Saturday , October 26 2024

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राहजनी बची, बुआ भतीजे गंभीर रूप से घायल

जसवंतनगर(इटावा)I जैन मोहल्ला निवासी एकांश जैन उर्फ लिंची के साथ सोमवार सुबह राहजनी की घटना होने से बच गई, मगर वह और उनकी बुआ झपट्टामारो द्वारा टक्कर मारे जाने से घायल हो गए।

एकांश जैन अपनी बुआ वीना को बाइक पर बैठाकर सोमवार तड़के इटावा जा रहे थे। उन्हें बुआ को ग्वालियर के लिए ट्रेन में बैठाना था। जब दोनों वलैयापुर के पास हायवे पर पहुंचे ही थे, तभी पीछा कर रही काली पल्सर बाइक सवार दो युवकों ने राहजनी के उद्देश्य से उनकी बाइक में टक्कर मारी तथा झपट्टा मारकर उनके हाथों में पकड़ा गया बैग आदि छीनने का प्रयास किया। टक्कर से दोनों गिर गए, मगर इस दौरान आ रहे वाहनों के कारण बाइक सवार घटना को अंजाम नहीं दे सके। दोनो घायल बुआ भतीजे को इटावा निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बीना जैन को कंधे में फ्रैक्चर आया है।

*वेदव्रत गुप्ता 

बचाव करने गए युवक का सिर फोड़ा

जसवंतनगर(इटावा)।पारिवारिक झगड़े के दौरान स्थानीय सिद्धार्थपुरी मोहल्ला में बीच बचाव करने गए एक पड़ोसी युवक का मारपीट का सिर फोड़ दिया।

मोहल्ला के प्रभु दयाल और उनके बेटे रिंकल में रविवार रात आपसी विवाद हो रहा थाI पड़ोसी युवक अर्जुन पुत्र यतींद्र कुमार शाक्य विवाद को खत्म कराने चला गया तभी गुस्साए रिंकल ने अर्जुन के सिर पर भारी चीज से हमला कर सर फोड़ दिया।

पुलिस ने अर्जुन की डॉक्टरी करा 323, 504, 506 में मामला दर्ज किया है।

*वेदव्रत गुप्ता 

मॉडर्न तहसील में नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का जोरदार स्वागत

फोटो: जसवंत नगर तहसील में नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष अनूप कुमार और कोषाध्यक्ष माजिद हुसैन का अभिनंदन करते लेखपाल गन

जसवंतनगर (इटावा)। रविवार को लेखपाल संघ इटावा के नए जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुए जसवंत नगर के लेखपाल अनूप कुमार और कोषाध्यक्ष माजिद हुसैन का सोमवार को यहां मॉडर्न तहसील में भव्य स्वागत किया गया।

दोनों नवनिर्वाचित संघ पदाधिकारियों को फूल मालाओं से लादकर उनसे उम्मीद की गई कि वे लेखपालों की समस्याओं को प्रशासन स्तर पर हल कराएंगे।

उल्लेखनीय की इस बार जिला लेखपाल संघ के चुनाव में जसवंतनगर तहसील के अनूप कुमार और माजिद हुसैन को जिला कार्यकारिणी में निर्वाचित करके जिले भर के लेखपालों ने उन पर विश्वास जताया है। अनूप कुमार ने अपने प्रतिद्वंदी को 7 वोटों से पराजित करके जिला अध्यक्ष का पद हासिल किया है।

इस अवसर पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनूप कुमार ने कहा कि वह लेखपाल साथियों की कसौटी पर खरा उतरेंगे और संगठन को मजबूत करेंगे, किसी भी लेखपाल का प्रशासनिक स्तर पर उत्पीड़न नहीं होने देंगे। अपने साथियों से उन्होंने अनुरोध किया कि वह प्रशासनिक कामों को पूरी तन्मयता, निष्पक्षता और निर्विवाद ढंग से संपन्न करने में सहयोग करें।

