Sunday , October 27 2024

Editor

शाम को चाय के साथ सर्व करें सोयाबीन कबाब, देखें इसकी रेसिपी

आवश्यक सामग्री:
2 कप सोया बीन की बड़ी
आधा कप पोहा
एक उबला आलू2 प्याज बारीक कटे हुए

2 हरी मिर्च बारीक कटी हुई
कद्दूकस किया हुआ अदरक एक चम्मच
एक चम्मच चाट मसाला
आधा चम्मच अमचूर पाउडर
एक चम्मच गरम मसाला पाउडर
स्वादानुसार नमक
तेल

विधि:
सोयाबीन की बड़ी 20 मिनट के लिए गरम पानी में भिगोएं।पानी में पोहा 2 से 3 बार धोकर मैश कर लें।अब मिक्सी में सोयाबीन की बड़ी, प्याज, हरी मिर्च, धनिया, लाल मिर्च, जीरा पाउडर, अदरक, चाट मसाला, अमचूर और नमक डालकर पीस लें।इस मिक्सचर को बर्तन में निकाल लें। फिर इसमें गरम मसाला, धनिया पत्ती, पोहा और आलू मैश करके कबाब के लिए मिक्सचर तैयार कर लें।

अब हाथ में थोड़ा मिक्सचर लें, इसे गोल करके हथेली से दबाकर लोई का शेप देकर प्लेट में रख दें। इसी तरह पूरे मिश्रण से कबाब तैयार कर लें।गैस पर नॉन स्टिक तवा गर्म करें। तवे पर तेल डालकर इस पर कबाब रख कर सेकें।मध्यम आंच पर ब्राउन होने तक कबाब सेकें। कबाब को पलटकर दूसरी तरफ से भी सेक लें और प्लेट में निकाल लें।इसी तरह सभी कबाब सेक कर प्लेट में निकाल लें। लिजिए तैयार हैं गर्मा-गरम सोयाबीन कबाब। सोयाबीन कबाब को सॉस या चटनी के साथ परोसें और इसके टेस्ट का मज़ा लें।

बेजान बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए फॉलो करें ये स्टेप्स

बालों का खूबसूरत होने से आपकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। लेकिन बालों के रुखे, बेजान, कमजोर और पतले होने पर वे टूटकर झड़ने लगते हैं। बालों को सुंदर बनाने के लिए आप अनेक हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते होगें लेकिन ये प्रोडक्ट्स बालों को केवल कुछ ही समय के लिए सुंदर बनाते हैं।

बालों को तेल लगाना, हीट ट्रीटमेंट से बचना, रेशम के तकिये पर सोना ऐसी कुछ चीजें हैं जो बालों का गिरना रोकने और बालों की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करती हैं। एक और महत्वपूर्ण हेयरकेयर शासन है जिसे हम आम तौर पर याद करते हैं या आलस से बाहर निकलते हैं- हेयर मास्क। बस एक फेस मास्क आपकी त्वचा को क्या करता है, एक हेयर मास्क आपके बालों को करता है।

यह पुनर्जीवित करता है और उन्हें फिर से स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए बेजान बालों को फिर से जीवंत करता है। हेयर मास्क बालों को आवश्यक पोषण प्रदान करने और बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पोषक तत्वों को लॉक करने में मदद करते हैं। यदि आप अलग-अलग हेयरकेयर से संबंधित मुद्दों से भी निपट रहे हैं, तो बेंटोनाइट क्ले हेयर मास्क आज़माएं।

यह आपके सुस्त और सूखे बालों में एक बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। आगे की हलचल के बिना, बेंटोनाइट क्ले हेयर मास्क लाभ के साथ-साथ इस हेयर मास्क को बनाने और उपयोग करने के तरीके के बारे में जानने के लिए पढ़ें।

मेकअप करने के बाद ब्लश लगाना चाहतें हैं तो अप्लाई करें ये ब्यूटी टिप्स

शादी पार्टी में कहीं भी जाना हो गल्र्स का ​बिना मेकअप के काम नहीं चलता। अपनी ड्रेस के अनुसार गल्र्स परफेक्ट मेकअप करने के बाद ही पार्टी या फंक्शन में जाना पसंद करती हैं। मेकअप करने में गल्र्स को काफी समय भी लगता है।

क्यों कि मेकअप के दौरान हर चीज को सेट करने में काफी समय लगता है। फाउंडेशन,प्राइमर ,कंसीलर के बारे में आप सभी जानते हैं । आज हम आपको बता रहें हैं ब्लश के बारे में ,जी हां यदि आप भी मेकअप करने के बाद ब्लश लगाना चाहतें हैं तो हम आपको बता रहें हैं ब्लश लगाने के खास तरीके और किस तरह का ब्लश आपके स्किन टोन पर सूट करेगा उसके बारे में।

