अनिल सिंह ब्यूरो चीफ माधव संदेश
चित्रकूट- हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने पिता-पुत्र समेत चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक पर 24,000 रुपये अर्थदंड भी लगाया है।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील सिंह ने बताया कि राजापुर थाने में भानुप्रताप शर्मा ने 13 अगस्त 2006 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि 12 अगस्त 2006 को उसका पुत्र शैलेंद्र प्रताप उर्फ बंटी राजापुर में अस्पताल गेट के बाहर पान की दुकान के पास तीरधुमाई गांव के निवासी घनश्याम द्विवेदी से बातचीत कर रहा था। वह भी वहां मौजूद था।शाम पांच बजे दो बाइकों से पांच लोग आए। गुड़ौली निवासी रामचरित, अर्की निवासी रामराज मिश्रा व राजापुर निवासी मुकेश कुमार केशरवानी तथा दूसरी बाइक पर अर्की निवासी दीपू मिश्रा व बच्चा अग्रवाल बैठे थे।
इन लोगों ने आते ही उसके बेटे शैलेंद्र प्रताप दीक्षित पर जान से मारने की नीयत से तीन फायर किए। रामराज मिश्रा की चलाई गोली शैलेंद्र के पेट में लगी। घायलावस्था में शैलेंद्र को पिता भानुप्रताप राजापुर अस्पताल ले गए। वहां से रिफर होने पर इलाज के लिए प्रयागराज ले जाते समय रास्ते में ही शैलेंद्र की मौत हो गई।
पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोपियों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों में से एक रामचरित पांडेय की पत्रावली अलग होने के कारण शेष बचे चार आरोपियों के मामले में गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार श्रीवास्तव ने बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद निर्णय सुनाया। चार पर दोषसिद्ध होने पर आजीवन कारावास और प्रत्येक को 24,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया।