कोरोना संक्रमण काल से उबरने के बाद तमाम तरह की गतिविधियां फिर से पटरी पर आए गई हैं। कक्षा में देर तक न बैठ पाना, किताब पढ़ने में दिक्कत होना, दोस्तों से अलग होकर बैठना जैसे लक्षण अब स्कूलों के लिए सिरदर्द बन गए हैं।
हल्द्वानी के अधिकांश प्राइवेट स्कूलों को अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों की काउंसिलिंग तक करनी पड़ रही है। इसके लिए बाकायदा दो-दो काउंसलर नियुक्त किए गए हैं।घर बैठे बच्चों ने कुछ समय तक परिवार के साथ घर में ही वक्त बिताया। बाद में मोबाइल और टीवी को बच्चों ने मनोरंजन का साधन बना लिया।
स्कूलों को मजबूरन ऑनलाइन कक्षाएं पढ़ानी पढ़ी। प्राइवेट स्कूल संचालकों की मानें तो जब स्कूल खोलने की अनुमति मिली, उस समय बच्चों में कई तरह के मानसिक और शारीरिक विकार देखने को मिले।दोस्तों के साथ वक्त बिताने से बच्चों की मानसिक स्थिति काफी हुई तक ठीक हो जाएगी। लेकिन ऐसा न के बराबर ही देखने को मिला है।