नॉर्मल या ड्राय स्किन के लिए- यदि आपकी स्किन नॉर्मल या ड्राय हैं तो ऐसे में जब भी आप फेस पर मेकअप के दौरान ब्लश लगाएं तो हमेशा ध्यान रखें क्रीम ब्लश लगाएं। क्यों कि यह आपकी स्किन टोन के अकॉर्डिंग काफी सूट करेगा।

आॅयली स्किन के लिए- वहीं यदि आपकी स्किन आॅयली या सेन्सिटिव हैं तो ऐसे में आप पाउडर वाला ड्राय ब्लश अपने फेस पर यूज करेंं। यह दोनेां ही तरह के ब्लश आसानी से आपको मार्केट में मिल जाएंगे।

यह है ब्लश की खासियत- यदि आप क्रीम बेस्ड ब्लश यूज करती हैं तो यह मॉइस्चराइज़र की तरह काम करता है और त्वचा को रूखा होने से बचाता हैं। वहीं यदि आप पाउडर ब्लश यूज करती हैं तो यह आपकी त्वचा पर मौजूद अतिरिक्त आॅयल को सोख लेता हैं और स्किन को परफेक्ट मैट लुक देता है।

शहद की मदद से आप भी दूर कर सकते हैं फेस पर मौजूद दाग- धब्ब

शहद आपकी त्वचा को न केवल पोषण और नमी प्रदान करता है, बल्कि इसके जीवाणुरोधी और नमी प्रदान करने वाले गुण त्वचा को नया जीवन प्रदान कर दाग- धब्बों को दूर करते हैं.

न सिर्फ स्किन पैक्स, बल्कि कई हेयर पैक्स में भी शहद होता है. मूल रूप से यह आपकी सौंदर्य संबधी समस्याओं के लिए एक पूर्ण समाधान है. नीचे आपके बालों और त्वचा दोनों के लिए कुछ घरेलू शहद पैकों के बारे में बताया जा रहा है तो एक नजर यहां भी डाल लें.

मुंहासे हटाने के लिये फेस पैक: मुंहासों से छुटकारा पाना बहुत मुश्किल होता है. शहद और दालचीनी पाउडर को मिलाकर एक पेस्ट बनाकर मुंहासों पर लगा लें. इसे रातभर लगा रहने दें और सुबह गुनगुने पानी से धो दें.

रेशमी बालों के लिए हेयर पैक: यदि आप विशेष रूप से मानसून के दौरान संवरे और रेशमी बाल चाहते हैं तो अपने बालों में इस पैक को लगायें. एक कटोरी में दो चम्मच दही, दो अंडे, नींबू का रस और शहद की पांच बूंदें मिला लें तथा अपने सिर और बालों पर लगायें. इसे आधे घंटे तक लगायें रहे, फिर पानी से धोएं.

त्वचा की सफाई के लिये फेस पैक: शहद, दूध पाउडर, नींबू का रस और बादाम के तेल को बराबर मात्रा में मिला लें और इसे अपने चेहरे व हाथ आदि पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें तथा फिर इसे धो लें.

पेट के छालों से राहत पाने के लिए आप भी कर सकते हैं इन चीजों का सेवन

मुंह में छाले होना एक आम समस्या हैं जो कि पेट में कब्जियत और गर्मी के कारण होने लगते हैं। वैसे तो ये छाले अपनेआप ही ठीक हो जाते हैं लेकिन इनके द्वारा मिलने वाली तकलीफ असहनीय होती हैं जिसकी वजह से भोजन करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता हैं।

 

 इसलिए जरूरी है कि कुछ उपायों की मदद से इससे जल्द राहत पाई जाए। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे है और इससे राहत पाना चाहते हैं तो आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप घर पर ही खुद इसका इलाज कर सकते हैं।

एलोवेरा जूस

एलोवेरा जूस के अंदर सूदिंग प्रॉपर्टी होती है, लगातार इस्तेमाल करने पर यह यह दर्द को कम करता है। छालों से राहत पाने के लिए थोड़ा सा एलोवेरा जूस अपने छालों पर लगाइए।

नारियल का तेल

नारियल का तेल एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्वों से भरपूर होता है। छाले होने पर आप छाले वाली जगह पर नारियल का तेल लगाएं और हल्के हाथ से मसाज करें। इससे छालों में राहत मिलेगी।

शहद

शहद में एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टी होती है, जो मुंह के छालों को ठीक करने में बहुत असरदार है। यह मुंह के छालों को नमी प्रदान करता है और उसे सूखने से बचाता है। अगर आप शहद के साथ एक चुटकी हल्दी डालकर लगाएंगे तो वह बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे।

वर्कआउट के बाद ठंडे पानी का सेवन करने से होते हैं ये नुकसान

बढ़ती गर्मी में अक्सर लोग ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं। ठंडा पानी पीने से शरीर काफी ठंडा हो जाता है। लेकिन क्या आपको वर्कआउट के बाद ठंडा पानी पीना चाहिए? क्या यह हमारे शरीर के लिए स्वस्थ है?

