Sunday , October 27 2024

Editor

जीवन रक्षक है सड़क सुरक्षा नियम – एआरटीओ बृजेश कुमार 

इटावा। सड़क सुरक्षा माहके दसवें दिन शनिवार को रोडवेज वर्कशॉप इटावा में कार्यरत कर्मचारियों ,चालक एव परिचालक को सड़क यातायात नियमों के बारे में वर्कशॉप का आयोजन किया गयाl आरटीओ बृजेश कुमार ने वर्कशॉप मेंसड़क सुरक्षा के नियमों प्रति शपथ दिलाई व यातायात नियमों को बताया गयाl वाहनों के रखरखाव के बारे में जानकारी दी गई साथ साथ इस समय घने कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के बारे में बताया गया तथा वर्कशॉप में मरम्मत हेतु आने वाली बसों में विशेष रुप से शत प्रतिशत रिफ्लेक्टर लगाने के लिए तथा वाहन की सभी लाइटों की जांच कर सही करने के लिए कहा गया वाहन चलाते समय बी एस आई मार्का हेलमेट ही प्रयोग करना चाहिए तथा यदि वाहन पर दो सवारी बैठी हो तो चालक के साथ-साथ अन्य सवारी को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य होता है। वाहन को हमेशा अपनी लाइन में ही वाहन चलाना चाहिए वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए इसके अतिरिक्त यदि लाइसेंस वैध ना हो तो वाहन नहीं चलाना चाहि साथ ही साथ वाहन के साइलेंसर में छेड़छाड़ करना भी एक दंडनीय अपराध है।

कभी भी साइलेंसर में इस प्रकार का परिवर्तन नहीं कराना चाहिए जिससे मानक 80 डेसिबल से अधिक की ध्वनि उत्पन्न हो।कार्यशाला में उपस्थित समस्त लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों के पालन हेतु शपथ दिलाई गई तथा लोगों को पंपलेट बांटे गएl इस जागरूकता कार्यक्रम में डीएम सक्सेना सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक इटावा डीपो राजकुमार शर्मा यातायात निरीक्षक ओम प्रकाश सीनियर फोरमैन इटावा डीपो परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस के अन्य सदस्य भी सम्मिलित रहे।

भीषण सर्दी और रूई का भाव 130 रुपए, कैसे बने रजाई

फोटो:–एक रूई बेचने वाले की दुकान पर सन्नाटा

जसवंतनगर(इटावा)। भीषण सर्दी में गरीब और वृद्ध कपकपा रहे हैं। कम्बलों से ऐसी सर्दी में बचाव मुश्किल हो गया है। अब तो दिन में अलाव और रात में केवल रजाई ही सहारा बन रहे हैं।

हालांकि कंबल सहज उपलब्ध हैं।100 से लेकर 300 – 400 रुपए तक में कंबल मिल जाता है। मगर इन कंबलों से सर्दी नहीं बचती। कंबल तो केवल बिछाने में ही थोड़ा बहुत सर्दी से बचाव करते हैं अथवा कहीं ओढ कर बैठने में राहत देते हैं।

ऐसी सर्दी में तो रुई भरी रजाई ही काफी कुछ मुफीद साबित होती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर लोग रजाई ही ओढ़ते हैं। खादी के कपड़े की बनी हुई रजाई और उसमें सही मात्रा में यदि रुई भरी हो ,तो फिर चाहे जैसी कड़ाकेदार सर्दी हो, रात में चैन की नींद आ जाती है,वरना कंबलों में सिकुड़कर ही रात काटनी पड़ती है, क्योंकि वूलिन कंबलों की खरीद करना अब हर किसी के बस की बात नहीं है। सिंथेटिक कंबल भले ही सस्ते आ जाते, मगर ठंड थोड़े ही बचाते।

गांधी आश्रमों के कंबल अच्छा काम करते हैं ,मगर वह गरीबों की जेब की पहुंच से बाहर ही होते हैं।

पहले एक रजाई आराम से ढाई सौ से तीन सौ रुपए में बन जाती थी। मगर अब केवल रजाई का खोल ही ढाई सौ, तीन सौ रुपयों का आता है। वह भी सिंथेटिक कपड़े का बना होता है।

सूती या खद्दर की रजाई का खोल अब चार पांच सौ रुपए में आता है। पहले रूई 50 रुपये किलो बिकती थी। अब पुरानी ही 80-90 प्रति किलो भाव पर बिक रही है।नई का भाव 120 से लेकर 150 रुपए किलो तक है। इस वजह से एक रजाई बनाने में यदि 2 किलो रूई ही उसमे डलवाई जाए ,तो रजाई 700-800 रुपए तक की बनकर तैयार होती है,जो गरीबों की पहुंच से बाहर है। इसलिए गरीब 200 या 300 रुपयों का कंबल लेकर रात में सर्दी से गुजारा करता है।

