नौ माह की नन्ही लाडो ने जीती कुपोषण से जंग*

● अति कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है पोषण पुनर्वास केंद्र,

● एनआरसी में भर्ती मां-बच्चे को रोज भोजन 50 रु० का मिलता प्रोत्साहन,

इटावा। किसी भी देश की प्रगति के लिए उस देश के नौनिहालों का बेहतर स्वास्थ्य उस देश की समृद्धि की नींव रखता है। इसलिए वर्तमान सरकार में कुपोषण को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है इसी कड़ी में पोषण पुनर्वास केंद्र अति कुपोषित 0-5 वर्ष तक के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है यह दावा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ०एमएम आर्या ने किया है।
उन्होंने बताया कि विगत 4 जनवरी 2015 में जिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र खोला गया जिसमें अब तक 1 हजार 15 बच्चों ने कुपोषण की जंग जीती है।

*लाडो ने जीती कुपोषण से जंग*

इटावा शहर के नौरंगाबाद निवासी भरत जो एक मजदूर है उनकी 9 माह बेटी लाडो जिसका वजन लगभग 3 किलो था वह जन्म से ही कमजोर और कुपोषित थी। उन्होंने बताया कि हमारे क्षेत्र की आंगनवाड़ी ने उन्हें कई बार बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराने के लिए प्रेरित किया लेकिन वे लापरवाह बने रहे,और बच्ची की तबीयत बिगड़ गई। भरत ने बताया कि वह बच्ची को लेकर जिला अस्पताल बाल रोग विशेषज्ञ डॉ०शादाव आलम के पास पहुँचे तब उन्होंने गहनता से समझाया तब बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराया। लाडो की मां रेखा ने बताया कि 5 जुलाई को उन्होंने बच्ची को एनआरसी पहुँच कर भर्ती कराया था तब बच्ची का जब वजन मात्र 3 किलो ग्राम था और लाडो न तो सही से दूध पीती थी और ना ही सोती थी। जिस प्रकार बच्चों को सोना चाहिए। रेखा ने बताया कि बच्ची जब एनआरसी में रही तब सही मात्रा में (कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन, वसा,विटामिन,खनिज तत्व,) पर्याप्त भोजन आहार विशेषज्ञ द्वारा हर दो-दो घंटे में दिया गया। यह प्रक्रिया रात में भी चलाई गई। जिससे उसकी बच्ची के स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ा और धीरे-धीरे वह स्वस्थ होने लगी। बच्ची की रेखा बताती है एनआरसी में दिन में तीन बार बाल रोग विशेषज्ञों द्वारा लाडो की देख-रेख नियमित रूप से की गई और निशुल्क दवाइयां भी प्रदान की गई। लाडो की मां ने बताया की 19 जुलाई को जब एनआरसी से लाडो की छुट्टी की गई तब उसका वजन लगभग 4 किलो हो गया था।
जिससे उसके अंदर अब एक उम्मीद जन्म ले चुकी थी कि उसकी बच्ची लाडो और बच्चों की तरह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगी।
रेखा ने कहा कि सरकार द्वारा पोषण पुनर्वास केंद्र हम जैसे गरीब मां-बाप के लिए वरदान के समान ही हैं क्योंकि यहां पर जिस तरह की निशुल्क चिकित्सक परामर्श व सुविधाएं मिलती हैं वह हमारे लिए बहुत ही हितकर है,और खुशी की बात है बच्चे को 14 दिन एनआरसी में भर्ती कराया तो प्रतिदिन 50 रुपए दैनिक भत्ता और निशुल्क भोजन मिला है,साथ ही जानकारी दी गई बच्चे के प्रत्येक चार बार फॉलोअप करवाने एनआरसी आने पर 150 रुपए की प्रतिपूर्ति राशि भी प्रदान की जाती है।
लाडो के पिता भरत ने सभी जनपद वासियों से अपील की है कि जिस तरह से उनकी अपनी बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराने के लिए लापरवाही की इस तरह की लापरवाही लोग बिल्कुल ना करें। जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में सभी सुविधाएं निशुल्क हैं यदि बच्चा अतिकुपोषित हो तो समय रहते ही उसे अवश्य भर्ती करवाएं।