Sunday , October 27 2024

Editor

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आज हुआ बदलाव, यहाँ चेक करें ताजा रेट

ग्‍लोबल मार्केट में कच्‍चे तेल की कीमतों में जारी उछाल पर आज विराम लगा और ब्रेंट क्रूड का भाव पिछले 24 घंटे में करीब एक डॉलर नीचे आया है. इस बीच गुरुवार सुबह सरकारी तेल कंपनियों की ओर से जारी पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में भी बदलाव दिख रहा है और आज यूपी सहित कई राज्‍यों में तेल के खुदरा रेट नीचे आ गए हैं.

 दिल्‍ली-मुंबई जैसे देश के चारों महानगरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.जबकि डीजल 17 पैसे गिरकर 95.09 रुपये लीटर पहुंच गया है. यूपी के गौतमबुद्ध नगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा) जिले में आज पेट्रोल 27 पैसे टूटकर 96.65 रुपये लीटर पहुंच गया है.

डीजल 26 पैसे गिरकर 89.82 रुपये लीटर बिक रहा है. कच्‍चे तेल की बात करें तो पिछले 24 घंटे के दौरान इसकी कीमतों में गिरावट आई है. ब्रेंट क्रूड का भाव करीब 1 डॉलर गिरकर 83.26 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है.

चारों महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम

– दिल्ली में पेट्रोल 96.65 रुपये और डीजल 89.82 रुपये प्रति लीटर

– मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर

– कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर

– नोएडा में पेट्रोल 96.65 रुपये और डीजल 89.82 रुपये प्रति लीटर हो गया है.

– गाजियाबाद में पेट्रोल 96.58 रुपये और डीजल 91.31 रुपये प्रति लीटर हो गया है.

– पटना में पेट्रोल 108.71 रुपये और डीजल 94.09 रुपये प्रति लीटर हो गया है.

– गुरुग्राम में पेट्रोल 96.89 रुपये और डीजल 89.76 रुपये प्रति लीटर हो गया है.

वरिष्ठ कार्यकारी के पदों पर यहाँ निकली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई

भारतीय प्रबंधन संस्थान, नागपुर  में नौकरी  पाने का एक शानदार अवसर निकला है। IIM, NAGPUR ने वरिष्ठ कार्यकारी के पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे हैं।

 महत्वपूर्ण तिथियां

ऑनलाइन आवेदन करने की आखरी तारीख- 11 जनवरी 2023

लोकेशन- नागपुर

 पदों का विवरण

पदों की कुल संख्या-वरिष्ठ कार्यकारी – 1 पद

 योग्यता 

मान्यता प्राप्त संस्थान से पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री पास हो और अनुभव हो

 उम्र सीमा 

उम्मीदवारों की आयु 30 वर्ष मान्य होगी।

चयन प्रक्रिया 

साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा।

 आवेदन कैसे करें

इच्छुक और योग्य उम्मीदवार IIM, NAGPUR की आधिकारिक वेबसाइट (iimnagpur.ac.in) के माध्यम से 11 जनवरी 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। इस सबंध में विस्तृत जानकारी के लिए आप ऊपर दिए गए आधिकारिक अधिसूचना को देखें।

NCL ने वरिष्ठ परियोजना सहयोगी के पदों पर निकाली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई

राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला में नौकरी  पाने का एक शानदार अवसर निकला है। NCL ने वरिष्ठ परियोजना सहयोगी के पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे हैं।

इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार जो इन रिक्त पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे NCLकी आधिकारिक वेबसाइट ncl-india.org पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण तिथियां

ऑनलाइन आवेदन करने की आखरी तारीख- 5 जनवरी 2023

पदों का विवरण- 1 पद

योग्यता- मान्यता प्राप्त संस्थान से कैमिस्ट्री में स्नातकोत्तर डिग्री पास हो और अनुभव हो

उम्र सीमा- उम्मीदवारों की आयु 42 वर्ष मान्य होगी.