महंगाई के कारण अब हर किसी की रजाईयां बनवाने की हिम्मत नही पड़ती। इसलिए पहले रुई की धुनाई करने वाले धुनाह लोग खूब रजाई बनाने का काम करते थे। अब इनकी संख्या कम हो गई है और मशीनों से रुई की धुनाई की जाने लगी है और रजाईयां बनाई जाती हैं। धुनाह पेशे का काम लगभग छिड़ गया है।

*वेदव्रत गुप्ता

बांदा में सामने आई पुलिस की सच्चाई, किशोर को शराब चोरी के मामले में जबरन फंसाने की करी कोशिश

यूपी पुलिस का स्याह और खौफनाक चेहरा एक बार फिर सामने आया है। बांदा में पुलिस ने 13 साल के किशोर को शराब चोरी के मामले में फंसाया.उसका जिला अस्पताल में इलाज कराने के बाद कई दिनों तक चौकी में बंधक बनाकर रखा गया। मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो चौकी इंचार्ज समेत तीन पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया है।

अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि कालिंजर निवासी 13 वर्षीय किशोर को चौकी में ले जाकर पिटाई कर उसका हाथ तोड़ने के मामले में गुढ़ा कला चौकी प्रभारी अजीत प्रताप सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया.

आरोप है कि कालिंजर की गणेश पुरवा निवासी कबाड़ी सुमेरा के 13 वर्षीय बेटे को मजदूरी देने के नाम पर दो कांस्टेबल 8 जनवरी को थाने ले गए और वहां उसके ऊपर एक शराब की दुकान में हुई चोरी में शामिल होने का दबाव बनाया।

किशोर के साथ मारपीट की गई और कहा गया कि चोरी कबूल कर लो और जो नाम बता रहे हैं उनको पहचान लो, ऐसा करोगे तो तुम्हें छोड़ देगें। जब किशोर ने ऐसा करने से मना किया तो उसको बेरहमी से पीटा गया और उसका हाथ तोड़ दिया।

किशोर की हालत खराब देख जवानों ने उसका इलाज जिला अस्पताल में कराया और उसे कई दिनों तक चौकी में बंधक बनाकर रखा। कई दिनों तक बंधक रखने के बाद शुक्रवार को उसे पुलिस चौकी से मुक्त किया गया।

भीषण सर्दी और रूई का भाव 130 रुपए, कैसे बने रजाई

फोटो:–एक रूई बेचने वाले की दुकान पर सन्नाटा

जसवंतनगर(इटावा)। भीषण सर्दी में गरीब और वृद्ध कपकपा रहे हैं। कम्बलों से ऐसी सर्दी में बचाव मुश्किल हो गया है। अब तो दिन में अलाव और रात में केवल रजाई ही सहारा बन रहे हैं।

हालांकि कंबल सहज उपलब्ध हैं।100 से लेकर 300 – 400 रुपए तक में कंबल मिल जाता है। मगर इन कंबलों से सर्दी नहीं बचती। कंबल तो केवल बिछाने में ही थोड़ा बहुत सर्दी से बचाव करते हैं अथवा कहीं ओढ कर बैठने में राहत देते हैं।

ऐसी सर्दी में तो रुई भरी रजाई ही काफी कुछ मुफीद साबित होती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर लोग रजाई ही ओढ़ते हैं। खादी के कपड़े की बनी हुई रजाई और उसमें सही मात्रा में यदि रुई भरी हो ,तो फिर चाहे जैसी कड़ाकेदार सर्दी हो, रात में चैन की नींद आ जाती है,वरना कंबलों में सिकुड़कर ही रात काटनी पड़ती है, क्योंकि वूलिन कंबलों की खरीद करना अब हर किसी के बस की बात नहीं है। सिंथेटिक कंबल भले ही सस्ते आ जाते, मगर ठंड थोड़े ही बचाते।

गांधी आश्रमों के कंबल अच्छा काम करते हैं ,मगर वह गरीबों की जेब की पहुंच से बाहर ही होते हैं।

पहले एक रजाई आराम से ढाई सौ से तीन सौ रुपए में बन जाती थी। मगर अब केवल रजाई का खोल ही ढाई सौ, तीन सौ रुपयों का आता है। वह भी सिंथेटिक कपड़े का बना होता है।

