जसवंतनगर(इटावा)। जैन पर्यूषण पर्व के तहत नगर के प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर लुधपुरा में सोमवार को अध्यात्म योगी आचार्य आदित्य सागर महाराज के सानिध्य में जलधारा महोत्सव बहुत ही भव्यता से आयोजित हुआ।
सुबह से ही मंदिर में जलधारा महोत्सव के लिए लोगों में उत्साह था। दोपहर तीन बजे मंदिर खचाखच भर गया था। आचार्य श्री एवं श्री जी का श्रद्धालुओं ने आरती उतारकर एवं चमर ढुलाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया।
मंदिर मैं बहुत ही भव्यता से कार्यक्रम हुआ ।सर्वप्रथम जिनेंद्र भगवान का अभिषेक, शांति धारा, पूजन एवं महा अर्घअर्पित किए गए।
इस अवसर पर आचार्य जी ने कहा कि जैन धर्म के सभी पर्वों में पर्यूषण पर्व सबसे महत्वपूर्ण है। आज इसी पर्व के तहत हम क्षमा वाणी पर्व मना रहे। इस दिन हम छोटे-बड़े का भाव त्याग अपनी गलतियों का पश्चाताप करते और भूलों के लिए क्षमा याचना कर एक दूसरे को जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि क्षमा से बड़ा कोई त्याग और धर्म नही है।उन्होंने भगवान की भक्ति और अर्चना में लीन रहने की सभी को सीख दी। सच्ची भक्ति भाव से समावशरण में बैठ कर आराधना करने से सातिशय पुण्य का बंध होता है। जलधारा में पीत बस्त्रधारी इन्द्रो ने 5 प्रकार की धारा जिनेन्द्र भगवान के समक्ष डाली। पूरा मंदिर भगवान के जयकरो से गूंज उठा।
कार्यक्रम दौरान वीरू जैन, सुइयां जैन,रमेश चंद्र जैन, प्रवीण जैन,निक्का जैन, प्रदीप जैन , बल्ले जैन, विनोद जैन, शिवकांत जैन, आराध्य जैन, अनुपम जैन, नीरज फड़डू जैन,जितेंद्र जैन, चेतन जैन, इंदल जैन, सुरेश जैन, सत्यप्रकाश जैन, महेश जैन तन्मय जैन, अंकुर जैन , मणिकांत जैन, सुरेंद्र जैन आदि ने व्यवस्था संभाली। बाद में प्रसाद भोज का आयोजन लुधपुरा समाज ने किया।
*वेदव्रत गुप्ता*