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हर घर के लिए आए 7000 झंडे जसवंतनगर में फहराते क्यों नही चमक रहे!

जसवंतनगर(वेदव्रत गुप्त)। आजादी की 75 वी वर्षगांठ के अमृत महोत्सव में जसवंतनगर कस्बे में हर घर पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य हवा-हवाई साबित हुआ है।
नगर में घूमने पर आधे से ज्यादा घरों और प्रतिष्ठानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरते नही दिख रहे हैं, जबकि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त का दिन आने में मात्र 24 घंटे से कम समय शेष रह गया हैं। पिछली 30 जुलाई को एसडीएम जसवंतनगर नम्रता सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि नगर पालिका जसवंतनगर 7000 झंडे वितरित करेगी और 13 अगस्त तक झंडे बांट दिए जायेंगे।
जसवंतनगर कस्बे के 25 बार्डों में साढ़े 5 हजार घरों में लगभग 40 हजार की आबादी बसती बताई गई है। जबकि कस्बे में ज्यादा से ज्यादा 1000 दुकानें और प्रतिष्ठान होंगे। इस तरह पालिका द्वारा बांटे जाने वाले झंडों से हर घर, दुकान, प्रतिष्ठान पर ध्वज फहराता दिखना चाहिए था।कस्बा झंडों से पट जाता,मगर ऐसा नही दिख रहा।
तो फिर 7000 तिरंगों के वितरण का दावा झूठ और हाई- फाई भर ही था।…. फिर आखिर तिरंगों का क्या हुआ??
इस संबंध में पालिका अध्यक्ष सुनील जोली से पूछा गया, तो उनका अलग ही दावा है कि 7000 झंडों के अलावा उन्होंने एक हजार झंडे कानपुर से और मंगवाए है। उन्होंने बताया कि हर सभासद को अपने वार्ड में बांटने के लिए 100 झंडे प्रदान किए गए।नगर में कुल 25 सभासद हैं, उनमें लगभग 3000 झंडे बांट दिए गए। उन्होंने बताया कि बकाया वितरण की कमान पालिका इ ओ रामेंद्र सिंह के हाथों में रही है। अब वही बता सकते हैं कि हर घर झंडा क्यों नहीं फहर रहा है?.. हो सकता है लोगों ने अपने घरों में रख लिए हों।
पालिका इ ओ का फोन न उठने से उनका पक्ष नही जाना जा सका है।
दूसरी ओर सनातन स्वाभिमान एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सभासद ऋषिकांत चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि पालिका इ ओ द्वारा एक राजनैतिक दल की तिरंगा यात्रा रैली के नेताओं को खुश करने के लिए जसवन्तनगर कस्बे के लिए आए 3000 तिरंगे उन्हे दे दिए गए,इसी वजह जसवंतनगर में हर घर तिरंगा लहराता नही दिख रहा। इस तरह के आरोप और भी लगे हैं।