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चेहरे के अनचाहे बाल हटाने के लिए आजमाएं ये देसी नुस्खा, देखिए यहाँ

चेहरे पर अनचाहे बाल जैसे अपर लिप्स, चिन या चेहरे के किसी भी हिस्से में मौजूद बालों को हटाने के ल‍िए ज्‍यादात्तर लड़क‍िया थ्रेडिंग की मदद लेती हैं। लेकिन इसे कराने से चेहरे पर बाल बहुत जल्‍दी आ जाते हैं और साथ ही ये दर्दभरा प्रोसेस होता है। इसकी जगह आप कटोरी वैक्स की मदद लें।

जहां आप कटोरी वैक्स खुद ही आसानी से घर पर कर सकती हैं वहीं, थ्रेडिंग करना काफी मुश्किल होता है. खुद से थ्रेडिंग करने के लिए आपको काफी एक्सपर्ट होना चाहिए वरना आपकी छोटी सी भूल स्किन को चोट पहुंच सकती है।

लंबे समय के ल‍िए असरदायक
थ्रेडिंग करने के कुछ ही दिनों बाद चेहरे के अनचाहे बाल वापस आ जाते हैं। पर वैक्स इन्हें जड़ से खत्म करता है और इसलिए लंबे वक्त तक हेयर वापस नहीं आते हैं। ये अनचाहे बालों के साथ चेहरे पर मौजूद ब्लैकहेड्स की परेशानी से भी राहत दिलाता है।

नहीं होता ज़्यादा दर्द
ऐसा नहीं है कि कटोरी वैक्स में आपको बिल्कुल दर्द नहीं होता है पर थ्रेडिंग की तुलना में ये काफी कम होता है। थ्रेडिंग में जहां इसे कराते वक्त आपको लगातार दर्द से गुजरना पड़ता है वहीं, वैक्सिंग में बस इसे हटाते वक्त आपको हल्के दर्द का सामना करना पड़ता है।

क्या आपको भी सफेद चमकदार दांत चाहिए तो बेकिंग सोडा का ये नुस्खा आजमाए

बेकिंग सोडा हर भारतीय रसोई में पाया जाता है। इसमें सोडियम बाइकार्बोनेट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीसेप्ट‍िक और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण मौजूद हैं जो खूबसूरती ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आज हम आपको बेकिंग सोडे के कुछ फायदे बताएंगे जिनसे अब तक आप शायद अनजान होंगे।

1. सफेद चमकदार दांत
पीले दांतों को मोतियों जैसे चमकाने के लिए बेकिंग सोडा बहुत मददगार है। टूथपेस्ट में थोड़ा सा बेकिंग सोडा, पेपरमिंट ऑयल और हाइड्रोजन परॉक्साइड मिलाकर पेस्ट बनाएं। रोजाना इस पेस्ट का इस्तेमाल करने से आपको फायदा मिलेगा।

2. एक्ने, ब्लैक हेड्स और ऑयली स्किन
एक्ने, ब्लैक हेड्स और ऑयली स्किन से छुटकारा पाने के लिए बेकिंग सोडे का इस्तेमाल करें। 4 चम्मच बेकिंग सोडे में थोड़ा सा पानी मिलाकर चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं। फिर गर्म पानी से चेहरा धो लें। एेसा करने से चेहरे की हर प्रॉब्लम दूर होगी।

3. नाखूनों को बनाएं सुंदर
नाखूनों में होने वाले किसी भी इंफैक्शन से छुटकारा पाने के लिए 2 चम्मच बेकिंग सोडे में 1 चम्मच पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को 10 मिनट के लिए नाखूनों पर लगाकर सूखने दें। दिन में दो बार एेसा करने से आपके नाखून सुंदर और मजबूत बनेंगे।

4. अनचाहे बालों से छुटकारा
बेकिंग सोडे से शरीर के अनचाहे बालों से छुटाकारा पाया जा सकता है। थोड़े से बेकिंग सोडे में पानी डालकर बगल, बिकिनी एरिया, हाथों- पैरों, यानि शरीर के उस हिस्से पर लगा दीजिए, जहां आपको बाल पसंद नहीं हैं। एेसा करने से कुछ ही दिनों में आपको अनचाहे वालों से छुटकारा मिलेगा।

