जसवंत नगर(इटावा)। समाजवादी पार्टी सरकार में 24 घण्टे बिजली का सुख भोगने वाले जसवंतनगर के वाशिन्दों को अब बिजली रुला रही है। पसीने से तर-बतर लोगों का अब हाथ पंखे साथ दे रहे हैं।
प्रदेश सरकार के आदेश हैं कि तहसील मुख्यालयों को कम से कम प्रतिदिन 20 से 21 घण्टे आपूर्ति सुनिश्चित रूप से मिले, मगर अब मात्र 4-6 घण्टे ही आपूर्ति पिछले एक हफ्ते से मिल रही है। रात में तो 12 से 1 बजे तक प्रायः फेल रहती है।
कस्बे में हालत इतने बदतर हो गए हैं कि नगर पालिका की टंकियां दोनों टाइम जलापूर्ति भी नागरिकों को नहीं दे पा रही हैं। टंकियों के ट्यूबबैल टंकियां नही भर पा रहे। रात में शाम से ही विद्युत आपूर्ति बिगड़ी हुई रहने से नगर की प्रकाश व्यवस्था भी ध्वस्त हो गयी है।
रेलमंडी फीडर की हालत तो इतनी बदतर है कि गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार औऱ रविवार को पूरे-पूरे दिन नगर का आधा हिस्सा बंद रहा।
बताते हैं कि इस फीडर से जुड़ा 8 नम्बर का ट्रांसफार्मर हर घण्टे आग से धू-धू कर सुलगने लग रहा था। इस ट्रांसफार्मर से बन रहे फाल्ट से कैस्त उपकेंद्र की ओसीबी ट्राली तक आग पकड़ गयी। इसके बाद उसे ठीक करने के लिए पूरे नगर की बिजली 6 घंटे बंद रही ।चूंकि 8 नम्बर ट्रांसफार्मर से भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होती है,इसलिए इस ट्रांसफार्मर को ठीक किया जाता रहा और फिर बिजली फेल होती रही। जबकि रेलमंडी फीडर को अकेले शट-डाउन कर बकाया नगर की आपूर्ति चालू रखी जा सकती थी।
नगर में 50 प्रतिशत से ज्यादा बंच केबिलें जल चुकी हैं।ट्रांसफॉर्मर भी जुगाड़ और लत्ता लपेड़ी से चल रहे हैं। मगर एसडीओ से लेकर जे.ई तक की संस्तुति और प्रयासों के बावजूद इटावा विद्युत स्टोर जसवंत नगर के नाम पर नई केबिलें और समान इशयू नही किया जा रहा रहा। लुधपुरा और मोहन की मढ़ैया इलाकों में केबिलें हालत बदतर किये हैं।
अपने क्षेत्र खासतौर से जसवंतनगर कस्बे की बदतर विद्युत सप्लाई की खराब स्थिति को लेकर क्षेत्रीय विधायक और प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव बयूरी तरह से खफा हैं,क्योंकि नगर का ऐतिहासिक रामलीला महोत्सव शुरू होने में चंद दिन शेष हैं, जिसमे लाखों की भीड़ जुटती है।