चयन प्रक्रिया- लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा।

आवेदन कैसे करें- इच्छुक और योग्य उम्मीदवार NCLकी आधिकारिक वेबसाइट (ncl-india.org) के माध्यम से 5 जनवरी 2022 तक आवेदन कर सकते हैं। इस सबंध में विस्तृत जानकारी के लिए आप ऊपर दिए गए आधिकारिक अधिसूचना को देखें।

 

क्या आपकी भी हैं ऑयली स्किन तो दही रहेगा आपके लिए लाभदायक

हर किसी की स्किन अलग अलग तरह की होती है. स्किन की प्रकृति के हिसाब से ही अलग अलग तरह से स्किन की देखभाल की जरूरत होती है. अगर आपकी त्वचा ऑयली है तो आपको खासतौर पर इसकी देखभाल करनी पड़ेगी क्योंकि ये ज्यादा एक्टिव होती है.

 

ऑयली स्किन वाले लोगों के रोमछिद्रों से अधिक तेल निकलता है जिसकी वजह से वो चेहरे पर दिखने लग जाता है. इसकी वजह से महिलाओं को कई बार अपना चेहरा धोने की भी जरूरत पड़ जाती है. जानिए आयली स्किन की देखभाल के तरीके.

दही, जी हां यह आपके किचन में आसानी से मिल जाता है. दही आपके स्वास्थ्य के साथ स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है. आइए जानते हैं दही का इस्तेमाल कर बालों और स्किन को फायदा मिल सकता हैं.

दही में एंटी इफ्लेमेटरी गुण होते है जो सन बर्न और टैनिंग की समस्या को दूर करने का काम करता है. सन बर्न को कम करने के लिए दही को त्वचा पर लगाएं और करीब 15 मिनट बाद स्किन प्राब्लम को दूर करने में मदद करता है.

टैन को हटाने के लिए आप दही में 3 से 4 चम्मच बेसन और नींबू का रस मिलाएं. अब आप इस पेस्ट को टैन एरिया पर लगाएं और सूखने दें. जब मिश्रण अच्छी तरह से सूख जाए तो पानी से धो लें. आपको मिनटों में परिणाम दिखेगा.

दही सबसे बढ़िया मॉश्चराइजर है. यह आपकी स्किन को नेचुरली मॉश्चराइज करने का काम करता है. आप इसमें एक चम्मच शहद और दो चम्मच दही मिलाएं. इस मिश्रण को लगाने के कुछ समय बाद धो लें. इसे लगाने से आपकी त्वचा हाइड्रेटड और मॉश्चराइज दिखेगी.

 

सर्दियो में अपनी स्किन टाइप के अनुसार यूँ रखें इसका खास ख्याल

ठंड के मौसम में अक्सर आलस खा जाते हैं या ठंड अधिक होने पर लोग हाथ मुंह बार बार धोने तक को अवॉइड करने लगते हैं. लेकिन ऐसा नहीं करने पर आपकी स्किन बेकार हो जाती है. यही कारण है कि सर्दियों में स्किन संबंधी कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं.

 

सर्दियों के मौसम में लोग आलस के कारण से स्किन का ख्याल रखना कम कर देते हैं. हालांकि ऐसा किसी को नहीं कराना चाहिए. गर्मियों की तरह से सर्दियो में भी स्किन को खास देखभाल की जरूरत होती है.

1. ड्राय स्किन 

अगर आपकी त्वचा ड्राय होती है तो साफ है कि आपकी त्वचा में ऑयल की कमी होती है, जिस वजह से स्किन पर क्रीम लगाने के बाद भी वह बहुत जल्दी रूखी हो जाती है. ऐसी स्किन पर क्रीम ज्यादा देर तक काम नहीं करती है.

2. ऑयली स्किन 

कई लोगों की स्किन सर्दियों में भी ऑयली होती है. इस तरह की त्वचा चेहरे पर ऑयली छोड़ती है. जिस कारण से क्रीम लगाने के बाद इस स्किन वाले लोगों का चेहरा चिपचिपा सा हो जाता है. ऑयली स्किन पर धूल-मिट्टी, पिंपल्स की समस्या अधिक होती है.

