उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी राज्य के ओबीसी मतदाताओं को लुभाने के लिए अयोध्या में एक अहम बैठक आयोजित करने को तैयार है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 50 फीसदी से अधिक ओबीसी मतदाताओं की आबादी है, जिनमें यादव और अन्य ओबीसी जातियां हैं। यह ओबीसी समुदाय राज्य में सबसे प्रभावशाली समुदायों में से एक है।
ओबीसी समुदाय पर बीजेपी का ज्यादा फोकस इसलिए भी है, क्योंकि मायावती ब्राह्मण वोटरों में सेंधमारी की कोशिश में जुटी हुई हैं। ऐसे में बीजेपी ओबीसी समुदाय पर फोकस कर न सिर्फ उन्हें अपने पाले में लाना चाहती है, बल्कि ब्राह्मण वोटरों को भी संदेश देना चाहती है।
एएनआई से बात करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा कि मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि ओबीसी को उचित प्रतिनिधित्व मिले। मोदी सरकार की तरह ओबीसी की किसी अन्य प्रधानमंत्री या पार्टी ने राजनीतिक प्रतिनिधित्व की देखभाल नहीं की है।
दरअसल, ओबीसी मोर्चा की बैठक के लिए अयोध्या को चुनना भी बीजेपी की एक सोची समझी चाल है। ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मोर्चा 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपने कार्यकर्ताओं को लामबंद करके पार्टी की आसान जीत सुनिश्चित करने में भूमिका निभाएगा।