Thursday , October 24 2024

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सीएम योगी बोले- सशस्त्र बल मात्र रक्षा ढांचा नहीं, यह सुरक्षा की मजबूत नींव भी है

लखनऊ:  सशस्त्र बल केवल एक रक्षा ढांचा मात्र नहीं है बल्कि यह हमारी राष्ट्र की सुरक्षा की एक मजबूत नींव भी है, इसे हमें याद रखना चाहिये। हमारे वीर जवान अपनी जान की परवाह किए बगैर देश की सेवा में तत्पर रहते हैं। यही वजह है कि वह जनमानस के मन में राष्ट्र नायक के रूप में सम्मान प्राप्त करते हैं। हमें गर्व है कि हमारे पास ऐसी सक्षम और समर्पित सेना है, जो हर स्थिति में देश की सुरक्षा करने में सक्षम है।

भारत की सेना दुनिया की अद्वितीय सेना है, जिसने सदैव अपनी ताकत, अनुशासन और तकनीकी क्षमता का लोहा न केवल दुश्मनों को मनवाया है, बल्कि देश के अंदर भी सम और विषम दोनों परिस्थितियों में एक सकारात्मक भूमिका के साथ कार्य करते हुए अपना उत्कृष्टतम प्रदर्शन और सहयोग दिया है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सशस्त्र सैन्य समारोह में कही। उन्होंने कहा कि इस भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एकीकृत कमान, जिसमें थल, नभ और जल तीनों सेनाएं आपसी समन्वय से आसानी से कैसे दुश्मन को परास्त कर विजय प्राप्त करती हैं, उसकी एक झलक हम सबने यहां देखी है।

वीर सैनिकों और नारी के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के बहादुर सैनिकों की सजगता का ही परिणाम है कि आज विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत पूरी मजबूती के साथ अपनी सीमाओं की सुरक्षा करने और बड़े से बड़े षड्यंत्र को असफल करने में सक्षम हुआ है। हमारे बहादुर जवानों का शौर्य और पराक्रम 140 करोड़ भारतवासियों को आश्वस्त करता है। यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तर प्रदेश वीरों की भूमि है। देश की सुरक्षा के लिए हर युद्ध में हमारे नौजवानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से देश और प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।

कन्नौज कांड पर सीएम योगी इशारों में कह गए ये बड़ी बात, बोले- नवाब ब्रांड इनका असली चेहरा

मैनपुरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को बरनाहल में विभिन्न योजनाओं के पात्रों को ऋण वितरण के साथ ही छात्र-छात्राओं को टैबलेट बांटने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 68 करोड़ परियोजनाओं का लोकार्पण किया। सीएम योगी ने कहा कि मैनपुरी ऋषियों और स्वतंत्रता सेनानियों की भूमि है। सवाल करते हुए कहा कि मैनपुरी जो कभी वीवीआईपी था, वो क्यों पिछड़ गया? मैनपुरी पहचान की मोहताज रही। ये जिसने किया अराजकता उनके डीएनए में है।

प्रदेश के मुखिया ने कहा कि कन्नौज का नवाब ब्रांड इनका असली चेहरा है। वसूली में चाचा और भतीजे समान भागीदार होते थे। प्रदेश को सपा ने दंगों में झोंक दिया था। सरकारी धन की लूट की गई। नौकरियों में फर्जीवाड़ा किया गया। 2017 के पहले हर नौकरी बिकती थी। वसूली में चाचा और भतीजा समान भागीदार होते थे। ज्यादा वसूली पर भतीजा सब ले जाता था। इन्हें मैनपुरी या इटावा की नहीं अपनी चिंता थी। इन लोगों ने विदेशो में द्वीप खरीद लिए हैं। हमें तो उत्तर प्रदेश में रहना है। चाचा की आदत है धक्का खाकर पड़े रहना, लेकिन जनता धक्के नहीं खाएगी।

