Wednesday , October 23 2024

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आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर सुस्त पड़कर 6.1 फीसदी, CEA बोले- चुनावों के कारण रफ्तार धीमी हुई

कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गिरावट से जुलाई में आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 6.1 फीसदी रह गई है। हालांकि, यह मासिक आधार पर जून के 5.1 फीसदी से ज्यादा है। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई, 2023 में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट व बिजली क्षेत्र का उत्पादन 8.5 फीसदी की दर से बढ़ा था। आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में कच्चे तेल के उत्पादन में 2.9 फीसदी और प्राकृतिक गैस में 1.3 फीसदी गिरावट रही। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 6.1 फीसदी बढ़ा है।

चुनावों के कारण आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट: सीईए
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा, विकास की रफ्तार मजबूत है। पहली तिमाही में वृद्धि दर इसलिए घटी, क्योंकि लोकसभा चुनाव सात चरणों में चला था। जून तिमाही में सकल स्थिर पूंजी निर्माण वास्तविक रूप से जीडीपी का 34.8 फीसदी रहा। यह दर्शाता है कि निजी निवेश अपनी भूमिका निभा रहा है। मानसून में अच्छी प्रगति हुई है। कॉरपोरेट और बैंकों का बही-खाता अच्छी स्थिति में हैं।

‘आंकेड़े हमारे अनुमान के मुताबिक हैं’
इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मनोरंजन शर्मा कहते हैं, “ये आंकड़े पूरी तरह से हमारी उम्मीदों के अनुरूप हैं, हमने अपना ध्यान सार्वजनिक डोमेन में रखा है। हमने 6.8% का पूर्वानुमान दिया था और ये आंकड़े 6.7% पर आ गए हैं।”

‘यूपीआई के कई और देशों तक बढ़ने की संभावना’, जीडीपी पर ये बोले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी वृद्धि दर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर दास ने कहा, “इस साल की पहली तिमाही के लिए, रिजर्व बैंक का अनुमान 7.1% की वृद्धि दर का था। लेकिन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी वास्तविक संख्या 6.7% है। यह 7.1% से कम है।”

उन्होंने कहा, “हालांकि मुझे लगता है कि सभी क्षेत्रों में, पहली तिमाही में विकास दर 7% से अधिक है। दो पहलुओं ने इसे थोड़ा नीचे खींच दिया है, इसमें एक सरकारी व्यय है, जो केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों का व्यय है। चुनावी आचार संहिता जारी होने के कारण इसमें थोड़ी कमी दिखी। दूसरी चीज जो थोड़ी कम रही वह थी कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर, जो लगभग 2% या उससे कम की दर से बढ़ी…।”दूसरी ओर यूपीआई पर बोलते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा उन्हें उम्मीद है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) कई और देशों तक बढ़ेगा।

ओडिशा के पांच दिवसीय दौरे पर आए दास ने कहा कि यूपीआई पहले ही क्यूआर कोड और फास्ट पेमेंट सिस्टम के जरिये कई देशों में मौजूद है और कई अन्य देशों के साथ इस पर चर्चा चल रही है। उन्होंने शुक्रवार शाम को यहां संवाददाताओं से कहा, ”हमें उम्मीद है कि यह वैश्विक स्तर पर और बढ़ेगा और भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहुंचेगा।”

दास ने बुधवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि इस दिशा में पहले से ही भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, यूएई, मॉरीशस, नामीबिया, पेरू, फ्रांस और कुछ अन्य देशों के साथ उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से दुनिया भर में भारत की पहलों को अपनाने के लिए सकारात्मक रुख का पता चलता है।

ब्रिटेन के नवनिर्वाचित सिख सांसद के खिलाफ शिकायत, किराएदारों ने लगाए गंभीर आरोप

ब्रिटेन के एक नवनिर्वाचित सिख सांसद के खिलाफ उनके कई किराएदारों ने शिकायत की है। शिकायतों में कहा गया है कि सिख सांसद के स्वामित्व वाली संपत्तियों की स्थिति बेहद खराब है और वहां कई जगह चीटियों का संक्रमण और फफूंद की समस्या है। हालांकि सांसद ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है।

सांसद ने दी सफाई
पूर्वी लंदन के इलफोर्ड साउथ निर्वाचन क्षेत्र से पिछले महीने हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी के टिकट पर चुने गए जस अठवाल ने कहा कि किराएदारों द्वारा उन पर लगाए आरोपों से वह स्तब्ध हैं और खेद महसूस कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 60 वर्षीय अठवाल के पास 15 फ्लैट हैं, जिनमें किराएदार रहते हैं। सांसद ने कहा कि उन्हें इन समस्याओं के बारे में पता नहीं था, क्योंकि संपत्तियों का प्रबंधन एक एजेंसी द्वारा किया जा रहा था। उन्होंने वादा किया है कि अब जल्द ही वह अपनी संपत्तियों की मरम्मत और रखरखाव का काम पूरा कराएंगे।

अठवाल ने एक बयान में कहा, ‘मैं किराएदारों का समर्थक हूं। मुझे बाजार से कम कीमत पर सुरक्षित घर किराए पर देने पर गर्व है। मैं चाहता हूं कि मेरे हर किराएदार के पास बेहतरीन आवास हो; मैं कई संपत्तियों की कथित स्थिति से हैरान हूं और मैंने प्रबंध एजेंट से स्पष्टीकरण मांगा है तथा किसी भी समस्या को ठीक करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने को कहा है।

मलयेशिया में गड्ढे में गिरी भारतीय महिला की तलाश रोकी गई, बचाव में आ रही थीं ये तमाम दिक्कतें

मलेशिया में आठ दिन पहले एक सिंकहोल में गिरी भारतीय महिला की खोज और बचाव अभियान को कुआलालंपुर के जालान मस्जिद इंडिया में रोक दिया गया है। मामले में जानकारी देते हुए अग्निशमन और बचाव विभाग ने कहा कि पंताई दलम आईडब्ल्यूके सीवेज प्लांट में बचाव प्रयास जारी रहेंगे।

बचाव अभियान में आ रही थी तमाम दिक्कतें
अग्निशमन और बचाव विभाग के महानिदेशक नोर हिशाम मोहम्मद ने एक समाचार पत्र को बताया कि जांच से पता चला है कि स्कूबा डाइविंग विधियों का उपयोग करके खोज और बचाव जारी रखना बहुत जोखिम भरा था। उन्होंने ने आगे कहा कि भूमिगत जल की तेज धाराएं, बचावकर्मियों के लिए सीमित जगह के कारण बचाव अभियान में दिक्कतें आ रही थी, जिसके कारण यह निर्णय लिया गया।

‘बचावकर्मियों के लिए नेविगेट करना मुश्किल था’
अग्निशमन और बचाव विभाग के महानिदेशक ने आगे बताया कि जब हमने बचाव के लिए जगह देखा, जो लगभग दो फीट (60 सेमी) चौड़ा था, तो हमें समझ आया कि बचावकर्मी यहां फंस सकते हैं। जबकि वहां पर स्कूबा गोताखोरों के लिए खतरे के अलावा, उनके लिए नेविगेट करना भी मुश्किल था।

मलेशियाई प्रधान मंत्री ने पर्यटकों को दिया आश्वासन
इधर इस मामले में मलेशियाई प्रधान मंत्री अनवर इब्राहिम ने पर्यटकों को आश्वासन दिया कि कुआलालंपुर सुरक्षित है, उन्होंने कहा कि सिंकहोल वाले किसी भी क्षेत्र में तुरंत सुरक्षात्मक काम किए जाएंगे। वहीं कुआलालंपुर में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि हम महिला की तलाश के लिए चलाए जा रहे अभियान और महिला के परिवार के सदस्यों के संपर्क में है।

