Thursday , October 24 2024

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‘चार हफ्तों के भीतर खुली जेलों की जानकारी दें’, सुप्रीम कोर्ट का राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को आदेश दिया है कि वे चार हफ्तों के भीतर खुली जेलों के कामकाम के संबंध में पूरी जानकारी प्रदान करें। खुली या अर्ध-खुली जेलों में दोषियों को दोपहर में जेल के बाहर काम करने की अनुमति होती है, ताकि वे आजीविका कमा सकें और शाम को लौट सकें। यह व्यवस्था दोषियों को समाज के साथ घुलने-मिलने और सामान्य जीवन जीने में मदद करने के मकसद से की गई थी।

वरिष्ठ वकील के. परमेश्वर ने जस्टिस बी.आर.गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ को बताया कि इस मुद्दे पर कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक अपनी प्रतिक्रियाएं नहीं दी हैं। परमेश्वर जेलों में भीड़ से जुड़े एक मामले में कोर्ट की मदद कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि प्रश्नावली के बावजूद दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक खुली जेलों की स्थिति और संचालन के संबंध में चार्ट में जानकारी नहीं दी है।

पीठ ने 20 अगस्त के आदेश में कहा, इसलिए, हम निर्देश देते हैं कि वे सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जिन्होंने अभी तक अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है, वे आज से चार हफ्तों के भीतर पूरी प्रतिक्रिया (प्रश्नावली में) दाखिल करें। अदालत ने यह भी कहा कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पूरी जानकारी नहीं दी है, वे भी चार हफ्तों के भीतर आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें। पीठ ने यह भी कहा कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पूरी जानकारी नहीं दी है, वे भी चार हफ्तों के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करें।

दुर्गा पूजा समितियां कर रहीं ममता सरकार की अनुदान राशि का बहिष्कार, डॉक्टर हत्याकांड मामले में मांगा न्याय

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलज-अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दुर्गा पूजा समितियों ने एक अहम कदम उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दी गई 85000 रुपये की अनुदान राशि को लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि जब महिलाएं सुरक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आई हैं तो वे सरकार से अनुदान राशि स्वीकार नहीं कर सकते।

हुगली में भद्रकाली बौथन संघ की अध्यक्ष रीना दास ने कहा, “हमने अपने सदस्यों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए इस वर्ष इस अनुदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यह अनुदान हमें पहले भी कई वर्षों तक मिलता रहा है।” उत्तरपारा शक्ति संघ से प्रसेनजीत भट्टाचार्य ने कहा, “यह एक सांकेतिक प्रदर्षण है। हम तब तक इस राशि को स्वीकार नहीं करेंगे, जब तक अपराधी को पकड़कर न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता।”

इन समितियों ने भी अस्वीकार किया अनुदान राशि
मुर्शिदाबाद में लालगोला कृष्णापुर सन्यासीताला और नादिया में बेथुदाहारी टाउन क्लब सहित अन्य समितियों ने भी इस राशि को अस्वीकार करने के अपने फैसले के बारे में स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया है। जादवपुर में हाईलैंड पार्क दुर्गोत्सव समिति ने भी इस राशि को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। समिति के एक अधिकारी ने कहा, “विरोध प्रदर्शनों और न्याय की मांग को देखते हुए हमने सर्वसम्मति से अनुदान छोड़ने का फैसला किया है।”

हाईकोर्ट से ‘बर्गर किंग’ को राहत, छह सितंबर तक ट्रेडमार्क का इस्तेमाल नहीं करेगा पुणे का रेस्तरां

मुंबई:  बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को बर्गर किंग को राहत दी। कोर्ट ने पुणे के एक रेस्तरां को बर्गर किंग नाम का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। यह रोक छह सितंबर तक के लिए है।पुणे की कोर्ट ने पहले बर्गर किंग की याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उसने कहा था कि पुणे का एक रेस्तरां बर्गर किंग ट्रेडमार्क का उल्लंघन कर रहा है। हाईकोर्ट ने जस्टिस ए.एस. चंदुरकर और राजेश पाटिल ने कहा कि वे छह सितंबर को मामले पर अगली सुनवाई करेंगे। तब तक पुणे की कोर्ट का 2012 का आदेश जारी रहेगा, जिसमें रेस्तरां को ‘बर्गर किंग’ नाम का इस्तेमाल करने से रोका गया था।