सूती या खद्दर की रजाई का खोल अब चार पांच सौ रुपए में आता है। पहले रूई 50 रुपये किलो बिकती थी। अब पुरानी ही 80-90 प्रति किलो भाव पर बिक रही है।नई का भाव 120 से लेकर 150 रुपए किलो तक है। इस वजह से एक रजाई बनाने में यदि 2 किलो रूई ही उसमे डलवाई जाए ,तो रजाई 700-800 रुपए तक की बनकर तैयार होती है,जो गरीबों की पहुंच से बाहर है। इसलिए गरीब 200 या 300 रुपयों का कंबल लेकर रात में सर्दी से गुजारा करता है।

महंगाई के कारण अब हर किसी की रजाईयां बनवाने की हिम्मत नही पड़ती। इसलिए पहले रुई की धुनाई करने वाले धुनाह लोग खूब रजाई बनाने का काम करते थे। अब इनकी संख्या कम हो गई है और मशीनों से रुई की धुनाई की जाने लगी है और रजाईयां बनाई जाती हैं। धुनाह पेशे का काम लगभग छिड़ गया है।

*वेदव्रत गुप्ता

एयर इंडिया की फ्लाइट में पीड़ित बुजुर्ग महिला की सीट पर पेशाब करने वाले शंकर मिश्रा ने किया आरोपों पर पलटवार

यर इंडिया केस की पीड़िता ने शंकर मिश्रा के आरोपों पर पलटवार किया है। शंकर मिश्रा के वकील ने कोर्ट को बताया था कि पीड़िता ने खुद अपनी सीट पर पेशाब किया था। जिस पर पीड़िता का बयान सामने आया है।

शंकर मिश्रा पर आरोप लगा था कि उसने शराब के नशे में एयर इंडिया की फ्लाइट में पीड़ित बुजुर्ग महिला की सीट पर पेशाब किया था। जिसके बाद शंकर मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था। शंकर मिश्रा के वकील ने कोर्ट में दावा किया है कि पीड़िता ने खुद अपनी सीट पर पेशाब किया था।

वकील ने कहा कि पीड़िता बीते 30 सालों से भरतनाट्यम डांसर रही हैं । जिसमें महिला ने कहा है कि “यह हमारी जानकारी में आया है कि आरोपी की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानिपूर्ण आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप पूरी तरह से गलत हैं और बेहद अपमानजनक हैं।”

पीड़िता के वकील ने जारी बयान में कहा कि “आरोपी अपने बेहूदा कृत्य पर पश्चाताप करने के बजाय पीड़िता को प्रताड़ित करने के लिए उनके खिलाफ भ्रामक प्रचार कर रहा है।”

इसरो जासूसी कांड पर सीबीआई ने किया बड़ा दावा, नंबी नारायण की गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय साजिश

90 के दशक में हुए इसरो जासूसी कांड  को लेकर सीबीआई ने बड़ा दावा किया है।  केरल हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा है कि इसरो जासूसी कांड, अंतरराष्ट्रीय साजिश थी क्योंकि वैज्ञानिक जानकारी लीक होने की बात मनगढ़ंत थी।

केरल हाईकोर्ट में इसरो जासूसी कांड में साजिश रचने के आरोपियों की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इसी दौरान सीबीआई ने आरोपियों की जमानत का विरोध करते हुए उक्त दावा किया।

जासूसी कांड के समय नंबी नारायण इसरो में लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन वैज्ञानिक थे और उन्हें जासूसी कांड में फंसाया गया था। हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा कि नंबी नारायण की गिरफ्तारी संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थी।

एक मालदीव की नागरिक रशीदा के द्वारा पाकिस्तान को बेची थी। इस मामले में केरल पुलिस ने नंबी नारायण के साथ ही इसरो के तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर डी शशिकुमारन और रशीदा की मालदीव की दोस्त फौजिया हसन को गिरफ्तार किया था।

जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने साल 1998 में नंबी नारायण को जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।  जिसमें उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी खूफिया एजेंसी सीआईए ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को रोकने के लिए साजिश रची थी, जिसमें उन्हें फंसाया गया।

अज्ञात शख्स ने नितिन गडकरी को 67 मिनट के अंदर तीन बार कॉल कर दी जान से मारने की धमकी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि किसी अज्ञात शख्स ने गडकरी के नागपुर स्थित कार्यालय में फोन कर जान से मारने की धमकी दी है।