*वेदव्रत गुप्ता 

दलबदलू दबंग के छल प्रपंच से लोग परेशान

फोटो: ज्ञापन देने पहुंचे महिलाएं और ग्रामीण

सैफई/जसवन्तनगर(इटावा)। अपने फायदे के लिये कभी भाजपाई तो कभी सपाई बनने वाला नगला सुभान का एक दबंग दल बदलू युवक एक बार फिर से चर्चा में हैं। अर्से से चल रहे नगला सुभान प्रकरण के शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। कभी प्रधान संघ के पदाधिकारी ज्ञापन दे रहे हैं, तो कभी ग्रामीण एकत्रित होकर ज्ञापन देकर न्याय मांग रहे है। थाना क्षेत्र के ग्राम नगला सुभान निवासी उदय वीर सिंह पुत्र भूप सिंह के साथ आधा सैकड़ा ग्रामीण महिला एवं पुरुषों के साथ क्षेत्राधिकारी नागेंद्र चौबे के कार्यालय में पहुंचे। यहां गांव के युवक के खिलाफ ज्ञापन दिया।

बताया गांव नगला सुभान निवासी अवनीश कुमार पुत्र महेंद्र सिंह जाटव जो प्रभावशाली राजनीतिक दल का अपने आप को नेता बताता है। और गांव के गरीब दबे कुचले लोगों को दबंगई दिखाता है और गरीब असहाय लोगों की जमीन हड़पना हरिजन एक्ट में मुकदमा लिखवाना राजनैतिक पद सत्ता का भय दिखाकर रोक धारी जानना रंगदारी मांगना उसका मुख्य कार्य है, जबकि गांव में हर एक दूसरा व्यक्ति उपरोक्त दबंग युवक की दबंगई के उत्पीड़न का शिकार है। इतना ही नहीं उस दबंग माफिया ने कुछ दिन पहले ही अपने चाचा के लड़के की जमीन हड़पने के लिये चक्रब्यूह रचना की थी और उसके बाद हुई पड़ताल में शिकायत झूठी पाई गई लेकिन पैमायश कराने वाले उपजिलाधिकारी हटा दिए गए और अब उसे चार पुलिस कर्मी और दे दिये गये है। पुलिस कर्मियों के जरिये वह अपना गांव में रौब झाड़ता है और इसी के लिये खिलाफ फिर से एक सैकड़ा के करीब महिलायें सीओ कार्यालय पहुंची और युवक के आंतक से मुक्ति दिलाने की मांग की गई है। महिलाओं ने कहा दबंग युवक अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए अभी हाल में हुए मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में भाजपा का एजेंट बना था। और बाद में सपा प्रत्याशी के जीत जाने पर कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने भी पहुंच गया था। दोनों पार्टियों से अपना व्यक्तिगत लाभ लेने का प्रयास करता है। जबकि युवक के खिलाफ खुद तीन मुकदमे दर्ज है और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई उल्टा उसको चार पुलिस के जवान भी सुरक्षा के लिए दे दिए गए हैं जिससे गांव में वह अपना रोब दिखा रहा है। चार दिन पूर्व

प्रधान संघ के पदाधिकारियों में वरिष्ठ प्रधान रामफल बाल्मीकि के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी कार्यालय में पहुंचकर एसएसपी के नाम ज्ञापन देकर प्रधान सहित अन्य लोगों को परेशान करने के लिये झूठी शिकायतें करने वाले के आतंक से निजात दिलाने का आग्रह किया था।

क्षेत्राधिकारी नागेंद्र चौबे ने सभी को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया और उच्च अधिकारियों तक बात पहुंचाने का भरोसा दिलाया है।

मालूम हो ग्राम नगला भूरे निवासी प्रधान संघ ब्लॉक व तहसील के अध्यक्ष राधा कृष्ण यादव एवं ग्राम नगला सुभान के प्रधानपति सुनील ठाकुर तथा उक्त प्रकरण प्रधान व उनके परिजनों से सम्बन्धित है।विपक्षीगण नगला सुभान निवासी अवनीश कुमार पुत्र महेन्द्र सिंह व महेन्द्र सिंह पुत्र,जैसीराम तथा राजेन्द्री देवी पत्नी महेन्द्र सिंह द्वारा कुछ माह पूर्व तत्कालीन ग्राम नगला सुभान की ग्राम प्रधान को गैर कानूनी कार्य करने और उसके एवज में कमीशन की मांग किये जाने के वावत् उन्हें व उनके पति को झूठे हरिजन एक्ट व महिला छेड़छाड़ के मुदकमें में फंसाने की धमकी दी गयी थी।