3. सेंसेटिव स्किन 

सेंसटिव स्किन वाले लोगों को सर्दी के मौसम में इचिंग की समस्या हो सकती है, ऐसी स्किन वालों को बहुत ही सतर्कता से अपने लिए क्रीम चुननी चाहिए, क्योंकि इस स्किन पर अधिकांश क्रीम से एलर्जी हो सकती है.

 

आज नाश्ते में घर पर बनाए ब्रेड डोसा, देखें इसकी रेसिपी

ब्रेड डोसा बनाने के लिए सामग्री-
-8- 9 ब्रेड स्लाइस
-एक चौथाई कप चावल का आटा

-2 बड़े चम्मच बेसन
-एक चौथाई कप दही
-आधा छोटा चम्मच फ्रूट सॉल्ट/ ईनो/ छोटा चम्मच बेकिंग सोडा
-डोसा बनाते समय आवश्यकतानुसार तेल

-1 छोटा चम्मच तेल
-एक चौथाई छोटा चम्मच राई
-आधा छोटा चम्मच जीरा
-1 छोटा चम्मच कटा हुआ करी पत्ता
-एक चुटकी हींग

ब्रेड डोसा बनाने की विधि- ब्रेड डोसा बनाने के लिए सबसे पहले ब्रेड स्लाइस तोड़कर उन्हें ग्राइंडर जार में डालकर उसके ब्रेडक्रंब बना लें। अब इसमें चावल का आटा, बेसन, दही और पानी डालकर स्मूद बैटर बना लें। अब इस बैटर को बाउल में निकाल लें। ध्यान रखें इसकी कंसिस्टेंसी डोसा बैटर की तरह होनी चाहिए।

इसे अच्छी तरह मिक्स करके फिर तड़के को डोसे के घोल में डालकर अच्छी तरह मिला लें।बैटर पर 1/2 टी-स्पून फ्रूट सॉल्ट या ईनो डालकर मिक्स कर लें। अब एक तवा गरम करें। आंच धीमी रखें और फिर एक करछी की मदद से घोल लें।बैटर को धीरे से गोल गोल आकार में फैलाएं। धीमी आंच पर डोसा फैलाएं। डोसे को धीमी से मध्यम आंच पर पकाएं।

जब ऊपर वाला भाग पक जाए तो डोसे पर थोडा़ सा तेल लगाकर पलटें और फिर दूसरी तरफ से आधा से एक मिनट तक पकाएं। ब्रेड डोसा को मोड़कर नारियल की चटनी और सांभर के साथ परोसें।

स्टाइलिंग की वजह से बाल हो गए हैं खराब तो यूँ बनाए हीट प्रोटेक्टेंट

बालों को स्टाइलिंग करने के लिए हीट का इस्तेमाल किया जाता है। हीट का इस्तेमाल करने से बाल डैमेज हो जाते हैं। स्टाइलिंग टूल का यूज करने से बाल रफ और बेजान हो जाते है।आप घर पर हीट प्रोटेक्टेंट बना सकते हैं। चलिए जानते हैं घर पर कैसे बनाएं हीट प्रोटेक्टेंट।

 

नारियल तेल से हीट प्रोटेक्टेंट बनाने के लिए एक पानी में एक चम्मच नारियल तेल मिलाएं। इसके बाद पानी छानकर स्प्रे बोतल में भर लें। इसके बाद इसमें बादाम तेल की बूंदे मिलाएं। बादाम तेल बालों को चमक देने में मदद करता है। इसके बाद इस मिश्रण में एक चम्मच कंडीशनर मिलाएं। इससे आपके बाल मुलायम और शाइनी नजर आएंगे।