 

वर्कआउट के बाद ठंडा पानी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। दरअसल, वर्कआउट के बाद आपका शरीर गर्म रहता है। ऐसे में जब आप ठंडा पानी पीते हैं तो इससे आपके शरीर का तापमान अचानक नीचे गिर जाता है। ऐसे में आपके वर्कआउट की मेहनत खराब हो सकती है। इसके अलावा यह रेफ्रिजरेंट की शिकायत होने की संभावना है।

वजन बढ़ने की संभावना
वर्कआउट के बाद ठंडे पानी से नहलाने के बाद आपका वजन बढ़ सकता है। खासतौर पर इससे पेट बढ़ने की संभावना रहती है। ऐसे में अगर आप वर्कआउट से वजन घटाने की सोच रहे हैं तो ठंडा पानी पीने से आपकी मेहनत रंग लाई हो सकती है. इसलिए वर्कआउट के तुरंत बाद ठंडा पानी न पिएं।

हृदय गति गिरती है

वर्कआउट के बाद ठंडे पानी का सेवन करने के बाद यह हृदय गति को प्रभावित कर सकता है। दरअसल, वर्कआउट के दौरान आपकी नसों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। ऐसे में जब आप अचानक से ठंडा पानी बचाते हैं तो यह आपकी नसों को जल्दी ठंडा कर सकता है। ऐसे में गति और रक्त संचार धीमा हो जाता है। कई बार यह स्थिति गंभीर भी हो सकती है। इसलिए वर्कआउट के तुरंत बाद ठंडे पानी का सेवन न करें।

 

मुंहासे, वजन घटाने आदि में भी बेहद कारगर हैं ये फल

ये कहावत तो आप सबने सुनी ही होगी ‘आम के आम गुठलियों के दाम’. कहने का मतलब है एक आम से आप दो फायदे पा सकते हैं. नहीं समझे, तो हम आपको समझाते हैं. आम तो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद फल होता ही है, साथ ही इसकी गुठलियां या बीज भी सेहत के लिए उतनी ही लाभदायक होती हैं.

 

आम खाने के बाद इसकी गुठलियां तो हम सभी फेंक देते हैं, लेकिन इन्हीं गुठलियों या बीजों से तेल तैयार किया जाता है, जो न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही बनाए रखता है, बल्कि मुंहासे, वजन घटाने आदि में भी बेहद कारगर है. आम की गुठलियों के तेल का रंग सॉफ्ट येलो होता है.

आम की गुठलियों के तेल के सेहत लाभ

  • आम के बीज शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है. जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है, उन्हें अपने आहार में आम के तेल को शामिल करना चाहिए.
  • यदि आपको डायबिटीज है, तो आप आम की गुठलियों के तेल का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि यह ऊर्जा के स्तर को बनाए रखते हुए ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है. यह शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर देता है.
  • आम और इसके बीज वजन को भी प्रभावी ढंग से कंट्रोल करने में मदद करते हैं. यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह विभिन्न विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर होता है.

फूलगोभी और ब्रोकली में आखिर आपके लिए क्या हैं फायदेमंद ?

फूलगोभी और ब्रोकली दोनों ही एक तरह की गोभी हैं, लेकिन फिर भी इन दोनों में कुछ अंतर है। कुछ लोगों को लगता है कि ब्रोकली सेहत को अधिक लाभ पहुंचाती है, तो वहीं कुछ लोग फूलगोभी खाना अधिक पसंद करते हैं।

 

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन दोनों सब्जियों में क्या अंतर है। अगर नहीं, तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इन दोनों के बीच के फर्क के बारे में बताते हैं-

फूलगोभी
“फूलगोभी” शब्द का अर्थ है “गोभी का फूल।” “फूलगोभी” नाम लैटिन शब्द कौलिस (गोभी) और फ्लोस (फूल) से बना है। फूलगोभी ब्रैसिका ओलेरासिया की प्रजाति से संबंधित है। यह एक पौधा है जो बीज से उगाया जाता है। हालांकि फूलगोभी के सभी भाग खाने योग्य होते हैं, लेकिन इसका सफेद हिस्सा तने की तुलना में अधिक खाया जाता है।

