*इटावा।* अंजुमन हैदरी इटावा की ओर से पिछले 40 वर्षों की भांति इस वर्ष भी महेरा चुंगी स्थित दरगाह हज़रत अब्बास अलमदार पर सालाना मजलिस का आयोजन मौलाना अनवारुल हसन जैदी इमामे जुमा इटावा की अध्यक्षता में किया गया, जिसमे चौथे इमाम बीमारे कर्बला इमाम जैनुल आबेदीन के ताबूत व मौला अब्बास के अलम की ज़ियारत बरामद हुई।
*मजलिस में तकरीर करते हुए मौलाना शहवार काज़मी जायसी ने कहा* जो नमाज के जरिये पहचाने जाएं वह इंसान हैं और जीके जरिये नमाज पहचानी जाए वह इमाम हैं।अल्लाह कह रहा है कुरान पर गौर क्यों नहीं करते।रसूल अल्लाह फ़रमाते हैं जैसे हमने नमाज पढ़ी वैसे नमाज पढ़ो यही शरीयत है।मौलाना काज़मी ने कहा इमाम हुसैन के बेटे बीमारे कर्बला चौथे इमाम जैनुल आबेदीन के कर्बला से शाम और कूफ़े तक दुश्मने इस्लाम ने बहुत जुल्म ढाये,यही वजह है कि कर्बला को याद करके इमाम 35 साल तक रोते रहे और अल्लाह की इबादत करते रहे। अंजुमन हैदरी इटावा ने मजलिस के दौरान चौथे इमाम के ताबूत और मौला अब्बास के अलम की ज़ियारत बरामद की।शावेज़ नक़वी,जाफ़र ईरानी,समर,राजा और शब्बर अक़ील ताबूत व अलम को करती है मातम बपा अंजुमने हैदरी की सदाओं के साथ मस्जिद से दरगाह लेकर आये।पुरुषों और महिलाओं ने ताबूत की ज़ियारत की।
*मजलिस में* जाफ़र ईरानी,असद जाफ़र अलीगढ़,जहूर नक़वी ने सोजख्वानी,जाफ़र ईरानी ने नोहाख्वानी की,मौलाना कामरान नक़वी कानपुर,सरफ़राज़ नक़वी सौरिख कन्नौज ने कलाम पेश किए। *मजलिस की व्यवस्था में* हाजी कमर अब्बास नकवी,हाजी अरशद मरगूब,राहत अक़ील,राहत हुसैन रिजवी,शावेज़ नक़वी,आरिफ हैदर लखनऊ, मो.मियां,शहजादे,अश्शू रिजवी,जीशान हैदर,समर,राहिल, सैफू,नुसरत हुसैन,अमीर हैदर जाफ़री, सोनू नक़वी,कल्लू, हम्माद आदि का सराहनीय योगदान रहा।