शिकायत मिलने पर नागपुर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आरोपी कॉलर को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। अज्ञात कॉलर ने पहले सात मिनट के अंदर दो बार कॉल किया फिर एक घंटे बाद एक और कॉल करके धमकी दी।  तीनों धमकी भरे कॉल गडकरी के नागपुर स्थित कार्यालय में सुबह 11.25 बजे और 11.32 बजे और 12.32 बजे आए थे।

नागपुर के डीसीपी राहुल मदाने ने बताया कि नितिन गडकरी को तीन धमकी भरे फोन कॉल आए थे। हमारी क्राइम ब्रांच सीडीआर पर काम करेगी। एक विश्लेषण चल रहा है। मंत्री गडकरी के कार्यक्रम स्थल पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

जोशीमठ भू-धंसाव में केंद्रीय संस्थानों की रिपोर्ट पर अब सरकार लेगी फैसला, वैज्ञानिकों की रिपोर्ट पर करेगी काम

जोशीमठ भू-धंसाव के कारणों का पता लगाने के लिए सर्वे कर रहीं केंद्रीय संस्थानों की रिपोर्ट पर सरकार फैसला लेगी। दो सप्ताह के भीतर अलग-अलग संस्थान रिपोर्ट सरकार को सौंप सकते हैं।  कैबिनेट में रिपोर्ट को रखा जाएगा।

कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया, जोशीमठ भू-धंसाव पर सीबीआरआई, वाडिया इंस्टीट्यूट, आईआईआरएस, एनजीआरआई हैदराबाद, भारतीय मृदा परीक्षण संस्थान, भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान, आईआईटी रुड़की समेत अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों की टीमें कारणों का पता लगाने के लिए अध्ययन कर रही है।

जोशीमठ में एनटीपीसी के हाइड्रो प्रोजेक्ट संग अन्य निर्माण कार्य पर रोक है। मुख्य सचिव ने बताया, सभी रिपोर्टों का निष्कर्ष निकालने के लिए सरकार की ओर से कमेटी गठित की जाएगी।

केंद्र सरकार ने एनटीपीसी प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट भेजी है, जो पूर्व में किए गए सर्वे पर आधारित है,  सरकार केंद्रीय संस्थानों के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट पर फैसला लेकर काम करेगी।

गिलगित बाल्टिस्तान में हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे लोग, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी

पाकिस्तान में सबकुछ ठीक नहीं है। महंगाई, भुखमरी से जूझ रहा पाकिस्तान के इलाकों में लोग सड़क पर उतर आए हैं। पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। पीओके के गिलगित बाल्टिस्तान में तो लोग भारत के साथ जुड़ने की मांग कर रहे हैं।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर  के गिलगित बाल्टिस्तान में हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए हैं। यहां पिछले 12 दिन से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके भारत के लद्दाख से गिलगित बाल्टिस्तान को जोड़ने की मांग की है। इसके कई वीडियो भी सामने आ चुके हैं। कारगिल सड़क को फिर से खोला जाए और भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले में बाल्टिस्तान को दोबारा से मिलाया जाए।

यहां के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की सरकार भेदभाव करती है। यहां के लोगों को राशन मुहैया नहीं कराया जाता। जमीनों पर सरकार अवैध तरीके से कब्जा कर रही है। पीओके में रहने वाले बच्चों के लिए स्कूल-कॉलेज नहीं है।

Sri Lanka में भारतीय नागरिकों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह

श्रीलंका आने वाले सभी भारतीय नागरिकों को देश के कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी गई है। भारतीय उच्चायोग ने यहां यह बात कही। श्रीलंका की यात्रा करने वाले सभी पर्यटकों को टीकाकरण कार्ड ले जाना आवश्यक है और टीका न लगाने वाले यात्रियों को देश में आने से 72 घंटे पहले की एक निगेटिव पीसीआर रिपोर्ट लानी जरूरी है।

इससे पहले बीते साल 7 दिसंबर को द्वीप राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। तब प्री-बोर्डिंग या ऑन-अराइवल निगेटिव कोविड-19 टेस्ट (पीसीआर/रैपिड एंटीजन टेस्ट) का नियम भी हटा दिया गया था। संशोधित कोविड-19 दिशानिर्देश शुक्रवार से प्रभावी हो गए हैं।

श्रीलंका आने वाले भारतीय नागरिकों से नवीनतम कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया जाता है। श्रीलंका ने कहा है कि वह स्वास्थ्य अधिकारियों के परामर्श से कोविड-19 संबंधित किसी भी नए घटनाक्रम पर नजर रखेगा।