सीए योगी ने कहा कि आज प्रदेश में लूट या अपहरण नहीं होता है। आज अगर कोई ऐसी कोशिश करेगा तो आने वाली 7 पीढ़ियों को सबक सिखाने वाली कार्रवाई होती है। उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं विकसित राज्य है। 2017 के पहले मैनपुरी के लोगों को शक की निगाहों से देखते थे। यहां के लोगों को होटल नहीं मिलते थे। आज ऐसा नहीं है। मैनपुरी के लोगों के पास पहचान का संकट नहीं है। उत्तर प्रदेश को इंफ्रास्ट्रक्चर का मोडल बना दिया है। 40 लाख करोड़ का निवेश उत्तर प्रदेश में होने जा रहा है। 2017 में उत्तर प्रदेश 7वीं अर्थव्यवस्था थी आज दूसरी पर आ गई है। अब इसे नंबर 1 बनाएंगे।

दीपोत्सव पर चार दिनों तक अलौकिक आभा से दमकेगा अयोध्या धाम, 25 लाख ये ज्यादा दीयों से सजेगी रामनगरी

लखनऊ:  500 वर्षों के पराभव काल को पीछे छोड़कर अयोध्या धाम अब वापस से त्रेतायुगीन वैभव की ओर अग्रसर हो चला है। रामलला के अपने भव्य मंदिर में विराजित हो चुके हैं और होली व श्रीराम जन्मोत्सव के भव्य आयोजनों ने पूरे देश व दुनिया के करोड़ों भक्तों में अपार हर्ष का संचार किया। हर्ष का ऐसा ही क्षण अब जल्द ही भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम के जरिए 28 से 31 अक्तूबर के मध्य भक्तों को मिलने वाला है।

यूं तो, वर्ष 2017 से ही दीपावली पर अयोध्या के सरयू घाट रिकॉर्ड संख्या में दीपों से जगमग होते रहे हैं और वर्ष 2024 में 8वें दीपोत्सव कार्यक्रम के आयोजन को लेकर सीएम योगी के विजन में कार्ययोजना निर्धारित की जा चुकी है, मगर इस बार का दीपोत्सव कई मायनों में खास होने जा रहा है।

यह इस लिए भी खास होगा क्योंकि रामलला के श्रीविग्रह की स्थापना के बाद इस वर्ष पहली बार आयोजित होगा। ऐसे में, इसे भव्यतम स्तर पर आयोजित करने के लिए योगी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इस वर्ष न केवल राम की पैड़ी, नया घाट समेत अयोध्या के विभिन्न घाटों को 25 लाख से ज्यादा दीयों से सजाया जाएगा बल्कि 4 दिन तक चलने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम में रोशनी सज्जा इस कदर आकर्षक होगी जो अयोध्या धाम को साकेत धाम की वास्तविक अलौकिक आभा प्रदान करेगा।

आधुनिक रोशनी सज्जा बनेगा आकर्षण का माध्यम
सीएम योगी के विजन के अनुसार, दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान अयोध्या को में इंटेलिजेंट डाइनेमिक कलर चेंजिंग एलईडी डेकोरेटिव पैनल्स व मल्टी मीडिया प्रोजेक्शंस समेत विभिन्न प्रकार की आधुनिक लाइटिंग से युक्त किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल के अतिरिक्त अयोध्या के विभिन्न स्थानों को भी इनसे युक्त किया जाएगा। नया घाट समेत राम की पैड़ी पर स्वागती द्वार बनाए जाएंगे जिन्हें थीमैटिक लाइटेड आर्क पिलर्स से युक्त किया जाएगा।

पुलिस आयुक्त के इस्तीफे को लेकर जूनियर डॉक्टर सड़कों पर डटे, पूरी रात खुले आसमान के नीचे बिताई

कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के बाद जारी हड़ताल का आज 24 वां दिन है। जूनियर डॉक्टर सीपी विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर ने सोमवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार तक रैली निकाली। वहीं, आज सुबह यह लोग पास के बीबी गांगुली स्ट्रीट पर डटे रहे। बताया जा रहा कि मार्च को आगे बढ़ने से 12 घंटे से अधिक समय तक रोके रखा गया।

गौरतलब है, जूनियर डॉक्टरों ने 14 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई तोड़फोड़ को रोकने में पुलिस पर निष्क्रियता के आरोप लगाए हैं।

हाथ में गुलाब के फूल और रीढ़ की हड्डी
जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को ‘लाल बाजार अभियान’ की घोषणा की थी। इसमें वे लंबे समय से चल रहे डॉक्टर की हत्या को लेकर न्याय की मांग कर रहे हैं। घटना के 23 दिन बाद भी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। इसी को लेकर आम जनता, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

