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डार्क सर्कल्स को कम करने में मदद करता हैं विटामिन-सी सीरम

हर स्किन एक्सपर्ट विटामिन-सी के पक्ष में नजर आता है। वैसे भी विटामिन-सी सीरम कई फायदों से भरा होता है। इसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं और इस प्रकार सभी प्रकार की त्वचा देखभाल दिनचर्या की उच्च मांग होती है।

यह डार्क सर्कल्स को कम करने में भी मदद करता है। लेकिन सवाल यह है कि चेहरे पर विटामिन-सी कैसे और कब लगाएं? सेलिब्रिटी कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. चित्रा आनंद ने अपने इंस्टाग्राम पर इसके बारे में काफी जानकारी शेयर की है।

अपनी पोस्ट में शेयर करती हैं, ‘त्वचा को धूप से होने वाले नुकसान से बचाने और उसकी मरम्मत के लिए दिन में विटामिन-सी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसे रात के समय बिल्कुल भी नहीं लगाना चाहिए। आइए, इस लेख में हम आपको विटामिन-सी के गुणों के साथ इसे लगाने का तरीका भी बताते हैं।

यह बहुत सारी समस्याओं में मदद करने की क्षमता रखता है। आइए आपको बताते हैं इसके कुछ फायदे- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को कोलेजन बनाने में मदद कर सकते हैं।

जानिए किस प्रकार की त्वचा पर कौन सा उत्पाद लगाना चाहिए विटामिन-सी मेलेनिन के अधिक उत्पादन को रोकता है और इसके लगातार उपयोग से आपकी त्वचा की रंगत में सुधार हो सकता है और यह कांतिमय होता है।

छोटी आंखों को बड़ा दिखाने के लिए मेकअप को इस तरह करें अप्लाई

मेकअप करना हर महिला को पसंद होता है. मेकअप कलर से लेकर लिपस्टिक तक, हर चीज परफेक्ट होनी चाहिए.  आंखों के मेकअप की बात करें तो इसके लिए मेकअप के कई सारे तरीकें हैं. उनके लिए आई मेकअप इतना मुश्किल काम नहीं है.  छोटी आंखों को बड़ा दिखाने के लिए मेकअप भी परफेक्ट होना चाहिए.

 छोटी आंखों को मेकअप के जरिए बड़ा कैसे दिखाया जाए, तो हमारा ये आर्टिकल आपके लिए ही है. यहां हम आपको आई मेकअप के 5 टिप्स बताने जा रहे हैं, जिसे फॉलो करके आप भी अपनी आंखों का परफेक्ट मेकअप कर सकती हैं.

आई मेक करने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले आप आई बेस का इस्तेमाल करें. इससे आपका मेकअप भी ज्यादा देर तक रहेगा. इसके साथ ही आपका मेकअप भी हाईलाइट होगा. लेकिन आई बेस का चुनाव अपनी स्किन टोन के हिसाब से ही करें.

छोटी आंखों के लिए आप काजल का इस्तेमाल कर सकती हैं. आप ब्लैक कलर के काजल को आई मेकअप से साथ कैरी कर सकती हैं. छोटी आंखों के लिए न्यूड या व्हाइट काजल का इस्तेमाल कर सकती हैं.

छोटी आंखों के लिए आप कम मात्रा में ही मस्कारा का इस्तेमाल करें. इसके साथ ही आप बार-बार मस्कारा कोट न लगाएं. ऐसा करने से आपका मेकअप लुक पूरी तरह खराब हो जाएगा.

कोहिनूर हीरे से जड़ा ताज किंग चार्ल्स तृतीय की पत्नी कंसोर्ट कैमिला ने पहनने से किया इंकार

पिछले साल महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद कोहिनूर हीरे से जड़ा ताज किंग चार्ल्स तृतीय की पत्नी क्वीन कंसोर्ट कैमिला को सौंपा गया था। लेकिन,अब कैमिला ने इस विवादित ताज को पहनने से इनकार किया है।

 इस साल मई में किंग चार्ल्स तृतीय का राज्याभिषेक होगा।  ब्रिटेन के राजा की गद्दी को संभालेंगे। इस दौरान कैमिला को इस कोहिनूर से जड़े ताज को पहनना था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत लंबे समय से कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग करता रहा है, ऐसे में अगर कैमिला उस ताज को पहनतीं, तो नया रानजयिक विवाद पैदा हो सकता था।

कोहिनूर हीरे से जड़ा ताज किंग चार्ल्स की दिवंगत दादी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने अंतिम बार पहना था। बताया जाता है कि यह कोहिनूर हीरा 105 कैरट का है, जो दुनिया के सबसे बड़े कटे हुए हीरों में से एक है। भारत का दावा है कि इसे अंग्रेजी हुकूमत ने ईस्ट इंडिया कंपनी के राज के दौरान भारत से ले जाया गया था और महारानी विक्टोरिया को भेंट किया गया था।

कैंसर से बचने के लिए पपीते का करना चाहिए सेवन, जानिए इसके लाभ

पुरुषों में कच्चे पपीते का सेवन प्रोस्टेट और पेट के कैंसर की तरह कैंसर का जोखिम कम करने में मदद करता है। इसमें डाइटरी फाइबर होता है, जो कोलन में मौजूद टॉक्सिन्स को मिला सकता है जो कोलन कैंसर का कारण बन सकता है।

यह साबित हो चुका है कि पपीते में एंटी-कैंसर गुण होते हैं। यह उन लोगों की मदद करता है जो नियमित रूप से पपीते का सेवन करते हैं और शरीर की कैंसर से बचाने की क्षमता को बढ़ाते हैं। कैंसर से बचने के लिए सभी को पपीते का सेवन करना चाहिए।

कच्चे पपीते में पैपेन और काइमोपैन जैसे एंजाइम और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं, क्योंकि ये नई कोशिकाओं के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स के रूप में कार्य करते हैं, सूजन, कब्ज और दर्द को रोक सकते हैं।

सूजन को कम करने में मददगार

कच्चा पपीता शरीर में सूजन को शांत कर सकता है। यह मासिक धर्म की ऐंठन सहित गले के संक्रमण, श्वसन संक्रमण या शरीर में अन्य सूजन के लिए भी फायदेमंद बताया जाता है। स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के अनुसार पपीते के फलों में दो एंजाइम पपैन और काइमोपैन होते हैं। दोनों एंजाइम प्रोटीन को पचाते हैं, जिसका अर्थ है कि वे पाचन में सहायता कर सकते हैं।

दिल को स्वस्थ रखे

पपीते में उच्च स्तर के एंटी-ऑक्सीडेंट विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। एंटी-ऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकता है। जब कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होता है, तो यह रुकावटों की संभावना को बढ़ाता है जिससे हृदय रोग हो सकता है।

विटामिन सी से भरपूर गुड़ आपको दिलाएगा कई बीमारियों से छुटकारा

गुड़ खाना हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है. गुड़ में नेचुरल शुगर पाई जाती है. ये टेस्टी लगने के साथ-साथ कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है.

दिन में किसी भी गुड़ को खाया जा सकता है लेकिन अगर इसे खाना खाने के बाद खाया जाए, तो इसके फायदे ही फायदे हैं. कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

खाने के बाद गुड़ खाने से पाचन में मदद मिलती है. इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियों को भी गुड़ दूर भगाता है. आईए जानते हैं खाने के बाद गुड़ क्यों खाना चाहिए.

गुड़ खाने से हमारे शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं. गुड़ में काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है. खाने के बाद गुड़ खाने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं. खाने के बाद गुड़ का सेवन करने से मांसपेशियों में हो रहा दर्द भी दूर होता है.

गुड़ न सिर्फ हड्डियों बल्कि हमारी इम्यूनिटी के लिए भी बेहद फायदेमंद है. गुड़ में जिंक और विटामिन सी भरपूर पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. खाने के बाद नियमित गुड़ खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.

क्‍या दालचीनी वाकई द‍िमाग के ल‍िए फायदेमंद है? जानिए यहाँ

लोगों के क‍िचन में दालचीनी पाई जाती है। इंड‍ियन मसाला होने के साथ-साथ इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में दालचीनी का इस्‍तेमाल कई बीमार‍ियों को दूर करने के ल‍िए क‍िया जाता है।

 इसका सेवन करने से शरीर की रोग प्रत‍िरोधक क्षमता बढ़ती है। एक नई स्‍टडी पब्‍ल‍िश हुई है ज‍िसमें बताया गया है क‍ि ब्रेन हेल्‍थ के ल‍िए भी दालचीनी फायदेमंद होती है। ये स्‍टडी के जर्नल में पब्‍ल‍िश की गई है।

इस स्‍टडी में उन लोगों को ल‍िया गया ज‍िनकी उम्र 60 साल से कम है। पहले ग्रुप के लोगों को दालचीनी स्‍ट‍िक्‍स चबाने के ल‍िए कहा गया। वहीं दूसरा ग्रुप प्रीडायब‍िट‍िक लोगों का था, ज‍िन्‍हें वाइट ब्रेड के साथ 2 ग्राम दालचीनी द‍िया गया।

दालचीनी का सेवन करने वाले पहले ग्रुप के लोगों का मेमोरी फंक्‍शन पहले से बेहतर न‍िकला। वहीं दूसरे ग्रुप के मेमोमोरी फंक्‍शन में थोड़ा ही बदलाव देखने को म‍िला। इस आधार पर शोधकर्ताओं ने न‍िष्‍कर्ष न‍िकाला, क‍ि दालचीनी का सेवन करने से कॉग्निनिटिव और लर्न‍िंग स्‍क‍िल्‍स बेहतर होती हैं।

साबूदाने का आखिर क्यों व्रत में करना चाहिए सेवन, जानिए इसके फायदें

साबूदाने का सेवन ज्यादातर व्रत-उपवास में किया जाता है. लोग साबूदाने की तरह-तरह की रेसिपीज बनाकर खाते हैं. साबूदाने की खिचड़ी, पकौड़ी से लेकर खीर तक लोग व्रत में इसे खाना खूब पसंद करते हैं.