आंध्र प्रदेश की रहने वाली थी महिला
इस बीच, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश गैर-निवासी तेलुगु (एपीएनआरटी) सोसाइटी के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि तलाशी अभियान प्रभावी ढंग से चलाया जाए। गड्ढे में गिरी भारतीय महिला की पहचान विजय लक्ष्मी गली (48 वर्षीय) के रूप में हुई है। 23 अगस्त को जब वह अपने परिवार के साथ कुआलालंपुर स्थित एक मंदिर में नाश्ता करने जा रहीं थी, तभी फुटपाथ की एक सड़क अचानक से धंस गई। जिससे विजय लक्ष्मी उस गड्ढे में समा गई।

विनाशकारी बाढ़ से बांग्लादेश में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 59, करीब 5.4 लाख लोग प्रभावित

पहले आरक्षण को लेकर हिंसा, फिर सरकार विरोधी प्रदर्शन और राजनीतिक अस्थिरता के बाद अब बांग्लादेश में प्रकृति का कहर देखने को मिल रहा है। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ, जिनकी देश में राजनीतिक स्थिरता को कायम करना प्रमुख प्राथमिकता थी, लेकिन प्रकृति के तांडव ने उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है।

भारत से सटे दो जिलों में सबसे ज्यादा मौतें
अंतरिम सरकार की तरफ से जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार देश में बाढ़ से अब तक 59 लोगों, जिसमें छह महिलाएं और 12 बच्चे शामिल है, की मौत हो चुकी है। जबकि इस विनाशकारी बाढ़ की वजह से पांच लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्रालय ने बाढ़ की स्थिति पर जानकारी देते हुए कहा कि सबसे अधिक मौतें कुमिला और फेनी जिलों में हुई हैं, जो कि भारत के पूर्वोत्तर भाग में त्रिपुरा की सीमा से सटे हैं, जहां क्रमशः 14 और 23 लोगों की मौत हुई है।

दो हफ्ते तक बाढ़ ने देश में बरपाया कहर
सरकार के अनुसार बांग्लादेश के डेल्टा क्षेत्र और ऊपरी भारतीय क्षेत्रों में मानसूनी बारिश से आई बाढ़ ने देश में लगभग दो सप्ताह तक कहर बरपाया, जिसकी वजह से लोगों और सैकड़ों मवेशियों की मौतें हुई। इसकी वजह से लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और उनकी संपत्ति का नुकसान भी हुआ। बता दें कि बांग्लादेश में करीब 200 नदियां बहती है, जिसमें से 54 नदियां भारत के ऊपरी तटवर्ती इलाकों से होकर गुजरती हैं और चार मुख्य घाटियों में बहती हैं। पिछले हफ्ते बंगाल की खाड़ी में बने एक दबाव के कारण दो घाटियों – उत्तर-पूर्वी मेघना बेसिन और दक्षिण-पश्चिमी चटगांव हिल्स बेसिन – में नदियों में बाढ़ आ गई है।

आश्रय केंद्र में रह रहे हैं करीब चार लाख लोग
आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़े के अनुसार 54 लाख 57 हजार 702 लोग 11 जिलों के 504 संघों और नगर पालिकाओं में लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। करीब सात लाख लोग अभी भी बाढ़ में फंसे हुए हैं, जबकि करीब चार लाख लोग 3,928 आश्रय केंद्रों में रह रहे हैं। वहीं कुल 36,139 मवेशियों को भी आश्रय दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार जैसे-जैसे स्थिति में सुधार हो रहा है, लोग घर लौट रहे हैं, जबकि बाढ़ प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था सामान्य हो गई है।