5. पेट खराब होने पर कारगर
पेट खराब होने पर बेकिंग सोडे का घोल बनाकर पीएं। इसमें सोडियम बाईकार्बोनेट होता है जो पेट की अनेक समस्याओं को दूर करता है।

अपनी स्‍किन को चमकदार और खूबसूरत बनाए वो भी मात्र कुछ ही मिनटों में…

सर्दियां आ चुकी हैं और हमारी स्‍किन की ड्रायनेस भी बढ़ने लगी है। हम अपनी स्‍किन को मॉइस्चराइज करने के लिए क्रीम-लोशन और मॉइस्चराइजर का उपयोग करते हैं।

कई लोग यह सोच कर मॉइस्चराइजर का अधिक उपयोग करने लगते हैं कि इससे उनकी स्‍किन चमकदार और खूबसूरत बन जाएगी, मगर ऐसा नहीं है।

​चेहरे के लिए नींबू और शहद के लाभ:

त्‍वचा से जुड़ी ऐसी कोई भी समस्‍या नहीं होगी, जो नींबू और शहद मिलकर ठीक न कर पाएं। इसलिए इन दोनों का मिश्रण सदियों से हमारे घरों में त्‍वचा पर लगाने के लिए इस्‍तेमाल होता आ रहा है। यह मास्क एक बेहतरीन एंटी-एजिंग उपचार भी है। यह ड्राय या डिहाइड्रेटेड स्‍किन में नमी भरते हैं, जिससे स्‍किन चमकदार और खिली-खिली सी नजर आती है।

​त्वचा के लिए नींबू के फायदे:

नींबू को अक्सर चेहरे की त्वचा के लिए बहुत कठोर और शुष्क माना जाता है। लेकिन अगर आप नींबू को किसी अन्‍य सामग्री के साथ मिलाकर इस्‍तेमाल करेंगे तो यह स्‍किन को मुलायम, गोरा और चमकदार बनाने में मदद करेगा। नींबू में साइट्रिक एसिड भारी मात्रा में पाया जाता है इसलिए यह स्‍किन से शुष्क त्वचा कोशिका की जमी परत को एक्सफोलिएट करता है। इसे लगाने से आपकी त्वचा जवां, कोमल और युवा बनती है।

पीलिया जैसी जानलेवा बीमारी खराब कर सकती हैं आपका लीवर

कच्चे पपीते के कई तरह के व्यंजन तो आपने खाए होंगे लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कच्चा पपीता आपके पूरे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक फल है. कच्चा पपीता लीवर को मजबूत बनाता है.

पीलिया में लीवर काफी खराब हो जाता है इसलिए इसकी सब्जी या सलाद के रूप में खाने से पीलिया रोगियों को काफी फायदा पहुंचता है.कच्चे पपीते में मौजूद पैपिन की भरपूर मात्रा प्राकृतिक रूप से कब्ज ठीक करने में बहुत सहायक है. अगर आप इस समस्या से पीडि़त हैं तो कच्चे पपीते को अपनी डाइट में शामिल करें.

-मधुमेह के रोगियों को कच्चे पपीते का जूस पीने से रक्त शर्करा के स्तर को बहुत कम किया जा सकता है। ये शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बहुत बढ़ाता है।

-जो मां स्तनपान करवा रही हैं, उनके लिए कच्चा पपीता बेहद ही गुणकारी माना जाता है। इससे दूध बढ़ाने में सहायता मिलती है।

-कच्चे पपीते में ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं जो पेट में गैस बनने से रोकते हैं और पाचन में सुधार करते हैं। ये शरीर में विषाक्त पदार्थों से राहत दिलाता है।

-कच्चा पपीता महिलाओं के गर्भाशय में संकुचन लाती है और मासिक धर्म के दर्द को कम कर सकती है।

-कच्चे पपीते में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है।

सुबह नाश्ते में यदि आप भी करते हैं ब्रेड का सेवन तो पढ़े ये खबर

ब्रेड का इस्तेमाल हर घर में होता है. लेकिन, आप ऐसा ब्रेड खाना चाहेंगे जो कीड़े से बनाई जाती है. फिनलैंड की एक कंपनी ने 2017 में ब्रेड बनाने के लिए उसमें कीड़े का इस्तेमाल करना शुरू किया.

