इटावा- चितभवन गांव में मनाई जाती है अद्भुत प्रथा गाँव की कन्याएं एक साल पहले से करतीं है तैयारी एक ऐसी प्रथा जो पहली बार देखने एवं सुनने को मिलेगी । 13 वर्ष से गांव की कन्याएं मिलकर कलशों में हर महीने पैसे डालती है और नवरात्रि के महीने का करतीं है इंतजार नवरात्रि आते ही कलशों से जमा किये हुए रूपये से माता रानी का दरबार लगाकर अपनी मन्नत माँगती है और माँ के दरबार में कई प्रकार की।झांकियां निकालकर माँ के दरबार में आये भक्तगण आनंद उठाते है आज नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा-पाठ होती है आज चितभवन गाँव में माँ के दरबार में भक्तों का तांता लगा हुआ है ।
भक्तजन सुबह के चार बजे से ही कतार में लगकर मां की एक झलक पाने को लालायित हैं। आज पूरे जंनपद भर के भक्त कल रात से ही कामाख्या देवी मंदिर के बाहर डेरा डाले हुए हैं इस मंदिर का उल्लेख देश में प्राचीन खंड में भी आता है क्यों की कोलकाता के गोहाटी के बाद चितभवन गांव में कामाख्या देवी का दूसरा स्थान माना जाता है यहां पर इस मंदिर की मान्यता है कि नवरात्रि के पूरे 9 दिन इस मंदिर में मां के दर्शन-पूजन के लिए एकसमान भीड़ उमड़ती है। नौ देवियों की अलग-अलग पूजा होती है, मगर इस मंदिर में हर 9 देवियों को पूजने वाले श्रद्धालु आते हैं। मां का दर्शन करने से शत्रुओं का विनाश होता है। सुख शांति और धन एवं वैभव की प्राप्ति होती है। भक्त गण मां को बेल पत्र, नारियल और चुनरी चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं चितभवन गांव में महिलाओं ने एक अलग कमेटी बनाकर माँ का दरबार में सहभागिता की है कमेटी के समस्त पदाधिकारी अमृता सिंह, आकांशा सिंह,निशा,नम्रता सिंह समस्त ग्राम वासियो के सयोग से लगातार हर वर्ष कार्यक्रम किया जाता है ।