फोटो:-कोठी कैस्त इलाके में सड़क पर भयावह जलभराव
जसवंतनगर(इटावा)।तीन दिनों से क्षेत्र में हो रही बरसात ने आम जन जीवन को त्रस्त करके रख दिया है। लोगों का कहना है कि ऐसी बरसात कई वर्षों बाद क्षेत्र में हुई है। खासतौर से क्वार के कनागत पखवाड़े में पहली बार बरसात आफत बनकर टूटी है।
एक हफ्ता पूर्व तक जसवंतनगर क्षेत्र में सूखे की दस्तक थी और लोग आसमान की ओर ताकते इंद्र देवता से वर्षा की दुआ कर रहे थे, जब कि अब मंगलवार सुबह से शुरू हुई रिमझिम व मूसलाधार बरसात के बंद होने की दुआएं की जा रही है।
भादों के महीने में काली घटाएं और बिजली की तेज कड़कती आवाज लोगों को डराती थी, मगर बुधवार रात तेज कड़कती आकाशीय बिजली ने मध्य रात्रि में लोगों को सोते।से जगा दिया और पूरी रात बरसात से सड़कें, गलियां, मोहल्ले ,नालों नालियों के ओवरफ्लो बहने से बुरी तरह जलभराव से ग्रस्त हो गए।
आकाशीय बिजली रामलीला रोड तिराहे पर रात में 11 के बी लाइनों पर गिरी, जिससे मध्य रात्रि से गुरुवार दोपहर तक आधे नगर की बिजली फेल थी। बताया तो यहां तक गया है कि भारी वर्षा से क्षेत्र के 9 विद्युत उपकेंद्र में 7 की विद्युत आपूर्ति अनवरत वर्षा से 15 घंटों से ज्यादा समय से फेल थी। विद्युत उपखंड अधिकारी ए के सिंह और कई जे ई उपकेंद्रों की आपूर्ति बहाल करने के लिए हो रही बरसात के दौरान भींगते पानी में जुटे थे। खुद जे ई नगर सुनील कुमार 33के बी के फॉल्ट को ढूंढने में स्टाफ संग जुटे रहे ।
नगर में हालांकि करहल दरवाजा और मोहन मड़ैया मोहल्लों में कुल मिलाकर 3 दीवालें वर्षा से धाराशाही हुईं, मगर कोई जनहानि की खबर नही है।
भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर सड़के कट गयी हैं ,जिससे आवागमन में दिक्कत आई है।
इस वर्ष कम बारिश के चलते जहाँ किसान परेशान थे, मगर ढाई – तीन दिन से शुरू हुई बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त और सूखे पड़े पोखर, तालाब लबालब हो गये हैं। इस दौरान कच्चे कई मकान धाराशाही हो गए है। मोहन की मडैया में राहुल पाठक के मकान की दीवार , ग्राम परसौआ में सत्यराम यादव के मकान की दीवार ,ग्राम नगला राम सुंदर में अभिलाख सिंह पुत्र भंवर सिंह की कच्ची दीवाल गिर गई। ग्राम धरवार में लाखन सिंह, नगला तौर में राम बाबू पुत्र छत्रपाल, ग्राम मल्हुपुर में मधु पत्नी जितेंद्र सिंह चौहान का कच्चा मकान, ग्राम मलाजनी में राजू जाटव पुत्र मथुरा प्रसाद का कच्चा घर, नगला भिखन में सर्वेश कुमारी पत्नी श्री दयाल, रंजीत सिंह पुत्र सरनाम सिंह, राम नरेश रावत पुत्र प्रयाग नरायन रावत आदि के मकान गिर गए। गृहस्थी व जरूरत के सामान नष्ट हुए है। वही ग्राम धनुआं जाने वाले मार्ग पर स्थित पुलिया टूटने से पक्की सड़क धसक गई। आवागमन बाधित होने के साथ लगातार बारिश के चलते उफनाये नाले की तेज धारा के कारण किनारे स्थित सड़के बदहाल हो गयी है। तेज बहाव के कारण सड़के कट जाने से लोगो का आवागमन बाधित था ।
भारी वर्षा के चलाते क्षेत्रीय तहसीलदार द्वारा कच्चे और गिरासू मकानों में रहने वाले क्षेत्र के लोगों से स्कूलों, पंचायत घरों और धर्मशालाओं में शरण लेने की अपील की है।
नगर के बाजारों में भरी वर्षा से दिन भर सन्नाटे रहे। यहां की मंडी समिति की सब्जी मंडी में वर्षा के चलते सबेरे लगने वाली थोक मंडी में किसान नाममात्र को ही पहुंचे।
जलभराव के हालात मुख्यबाजार, सब्जी मंडी, थाना रोड, मिडिल स्कूल रोड,अहीर टोला, लुधपुरा आदि में रात भर बने रहे, मगर रामलीला तिराहा से कैस्थ स्थित हायवे तिराहे तक जलभराव काफ़ी भयावह हालत में गुरुवार देर शाम तक सड़कों पर था। कोठी कैस्त, कंजड़ कॉलोनी व कैस्थ गांव में घरों तक में पानी घुस गया था।
पूर्व सभासद ऋषिकांत चतुर्वेदी ने बताया कि नेशनल हाइवे का नाला तिराहे के पास न बनने से हायवे का दूर दूर तक का बरसाती पानी कैस्थ रोड पर जलभराव की।बदतर स्थिति पैदा कर गया है।
सूत्रों ने बताया है की 15 अगस्त से 1 सितंबर तक क्षेत्र में 93 मिली मीटर वर्षा ही हुई थी , मगर मंगलवार से अब तक तीन दिन में 100 मिली मीटर से ज्यादा वर्षा जसवंतनगर में हो गई है और बादल लदे खड़े और बूंदाबांदी जारी थी। 23 सितंबर की शाम को निकलने वाली गणेश शोभायात्रा के आयोजकों के माथे पर बल था कि शोभायात्रा निकल भी पाएगी या नहीं। रामलीला मैदान में 24 की रात होने वाली धनुष भंग लीला पर भी प्रश्न चिन्ह जड़ा था।
रामलीला समिति के प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू ने किसी वयोवृद्ध की सलाह पर बरसात रोकने के लिए एक टोटका अजमाया और पिछले सालों के बचे भगवान राम के हाथों चले 11 वाण भगवान राम के धनुष से आकाश में छोड़े। दुआ की कि अब बरसात बंद हो जाए ताकि यहां का ऐतिहासिक रामलीला महोत्सव आयोजन निर्विघ्न शुरू हो सके।
रिपोर्ट~वेदव्रत गुप्ता