यह सुनने में ही घिनौना लगता है, लेकिन इस ब्रेड में 70 फीसदी मात्रा कीड़े-मकोड़े की होती है. कंपनी का कहना है कि कीड़े का इस्तेमाल करने की वजह से यह ब्रेड स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है, क्योंकि इसमें कैल्शियम, विटामिन और फैटी एसिड की बहुत ज्यादा मात्रा होती है.

एक फूड इनसाइडर की माने तो दुनिया में करीब 2 अरब लोग ऐसे ब्रेड का इस्तेमाल करते हैं. कीड़ों का इस्तेमाल होने की वजह से यह ब्रेड सस्ती बिकती है. ऐसी ब्रेड फिनलैंड के अलावा डेनमार्क, बेल्जियम और नीदरलैंड्स जैसे देशों में खूब बिकती है.

यह दुनिया की इकलौती ऐसी बेकरी है जो ब्रेड बनाने के लिए कीड़ों का इस्तेमाल करती है. कीड़ों के रूप में झिंगुर का इस्तेमाल किया जाता है. पहले उसका पाउडर तैयार किया जाता है फिर आंटे में मिलाकर गूंथ लिया जाता है.

जो लोग इस ब्रेड का इस्तेमाल करते हैं उनका कहना है कि यह खाने में बहुत ही टेस्टी है. खाते वक्त बिल्कुल भी पता नहीं चलता है कि इसमें कीड़ों का इस्तेमाल किया गया है.

बेकरी के मालिक का कहना है कि पौष्टिक आहार सभी की जरूरत है. ऐसे में कम पैसे में लोगों को पौष्टिक आहार मिल जाता है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हैं. कुछ लोग इसे सही मान रहे हैं, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह बेहद घिनौना है.

क्या आप जानते हैं स्लीप पैरालिसिस की अवस्था में होता हैं ये…

स्लीप पैरालिसिस यानी ऐसी स्थिति जब दिमाग और शरीर के बीच संतुलन या तालमेल नहीं रह जाता है। ये स्थिति लकवे की तरह शरीर को कुछ सेकेंड के लिए शिथिल कर देती है। हालांकि ये अवस्था 5 से 15 सेकेंड तक रहती है। इसमें दिमाग तो एक्टिव रहता है और सबकुछ देख सकता है। वहीं, शरीर हिलने-डुलने से इंकार कर देता है। कई बार व्यक्ति हिलने-डुलने के साथ ही बोलने की शक्ति भी खो देता है।

स्लीप पैरालिसिस की अवस्था में शरीर का नींद से उठने के बाद जोर नहीं रहता। वहीं, दिमाग का सिग्नल बॉडी रिसीव नहीं कर पाती गै। इससे शरीर के किसी भी हिस्से को हिलाना तक मुश्किल हो जाता है।

कुछ लोगों को इस दौरान सांस रुकने या दम घुटने जैसा अहसास भी हो सकता है। वहीं, कुछ में इस तकलीफ के साथ नार्कोलैप्सी जैसे नींद से जुड़े अन्य डिसऑर्डर भी हो सकते हैं। वैसे तो स्लीप पैरालिसिस जानलेवा नहीं लेकिन रेयर केस में ये गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण बन सकती है।

क्यों नहीं हिलता शरीर
आप दो चरणों के बीच नींद लेते हैं। पहला नॉन रैपिड आई मूवमेंट (NREM)और दूसरा रैपिड आई मूवमेंट (REM)। जब आप दूसरे चरण में पहुंचते हैं, तो नींद गहरी होती है और इसी के साथ बंद आंखें भी तेजी से मूवमेंट करती हैं। इसी दौरान दिमाग शरीर को शिथिल कर देता है। इससे आप गहरी नींद में सपने देखते हुए उन पर प्रतिक्रिया ना दें।

