इटावा/ इटावा विधानसभा में विधायक तो कई हुये ,पर आप जैसा न कोई था न हो पायेगा।आपका असमय इस संसार से जाना हम लोगो को झकजोर गया।इटावा विधानसभा की राजनीति में जो शून्यता आपके जाने से आयी वो कभी न पूरी हो पावेगी।क्या आम औऱ खास,पक्ष अथवा विपक्ष सभी के दिल मे आप बसते थे।आपका कार्यकर्ता हो या आपके क्षेत्र का व्यक्ति के लिए24 घंटे आपके दरवाजे खुले रहते थे।जनता से सीधा जुड़ाव था आपका कभी P A नही रखा ,सभी के फोन स्वम् रिसीव करना, फोन कभी बिजी नही करना।कोई कार्यकर्ता रात्रि 1 या 2 बजे भी पहुंचा तो उठ जाते अपने ऊपर वाले पोर्शन से चप्पल की फट फट करते आंख मलते हुये उतर आते और ये कहते हुए जनता के बीच नीचे बैठक में मुस्करा कर कहते कि तुम लोग यार सोने भी नही देते।कार्यकता कोई ग़लती करता तो डांटते हुए भी एक पिता की भांति रात्रि को ही मसले को निपटा देते।
ऐसे इटावा विधानसभा के राजनीति के अजातशत्रु,महामानव जिन्होंने अपनी कार्यशैली से यह तय कर दिया कि विधायक वही होगा जो जनता के मध्य में रहेगा।ऐसे कर्मयोगी रहे जन जन के दुलारे रहे मा0 शिवपाल सिंह जी के बाद हमारे व्यक्तिगत सरपरस्त रहे पूर्व विधायक स्व0 महेन्द्र सिंह राजपूत जी की पुण्य तिथि पर उनके चरणों मे नमन करते हुए सादर श्रदांजलि।
महेन्द्र सिंह राजपूत अमर रहे