हीट प्रोटेक्टेंट बनाने के लिए एक कप पानी लें। पानी में एक चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं। पानी और जेल को अच्छे से मिला लें। इसके बाद इस मिश्रण में 4 से 5 बूंदे ऑलिव ऑयल की मिलाएं। इसके बाद इस मिश्रण को हेयर स्प्रे बोतल में डालें। बालों में हीट यूज करने से पहले आप एलोवेरा जेल हीट प्रोटेक्टेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Digestion problem से आपको हमेशा के लिए निजात दिलाएगी अजवाइन

हमारे किचन में पाए जाने वाले सबसे कॉमन मसालों में से एक है अजवाइन  जिसका इस्तेमाल अक्सर हम पेट दर्द या पाचन से जुड़ी दिक्कतों  को दूर करने के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर करते हैं.

 

लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आयुर्वेद  में अजवाइन को महत्वपूर्ण औषधि के रूप में माना जाता है. अजवाइन पाचन के अलावा सेहत से जुड़ी कई दिक्कतों को दूर कर सकती है और खासकर महिलाओं के हर महीने की पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों को भी दूर कर सकती है अजवाइन. बस आप अजवाइन की चाय  पीना शुरू कर दें.

यह फॉस्फोरस, आयरन, सोडियम व पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों का भंडार है। इनके अलावा इसमें प्रोटीन, फैट, फाइबर और मिनरल जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और निकोटिनिक एसिड होता है।

महिलाएं यूरिन इंफेक्‍शन आम समस्या है। अजवाइन की चाय पीने से इस समस्‍या से निजात पाई जा सकती हैं। इसके अलावा इसके सेवन से गले की समस्या से भी राहत पाई जा सकती है।

स्‍तनपान कराने के दौरान अजवाइन की चाय लाभकारी हो सकती है। अजवाइन के गुणों के कारण यह गर्भाशय को साफ करने और दूध उत्‍पादन में वृद्धि करने में मदद करता है। इस प्रकार अजवाइन के पानी के साथ कई स्‍वास्‍थय लाभ प्राप्‍त किये जा सकते हैं।

मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने खानपान का रखना चाहिए विशेष ध्यान

टाइप 2 मधुमेह जीवनशैली से संबंधित एक रोग है, जिसमें फैट की चर्बी एक प्रमुख जोखिम कारक की किरदार निभाता है. टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए एक स्वस्थ बीएमआई बनाए रखना जरूरी शर्त है. खासकर जब आपके पास परिवार में मधुमेह के इतिहास जैसे अन्य जोखिम कारक हों.

जिन खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, उन्हें टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों द्वारा सेवन की सलाह दी जाती है.पाैष्टिक और संतुलित आहार से बहुत ज्यादा हद तक डायबीटिज के खतरे को घटाया जा सकता है. जैसे की बादाम, मधुमेह रोगियों के लिए बादाम का सेवन विशेष फायदेमंद हाेता है. आइए जानते हैं बादाम खाने के फायदाें के बारे में :-

टाइप 2 मधुमेह में बादाम खाने के फायदे 
बादाम पारंपरिक रूप से भारतीय आहार का एक भाग रहा है. सभी मां व दादी हमें बादाम खाने के लिए कहती हैं क्योंकि यह ब्रेन क्षमता बढ़ाता है. इसके अतिरिक्त मधुमेह के प्रबंधन में भी बादाम जरूरी किरदार निभाता है. बादाम में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 0 होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बिल्कुल भी नहीं बढ़ाएगा. हालांकि, बादाम फाइबर, विटामिन व खनिजों में समृद्ध है, जो शरीर को उचित पोषण सुनिश्चित करेगा.

How to Use Almonds in type 2 Diabetes
बादाम को रात भर भिगो कर खाना स्वास्थ्य वर्धक होता है. हालांकि, सर्दियों में, बादाम को घी में भुना जा सकता है, स्वादिष्ट स्नैक के तौर पर आप उन पर थोड़ा नमक छिड़क सकते हैं. शरीर को गर्म रखने के लिए सर्दियों के मौसम में बादाम को दूध में मिलाकर भी सेवन किया जाता है. यदि आप मधुमेह प्रबंधन के लिए पेय का सेवन कर रहे हैं, तो चीनी न डालें.