1. एनर्जी लेवल बढ़ाएं
जैसा कि हम व्रत में साबूदाने को दूध में पकाकर खाते हैं, इससे हमें भरपूर एनर्जी मिलती है. इसलिए अगर आपको नॉर्मल दिनों में एनर्जी बढ़ाने के लिए कुछ खाना है, तो साबूजाना बेस्ट ऑप्शन है.  साबूदाना और दूध दोनों में ही प्रोटीन और कार्ब्स पाए जाते हैं

2. ब्लड शुगर करें नियंत्रित
अगर आप ब्लड शुगर के मरीज हैं, तो साबूदाना आपके लिए वरदान साबित हो सकता है. दरअसल, फाइबर की प्रचुर मात्रा के कारण साबूदाना डायबिटीज में मोटापा और दिल की बीमारियों को रोकता है. ऐसे में डायबिटीज के मरीज को लिए इसका सेवन लाभदायक है.

3. पाचन में असरदार
अगर आपको पाचन संबंधी समस्या रहती हैं, तो साबूदाने का सेवन आपके लिए लाभकारी साबित होगा. दरअसल, इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर पाचन के लिए बेहद फायदेमंद होता है.  अगर आप कब्ज, सूजन जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं, तो आपको साबूदाने के सेवन से इससे निजात मिल सकता है.

बसंत के मौसम में त्वचा तथा बालों की पर्याप्त देखभाल हैं बेहद जरुरी

तुओं के राजा बसंत ऋतु की शुरुआत हो चुकी है । बसंत ऋतु में मौसम साल भर में सबसे सुहावना माना जाता है। इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। यह प्रेम की ऋतु है , मधुर श्रृंगार की बेला बसन्त में ही आती है।

 इस मौसम में हम खुले आसमान में ज्यादा समय बिताते हैं तथा हमारी दिनचर्या की चहल-पहल बढ़ जाती है।  सौंदर्य आवश्यकताओं को बदलकर बदलते मौसम के अनुरूप ढालना चाहिए ताकि हमारी त्वचा तथा बालों को पर्याप्त देखभाल सुनिश्चित रखी जा सके।

वास्तविकता यह है कि हम हर मौसम में सुन्दर दिखना चाहते है बसंत ऋतु शुरू होते ही आप यह महसूस करती हैं कि आपकी त्वचा रूखी और पपडीदार बन गई है। इस मौसम में त्वचा में नमी की कमी की वजह से आपकी त्वचा में रूखे लाल चकत्ते भी पड़ जाते है। बसंत ऋतु में सर्दियां खत्म होते ही त्वचा पर आर्द्रता  को बराबर बनाए रखने की आवश्यकता होती है।

अगर आपकी त्वचा अत्याधिक शुुष्क  है तथा इसमें रूखे लाल चक्त्ते पड़ रहे है तो आप तुरंत रासायनिक  साबुन का प्रयोग करना बन्द कर दीजिए। आप साबुन की बजाय सुबह-शाम कलीनजर का उपयोग कर सकते है। त्वचा को प्रतिदिन क्लीजिंग के साथ ही त्वचा को पोषाहार भी प्रदान कीजिए

सड़क हादसे में घायल दरोगा की उपचार के दौरान मौत के बाद पैतृक गांव नगला भूपें में शव पहुचने पर अंत्येष्टि की गई

इटावा/भरथना। सड़क हादसे में घायल दरोगा की उपचार के दौरान मौत के बाद पैतृक गांव नगला भूपें में शव पहुचने पर अंत्येष्टि की गई।

मथुरा-राया मार्ग पर सोमवार को ट्रक की चपेट में आने से टेम्पो सवार दरोगा जितेंद्र सिंह (59) सहित 6 लोग घायल हो गए थे,गंभीर घायल दरोगा जितेंद्र सिंह की देर रात उपचार के दौरान मौत हो गई।वह यूपी 112 में तैनात थे।

मंगलवार की शाम पैतृक गांव नगला भूपे (भरथना) आने पर गमगीन माहौल में अंत्येष्टि की गई। दुखद घटना पर उनके पुत्र सुनील,सुमित आदि परिजनों को क्षेत्रीय लोगों द्वारा ढाढस बनाएं रखने की सांत्वना दी गई।

अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार घायल  

इटावा/भरथना। भरथना-ऊसराहार मुख्य मार्ग पर कल्पना नगर में मंगलवार को अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार शिवम (19) व अंकित (18) निवासीगण भोली भरथना घायल हो गए,घटना में घायल दोनों युवकों एम्बुलेन्स से सीएचसी ले जाया गया जहां दोनों का उपचार कर घर भेज दिया गया।जबकि अज्ञात वाहन का चालक मय गाड़ी के मौके से भाग गया।