सड़क पर बिताई पूरी रात
कोलकाता पुलिस अधिकारियों की एक बड़ी टुकड़ी बैरिकेड के दूसरी तरफ पहरा दे रही थी, जिसमें रेलिंग एक साथ जंजीर से बंधी हुई थी और पैडलॉक से बंद थी। इन लोगों ने सोमवार रात लालबाजार से करीब आधा किलोमीटर दूर बीबी गांगुली स्ट्रीट पर बिताई। डॉक्टर हाथों में गुलाब का फूल लिए हुए थे। उनका कहना था कि रैली शांतिपूर्ण है। इसलिए हम गुलाब का फूल लेकर चल रहे हैं। साथ में उनके हाथों में रीढ़ की हड्डी भी थी। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि कुछ लोगों की रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से झुक गई है। उनको इसे बचाए रखना चाहिए।

हमें नहीं पता था कि पुलिस इतनी डरी…
प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने कहा, यह हमारी योजना में नहीं था। हमें नहीं पता था कि कोलकाता पुलिस इतनी डरी हुई है कि वे हमें रोकने के लिए यह नौ फीट ऊंचा बैरिकेड लगाएंगे। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमें लालबाजार पहुंचकर सीपी से मिलने की अनुमति नहीं दी जाती। हम तब तक यहां बैठे रहेंगे।’

विनीत गोयल लज्जा करो, गद्दी छोड़ो
जूनियर डॉक्टर रैली में कोलकाता के सीपी विनीत गोयल का कट आउट लिए हुए थे। उनकी मांग है कि कोलकाता के सीपी तुरंत इस्तीफा दें। डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता सीपी अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से नाकाम हुए हैं। गोयल को अपनी जिम्मेदारी को मानते हुए, तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। रैली में नारे लगाए जा रहे हैं, विनीत गोयल तुम लज्जा करो, गद्दी छोड़ो। रैली में शामिल डॉक्टरों ने कहा, अगर विनीत गोयल की रीढ़ की हड्डी है तो वे इस्तीफा देंगे।

‘क्या PM कांग्रेस की एक और गारंटी करेंगे हाईजैक’, जातीय जनगणना पर RSS के रुख के बाद जयराम का हमला

नई दिल्ली:  देशभर में जातीय जनगणना को लेकर बहस जारी है। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जातिगत जनगणना को देश की एकता-अखंडता के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बताया है। इस पर कांग्रेस ने मंगलवार को सवाल खड़ा किया कि अब जब आरएसएस ने हरी झंडी दिखा दी है तब क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कांग्रेस की एक और गारंटी को हाईजैक कर लेंगे और जाति जनगणना कराएंगे?

जातिगत जनगणना पर क्या है आरएसएस का रुख?
संघ के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर से सोमवार को केरल के पलक्कड़ में जातिगत जनगणना को लेकर सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा था कि हमारे समाज में जाति संवेदनशील मुद्दा है। यह देश की एकता से भी जुड़ा हुआ सवाल है। इसलिए इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है न कि चुनाव और राजनीति को ध्यान में रखकर।

उन्होंने कहा कि देश और समाज के विकास के लिए सरकार को आंकड़ों की जरूरत पड़ती है। समाज की कुछ जाति के लोगों के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इन उद्देश्यों के लिए इसे (जाति जनगणना) करवाना चाहिए। इसका इस्तेमाल लोक कल्याण के लिए होना चाहिए। इसे पॉलिटिकल टूल बनने से रोकना होगा।

कांग्रेस महासचिव का पीएम पर हमला
कांग्रेस महासचिव प्रभारी जयराम रमेश ने मंगलवार को इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना को लेकर आरएसएस की उपदेशात्मक बातों से कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं। जैसे- क्या आरएसएस के पास जाति जनगणना पर निषेधाधिकार है?

उन्होंने आगे कहा, ‘जाति जनगणना की अनुमति देने वाला आरएसएस कौन होता है? आरएसएस का क्या मतलब है जब वह कहता है कि चुनाव प्रचार के लिए जाति जनगणना का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए? क्या यह जज या अंपायर बनना है?’

रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा को हटाने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता पर रहस्यमई चुप्पी क्यों साध रखी है? अब जब आरएसएस ने हरी झंडी दिखा दी है तब क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कांग्रेस की एक और गारंटी को हाईजैक करेंगे और जाति जनगणना कराएंगे?

