*जसवंतनगर में रखा गया पीतल का ताजिया, लोगों का कौतूहल बना*
*जसवंतनगर(इटावा)*। ताजिए तो आपने बहुत देखे होंगे,लेकिन जसवंत नगर के सराय खाम मोहल्ले में शुद्ध पीतल का अनोखा ताजिया लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है।
150,किलोग्राम पीतल से तैयार कराया गया यह ताजिया”पीतल नगरी”-मुरादाबाद से बनवाकर विशेष तौर से लाया गया है।। मुरादाबादी कारीगरों को इसके निर्माण में एक वर्ष लगा बताया गया है।
यह आसपास जिलों व इटावा जनपद का जसवंतनगर में रखवाया गया इकलौता ताजिया है।अधिकतर ताजिया बांस ,थर्मोकोल, लकड़ी और चमकीले कागज व पन्नियों से बनवाकरअकीदत के साथ रखे जाते हैं।
चमकदार पीतल का यह ताजिया। स्वर्णिम छटा बिखेर रहा है।इसका दीदार करने को आज नौवीं एवं दसवीं मोहर्रम तारीख पर यहां सरायखाम मस्जिद के बाहर लोगों का हुजूम लगा रहा।
मुहर्रम बीतने के बाद इस ताजिया को सुरक्षित रख लिया जाएगा, इसके एक टुकड़े को दफनाकर रस्म पूरी की जाएगी।
–रोशनी में चमकता है।शुद्ध पीतल के ताजिए के आसपास रोशनी की जाती है। इस चमकीली रोशनी की वजह से यह देखने में सोने जैसा चमकदार दिखता है।
फारूकी कमेटी ने रखा है ताजिया कमेटी के सदस्य मुजीबुद्दीन उर्फ बच्चू के अनुसार पीतल के इस ताजिए को सराय खाम में फारूकी कमेटी द्वारा रखा गया है। यह पहला आसपास जनपदों में इकलौता पीतल निर्मित ताजिया है, जो फारूकी कमेटी द्वारा शुद्ध पीतल का ताजिया मोहर्रम में स्थापित किया गया था।
पीतल के इस ताजिए को मुरादाबादी कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। इसे तैयार करने में एक साल का समय लगाया था।
ऐसा है पीतल का ताजिया।ताजिए की ऊंचाई साढ़े 7 फीट है इसका वजन 150 किलोग्राम है।विशेष नक्काशी ताजिए का आकर्षण है।ताजिए को यौम ए शहादत के दिन कर्बला ले जाया जाएगा। बाद में इसे बंद कर वापस लाया जाएगा।
*वेदव्रत गुप्ता*