नहीं पहुंच रहे सीएचओ… उपचार के लिए मरीज परेशान, ऑनलाइन हाजिरी का कर रहे विरोध

एटा:उत्तर प्रदेश के एटा में विकासखंड अलीगंज के गांव ताजपुर अद्दा में आयुष्मान आरोग्य मंदिर तो बना हुआ है। सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) की तैनाती भी है। लेकिन, उनके न पहुंचने से ग्रामीणों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। अलीगंज-कायमगंज जाकर इलाज कराना पड़ रहा है।

गांव के हरकेश ने बताया कि पिछले माह 16 तारीख को यह केंद्र खोला गया था। तब यहां पर कोई कार्यक्रम था। उसके बाद यहां पर एक सर आए थे। उन्होंने यहां की इंचार्ज संध्या देवी को फोन भी किया। तब यहां की आशा आईं। बड़ी-बड़ी खास खड़ी थी। तब हमने और मजदूरों ने साफ-सफाई की थी।

इसके बाद यह अक्सर बंद रहने लगा। खुलता भी है तो सीएचओ नहीं मिलते। एक नर्स बैठी मिलती हैं, जो कह देती है कि यहां दवा नहीं है। अलीगंज सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सर्वेश ने बताया कि केंद्र बंद रहने की कोई शिकायत नहीं है। तैनात सीएचओ अपनी उपस्थिति के प्रतिदिन फोटो अपलोड भी करते हैं।

स्टेशन के पास ट्रक का पहिया सही कर रहा चालक अचानक गिरा…

एटा:उत्तर प्रदेश के एटा में कोतवाली नगर क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के पास ट्रक चालक की पहिया बदलते समय गिरकर मौत हो गई। वह शुक्रवार रात पहिया बदलने के लिए केबिन से नीचे उतरे थे।

पिलुआ थाना क्षेत्र के गांव दरिगपुर निवासी हरी सिंह ने बताया कि अलीगंज थाना क्षेत्र के नगला डांडा निवासी देव सिंह (45) अपना ट्रक चलाते था। मालगाड़ी में लोड कराने के लिए मक्का लेकर आए थे। मालगोदाम रोड पर ट्रक का पहिया पंक्चर हो गया। वह उतरकर पहिया सही करने लगे।

पहिया बदलने के लिए लगाया गया जैक अचानक निकल गया। गाड़ी से बचने के लिए यह उठे तो नीचे गिर गए। इनका सिर किसी नुकीली चीज से टकरा गया। हम लोगों ने देखा तो भागकर आए और गंभीर घायल अवस्था में लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।

सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और परिजन को सूचना देकर शव का पंचनामा भरवाया। परिजन के पहुंचने के बाद शनिवार की सुबह शव का पोस्टमार्टम कराया गया। परिजन ने बताया कि देव सिंह 4 भाइयों में दूसरे नंबर के थे। इनकी तीन बेटियां और एक बेटा है।

लखनऊ से गुजरने वाली ये ट्रेनें दो से पांच सितंबर तक रहेंगी कैंसिल, कुछ चलेंगी बदले रूट से

लखनऊ:  गोरखपुर-गोंडा रूट की 24 ट्रेनें 2 से 5 सितंबर तक निरस्त रहेंगी। वहीं, 26 ट्रेनें बदले रूट से चलाई जाएंगी। यह बदलाव गोरखपुर-गोंडा रेलखंड पर स्थित मगहर-खलीलाबाद-चुरेब स्टेशनों के बीच ऑटोमेटिक सिग्नल की कमीशनिंग के कार्य की वजह से होगा। ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम से ट्रेनों का संचालन बेहतर होगा। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ से गोरखपुर-गोंडा रूट की 24 ट्रेनें 2 से 5 सितंबर तक निरस्त रहेंगी। इनमें लखनऊ से चलने व गुजरने वाली 12 ट्रेनें शामिल हैं। 26 ट्रेनें निर्धारित मार्ग गोरखपुर-बस्ती-गोंडा की जगह गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा के रास्ते चलाई जाएंगी।