टाइप 2 मधुमेह जीवनशैली से संबंधित एक रोग है, जिसमें फैट की चर्बी एक प्रमुख जोखिम कारक की किरदार निभाता है. टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए एक स्वस्थ बीएमआई बनाए रखना जरूरी शर्त है. खासकर जब आपके पास परिवार में मधुमेह के इतिहास जैसे अन्य जोखिम कारक हों.

जिन खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, उन्हें टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों द्वारा सेवन की सलाह दी जाती है.पाैष्टिक और संतुलित आहार से बहुत ज्यादा हद तक डायबीटिज के खतरे को घटाया जा सकता है. जैसे की बादाम, मधुमेह रोगियों के लिए बादाम का सेवन विशेष फायदेमंद हाेता है. आइए जानते हैं बादाम खाने के फायदाें के बारे में :-

टाइप 2 मधुमेह में बादाम खाने के फायदे 
बादाम पारंपरिक रूप से भारतीय आहार का एक भाग रहा है. सभी मां व दादी हमें बादाम खाने के लिए कहती हैं क्योंकि यह ब्रेन क्षमता बढ़ाता है. इसके अतिरिक्त मधुमेह के प्रबंधन में भी बादाम जरूरी किरदार निभाता है. बादाम में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 0 होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बिल्कुल भी नहीं बढ़ाएगा. हालांकि, बादाम फाइबर, विटामिन व खनिजों में समृद्ध है, जो शरीर को उचित पोषण सुनिश्चित करेगा.

How to Use Almonds in type 2 Diabetes
बादाम को रात भर भिगो कर खाना स्वास्थ्य वर्धक होता है. हालांकि, सर्दियों में, बादाम को घी में भुना जा सकता है, स्वादिष्ट स्नैक के तौर पर आप उन पर थोड़ा नमक छिड़क सकते हैं. शरीर को गर्म रखने के लिए सर्दियों के मौसम में बादाम को दूध में मिलाकर भी सेवन किया जाता है. यदि आप मधुमेह प्रबंधन के लिए पेय का सेवन कर रहे हैं, तो चीनी न डालें.

दांतों की सफाई और चमक का ख्याल रखने के लिए फायदेमंद हैं दातुन

आपके चेहरे की खूबसूरती सिर्फ आपकी आंखें या आपके होेंठ ही बयां नहीं करते हैं. आपके चेहरे और मुस्कान को सुंदर बनाते हैं आपके चमचमाते मोती जैसे दांत. दांतों का पीलापन इसी खूबसूरती पर ग्रहण लगा सकता है.

चेहरे के साथ ही अपनी मुस्कान को भी तरोताजा रखने के लिए अपने दांतों की सफाई और चमक का ख्याल रखना भी जरूरी है.मसूड़ों के लिए नुकसानदायक ब्लीच में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड होता है, इस वजह से इससे मसूड़ों पर जलन होने लगती है इसलिए इसका इस्तेमाल अधिक नहीं करना चाहिए.

ज्यादा उपयोग करने से मसूड़ों में जलन या घाव की समस्या लंबे समय तक बने रहना नुकसानदायक हो सकता है. इसके अधिक उपयोग से मसूड़े कमजोर भी होते हैं.

यदि हम दिनभर टीवी देखें तो पाएंगे कि कई कंपनियों के टूथपेस्ट के विज्ञापन अलग-अलग तरह से ग्राहकों को लुभाते नजर आएंगे. हर टूथपेस्ट कंपनी खुद को अलग और बेहतर साबित करती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि बीते जमाने में दांतों को कैसे स्वस्थ और स्वच्छ रखा जाता था.

आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी दातुन के बारे में जिनके नियमित इस्तेमाल से आपके दांतों की बीमारी तो दूर होगी, साथ में प्राकृतिक रूप से दांतों में चमक और खूबसूरती भी आएगी.