कई बार कुछ सेकेंड के लिए हल्की नींद टूट जाती है पर शरीर शिथिल रहता है। कई बार लोग इस दौरान मतिभ्रम का शिकार भी हो जाते हैं। वह भूत या कुछ ऐसी चीजें देखने की बात करते हैं, जिनका कोई अस्तित्व नहीं होता।

ऐसे करें नियंत्रित

  1.  वैसे तो स्लीप पैरालिसिस खतरनाक नहीं होती लेकिन लंबे समय तक रहने पर यह नुकसानदायक हो सकती है। इसे नियंत्रित करने के लिए आप आरामदायक और गहरी नींद लें।
  2. तनाव, डिप्रैशन और स्ट्रेस के चलते स्लीप पैरालिसिस की समस्या हो सकती हैं। इसलिए तनाव और डिप्रैशन से बचने की कोशिश करें। सोते समय टीवी, लैपटॉप या फोन इस्तेमाल से बचें।
  3.  शुरू में मेडिटेशन 5-10 मिनट करें और धीरे-धीरे आप 20-30 मिनट के लिए मेडिटेशन करना शुरू करें। रोज मेडिटेशन करने से आप जल्दी ही स्लीप पैरालिसिस से उभर जाएंगे।
  4. डॉक्टर के संपर्क में रहें।

ये हैं कारण
स्लीप पैरालिसिस ड्रग्स, एल्कोहल का सेवन और नींद की कमी के चलते ये समस्या होती है। इसके अलावा यह समस्या तनाव, चिंता, अवसाद, नींद का अनियमित समय, अत्यधिक नींद भी इसके कारण है। वहीं, पीठ पर टिककर सोना, बाइपोलर डिसऑर्डर, पूरी नींद न लेना, लाइफस्टाइल में बदलाव और अनुवांशिक कारण से भी स्लीप पैरेलिसिस हो सकता है।

विटामिन डी की कमी और फेफड़ों की कार्यक्षमता में हैं सीधा संबंध

ये बात सच है कि विटामिन डी और बी-12 हड्डियों के लिए बहुत जरूरी हैं । अगर ये कम हो तो आस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों हो सकती हैं। लेकिन विटामिन डी की कमी से केवल इतना ही नहीं होता बल्कि इसकी कमी से कैंसर और डिप्रेशन जैसी बीमारी होने का खतरा बना रहता है। डायबिटीज और दिल की बीमारी का कारण भी विटामिन डी की कमी बन सकती है।

विटामिन डी की कमी से अस्थमा की शिकायत हो सकती है। विटामिन डी की कमी और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सीधा संबंध होता है। विटामिन डी सूजन पैदा करने वाले प्रोटीन को फेफड़ों से दूर रखने का काम करता है।  अगर इस विटामिन की कमी होती है तो सूजन बढ़ने लगती है और अस्थमा की दिक्कत हो सकती है। विटामिन डी की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा होता है। विटामिन डी की कमी से हार्ट अटैक तक आ सकता है।

विटामिन डी की कमी का सीधा संबंध सूजन संबंधी बीमारियों से है। शरीर में अगर प्रचुर मात्रा में विटामिन डी न हो तो रहेयूमेटॉयड अर्थराइटिस, लुपस, इंफ्लेमेटरी बॉउल डिजीज (आईबीडी) और टाइप वन डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।  जब शरीर को धूप नहीं मिलती तो विटामिन डी बनाने वाले तत्व  कोलेस्ट्रॉल में बदल जाते हैं। विटामिन डी का स्तर कम होने से इम्यून सिस्टम तेजी से कम होने लगता है। इससे सर्दी व जुकाम और संक्रमण और बीमारियों की शिकायत बढ़ जाती है।

