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औरैया, 200 स्कूल बरसात में बन जाते हैं तालाब*

*औरैया, 200 स्कूल बरसात में बन जाते हैं तालाब*

*छात्रों को जलभराव के पानी से होकर पड़ता है गुजरना, पढ़ाई होती है प्रभावित*

*औरैया।* बारिश के चलते जिले के करीब दो सौ परिषदीय विद्यालय जलभराव की चपेट में आते हैं। इससे बच्चों को पानी में से होकर स्कूल आने जाने की परेशानी उठानी पड़ती है। बीहड़ के करीब एक दर्जन स्कूल ऐसे हैं, जो बाढ़ आने पर डूब जाते हैं। बेला के याकूबपुर के गांव पट्टी ज्ञानी का प्राथमिक स्कूल जहां बीते एक पखवारे में हुई बारिश से जलभराव की स्थिति हो गई है। काफी बड़े गड्ढे में पानी भरा है। मेंन गेट के सामने जलभराव से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं, यहां करीब 125 बच्चे हैं और तीन टीचर व एक प्रधानाध्यापक हैं। इसके अलावा विशेषतौर पर निचले स्थानों पर संचालित विद्यालयों में यह परेशानी काफी ज्यादा है। “छात्रों को जलभराव के पानी से होकर पड़ता है गुजरना” इस कारण कहीं परिसर में तो कई जगह कक्षाओं तक में पानी भर गया है। इससे कॉलेज के मुख्य गेट से लेकर कक्षा तक पहुंचने के लिए भी बच्चों व शिक्षकों को काफी मशक्कत करना पड़ रहा है। कई जगह तो विद्यालय तक पहुंचने का मार्ग भी पानी में डूबा हुआ है। ऐसे में पढ़ने के लिए विद्यालय आने वाले बच्चों को जलभराव के पानी से होकर गुजरने की परेशानी भी उठानी पड़ रही है। रुरुगंज के इंग्लिश मीडियम स्कूल व व औरैया के प्राथमिक विद्यालय कांशीराम कॉलोनी के अलावा प्राथमिक विद्यालय पट्टी ज्ञानी के बच्चों विशेषतौर पर जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। “अभिभावको ने जताई नाराजगी”
अछल्दा, सहार, सहायल, बेला, फफूंद आदि कस्बों में भी कई परिषदीय स्कूलों की स्थिति भी कुछ इसी तरह है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर परेशान अभिभावकों ने इस पर नाराजगी जताते हुए जिला प्रशासन से मांग की कि ऐसे सभी विद्यालयों के मार्गों को ऊंचा करवा कर बच्चों के आवागमन की परेशानी को दूर कराया जाए। जिले में कुल 1063 प्राथमिक तथा 453 उच्च प्राथमिक मिलाकर 1516 विद्यालय हैं। “बीहड़ इलाके के स्कूल डूब जाते हैं” सदर तहसील के जुहीखा, फारिहा, आस्ता और अजीतमल से जुड़े प्राथमिक विद्यालय सिकरोड़ी पानी में डूब जाता है। इसके अलावा भदौरा, क्योंटरा व महापूर समेत चार विद्यालय पानी से घिर जाते है। 2020 व 21 में यह स्कूल महीनों बन्द रहे और पढ़ाई ठप रही।”जलभराव की समस्या दूर करने का किया जा रहा प्रयास” बीएसए विपिन कुमार ने बताया, ”कुछ विद्यालयों में जलभराव की परेशानी के बाद भी शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। जलभराव की परेशानी को दूर कराने के लिए संबंधित विभाग के साथ मिलकर प्रयास कराए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत व अन्य संस्थाओं के सहयोग से स्कूलों के बदहाल रास्तों को दुरुस्त कराया जाएगा।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता