2024 लोकसभा का रण तैयार हो रहा है। इससे पहले राजनीतिक दलों को 2023 में 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव से गुजरना होगा। हालांकि, यह साफ नहीं है कि इन चुनावों का असर आम चुनाव पर कितना होगा, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस समेत कई दलों के लिए 2023 वॉर्म अप साबित हो सकता है।
साल 2019 में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सबसे बड़े प्रतिद्वंदी साबित हुए थे। उस दौरान उन्होंने राफेल घोटाला के मुद्दे को उठाया, लेकिन कांग्रेस के लिए यह खास साबित नहीं हुआ। करारी हार के बाद राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
संभावनाएं जताई जा रही हैं कि भाजपा के लिए मोदी फैक्टर 2024 में बड़ी भूमिका निभा सकता है, लेकिन राज्यों में लोगों के अलग तरह से वोटिंग करने के चलते नतीजे भी अलग हो सकते हैं।
कांग्रेस ने 2018 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का चुनाव जीत लिया था, लेकिन महज 5 महीनों के बाद ही इन राज्यों की 65 लोकसभा सीटों में से 62 गंवा दी थीं।
इस बार राहुल ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के जरिए छवि बनाने में जुटे हुए हैं। इस दौरान कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उन्हें मोदी के खिलाफ प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बता रहे हैं।