ब्रोकली

वहीं, अगर बात ब्रोकली की हो तो वह गोभी परिवार (ब्रैसिसेकी) का सदस्य है। ब्रोकोली के सिर, तना और डंठल सभी को सब्जी के रूप में व्यापक रूप से खाया जाता है। यह गहरे हरे रंग का होता है और इसमें हल्के हरे रंग का तना होता है। ब्रोकली के डंठल पर कुछ छोटे पत्ते पाए जा सकते हैं। ब्रोकली की संरचना एक पेड़ के आकार की होती है। यह देखने में एक छोटा पेड़ जैसा ही लगता है।

 

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर स्कार्पियो कार डिवाइडर से टकराकर पलटी

ऊसराहर (घनश्याम शर्मा)।आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर जी रही स्कार्पियो कार के चालक को झपकी लगने से कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई कार मे सवार एक महिला और एक बच्चा घायल हो गया मौके पर पहुची पुलिस ने घायलो को ऐंबुलेंस से सैफई अस्पताल भेजा है।

रविवार की शाम पौने सात बजे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर आगरा से विहार जा रही स्कार्पियो कार ऊसराहार थाना क्षेत्र के चैनेज नंबर 126 पर पहुची थी उसी समय अचानक चालक को झपकी लग गई और कार असंतुलित होकर डिवाइडर से टकराते हुए पलट गई बताया जाता है कार को कमरे आलम पुत्र मजहर आलम निवासी सिमरिया थाना छोड़ाधानू जिला मोतिहारी बिहार चला रहे थे किलोमीटर संख्या 126 पर वह पहुचे थे कि तभी उसे झपकी लग गई और कार पलट गई कार मे बैठी सुरैया पत्नी अजीज आलम निवासी सिमरिया थाना छोड़ाधानू जिला मोतिहारी बिहार एवं बच्चा अबू हुसैन पुत्र मुफरेजआलम उम्र 4 वर्ष घायल हो गए हैं।

घटना की सूचना पर एक्सप्रेस-वे के चौकी इंचार्ज रावेंद्र सिंह एंव थानाध्यक्ष गंगादास गौतम व यूपीडा के सुरक्षा अधिकारी मौके पर पहुच गए तत्काल एंबुलेंस से घायलो को सैफई भेजा गया थानाध्यक्ष गंगादास गौतम ने बताया चालक को झपकी लगने से कार पलट गई मौके से कार को हटवा कर यातायात संचालित कर दिया गया है।

आचार्य श्री रजनीश महाराज ने आज कथा में कृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन किया

दीपक अवस्थी।अजीतमल औरैया। तहसील क्षेत्र के ग्राम अमावता में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य रजनीश महाराज ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा का वाचन करते हुए कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर पाप, अनाचार बढ़ता है, तब-तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। आचार्य श्री रजनीश महाराज ने आज कथा में कृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन किया, माखन चोरी की कथा सुनाई, पूतना वध और उखल बंधन जैसी कथा श्रोताओं को सुनाई, कथा को सुनकर श्रोता भावविभोर हुए। पूतना एक महिला दैत्य थी जिसका प्रसंग पुराण में आता है। कंस ने मथुरा के राजा अपने पिता उग्रसेन से उनका राज्य छीनकर अपने अधीन कर लिया तथा स्वयं शासक बनकर आत्याचार करने लगा। एक भविष्यवाणी द्वारा उसे पता चला कि वसुदेव और देवकी का आठवाँ पुत्र उसके विनाश का कारण होगा।

यह जानकर कंस व्याकुल हो उठा और उसने वासुदेव तथा देवकी को कारागार में डाल दिया। कारागार में जन्म लेने वाले देवकी के छः पुत्रों को कंस ने मौत के घाट उतार दिया। आठवें पुत्र के रूप में कृष्ण का जन्म हुआ और उनके प्रताप से कारागार के द्वार खुल गए। वसुदेव रातों रात कृष्ण को गोकुल में नंद और यशोदा के घर पर रखकर उनकी नवजात कन्या को अपने साथ लेते आए। कंस ने जब इस कन्या को मारना चाहा तो वह अदृश्य हो गई और आकाशवाणी हुई कि कंस को मारने वाले तो गोकुल में जन्म ले चुका है। कंस यह सुनकर डर गया और उसने उसदिन गोकुल में जन्म लेने वाले हर शिशु की हत्या कर देने की योजना बनाई।

इसके लिए उसने अपने आधीन काम करने वाली पूतना नामक राक्षसी का सहारा लिया। वह सुंदर रूप बना सकती थी और महिलाओं में आसानी से घुलमिल जाती थी। उसका कार्य स्तनपान के बहाने शिशुओं को विषपान कराना था। अनेक शिशु उसका शिकार हुए लेकिन कृष्ण उसकी सच्चाई को समझ गए और उन्होंने पूतना का वध कर दिया। यह फाल्गुन पूर्णिमा का दिन था।