*स्तनपान कराने से महिलाओं की सुंदरता नही घटती : तृप्तिशुक्ला*
______
जसवंतनगर। विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात बच्चों की माताओं को स्तनपान के लिए जागरूक किया गया।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुशील कुमार.की अगुआई में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. तृप्ति ने नवजात बच्चों की माताओं से कहा कि 6 माह तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना है । इसमें वसा, पानी व प्रोटीन के अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता के एन्टीजिन भी होती है। एल कुछ माताएं अज्ञानता वश अपने नवजात बच्चों को उस उस दिव्य अमृत यानी पीले गाढ़े पदार्थ कोलोस्ट्रम से वंचित कर देती हैं ,जो जीवन भर उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से लड़ता हुआ बच्चे को बचाता है। आधुनिक समाज की पढ़ी लिखी महिलाओं में यह भी भ्रांति बनी हुई है कि नवजात बच्चे को स्तनपान कराने से उनकी सुंदरता प्रभावित हो सकती है। इस भ्रम से से महिलाएं बच्चे को जन्म से ही उसे कृत्रिम दूध पिलाने लगती हैं सुंदरता प्रभावित होने की बात निराधार है। असल मे स्तनपान से सुंदरता ही नहीं बढ़ती, बल्कि प्रसव के बाद स्तनपान कराने से माताओं के स्तन में होने वाले कैंसर से भी ।बचाव होता हैं।
डॉ. तृप्ति शुक्ला ने बताया कि कोलोस्ट्रम माँ का पहला गाढ़ा पीला दूध है, जो रोगप्रतिकारकों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा भी अत्यधिक होती है, जो शिशु की मांसपेशियोँ के निर्माण में पूर्ण मदद करती है । कोलोस्ट्रम के गुणों से शुरुआती काल मल जिसे मिकोनियम भी कहते हैं बच्चे के शरीर से आसानी से बहार निकल जाता है।
इस दौरान स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, वार्ड बॉय तथा नर्सिंग छात्राएं मौजूद रहीं।
वेदव्रत गुप्ता