बर्गर किंग ने अपनी याचिका में कहा कि रेस्तरां द्वारा उसके नाम का इस्तेमाल करने से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है और उनकी छवि खराब हो रही है। पुणे की कोर्ट ने 2011 का मुकदमा खारिज कर दिया था, क्योंकि पुणे का रेस्टोरेंट 1992 से चल रहा था जबकि अमेरिकी कंपनी बर्गर किंग भारत में 1996 में आया था। बर्ग किंग ने हाईकोर्ट में यह भी दलील दी कि पुणे की कोर्ट ने गलती से मान लिया कि रेस्तरां ने नाम का उपयोग पहले किया था।

लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का एलान, शाह बोले- लोगों के लिए हरसंभव अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध

नई दिल्ली:  केंद्र सरकार ने लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का एलान कर दिया है। इनके नाम जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘एक विकसित और समृद्ध लद्दाख के निर्माण के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश में पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है। नए जिले जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे। हम हर नुक्कड़ और गली में शासन को मजबूत करके लोगों के लिए लाभ को उनके दरवाजे तक ले जाएंगे। मोदी सरकार लद्दाख के लोगों के लिए हरसंभव अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। इसके बाद लद्दाख एक केंद्र शासित प्रदेश बना गया था। दूसरा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर है। पांच साल पहले इसी दिन तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को भी निरस्त कर दिया गया था। केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण लद्दाख केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे प्रशासनिक नियंत्रण में आता है।

हाथों में हाथ डाले बेफिक्रे नजर आए तमन्ना भाटिया-विजय वर्मा, देखें रोमांस से सराबोर तस्वीरें

तमन्ना भाटिया और विजय वर्मा एक बार फिर से मुंबई में एक साथ नजर आए। दोनों रविवार रात मुंबई में एक साथ नजर आए। इस दौरान दोनों ने सफेद और नीले रंग के आउटफिट पहने हुए थे, जबकि विजय ने ऊपर से ग्रे जैकेट भी कैरी किया हुआ था।

तमन्ना भाटिया और विजय वर्मा ने एक साथ वेब सीरीज ‘लस्ट स्टोरीज 2’ में साथ काम किया था और तभी से ही उनके बीच रोमांस की चर्चाएं सामने आती रही हैं। तमन्ना और विजय एक-दूसरे के साथ अपने रिश्ते के बारे में काफी खुले विचार के हैं, तभी वह किसी की भी परवाह किए बगैर पब्लिक प्लेस पर एक-साथ हाथों में हाथ डाले नजर आ जाते हैं। यह जोड़ा अक्सर सार्वजनिक रूप से अपनी मौजूदगी से लोगों को आकर्षित करता रहा है। तमन्ना और विजय हाल ही में मुंबई में बाहर निकले तब पैपराजी ने इस प्रेमी जोड़े को अपने कैमरे में कैद कर लिया।

सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें तमन्ना भाटिया अपने कथित बॉयफ्रेंड विजय वर्मा के साथ बेहद खुश नजर आ रही हैं। रविवार रात को दोनों ने मुस्कुराते हुए पैपराजी को पोज दिए। इस दौरान दोनों ने एक कपल की तरह एक रंग की ड्रेस पहनी हुई थी।

पैसे न होने के कारण 70 किलोमीटर साइकिल से आते-जाते थे राजकुमार राव, मां को दिया अपनी सफलता का श्रेय

राजकुमार राव इन दिनों अपनी हाल ही में रिलीज हुई हॉरर-कॉमेडी ‘स्त्री 2’ की अपार सफलता का लुत्फ उठा रहे हैं। इसमें राजकुमार के साथ श्रद्धा कपूर, पंकज त्रिपाठी, अभिषेक बनर्जी और अपारशक्ति खुराना मुख्य भूमिका में हैं। ये 2018 की हिट फिल्म ‘स्त्री’ का सीक्वल है। अब हाल ही में, अभिनेता ने अपने संघर्ष के दिनों को लेकर कुछ दिलचस्प खुलासे किए हैं और बताया है कि शुरुआती वर्षों में दिल्ली में रहना उनके लिए काफी कठिन था।

हाल ही में, न्यूज 18 से बात करते हुए राजकुमार राव ने कहा, “मुझे दर्शकों से बहुत प्यार मिला है और उन्होंने मुझे वैसे ही स्वीकार किया है जैसा मैं हूं। मैं कहीं से भी नहीं आया हूं,” उन्होंने कहा कि वह साधारण बैकग्राउंड से आते हैं और अच्छे पैसे के साथ बड़े नहीं हुए। अभिनेता ने बताया, “मुझे बहुत सारे संदेश मिले हैं जो कहते हैं कि यह एक व्यक्तिगत जीत की तरह लगता है।”

अभिनेता ने आगे बताया कि उनका सफर आसान नहीं था, बल्कि कठिन था। राजकुमार ने याद किया कि दिल्ली में थिएटर के दिनों से ही उनकी मुश्किलें शुरू हो गई थीं। कई बार जब उनके पास ट्रांसपोर्ट लेने के लिए पैसे नहीं होते थे, तो वे 70 किलोमीटर साइकिल से आते-जाते थे।राजकुमार राव ने कहा, “फिर, FTII के बाद मुंबई आना। यह एक महंगा शहर है। इसलिए, यहां सिर्फ जीवित रहना ही एक चुनौती थी। मैं किसी को नहीं जानता था, कहां से शुरू करूं, किससे मिलूं। मैं अपना रास्ता खुद ही निकाल लेता था।”

श्रीकृष्ण जन्मभूमि में गेट 3 से मिलेगा प्रवेश, एक से होगी निकासी

मथुरा:  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर देश-विदेश से आ रहे लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि में प्रवेश एवं निकास के लिए दो द्वार निर्धारित किए हैं। प्रवेश द्वार के सामने बैरिकेडिंग लगाई गई है।

संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण जन्मस्थान में प्रवेश गोविंद नगर द्वार तीन से करेंगे, जबकि निकास जन्मस्थान के मुख्य द्वार एक से होगा। गोविंद नगर से मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। प्रवेश मार्ग पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए गए हैं। इससे श्रद्धालुओं को समय-समय पर निर्देश दिए जाएंगे। कतारबद्ध तरीके से मंदिर में प्रवेश मिलेगा। श्रीकृष्ण जन्म भूमि के सभी संपर्क मार्गों पर जूता घर और सामान घर बनाए गए हैं।

मंदिर में इन वस्तुओं के साथ नहीं मिलेगा प्रवेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि में प्रवेश करते समय श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार का सामान ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। जन्मभूमि में मोबाइल, कैमरा, रिमोट की रिंग, थैला, माचिस, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू,चाकू, ब्लेड आदि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सामान अपने साथ मंदिर में प्रवेश करते समय ले जाने पर रोक है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने इसके लिए जन्मभूमि के सभी संपर्क मार्गों पर सामान घर बनाए हैं। यहां श्रद्धालु सामान जमाकर कूपन प्राप्त कर सकते हैं। मंदिर से निकलने क बाद सामानघर में कूपन देकर अपना सामान वापस प्राप्त कर सकते हैं।

इन तीन स्थानों पर बनाए सामान व जूताघर
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा तीन स्थानों पर अतिरिक्त सामान घर व जूताघर बनाए हैं। सामान घर गोविंद नगर थाने के सामने पार्किंग में, श्री गोविंदम श्रीगर्तेश्वर मंदिर के निकट एवं गर्तेश्वर मंदिर के सामने राधापार्क में बनाए गए हैं। प्रत्येक सामान घर, जूताघर के साथ आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को प्राथमिक चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाए गए हैं।

मायावती ने की BJP की तारीफ, कांग्रेस की मंशा पर उठाए सवाल; पूछा-1995 में कहां थे?

लखनऊ:बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर एससी-एसटी आरक्षण को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र कर सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाए। मायावती ने आरोप लगाया कि केंद्र में सरकार होते हुए भी कांग्रेस ने अपना दायित्व नहीं निभाया था। इस दौरान मायवती ने भाजपा की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन्हें बचाया था।

मायावती ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट की। इसमें लिखा सपा जिसने 2 जून 1995 में बीएसपी द्वारा समर्थन वापिसी पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था तो इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? जबकि उस दौरान केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था।

मायावती ने कांग्रेस से किया सवाल
तभी फिर मान्य. कांशीराम जी को अपनी बीमारी की गम्भीर हालत में भी हॉस्पिटल छोड़कर रात को इनके मा. गृह मंत्री को भी हड़काना पड़ा था तथा विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी। क्योंकि उस समय केन्द्र की कांग्रेसी सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी, जो कुछ भी अनहोनी के बाद यहां यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी, जिनका यह षड़यंत्र बीएसपी ने फेल कर दिया था।

कांग्रेस को बीच-बीच में तकलीफ क्यों होती है?
मायावती ने आगे लिखा- साथ ही, उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से बीजेपी सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इंसानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया है तो इसकी कांग्रेस को बीच-बीच में तकलीफ क्यों होती रहती है, लोग सचेत रहें।
इसके इलावा, बीएसपी वर्षों से जातीय जनगणना के लिए पहले केंद्र में कांग्रेस पर और अब बीजेपी पर भी अपना पूरा दबाव बना रही है, जिसकी पार्टी वर्षों से इसकी पक्षधर रही है तथा अभी भी है। लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस SC, ST व OBC वर्गों का वाजिब हक दिला पाएगी? जो SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, जवाब दे।

‘अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर की मौत हो चुकी थी’, आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट में दावा

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के हत्यारोपी संजय रॉय ने पॉलीग्राफी टेस्ट में दावा किया है कि जब वह अस्पताल के सेमिनार हॉल में पहुंचा तो डॉक्टर की मौत हो चुकी थी। खुद को निर्दोष बताते हुए रॉय ने पॉलीग्राफी टेस्ट में कई और दावे किए।

सीबीआई अधिकारियों की मौजूदगी में प्रेसिडेंसी जेल में आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया। तीन घंटे तक चले टेस्ट में संजय रॉय ने कई चौंकाने वाले जवाब दिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी रॉय टेस्ट के दौरान काफी घबराया हुआ नजर आया। सीबीआई ने जब साक्ष्य पेश किए तो आरोपी ने कई बहाने भी बनाए।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक आरोपी कहा कि जब उन्होंने डॉक्टर को देखा तो वह मर चुकी थी। डर के चलते वह सेमिनार हॉल से भाग गए।वहीं मामले में कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था तो उसने दुष्कर्म और हत्या की बात कबूल की थी। कुछ दिनों पहले ही उसने अपने बयान बदले और दावा किया था कि उसे फंसाया जा रहा है। वह निर्दोष है।

आरोपी संजय रॉय ने जेल गार्डों से भी यही कहा था कि उसे दुष्कर्म और हत्या के बारे में कुछ भी नहीं पता। सियालदह एसीजेएम अदालत में भी उसने यही बयान देते हुए पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति जताई थी। हालांकि सीबीआई और पुलिस को उसके दावों में सच्चाई नजर नहीं आ रही है। एक अधिकारी के मुताबिक वह जांच को गुमराह कर रहा है, क्योंकि वह अपने चेहरे पर लगी चोट और अस्पताल में अपनी मौजूदगी को लेकर कोई जवाब नहीं दे सका।

क्या है मामला?
बता दें कि हत्या की घटना के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को चिकित्सक का शव मिला था, जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे। इस घटना के संबंध में रॉय को अगले दिन गिरफ्तार किया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली। कोर्ट ने निर्देश पर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य समेत पांच का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था।

मणिपुर में जबरन वसूली के आरोप में तीन उग्रवादी गिरफ्तार; चारपहिया वाहन और मोबाइल बरामद

इंफाल:  मणिपुर में प्रतिबंधित उग्रवादी समूह कांग्लेई यावोल कन्बा लूप (केवाईकेएल) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया ह। उन पर जबरन वसूली में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि गिरफ्तारियां शनिवार को इंफाल वेस्ट जिले के उचेकोन इलाके में की गईं।

बयान के मुताबिक, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनकी पहचान ओइनम मिलान सिंह (52), युमनाम रणबीर सिंह (51) और खैदम धनबीर मेइती (24) के रूप में हुई है। सभी इंफाल और उसके आसपास जबरन वसूली में शामिल थे। उनके पास से चार मोबाइल फोन और एक गाड़ी (चार पहिया) भी बरामद की है।

सेना प्रमुख ने मणिपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी
इससे पहले थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मणिपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी। सेना ने बीते शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया था कि सेना प्रमुख ने पूर्वी सेना कमांडर के साथ सीमा पर सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र में आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।

सेना और असम राइफल्स के प्रयासों की सराहना थी
इसमें कहा गया था कि जनरल द्विवेदी ने क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने की दिशा में किए जा रहे भारतीय सेना और असम राइफल्स के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ भी बातचीत की और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान की सराहना की। साथ ही उनसे शांति की दिशा में योगदान देने और समुदायों के बीच मित्रता फैलाने में भूमिका निभाते रहने का आग्रह किया।

बीरेन सिंह से भी की थी मुलाकात
इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य की वर्तमान स्थिति से संबंधित अहम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को राज्य सचिवालय में जनरल द्विवेदी के साथ बैठक की थी। बयान में कहा गया था कि थलसेना प्रमुख ने क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए भारतीय सेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को लेकर मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया।