Thursday , October 24 2024

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आंध्र प्रदेश हादसे की वजह बना तरल पदार्थ! अधिकारियों ने बताया किस वजह से गई 17 लोगों की जान

विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश में फार्मा कंपनी में हुए विस्फोट मामले में एक अधिकारी ने कहा है कि एक संदिग्ध तरल पदार्थ के लीक होने की वजह से हादसा हुआ। अनकापल्ली जिले की जिलाधिकारी विजया कृष्णन ने कहा है कि हादसे की असल वजह के बारे में अभी भी जांच चल रही है, लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि फार्मा कंपनी में एक तरल पदार्थ लीक हुआ और पाइपों से वह इलेक्ट्रिक पैनल में फैल गया, जिसकी वजह से हादसा हुआ।

अधिकारियों ने बताया कैसे हुआ हादसा
जिलाधिकारी ने बताया कि हादसे में मृतकों की संख्या 17 है और बुधवार के मुकाबले इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट्स में कंपनी के रिएक्टर में विस्फोट होने की बात कही जा रही है। अब अधिकारियों ने बताया कि लीक तरल पदार्थ एक तल से दूसरे तल तक फैल गया, जिसकी वजह से विस्फोट हुआ। राज्य के उपमुख्यमंत्री कोनिडाला पवन कल्याण ने भी इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा की है। हादसे में प्रभावित लोगों की त्वचा रसायन गिरने की वजह से बुरी तरह जल गई थी। हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

घायलों से मिले सीएम चंद्रबाबू नायडू
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को हादसे में घायल लोगों से विशाखापत्तनम के अस्पताल में मुलाकात की। इस दौरान सीएम ने घायल कर्मचारियों से बात की और साथ ही डॉक्टर्स से भी चर्चा की। इसके बाद वह हादसे का शिकार हुई इसेंसिया एडवांस्ड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड भी गए और घटनास्थल का दौरा किया। बता दें कि इसी कंपनी में बुधवार को हुए हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 33 लोग घायल हुए थे।

कंपनी की शुरुआत साल 2019 में हुई थी और इस कंपनी में रसायनों और दवाईयों में इस्तेमाल होने वाले तत्वों (एपीआई) का उत्पादन किया जाता है। करीब 40 एकड़ इलाके में फैली यह कंपनी सेज में स्थित है और इसके लिए कंपनी ने 200 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

पोलैंड में बोले पीएम मोदी- हमारे संबंध बेहतर हो रहे हैं, यूक्रेन संघर्ष के दौरान मदद के लिए जताया आभार

पीएम मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया। वहीं पोलैंड के पीएम के संबोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी कहा- मैं प्रधानमंत्री टस्क के इस सुंदर शहर वारसॉ में उनके शब्दों और गर्मजोशी से भरे स्वागत के लिए उनका बहुत आभारी हूं। भारत-पोलैंड मैत्री को मजबूत करने के लिए आपके अमूल्य प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं। मैं आपके योगदान के लिए तहे दिल से आपका धन्यवाद करता हूं। प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड टस्क से कहा आप लंबे समय से भारत के अच्छे मित्र रहे हैं। भारत और पोलैंड की मित्रता को मजबूत करने में आपका बहुत बड़ा योगदान है।

यूक्रेन संकट में पोलैंड ने दिखाई उदारता- पीएम
पीएम ने अपने संबोधन में कहा आज 45 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा किया है। मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरूआत में ही मुझे ये सौभाग्य मिला है। इस अवसर पर मैं पोलैंड की सरकार और यहां के लोगों का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। 2022 में यूक्रेन संकट के दौरान फंसे हुए भारतीय छात्रों को निकालने के लिए आपने जो उदारता दिखाई, उसे हम भारतवासी कभी नहीं भूल सकते हैं।

‘हम मना रहे राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ’
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा आज का दिन भारत और पोलैंड के संबंधों में विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हमने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। भारत और पोलैंड के संबंध लोकतंत्र और कानून का राज जैसे साझा मूल्यों पर आधारित हैं। भारत और पोलैंड अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते रहे हैं। हम दोनों सहमत हैं कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में रिफॉर्म वर्तमान समय की मांग है।

गुजरात में सदन से वॉकआउट करने पर कांग्रेस के 11 विधायक निलंबित, सवाल पूछने की नहीं मिली थी इजाजत

अहमदाबाद:गुजरात विधानसभा स्पीकर ने गुरुवार को विपक्षी पार्टी कांग्रेस के 11 विधायकों को वॉकआउट करने पर एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। तीन दिन के मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्षी पार्टी के विधायकों ने कुछ प्रश्न पूछना चाहते थे, लेकिन स्पीकर शंकर चौधरी ने उनकी मांग खारिज कर दी। इसके बाद कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट करने लगे। विधायकों के वॉकआउट करने के बाद स्पीकर ने उन सभी को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया।

इससे पहले कांग्रेस नेता अमित चावड़ा और अन्य ने ‘राजकोट अग्निकांड पीड़ितों को न्याय दो’, ‘ड्रग्स की समस्याओं पर अंकुश लगाओ’ और ‘भूमि माफिया के खिलाफ कार्रवाई करो’, जैसे नारे लिखी तख्तियां दिखाईं। चावड़ा ने बताया कि पार्टी ने मानसून सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा सचिवालय को 12 अल्पसूचित सौंपे थे, लेकिन उनमें से एक भी प्रश्न पर चर्चा नहीं की गई। कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “आज जिन दो पश्नों पर चर्चा की गई वे भाजपा विधायकों के थे। हमें यह तक नहीं बताया गया कि हमारे पश्नों को क्यों नहीं लिया गया। हम भाजपा सरकार और उनके मंत्री से स्पष्टीकरण की मांग करते हैं।”

कांग्रेस विधायकों ने किया वॉकआउट
वरिष्ठ कांग्रेस विधायक शेलेष परमार ने दावा किया कि दाहोद में कृषि भूमि की विवादस्पद बिक्री के बारे में पार्टी विधायक गुलाबसिंह चौहान द्वारा पूछे गए सवाल को अंतिम क्षण में खारिज कर दिया गया। स्पीकर ने बताया कि अल्पसंख्यक प्रश्नों को संबंधित मंत्री की सहमति का बाद ही चर्चा के लिए चुना जाएगा। मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने स्पष्ट किया कि चौहान द्वारा उठाया गया मुद्दा विचाराधीन था और इसे कोर्ट के समक्ष इस पर चर्चा करना सही नहीं है। स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं होने पर चावड़ा और अन्य नेताओं ने तख्तियां दिखाना शुरू किया और सदन से वॉकआउट कर गए।

बीजेपी ने स्वास्थ्य भवन तक निकाला विरोध मार्च, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि बंगाल भाजपा पीड़िता के लिए न्याय और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा लड़ाई लड़ रही है। न्याय होना चाहिए और मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।

भाजपा ने कोलकाता के पूर्वी इलाके में निकाला मार्च
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के विरोध में आज कोलकाता के पूर्वी इलाके में मार्च निकाला। भाजपा ने दोपहर को हुडको क्रॉसिंग से स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाला। स्वास्थ्य भवन साल्ट लेक में स्थित है और यह राज्य के स्वास्थ्य विभाग का मुख्यालय है।

सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही सरकार: दिलीप घोष
पार्टी नेता दिलीप घोष ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए और न्याय मिले। राज्य सरकार और राज्य स्वास्थ्य विभाग सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग और आर जी कर अस्पताल ने सबूत मिटाने की कोशिश की है।’’

मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘‘हमें न्याय चाहिए’’ के नारे लगाए और एक साथ मार्च किया। भाजपा की राज्य इकाई के शीर्ष नेताओं ने मार्च का नेतृत्व किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को स्वास्थ्य भवन तक मार्च करने से रोकने के लिए साल्ट लेक में इंदिरा भवन के पास बैरिकेड्स लगा दिए थे।

पुलिस ने भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया
महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और विधायक अग्निमित्रा पॉल सहित भाजपा नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। इससे पहले पॉल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, हमारी केवल एक ही मांग है कि ममता बनर्जी पद से इस्तीफा दें।

‘कानूनी बहस में सोशल मीडिया का प्रयोग…’, वकील से ऐसा क्यों बोले CJI चंद्रचूड़

नई दिल्ली: कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है। इस बीच, मामले पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने वकील से कहा कि वह अदालत में कानूनी बहस में सोशल मीडिया का उपयोग न करें।