विजयवाड़ा में भोजन-पानी लेकर पहुंची NDRF की टीम, हेलीकॉप्टर-ड्रोन से राहत पहुंचाने की कवायद

अमरावती: भारी बारिश के कारण तेलंगाना के साथ आंध्र प्रदेश का भी हाल बेहाल है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमों और स्थानीय अधिकारियों ने मंगलवार को विजयवाड़ा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के लिए भोजन के पैकेट, पानी की बोतलें और अन्य जरूरत की चीजें पहुंचाना शुरू किया। छह हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से क्षतिग्रस्त इलाकों में भोजन पहुंचाया जा रहा है, जिसमें बिस्किट, फल, दुध और दवाइयां शामिल हैं।

एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें, केंद्रीय बल और जिला अधिकारी हेलीकॉप्टरों के माध्यम से भोजन, पानी और अन्य आवश्यकताएं वितरित कर रहे हैं।” आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) के बयान के अनुसार, मंत्री, आईएएस अधिकारी और आईपीएस अधिकारी राहत गतिविधियों में लगे हुए हैं। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।

अबतक 43,417 प्रभावित लोगों को पुनर्वास केंद्रों में ले जाया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 48 टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। इस दौरान 197 चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं। आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश हुई, जिसके कारण बाढ़ आ गई, जिसमें विजयवाड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ।

‘मेरे लिए परेशानी या चिंता करने वाली बात नहीं’, मुदा जांच को लेकर विपक्ष पर सिद्धारमैया का पलटवार

बंगलूरू:  कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी है। इस पर लगातार सियासी बवाल मचा हुआ है। विपक्ष का दावा है कि सिद्धारमैया इसे लेकर काफी चिंता में हैं। हालांकि, सीएम ने साफ कह दिया है कि वह मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) मामले में अपने खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को लेकर न तो परेशान और न ही चिंता में हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है।

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया विपक्षी नेता इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके द्वारा बोला जा रहा झूठ सामने न आ जाए।

यह है पूरा मामला
दरअसल, कर्नाटक में मुदा जमीन आवंटन घोटाले में सीएम सिद्धारमैया को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उनके खिलाफ जांच शुरू करने और मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। राज्यपाल के आदेश को सीएम सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने सुनवाई 31 अगस्त तक के लिए टाल दी है। कोर्ट ने 19 अगस्त के अंतरिम आदेश को भी बढ़ा दिया। इसमें हाईकोर्ट ने विशेष एमपी एमएलए कोर्ट को सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई को अगली कार्यवाही तक स्थगित करने के लिए कहा था।

मैंने कभी झूठ नहीं बोला: सीएम
इसी पर सीएम ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष झूठ बोल रहा है और इस बात को लेकर परेशान हैं कि कही यह सच साबित न हो जाए। मैंने कभी झूठ नहीं बोला और न ही कोई गलत काम किया। इसलिए मैं परेशान नहीं हूं।’

नौ सितंबर तक कार्यवाही पर रोक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को मुदा मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक नौ सितंबर तक बढ़ा दी।

सीएम कौन बनेगा यह आलाकमान तय करेंगे
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष आरवी देशपांडे द्वारा रविवार को मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताने पर सिद्धारमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाता है? यह विधायक और आलाकमान तय करेंगे।

महिलाओं के खिलाफ अपराध में यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट अपनाने की मांग, मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिट्ठी

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले से महिला सुरक्षा का मुद्दा फिर से गरमा गया है। इसी बीच पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) और वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। इस पत्र में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में तुरंत कार्रवाई की सुविधा के लिए यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट अपनाने का सुझाव दिया गया है। साथ ही यौन उत्पीड़न नर्स परीक्षकों की नियुक्ति का भी सुझाव दिया गया है। अपने पत्र में पिंकी आनंद ने मुख्य न्यायाधीश के साथ कई अन्य सिफारिशें साझा की हैं। हालांकि पत्र में उन्होंने लिखा कि ये सुझाव संपूर्ण नहीं हैं और जरूरत पड़ने पर वह इन सिफारिशों पर अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करा सकती हैं।

