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बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में पानी कम होने पर भी बरतें सतर्कता

इटावा।* जिले के तीन बढ़पुरा, महेवा और चकननगर ब्लॉक के यमुना व चंबल तटीय गांव में जल स्तर नीचे जा चुका है।पानी कम होने पर बीमारियां पनपने के डर से इन इलाकों में सतर्कता बरतनी बहुत जरूरी है। *यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.बीएल संजय का।* उन्होंने बताया कि जनपद में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 6 मोबाइल टीम और अन्य 42 टीमों की सहायता से निरंतर गांव-गांव में जाकर स्वास्थ्य कैंप लगाए जा रहे हैं।सीएमओ ने कहा इन स्वास्थ्य टीमों की सहायता से प्रभावित क्षेत्रों में पैनी नजर रखे हुए हैं।

*अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ.यतेंद्र राजपूत ने बताया* व्यक्तिगत तौर पर मैं सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य टीमों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा हूं।आशा कार्यकर्ती ग्राम प्रधानों के साथ समन्वय स्थापित कर गांव में स्वास्थ्य कैंप लगा रहीं हैं।इसमें बुखार,खांसी जुकाम व अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों को निशुल्क दवाइयों का वितरण हो रहा है और लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है।त्वचा संबंधी रोग खाज- खुजली,दाद से संबंधित समस्याएं लोगों में ज्यादा देखी जा रही हैं।
*उन्होंने बताया* कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में पानी का स्तर कम हो गया है लोग वापस आ रहे हैं इसलिए इन क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है।डॉ.यतेंद्र ने बताया चकरनगर क्षेत्र में भरेह,हरौली बहादुर पुर,गढ़ा कासदा,गोहानी,रनिया और महेवा ब्लॉक में नंदगांवा,भदैया,दिलीप नगर,अंदावा तथा बढ़पुरा ब्लॉक में पछाय गांव,वसरावा,मढैया बढ़पुरा गांव में बाढ़ का असर ज्यादा देखा गया इसीलिए इन गांव में मोबाइल टीमें भी निरंतर काम कर रही हैं।
*जिला अस्पताल की त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ.प्रीति गुप्ता ने बताया* कि बाढ़ ग्रस्त स्थानों पर पानी कम हो रहा है इसलिए वहां के लोग साफ- सफाई का बहुत ध्यान दें यदि संभव हो तो 1 सप्ताह तक नमी युक्त स्थानों से दूर रहें।उन्होंने बताया त्वचा में फंगस बैक्टीरियल इंफेक्शन नमी की वजह से जल्दी होगा और दाद खाज-खुजली जैसी समस्याएं अधिक होगी इसलिए लापरवाही न बरतें त्वचा संबंधी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क कर उचित इलाज लें।डॉ.गुप्ता ने बताया घर के आस-पास साफ सफाई करें और समय-समय पर हाथ धोते रहें ताजा भोजन करें पानी उबालकर पीएं।नमी युक्त कपड़े न पहने हल्के व फुल कपड़े पहने जिससे मच्छर कीड़े मकोड़े से बचाव हो सके। *उन्होंने बताया* कि सफेद सिरके की कुछ बूंदे पानी में डालकर नहाएं व नारियल तेल शरीर पर लगाएं।बक्से में या नमी युक्त काफी दिन के रखे हुए कपड़े धोने के बाद पहने गीले जूते चप्पल का प्रयोग कम करें।