दरअसल, मामले पर बहस के दौरान वकील ने कहा, “मीलॉर्ड..बताया जा रहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (पीएमआर) में 151 (मिलीग्राम वीर्य) का जिक्र है।” इस पर सीजेआई ने कहा, “इसे (कोर्ट को) भ्रमित मत करिए। अदालत में बहस करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग न करें। अब हमारे सामने खासतौर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट है। हमें पता है कि 151 का क्या मतलब है। जो हम मीडिया में पढ़ते हैं, उसका उपयोग न करें, उसे आधार बनाकर कानूनी दलील न दें।”

इससे पहले शीर्ष अदालत ने दुष्कर्म और हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही पर नाराजगी की जाहिर की। अदालत ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बेहद हैरानी भरा है कि मृतका का पोस्टमार्टम नौ अगस्त को शाम 6:10 बजे से 7:10 बजे के बीच हुआ। इसके बाद रात 11:30 बजे अप्राकृतिक मौत का पंजीकरण किया गया। जबकि नियम के मुताबिक पोस्टमार्टम अप्राकृतिक मौत के पंजीकरण से पहले होता है।

उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि ऐसा कैसे हो सकता है? यह बेहद परेशान करने वाला तथ्य है। अदालत ने दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज करने वाले कोलकाता पुलिस अधिकारी को अगली सुनवाई में हाजिर होने का निर्देश देते हुए मामला दर्ज करने के समय की जानकारी देने को कहा।

ठाणे में बच्ची के यौन उत्पीड़न के आरोप में एक गिरफ्तार; रामगिरि महाराज के खिलाफ FIR दर्ज

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उस पर सार्वजनिक शौचालय में आठ वर्षीय एक लड़की का यौन उत्पीड़न करने के आरोप है। एक अधिकारी ने बताया कि 35 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक जुलाई से 20 अगस्त के बीच वारदात को अंजाम दिया। उसने लड़की को धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो वह उसे नुकसान पहुंचाएगा। नाबालिग की मां ने अपनी बेटी से कथित यौन उत्पीड़न के बारे में जानने के बाद अंबरनाथ पश्चिम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। स्थानीय अदालत ने आरोपी को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

वहीं, पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम धर्म के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पुणे में हिंदू धार्मिक नेता रामगिरि महाराज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि शोएब शेख नामक व्यक्ति की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धारा के तहत खडक थाने में मामला दर्ज कराया गया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि महाराज ने जानबूझकर समाज में दरार पैदा करने और दंगे कराने के लिए आपत्तिजनक बयान दिया।

सोशल मीडिया पर नाबालिग लड़की से की दोस्ती, किया दुष्कर्म
मुंबई में एक युवक को 13 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। लड़की से उसकी दोस्ती सोशल मीडिया पर हुई थी। वकोला पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि लड़की से दुष्कर्म करने के बाद आरोपी युवक (21) उसे गुजरात ले गया। आरोपी शहर के गोरेगांव इलाके में एक होटल में काम करता है।लड़की के परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन लड़की खुद ही घर लौट आई और उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया।

भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता से लें सीख, ताकि आपकी दोस्ती की भी दी जाए मिसाल

कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जा रही है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित है, जिनका संपूर्ण जीवन एक सीख है। पुत्र, प्रेमी, मित्र, राजा, सारथी न जानें कितने गुणों से युक्त श्रीकृष्ण की लीलाएं कुछ न कुछ सीख जरूर देती हैं। श्रीकृष्ण के एक सखा थे, जिनका नाम सुदामा था। सुदामा एक निर्धन ब्राह्मण थे जबकि कृष्ण द्वारका के राजा, पर दोनों की मित्रता की मिसाल आज तक दी जाती है।

भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती भारतीय संस्कृति में सच्ची मित्रता का प्रतीक मानी जाती है। उनकी दोस्ती न केवल आदर्श थी, बल्कि उसमें कुछ ऐसे गुण भी थे जो हर मित्रता को मजबूत और स्थायी बना सकते हैं। कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की पांच महत्वपूर्ण बातें या गुण अपनाए जा सकते हैं।

