–डीएम ने गांधी जी की 153वीं जयन्ती पर कहा सादा जीवन उच्च विचार अपनाकर आगे बढ़ना है: डीएम
-सत्य के आगे जीत है, सत्य को बनाएं जिन्दगी का आधार: माला श्रीवास्तव
-गांधी जी ने सत्य अहिंसा का नारा ही नहीं दिया बल्कि उस पर अमल भी किया: डीएम
माधव संदेश /ब्यूरो चीफ जय सिंह यादव रायबरेली
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 153वीं जयंती 2 अक्टूबर के अवसर पर कलेक्ट्रेट के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने महात्मा गांधी जी के चित्र का अनावरण व चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस मौके पर जिलाधिकारी सहित अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्री अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी वि0रा0 श्रीमती पूजा मिश्रा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट श्रीमती अंकिता जैन, नगर मजिस्ट्रेट श्रीमती पल्लवी मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने गांधीजी व लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर कोटि-कोटि नमन किया। जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने कहा कि महात्मागांधी दृढ़ व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। असल में वह एक उत्तम आत्मा के स्वामी थे। वह साधारण कपड़े पहनते थे एवं सादा भोजन करते थे। वह केवल शब्दों पर नहीं बल्कि कार्य करने में विश्वास रखते थे। जिसका वह उपदेश देते थे उन बातों का अनुसरण भी करते थे। सादा जीवन व उच्च विचार अपनाकर आगे बढ़ें। विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में उनका अभिगम अहिंसक था। उन्हें हर प्रकार के जातिवाद से नफरत थी। गांधी जी का जीवन दर्शन, समग्रता और समता का जीवन दर्शन है जिसे अपने जीवन में दृढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प के साथ आसानी से उतारा जा सकता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि गांधी जी ने सत्य अहिंसा का नारा ही नहीं दिया बल्कि उस पर अमल भी किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तरह दुबले पतले शरीर की भांति लाल बहादुर शास्त्री का भी शरीर दुबला पतला था अतः यह सर्वविध थे कि किसी भी अच्छे दर्शन विचार व महानता में रंग, रूप व आकार कोई मायने नही रखता है। कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर जिलाधिकारी वि0रा0, नगर मजिस्ट्रेट एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी गांधी जी और लालबहादुर शास्त्री के दर्शन, विचार को विस्तार से बताया और कहा गांधी जी का ‘सादा जीवन उच्च विचार’ का सिद्धान्त आज के दौर में ज्यादा प्रासंगिक है। गांधी जी ने स्वतन्त्रता आंदोलन को जनआंदोलन बनाया। वर्तमान भौतिकतावादी दौर, पश्चिमी संस्कृति के बढ़ते माहौल में भारतीय संस्कृति व सभ्यता की रक्षा करना जरूरी है। इसके लिए महात्मा गांधी जी का जीवन दर्शन देशवासियों के लिए आज और भी ज्यादा प्रासांगिक हो गया है। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि गांधी जी की भांति लाल बहादुर शास्त्री जी भी सादगी के प्रतीक थे। दोनों ही महापुरुषों ने सादा जीवन उच्च विचार की विचारधारा को जीवन भर अपनाया तथा देश व समाज को उन्नति व विकास के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने विकसित व समृद्ध भारत की कल्पना की थी जिसको पूरा करने की दिशा में वर्तमान प्रदेश व केन्द्र सरकार ने अनेक लाभ परक योजनाएं व कार्यक्रम संचालित कर रखे हैं ताकि ग्रामीण परिवेश में निवास करने वाली जनता भी पूरी तरह से समृद्धि व खुशहाली की जिन्दगी गुजार सके। देश की दिशा और दशा को गांधी दर्शन के माध्यम से अधिक ऊंचाइयों का तक पहुंचाया जा सकता गांधी जी के भीतर देश प्रेम, मातृभूमि प्रेम, आत्म सम्मान, आत्म विश्वास, भावनात्मक एकता, राष्ट्रीय एकता और अखण्डता, अहिंसा, सहिष्णुता, भाईचारा, प्रेम का जज़्बा कूट कूट कर भरा था। अमन के पुजारी के रूप में पूरे विश्व के लिए शांतिदूत थे। उन्होने कहा कि गांधी जी की विचारधारा और दर्शन को जानें और उसे महत्व दें तथा उनके आदर्श, मूल्यों को भी याद करें व संकल्प लें। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट के कई वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने गांधी जी तथा लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके जीवन शैली एवं आदर्शो पर अपने विचार व्यक्त किये। इस मौके पर रघुपति राघव राजा राम ….आदि सहित कई भजनों को प्रस्तुत कर उपस्थित जनों ने सुना और मन को मोह लिया। इससे पूर्व जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों ने आयोजित कार्यक्रम में आये हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का माल्यार्पण व मेडल आदि से सम्मानित भी किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन रामेन्द्र मिश्रा व महेश त्रिपाठी द्वारा किया गया।