क्या होती है यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट
यौन उत्पीड़न जैसे अपराध में अपराध स्थल से ही डीएनए साक्ष्य इकट्ठा किए जा सकते हैं, जिससे दोषी को सजा दिलाने में काफी मदद मिलती है। अपराध स्थल से संभावित डीएनए साक्ष्य को इकट्ठा करने और उसे संरक्षित करने में यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट अहम साबित हो सकती है। इसे दुष्कर्म किट के तौर पर भी जाना जाता है। इस दुष्कर्म किट में एक कंटेनर जिसमें एक चेकलिस्ट, सामग्री और जरूरी दिशा-निर्देश होते हैं। साथ ही जांच के दौरान इकट्ठा किए गए किसी भी नमूने को पैक करने के लिए लिफाफे और कंटेनर भी होते हैं। किट की सामग्री राज्य और अधिकार क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग होती है।

यौन उत्पीड़न नर्स परीक्षकों की नियुक्ति का भी सुझाव
आमतौर पर हर अस्पताल या स्वास्थ्य सुविधा में ऐसा कोई कर्मचारी नहीं होता जो यौन उत्पीड़न फोरेंसिक जांच करने और यौन उत्पीड़न के हाल ही में पीड़ितों से बातचीत करने के लिए प्रशिक्षित हो। इस स्थिति में यौन उत्पीड़न नर्स परीक्षक की भूमिका अहम हो जाती है। ये पंजीकृत नर्स होती हैं, जो यौन उत्पीड़न की स्थिति में पीड़िता से बातचीत करने और फोरेंसिक साक्ष्य इकट्ठा करने के लिहाज से प्रशिक्षित होती हैं। इनकी मदद से दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने में मदद मिलेगी।

कोलकाता पुलिस आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद सौमित्र खान ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे ‘पश्चिम बंगाल में न्याय और कानून प्रवर्तन की स्थिति में सुधार लाने के लिए तत्काल कार्रवाई करें तथा न्याय प्रणाली को प्रभावी ढंग से बनाए रखने में विफल रहने के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त के खिलाफ उचित कार्रवाई करें।’

कर्नाटक सरकार ने डेंगू बुखार को घोषित किया महामारी, इस साल दर्ज किए गए 7000 से ज्यादा मामले

बंगलूरू:  कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को राज्य में डेंगू बुखार को महामारी के रूप में अधिसूचित किया है। इसमें इसके सभी स्वरूप शामिल हैं। इसके अलावा, कर्नाटक महामारी रोग विनियम 2020 में संशोधन के लिए नियम बनाए गए हैं।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से जुलाई तक डेंगू के 7362 मामले दर्ज किए गए हैं। डेंगू से निपटने के लिए कार्य योजना का एलान करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, इस साल अब तक 7,362 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक सात लोगों की मौत हुई है। डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में दस बेड रखने को कहा गया है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को मच्छरदानियां प्रदान की जाएंगी।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। हमने सभी विभागों को डेंगू के स्त्रोतों को कम करने का सख्त निर्देश दिया है। हमने आशा कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों को घर-घर जाने के लिए कहा है। सरकार पूरे समय काम कर रही है। हमारा मकसद मच्छरों के प्रसार को रोकना है और इससे होने वाली मौतों को रोकना है।

भाजपा विधायक ने अपने गनर से बताया जान का खतरा, बोले- जब एमएलए ही नहीं सुरक्षित तो जनता कहां रहेगी

बहराइच: बहराइच के भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने अपने गनर से अपनी जान का खतरा बताया है। उन्होंने इसकी शिकायत हरदी थाना क्षेत्र में की जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने कहा कि सिपाही आनंद राय और होमगार्ड अबुल खान उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं और कभी भी उनकी गोली मारकर हत्या की जा सकती है। विधायक की तहरीर पर थाना हरदी में 350 व 351(3) की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

तहरीर में विधायक ने कहा है कि मेरे गनर के रूप में नियुक्त आनंद राय ने 28 अगस्त को हरदी थाना परिसर में मेरे खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था और गाली मारने की धमकी दी थी। वहां पर मौजूद अबुल खान भी उसकी हां में हां मिला रहा था।

उन्होंने कहा कि यदि थाने में ही विधायक की हत्या की साजिश रची जाएगी तो जनता कहां सुरक्षित रहेगी। उनकी तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।