निस्वार्थ दोस्ती

श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती में कोई स्वार्थ नहीं था। वे बचपन के मित्र थे। सुदामा गरीब थे लेकिन उन्होंने कृष्ण से किसी प्रकार की सहायता की अपेक्षा नहीं की। श्रीकृष्ण ने भी कभी अपनी अमीरी का घमंड नहीं किया।

उनकी दोस्ती ये सिखाती है कि मित्रता में लालच नहीं होना चाहिए। बिना किसी स्वार्थ के दोस्ती का रिश्ता सच्चा होता है।

भरोसा

सुदामा ने भगवान कृष्ण पर अटूट विश्वास रखा। उन्होंने अपने मित्र से गरीबी के संघर्ष साझा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। कृष्ण ने भी सुदामा पर विश्वास जताते हुए उनकी मदद के लिए तत्परता दिखाई। उनकी मित्रता हमें सिखाती है कि दोस्ती भरोसे पर टिका रिश्ता है। दोस्तों के बीच विश्वास होना चाहिए, इससे कोई भी कठिनाई उनके रिश्ते को कमजोर नहीं कर सकती है।

समानता का भाव

भगवान श्रीकृष्ण द्वारका के राजा थे लेकिन सुदामा के साथ आर्थिक स्थिति के आधार पर कभी भेदभाव नहीं किया। सुदामा जब कृष्ण से मिलने द्वारका गए तो उनका स्वागत उसी प्रेम और सम्मान के साथ किया जैसे किसी अन्य मित्र का करते। दोस्ती में गरीबी अमीरी का कोई महत्व नहीं होता। दो दोस्त समान होते हैं।

समर्पण

सुदामा जब अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए द्वारका गए तो उनके पैरों में छाले पड़ गए। जब कृष्ण ने ये देखा तो मित्र की तकलीफ से उन्हें भी दर्द महसूस हुआ। उन्होंने समर्पण भाव से सुदामा के जख्मों को धोया और मलहम लगाया।

दोस्त की खुशी में खुश होना

सुदामा और कृष्ण एक दूसरे के सुख -दुख को अपना समझते थे। सुदामा अपने बचपन के मित्र कृष्ण को द्वारका के राजा के रूप में देखकर खुश थे तो वहीं कृष्ण ने सुदामा द्वारा लाए तीन मुट्ठी चावल को पाकर खुशी जाहिर की। दोनों की एक दूसरे की खुशी में खुश होना जानते थे। सच्ची दोस्ती में भी ईर्ष्या का कोई स्थान नहीं, बल्कि दोस्त की खुशी में खुश होना है।

चेहरे से मेकअप हटाने का सही तरीका जानती हैं ? अगर नहीं तो जरूर पढ़े ये खबर

अक्सर जब हम कहीं बाहर से आते हैं तो मेकअप हटाने के लिए सीधा मेकअप रिमूवर का इस्तेमाल करते हैं। इससे मेकअप पूरी तरह से साफ हो जाता है। सिर्फ मेकअप रिमूवल इस्तेमाल करने के बाद हम सो जाते हैं जबकि ऐसा करना आपकी त्वचा को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।

चेहरे से मेकअप हटाने के लिए आपको एक पूरी प्रक्रिया का सही से पालन करना चाहिए। बहुत सी महिलाओं को तो इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी ही नहीं है।

इसी के चलते यहां हम आपको मेकअप हटाने का सही तरीका बताने जा रहे हैं, ताकि चेहरे से मेकअप पूरी तरह से हट जाए और आपका चेहरा हाइड्रेट भी रहे। इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है। अगर आप इन बातों का ध्यान नियमित रूप से रखेंगी तो आपकी त्वचा मेकअप की वजह से कभी खराब नहीं दिखेगी, ना इसमें नमी की कमी होगी।

सबसे पहले हाथ धोएं

चेहरे से मेकअप हटाना चाहती हैं तो सबसे पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें ताकि गंदगी और बैक्टीरिया चेहरे पर न जाएं।

मेकअप रिमूवर का उपयोग करें

हाथ धोने के बाद सबसे पहले आंखों और होंठों के मेकअप को हटाने के लिए एक जेंटल मेकअप रिमूवर का उपयोग करें। ये त्वचा संवेदनशील होती है, इसलिए इसे धीरे-धीरे और सावधानी से साफ करें। ध्यान रखें कि रिमूवर आंखों के अंदर न जाए।