जबकि विपक्षी गणों द्वारा अपने चचेरे भाई प्रमोद कुमार पुत्र सुघर सिह से जमीन को लेकर विवाद चला रहा है। लेकिन वह फर्जी तरीके से दोनों प्रधानों को षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फसाने का प्रयास कर रहा है। आठ दिन पूर्व विपक्षी अवनीश कुमार के ऊपर किसी अज्ञात लोगों ने हमला किया था लेकिन विपक्षी द्वारा घटना में प्रधान संघ के अध्यक्ष राधा कृष्ण यादव एवं ग्राम नगला सुभान के प्रधान पति सुनील ठाकुर को साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया है।

जबकि अवनीश कुमार जाटव के ऊपर खुद तीन मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। ज्ञापन देने वालों में राजबीर,सरमन, उमेश चंद्र शिवचरण उदयवीर, रघुवीर सिंह,अबिरन सिंह, विमल कुमार, मुलायम सिंह, मीरा देवी,सीमा,आशा, सुनीता सहित एक सैकड़ा महिलायें शामिल थी।

*वेदव्रत गुप्ता 

गुलाब-गेंदा के पुष्प उगाकर किसान मनीष पाल रहा अपना परिवार 

फोटो: मनीष कुमार अपने गुलाब के खेत में

जसवंतनगर (इटावा)। आमतौर से किसानो के लिए खेती किसानी अब लाभकारी नहीं रही है। उन्हें मेहनत ज्यादा करनी पड़ती, लाभ कम ही होता।

इसी के चलते बहुत से किसान अब आम फसलें उगाना छोड़, खेती किसानी की अन्य विधाएं चुन रहे है। इनसे वह न केवल जीवकोपार्जन कर रहे हैं, बल्कि दूसरों को प्रेरित भी कर रहे हैं कि वह खेती की आधुनिक और लाभकारी विधाएं चुनकर उनसे लाभ उठाएं।

कस्बा जसवंत नगर के मोहल्ला लुधपुरा निवासी 32 वर्षीय युवा किसान मनीष कुमार माली ने खेती किसानी में ऐसी ही एक विधा का चुन फूलों की खेती करने पर अपना सर्वस्व लगाया है और आज नगर में वह न केवल अपना भरा पूरा परिवार चला रहे है, बल्कि लोगों को फूलों और गुलदस्ता की खरीद फरोख्त के लिए बड़े शहरों की दौड़ लगाने से रोकने में भी कामयाब हुए है।

मनीष इस समय जसवंतनगर का सुप्रसिद्ध फूल विक्रेता है ।वह शादी व्याहों में फूलों की स्टेज सजाते है और विभिन्न अवसरों के लिए लोगों को फूल मालाएं, गुलदस्ते ,बूके।आदि उपलब्ध कराते हैं,जो बड़े शहरों के मुकाबले काफी सस्ते भी लोगों को उपलब्ध होते हैं।

मनीष के पिता रामबाबू और बाबा राम भरोसे अपनी जाति के अनुसार पीढ़ियों से मालीगीरी का काम करते थे। उनके पास कुल मिलाकर दस बीघा खेती थी, जिसमे वह आम फसलें उगाकर परिवार चलाते थे।

पिछले एक दशक से मनीष ने अपनी इस पारिवारिक खेती की जमीन में फूलों की खेती करना आरंभ किया।पहले दो तीन वर्षों तक उन्हें कोई संतोषजनक परिणाम नहीं मिला। शुरू में उन्हें आगरा, मथुरा और कानपुर से लाकर गुलाब की कटिंग अपने खेतों में लगानी पड़ी थी, जो पहले दूसरे वर्षो में उन्हें कोई ज्यादा फायदा नहीं दी।

फूलों की खेती से उनके पूरे परिवार का कोई वास्ता नहीं रहा था, इसलिए मनीष ने बाहर के कुछ फल फूल पैदा करने वालों से जानकारियां भी हासिल की। गुलाब की खेती में नई तकनीकों को जाना और अपनाया। इसके अलावा उन्होंने गेंदा, ग्लाइडिस, केलेंडुला की भी खेती करना शुरू किया।

शुरू में गेंदा के बीजों को उन्होंने खेतों में बोया और पहले दूसरे वर्ष अनुभव प्राप्त किया। बाद में तरह तरह के गेंदा की किस्मों और उसकी कटिंग की वैरायटी बोई।इस तरह गुलाब और गैंदा के फूलों की भरपूर पैदावार हासिल करने लगे।