ये ट्रेनें रहेंगी कैंसिल
22531 छपरा-मथुरा जं. एक्सप्रेस व 22532 मथुरा जं.-छपरा एक्सप्रेस 2 से 4 सितंबर तक कैंसिल रहेंगी। 15114 छपरा कचहरी-गोमती नगर एक्सप्रेस 2 व 3 सितंबर को रद्द रहेगी। इसी तरह 15113 गोमतीनगर छपरा कचहरी एक्सप्रेस, 12531 गोरखपुर-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस, 12532 लखनऊ जं.-गोरखपुर एक्सप्रेस, 12530 लखनऊ जं.-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, 12529 पाटलिपुत्र-लखनऊ जं. एक्सप्रेस व 15070 ऐशबाग-गोरखपुर एक्सप्रेस 3 व 4 सितंबर को निरस्त रहेगी। 15069 गोरखपुर-ऐशबाग एक्सप्रेस 4 व 5 को कैंसिल रहेगी। ऐसे ही 04137 ग्वालियर-बरौनी विशेष गाड़ी 4 को, 04138 बरौनी ग्वालियर विशेष गाड़ी 5 सितंबर को निरस्त रहेगी।

रोककर चलाई जाएंगी ये ट्रेनें
बरौनी-बांद्रा टर्मिनस 4 सितंबर को बरौनी में पांच घंटे, कामाख्या-गोमतीनगर एक्सप्रेस 3 को असम के कामाख्या में चार घंटे, गोरखपुर-देहरादून एक्सप्रेस 3 को गोरखपुर में तीन घंटे रोककर चलाई जाएगी। इसी तरह न्यू जलपाईगुड़ी-अमृतसर एक्सप्रेस 4 को प. बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में दो घंटे, प्रयागराज जं.-गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस चार को प्रयागराज जं. से दो घंटे, लखनऊ जं.-बरौनी एक्सप्रेस 4 को लखनऊ जं. से 3 घंटे एवं नई दिल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस 4 को 35 मिनट रोककर चलाया जाएगा।

मानकनगर-ऐशबाग के रास्ते चलेंगी ये ट्रेनें
दो सितंबर को वड़ोदरा से चलने वाली वड़ोदरा-गोरखपुर विशेष ट्रेन मानकनगर ऐशबाग के रास्ते चलकर गोरखपुर की जगह गोमतीनगर स्टेशन पर यात्रा समाप्त करेगी। वापसी में गोरखपुर से तीन को चलने वाली गोरखपुर-वडोदरा विशेष ट्रेन गोरखपुर के स्थान पर गोमतीनगर स्टेशन से संचालित होगी।

मुरादाबाद में कंगना रनौत के खिलाफ प्रदर्शन, आपत्तिजनक टिप्पणी पर राष्ट्रपति से कार्रवाई की मांग

मुरादाबाद:  किसान कांग्रेस के नेताओं ने अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ शनिवार को मंडलायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि कंगना ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर किसानों का अपमान किया है।

कांग्रेसियों ने राष्ट्रपति से कंगना रनौत की संसद सदस्यता समाप्त करने की मांग की। इसके बाद अपर आयुक्त सर्वेश गुप्ता को ज्ञापन दिया। प्रदेश किसान कांग्रेस के महासचिव चौधरी नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की।

कहा कि भाजपा सांसद कंगना रनौत ने एक साक्षात्कार में किसान आंदोलन को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। आंदोलन करने वाले देश के अन्नदाताओं को बलात्कारी, खालिस्तानी कहकर अपमानित किया।

इस मामले में मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि फसलों के लिए एमएसपी गारंटी कानून जल्द बनाया जाना चाहिए। अग्निवीर योजना पर रोक लगाई जाए और किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान शीघ्र दिया जाए।