इनमें भरा है विटामिन डी का खजाना

  • मछली: सालमोन और ट्यूना ‘विटामिन डी’ का खजाना हैं। सालमोन से विटामिन डी की हमारी रोजाना जरूरत का एक तिहाई हिस्सा पूरा हो सकता है।
  • दूध: दूध से रोजाना के विटामिन डी का 20 फीसदी हिस्सा पूरा हो जाता है।
  • अंडे: अंडे की जर्दी में सफेदी से ज्यादा विटामिन डी पाया जाता है।
  • संतरे का रस: दूध की तरह ही संतरे का रस भी विटामिन डी से भरपूर होता है। संतरे के जूस को अपने आहार का में शामिल करें।
  • मशरूम: मशरूम में भी विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है। शीटेक मशरूम में सफेद मशरूम के तुलना में अधिक विटामिन डी होता है। अगर आप अपने आहार में विटामिन डी को जोड़ना चाहते है तो उसमें शीटेक मशरूम को शामिल करें।
  • पनीर: पनीर के सभी प्रकार में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। रिकोटा चीज में अन्य पनीर की तुलना में ज्यादा विटामिन डी होता है।
  •  कॉड लिवर ऑयल: कॉड लिवर ऑयल विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद विटामिन ए और डी का काफी उच्च स्तर होता है।

मानव शरीर के लिए दिन में इतना पानी पीना हैं लाभदायक, देखें

मानव बॉडी का 70% भाग पानी से बना होता है बॉडी में पानी की कमी होने से कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा रहता है अगर आप दिन की आरंभ में एक गिलास पानी का सेवन करते हैं तो पूरा दिन आपके बॉडी में एनर्जी  तंदुरुस्ती बनी रहती है खाली पेट पानी का सेवन करने से आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है

1- खाली पेट पानी पीने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है  पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है इसके अतिरिक्त बॉडी में ऊर्जा का संचार भी अच्छी तरीके से होता है

2- प्रतिदिन प्रातः काल खाली पेट पानी का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म  इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाते हैं अगर आपको कब्ज की समस्या रहती है तो प्रातः काल खाली पेट एक गिलास पानी का सेवन करें ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा

3- भूख लगने की समस्या में भी खाली पेट पानी पीना लाभकारी साबित हो सकता है प्रातः काल खाली पेट पानी पीने से आंत में जमा गंदगी साफ हो जाती है  भूख लगने लगती हैइसके अतिरिक्त प्रातः काल खाली पेट पानी पीने से किडनी से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं

4- बॉडी की इम्युनिटी क्षमता को मजबूत बनाने के लिए प्रतिदिन प्रातः काल खाली पेट एक गिलास पानी का सेवन करें ऐसा करने से बॉडी में फ्लूड का लेवल बैलेंस में रहता है जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाता है खाली पेट पानी पीने से मेटाबॉलिज्म रेट एक्टिव रहता है  वजन करने में भी मदद मिलती है

*नगर पंचायत अध्यक्ष आरक्षण सूची 2022*

मैनपुरी।

*नगर पंचायत अध्यक्ष आरक्षण सूची 2022*

नगर पंचायत ज्योति खुड़िया – महिला

नगर पंचायत घिरोर – अन्य पिछड़ा वर्ग

नगर पंचायत भोगांव – अन्य पिछड़ा वर्ग

नगर पंचायत किशनी – अन्य पिछड़ा वर्ग

नगर पंचायत करहल – अन्य पिछड़ा वर्ग

नगर पंचायत कुरावली – अन्य पिछड़ा वर्ग

नगर पंचायत कुसमरा – अन्य पिछड़ा वर्ग

नगर पंचायत बरनाहल – महिला

नगर पंचायत बेवर – अनारक्षित

*मैनपुरी लोकसभा सीट पर शाम पांच बजे तक 51.2 प्रतिशत मतदान*

ब्यूरो अंकित कुमार।मैनपुरी*मैनपुरी लोकसभा सीट पर शाम पांच बजे तक 51.2 प्रतिशत मतदान*शाम पांच बजे तक मैनपुरी लोकसभा सीट पर 51.2 प्रतिशत हुआ मतदान। मैनपुरी विधानसभा क्षेत्र में 49.5, भोगांव विधानसभा क्षेत्र में 48.5, किशनी विधानसभा क्षेत्र में 48.2, करहल विधानसभा क्षेत्र में 53.1 और जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र में 57 प्रतिशत मतदान हुआ है।