मनीषकुमार ने बताया कि वह हर वर्ष गेंदा और गुलाब से इतनी कमाई कर लेते हैं कि अपने 10-15 सदस्यीय परिवार की रोजी रोटी आराम से चलाते हैं।

उन्होंने बताया कि आसपास कहीं फूलों की मंडी नहीं है, इस वजह से उन्हें अपनी पैदावार यही खपानी पड़ती है। साथ ही अंग्रेजी फूलों के लिए आगरा ,कानपुर, मथुरा आदि की मंडियों को दौड़ना पड़ता है। ताकि गुलदस्ते और बुके लोगों की मांग के अनुसार बनाकर बेच सके। उन्होंने मांग की कि सरकार फूलों की खेती करने वालों को परिश्रय दे। उनकी बिक्री का प्रबंध करें। यदि सरकार गांवों और कस्बों में पुष्पों की खरीद की व्यवस्था कर दे, तो ज्यादा से ज्यादा किसान फूलों की खेती शुरू कर लाभकारी मूल्य हासिल कर सकते हैंसाथ ही अपने जीवन स्तर में परिवर्तन ला सकते हैं।

*वेदव्रत गुप्ता 

इन तीन राज्यों की विधान परिषद की 15 सीटों पर चुनाव का हुआ एलान, ये है चुनावी कार्यक्रम

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार में विधान परिषद की 15 सीटों पर चुनाव होना है। चुनाव आयोग ने विधानपरिषद की इन सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम का एलान कर दिया है।

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना की विधान परिषद की 10 सीटों पर मतदान 23 मार्च को होगा जबकि बिहार की पांच सीटों के लिए मतदान 31 मार्च को होगा।चल्ला भागीरथ रेड्डी (02.11.2022 से रिक्त), नारा लोकेश, पोथुला सुनीता, बचुला अर्जुनुडु, डोक्का माणिक्य वरप्रसाद राव, वराह वेंकट सूर्यनारायण राजू पेनुमत्सा, गंगुला प्रभाकर रेड्डी

एलिमिनेटी कृष्णा रेड्डी, गंगाधर गौड़ वुल्लोला, नवीन कुमार कुरमैयागरीसारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से वीरेंद्र नारायण यादव, गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से अवधेश नारायण सिंह, गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से संजीव श्याम सिंह और कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से संजीव कुमार सिंह का कार्यकाल आठ मई 2023 को पूरा हो रहा है।  सारण शिक्षक निर्वाचक क्षेत्र से केदार नाथ पांडेय का निधन हाने की वजह से यह सीट 24 अक्तूबर से रिक्त है। इनका कार्यकाल 16 नवंबर 2026 तक था।

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर सभी दलों के नेताओं ने केंद्र सरकार को घेरा, ये हैं पूरी राजनीति

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से विपक्षी दलों के नेता एकजुट होते हुए देख रहे हैं। जिस तरीके से सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद समाजवादी पार्टी से लेकर जेडीयू और केसीआर से लेकर संजय राउत समेत तृणमूल कांग्रेस तक ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी के सियासी पार्टी को विस्तार देने की दिशा में देश के अलग-अलग राज्यों में न सिर्फ दौरा कर रहे थे, बल्कि प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों से मुलाकात भी कर रहे थे।

समाजवादी पार्टी से लेकर केरल के मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस समेत कई अन्य दलों की जुटान हो रही है। आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से अब इन्हीं सभी दलों के नेताओं ने ना सिर्फ इस पर केंद्र सरकार को घेरा है बल्कि कड़ी टिप्पणी भी की है।

पहले से ही तमाम विपक्षी दल इस बात को लेकर आरोप लगाते रहे हैं कि सत्ता पक्ष अपनी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करते हुए विपक्षी दलों के नेताओं के ऊपर छापेमारी से लेकर गिरफ्तारियां करती रहती हैं। जो राजनीतिक दल इस वक्त आम आदमी पार्टी के पक्ष में खड़े हुए हैं, क्या वह सियासी समर्थन है जो 2024 के लोकसभा चुनाव में दिखने वाला है। यह महज एक भावनात्मक सपोर्ट है जो किसी भी विपक्ष के राजनीतक दल के नेता को अमूमन ऐसी गिरफ्तारियों पर दिया जाता रहा है।

सोनिया गांधी से लेकर मनीष सिसोदिया तक आखिर क्यों CBI और ED के शिकंज़े में आए विपक्षी नेता