फसलों का मुआवजा भी शीघ्र दिया जाए। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद, अनूप दुबे, संभल के जिलाध्यक्ष विजय शर्मा, अबरार अहमद, मुजम्मिल उर्फ राजा भैया, मो. अजहरूद्दीन, अब्दुल अली, सरतार सैफी, अफजल साबरी, राजेंद्र वाल्मीकि, भयंकर सिंह बौद्ध आदि मौजूद रहे।

बरेली में कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन, सड़कों पर जायरीनों का सैलाब

बरेली:  बरेली में आला हजरत फाजिले बरेलवी के कुल शरीफ की रस्म शनिवार को जायरीन के भारी हुजूम की मौजूदगी में इस्लामियां इंटर कालेज मैदान पर अदा की गई। इसी के साथ तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी का समापन हो गया। इस मौके पर मेहमान-ए-खुसूसी मारहरा शरीफ के सज्जादानशीन मौलाना सैयद नजीब हैदर मियां ने कहा कि हम अपने हक की लड़ाई अपने मुल्क के बनाए कानून के दायरे में रहकर जारी रखें। आगे कहा कि ‘मैं अली की औलाद हूं और मेरे रगों में मौला अली, शहीद-ए-कर्बला हजरत इमाम हुसैन का खून है। हम हक बयान करने आए हैं। साथ ही सोशल मीडिया और यू ट्यूबर वाले उलमा से दूर रहने की हिदायत दी।

नबीरे आला हज़रत मौलाना तौसीफ रज़ा खान (तौसीफ मियां) ने कहा कि आदम अलैहिस्सलाम का जिसने दामन पकड़ लिया वो पार पा गया। जिसने इबलीस का साथ पकड़ा वो हलाक हो गया, जो नबी करीम के बताए रास्तों पर चलते हुए अहले हक पर रहा वहीं फैज पा गया।

मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने कहा कि जो सबसे बड़ा आशिके रसूल वही सच्चा मुसलमान सबसे बड़ा देश का वफादार है। मुसलमानों को अपने देश प्रेमी होने का किसी से प्रमाण की जरूरत नहीं है। हम अपने मज़हब और मुल्क के सच्चे वफादार बने रहें। मुसलमान आपने आप को कमतर न आंके। उन्होंने कहा कि आला हजरत का वफादार कल भी अपने मज़हब का और अपने मुल्क का वफादार है और रहेगा। बड़े बड़े सुन्नी उलमा ने देश के लिए अपनी कुर्बानियां दी हैं। सोशल मीडिया पर गैर मसलक के लोगों की तकरीर सुनने से परहेज करें। नशे और जुए, शराब जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रहें। लड़कियों के लिए सरकार स्कूल खोले और तालीम को आम करने का काम करे।

मुफ्ती इमरान हनफी ने कहा कि आज दुनिया का सबसे बड़ा समाज सुधारक कोई है तो हमारे नबी हैं जिन्होंने इंसान के हक के लिए आवाज बुलंद की। पशु-पक्षियों के हक की भी बात की। मौलाना सलीम रजा ने तकरीर में कहा कि आज का मुसलमान सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ अपनी जरूरत के मुताबिक करे। दीनी मसले-मसाइल सुन्नी उलमा से ही सीखे।

मुफ्ती फारूक रजा कश्मीरी ने कहा कि हिंद में कन्या कुमारी से लेकर कश्मीर तक आला हज़रत की तालीमत (शिक्षा) पर अमल किया जा रहा है। मुफ्ती अर्सलान रजा कादरी ने आला हजरत फाजिले बरेलवी पर तकरीर की।

हज़रत मुफ्ती रहमानी मियां साहब के नवासे सैयद सैफ मियां ने आला हजरत की नातिया शायरी से नबी करीम की अजमत बयान की। संचालन करते हुए कारी यूसुफ रजा संभली ने कहा कि आला हजरत ने मुसलमानों को इश्क-ए-रसूल की घुट्टी पिलाई। जब-जब मजहबी, रूहानी, खानकाही जरूरत पेश आई आला हजरत और उनकी औलादों ने कयादत किया।