भरथना,इटावा। भरथना तहसील के नगर क्षेत्र अन्तर्गत मोहल्ला जबाहर रोड स्थित बड़ी जामा मस्जिद में संचालित दीन-तालीम शिक्षा की जांच करने पहुँची मुख्यालय की जांच टीम के अधिकारियों ने शिक्षा विभाग से जुड़े अभिलेख दिखाने की जैसे ही मांग की तो मस्जिद में मौजूद संचालक मोहम्मद जावेद के पसीने छूट गये।
असल में शासन के आदेश पर शिक्षा का स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से की जाने बाली जांच प्रकिया के तहत शासन से नियुक्त जांच टीम के अधिकारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सतीश कुमार,भरथना के उपजिलाधिकारी कुमार सत्यम जीत व नायव तहसीलदार कुलश्रेष्ठ श्रीवास्तव और सदर लेखपाल सजंय कुमार के साथ भरथना की बड़ी जामा मस्जिद में संचालित दीन-तालीम आदि शिक्षा की व्यवस्था की जांच पड़ताल करने पहुँचे थे।
जिसपर जांच अधिकारी सतीश कुमार ने मस्जिद में मौजूद संचालक मोहम्मद जावेद से कहा कि शिक्षा विभाग से बगैर मान्यता लिए दीन-तालीम आदि शिक्षा दिलाने से बच्चे मामूली शिक्षित तो हो सकते हैं पर बिना मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट के छात्र उच्चशिक्षा में दाखिला कैसे ले सकेंगे और आप छात्रों का उज्ज्वल भविष्य कैसे तैयार करेंगें।
उन्होंने पूछा कि दीन-तालीम की शिक्षा दिलाने बाले शिक्षक को वेतन आदि शिक्षक का खर्चा खान से कैसे उपलब्द होता है,जिसपर मस्जिद के व्यवस्थापक मोहम्मद जावेद ने बताया कि 1 बर्ष से 12 बर्ष की उम्र के छोटे-छोटे 15 से 20 बच्चों को ही दीन-तालीम की शिक्षा पूरी तरह निशुल्क दिलाई जाती है। जबकि शिक्षक को मस्जिद व समाज से उपलब्द चन्दा से मामूली मानदेय देकर गुजरा किया जाता है।
इसके बाद जांच टीम ने नगर के सरोजनी रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक के सामने संचालित एजैआम प्राइमरी जूनियर हाई स्कूल की जांच करने दाखिल हो गये। जिसपर विद्यालय के प्रबन्धक हाजी हारून मूसानी व अध्यक्ष मोहम्मद हनीफ फारुखी ने बताया कि उनके संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित है,विद्यालय में कुल 7 शिक्षक है विद्यालय में मात्र 150 छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। छात्र-छात्राओं से फीस लेने और शिक्षकों को वेतन आदि देने के सबाल पर प्रबन्धक व अध्यक्ष ने बताया कि उनकी संस्था करीब 1960 से विधिवत संचालित है,जिसमें संस्था कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के सभी छात्र-छात्राओं को निशुल्क शिक्षा दिलाई जाती है। जबकि कक्षा 6 से 8 तक के छात्र-छात्राओं से संस्था प्रति छात्र मात्र 20 रुपये बतौर फीस लेती है। बाकी सब शिक्षको का वेतन विद्यालय के वाहर बनी दुकानों के किराए आदि से पूरा किया जाता है। संस्था की प्रबन्ध समिति के इन सब जबाब के बाद जब अन्य सब स्कूली दस्तावेज देखे जिसमें कुछ खामियां देख कर सभी अभिलेख मुख्यालय लेकर पहुँचने के निर्देश दिए है।
जांच टीम के अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि मदरसों आदि मुस्लिम दीन-तालीम दिलाने बाले विद्यालयों में शिक्षा का स्तर बढ़ाना चाहती है,जिसके तहत आवश्यक जांच के बाद विद्यालयों को जरूरी चीजें उपलब्द कराने का प्रयास करेगी,उन्होंने साफ तौर पर बताया कि मुस्लिम बन्धु किसी भी बाहरी व्यक्ति द्वारा फैलाई जाने बाली अफवाहों से साबधान रहें। जांच के दौरान अधिकारियों ने विद्यालयों में शौचालय,टॉयलेट व कक्ष आदि पेयजल आदि की व्यवस्थाओं की भी पड़ताल की है। जांच के दौरान सभासद निहलुद्दीन,पालिका कर्मी आदित्य प्रताप सिंह रामजी भदौरिया सहित कई मुस्लिम बन्धु मौजूद रहे।