दो दशकों में केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर आए विपक्षी नेताओं की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। सोनिया गांधी से लेकर मनीष सिसोदिया तक, अनेक बड़े नेता जांच एजेंसी के फेर में आ चुके हैं।

यूपीए के शासनकाल (2004-2014) में सीबीआई ने जिन नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया, उनमें विपक्ष के नेताओं की संख्या लगभग 60 फीसदी थी। उस उस दौरान 72 नेताओं को सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा। पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय एजेंसी ‘ईडी’ के 112 छापे पड़े थे।

यूपीए सरकार में सीबीआई ने 2जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेल और कोयला ब्लॉक आवंटन जैसे कई बड़े मामलों की जांच की थी। मनमोहन सिंह सरकार के दौरान सीबीआई ने लगभग 43 विपक्षी नेताओं से पूछताछ की थी।

मोदी सरकार के दौरान कांग्रेस समेत दूसरे कई विपक्षी दलों के नेता, जांच एजेंसियों के निशाने पर आ चुके हैं। इनमें विपक्षी नेताओं की संख्या सर्वाधिक है। गत वर्ष कांग्रेस नेता एवं मौजूदा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था, केंद्र सरकार अपनी जांच एजेंसियों की मदद से विपक्ष को एकत्रित नहीं होने दे रही।

विपक्षी दल, सरकार को घेरने का प्रयास करते हैं, उन्हें टारगेट पर ले लिया जाता है।  कांग्रेस के बड़े नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल भी ईडी की पेशी भुगत चुके हैं। पश्चिम बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे पार्थ चटर्जी, ईडी के शिकंजे में फंस चुके हैं।

Voting LIVE: मेघालय में 74.32 प्रतिशत और नगालैंड में 83.36 फीसद हुई वोटिंग, जानिए कहां क्या हुआ?

पूर्वोत्तर के दो राज्यों मेघालय और नगालैंड में आज विधानसभा के लिए मतदान शुरू हो गया है।दोनों ही राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं,  इस बार मेघालय और नगालैंड में 59-59 सीटों पर मतदान हो रहा है।

शाम पांच बजे तक मेघालय में 74.32 प्रतिशत और नगालैंड में 83.36 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया है।

तीन राज्यों में उपचुनाव भी चल रहा है।  तमिलनाडु के इरोड सीट पर दोपहर तीन बजे तक 59.22 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला है। पश्चिम बंगाल की सागरडिघी सीट पर 63.43 प्रतिशत और झारखंड के रामगढ़ सीट पर 62.28 फीसदी लोगों ने मतदान किया है।

चुनाव आयोग के अनुसार, दोपहर तीन बजे तक मेघालय में करीब 64 फीसदी (63.91%) और नगालैंड में 75.9% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

नगालैंड में दोपहर एक बजे तक 58.7 प्रतिशत मतदान मेघालय में दोपहर एक बजे तक 44.7 प्रतिशत मतदाननगालैंड के भंडारी पोलिंग स्टेशन पर फायरिंग हुई, जिसमें NPP वर्कर घायल हो गया है।

आग की लपटों से जलकर तबाह हुई पटाखा फैक्टरी, दो नाबालिग सहित चार लोगों की मौत

रुड़की की पटाखा फैक्टरी में लगी आग से एक परिवार में शादी की खुशियां गम में बदल गईं। सोमवार का यह काला दिन चार परिवारों पर कहर बनकर टूटा। दूल्हे के भाई की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है। सोमवार को हुए हादसे ने दो नाबालिग समेत चार लोगों की जिंदगी लील ली। हादसे के बाद मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया।

तभी चार लोगों के जिंदा जलने की सूचना सद्दाम और नौशाद के परिजनों को मिली। उन्होंने इनके मोबाइल पर कॉल की तो बंद आए। इस पर उन्हें चिंता हुई और वह रुड़की घटनास्थल पर पहुंचे। वहां पर सद्दाम की बाइक खड़ी मिली। इसके बाद परिजन सिविल अस्पताल पहुंचे और दोनों की शिनाख्त की।

अस्पताल पहुंचे परिजनों ने बताया कि सद्दाम के छोटे भाई की बुधवार को शामली के एक गांव में बरात जानी थी। सोमवार की शाम को मेहंदी की रस्म थी। बरात में आतिशबाजी के लिए वह नौशाद के साथ पटाखे खरीदने रुड़की आया था।