क्लीनिंग ऑयल

आंख और होंठ साफ करने के बाद चेहरे पर लगे मेकअप को हटाने के लिए एक क्लीनिंग ऑयल का उपयोग करें। इसे कॉटन पैड पर लेकर पूरे चेहरे पर धीरे-धीरे रगड़ें।

अब करें फेस वॉश

मेकअप रिमूव करने के बाद चेहरे को अच्छी तरह से साफ जरूर करें। ये आपकी त्वचा से बचे हुए मेकअप और क्लीनिंग ऑयल को पूरी तरह से हटा देगा।

टोनर का उपयोग करें

मेकअप की वजह से त्वचा के पोषक तत्व कम हो जाते हैं। ऐसे में मेकअप हटाने के बाद टोनर का इस्तेमाल करें। ये त्वचा के पीएच स्तर को संतुलित करता है और त्वचा के पोर्स को साफ करता है।

त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ से हाहाकार; 10 लोगों की मौत, अमित शाह ने की सीएम साहा से बात

अगरतला: त्रिपुरा में भारी बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन से हाहाकार मचा है। इसके चलते राज्य में 10 लोगों की मौत हो गई। जबकि एक युवक लापता हो गया। बाढ़ और भूस्खलन को देखते हुए बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। इसके चलते अब तक 32,750 लोगों के 330 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ की चार टीमें बचाव अभियान में राज्य की सहायता कर रही हैं। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के सीएम से बात करके हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

राज्य सरकार के मुताबिक रविवार से हो रही भारी बारिश के चलते राज्य की सभी बड़ी नदियों में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। इससे कई इलाकों में बाढ़ आ गई। करीब 1900 जगहों पर भूस्खलन के चलते सड़क मार्ग बाधित हो गया। जगह-जगह जलभराव और बाढ़ से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार ने पश्चिम त्रिपुरा और सिपाहीजला जिले में भारी बारिश को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, असम राइफल्स समेत केंद्रीय अर्धसैनिक बल प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान में जुटे हैं। सरकार ने भारी बारिश को देखते हुए लोगों को बाहर न निकलने और सतर्कता बरतने के लिए भी कहा है।

MPSC परीक्षा को स्थगित करने की मांग पर शरद पवार का छात्रों को समर्थन, शिंदे सरकार को दी चेतावनी

मुंबई: राकांपा-एसपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में 25 अगस्त को होने वाली एमपीएससी प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर पुणे में प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों का पक्ष लिया। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी भी दी कि अगर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो वे (शरद पवार) प्रदर्शन में शामिल हो जाएंगे। महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की तैयारी करने वाले कई उम्मीदवारों ने प्ररांभिक परीक्षा की तारीख बदलने की मांग को लेकर मंगलवार रात से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल, एमपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की तारीख बैंकिंग परीक्षा से टकरा रही है।

राकांपा-एसपी नेता रोहित पवार भी इस आंदोलन में शामिल हो गए और प्रदर्शन कर रहे उम्मीवारों के साथ बैठे हैं। प्रदर्शनकारी यह भी मांग कर रहे हैं कि कृषि विभाग के 258 पदों पर चयन भी एमपीएससी परीक्षा के आधार पर हो। राकांपा-एसपी प्रमुख शरद पवार ने इसे लेकर बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट भी किया।

शरद पवार ने कहा, “एमपीएससी परीक्षा देने वाले छात्रों के हितों पर विचार करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। हालांकि, ऐसा लग रहा है कि सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। कल तक अगर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो मैं प्रदर्शन वाले स्थान पर जाऊंगा और छात्रों को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन में हिस्सा लूंगा।”

एक एमपीएससी उम्मीदवार ने कहा कि वह चाहते हैं कि कृषि विभाग के 258 पदों को एमपीएससी के दायरे में लाया जाए। प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा, “25 अगस्त को होने वाली एमपीएससी परीक्षा की तारीख बैंकिंग परीक्षा से ओवरलैप कर रही है। ऐसे में एमपीएससी परीक्षा को स्थगित करनी चाहिए, क्योंकि कई छात्रों ने दोनों के लिए आवेदन किया है। ऐसे में उनके लिए यह संभव नहीं है कि वे दोनों परीक्षा में बैठ सकें।”