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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई

लाहाबाद विश्वविद्यालय  के भूगोल विभाग में शिक्षक भर्ती के लिए साक्षात्कार सात दिसंबर से होंगे। असिस्टेंट, एसोसिएट और प्रोफेसर के 17 पदों पर भर्ती 18 साल बाद होगी।

भूगोल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के 12, एसोसिएट प्रोफेसर के चार और प्रोफेसर के एक पद शामिल हैं। सेंटर ऑफ इनवार्यमेंटल स्टडीज में पांच पदों पर भर्ती होगी। इसमें असिस्टेंट और एसोसिएट के दो-दो और प्रोफेसर के एक पद शामिल हैं।

भूगोल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीडब्ल्यूडी डी व ई के आठ और एसटी वर्ग के आठ अभ्यर्थियों को सात दिसंबर को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। इसी दिन एसोसिएट प्रोफेसर के अनारक्षित वर्ग के 16 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है।

नौ दिसंबर को असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए ईडब्ल्यूएस के 19 और अनारक्षित वर्ग के 32 अभ्यर्थियों को कॉल किया गया है। दस दिसंबर को सेंटर ऑफ इनवार्यमेंटल स्टडीज में प्रोफेसर पद के लिए अनारक्षित वर्ग के तीन, एसोसिएट पद में अनारक्षित वर्ग में आठ और असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए अनारक्षित वर्ग के 12 और एससी के नौ अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है।

गरमा गर्म रोटियों के साथ परोसें अंडा करी, देखें इसकी रेसिपी

आवश्यक सामग्री

– 4 अंडे (उबले हुए)
– 2 टेबल स्पून तेल
– 12-14 कढ़ीपत्ता- 1 टी स्पून सरसों के दाने
– 2 प्याज (टुकड़ों में कटी हुई)

– 1 छीला हुआ अदरक
– 1/4 टी स्पून हल्दी पाउडर
– 1/2 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर
– आधा किलो टमाटर (छीलकर कटे हुए)

– 1/2 टी स्पून चीनी
– 2 टेबल स्पून हरा धनिया
– 1 टेबल स्पून तेल
– 2 टेबल स्पून उड़द दाल

बनाने की वि​धि

सबसे पहले अंडों को उबाल लें और उनको ​छीलकर एक तरफ रख दें। अब एक पैन में तेल गर्म करें। इसमें कढ़ीपत्ता और सरसों के दाने डालें और उन्हें चटकने दें। अब इसमें प्याज और अदरक डालें। अब प्याज को मुलायम होने दें और मध्यम आंच पर 5 मिनट तक पकने दें।

अब इसमें हल्दी और लाल मिर्च पाउडर डालकर अच्छे से चलाएं। इसमें टमाटर, चीनी और नमक डालकर 15 मिनट के लिए धीमी आंच पर पकाएं। अंत में इसमें हरा धनिया और अंडे डालें। वहीं तड़का लगाने के लिए गर्म तेल में 1 बड़ा चम्मच उड़द दाल डालें और उसे तब तक फ्राई करें जब तक वह क्रिस्पी न हो जाए। अब इस तड़के को करी पर फैलाएं। गर्मागर्म अंडा करी को आप चावल के साथ सर्व कर सकते हैं।

बालों की सही देखरेख न करना भी बन सकता हैं हेयर फॉल की मुख्य वजह

आजकल की लाइफस्टाइल और प्रदूषण की मार सबसे ज्यादा हमारे बालों को ही झेलनी पड़ती है। ऐसे में यदि हम अपने बालों की सही देखरेख नहीं करते, तो वे झड़ने लगते हैं। यही नहीं डैंड्रफ, रूखापन, बेजान आदि जैसी समस्या भी हो सकती है। ऐसे में हमें न सिर्फ अपने खान-पान सुधारने की जरूरत है बल्कि ऐसे प्रोडक्ट्स से बचने की भी जरूरत है जो आपके बालों की सुरक्षा के नाम पर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं। शैम्पू करने से हमारे बाल बेहतरीन हो जाते हैं।

2-3 चम्मच शैम्पू लें और एक चम्मच नारियल तेल उसमें मिला दें. दोनों को अच्छी तरह मिक्स करें. उसके बाद अपने सिर को गीला करें और शैम्पू-तेल मिक्सचर को लगाकर अच्छी तरह मसाज करें.

हमेशा की तरह शैम्पू ऊपर उठने दें और फिर पानी से धो लें. नारियल का तेल नमी को सील करने में मदद करता है और रक्षात्मक बाधक के तौर पर काम करता है जिससे आपके बाल छल्लेदार न हो सकें.

लेकिन अगर आपका बाल अत्यंत रूखा या भुरभुरा है, तो सलाह दी जाती है कि किसी कंडीशनर के साथ इस्तेमाल करें. 5 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर बिना साबुन के साफ कर लें. गुनगुने पानी की तुलना में हमेशा सादा पानी बाल धोने के लिए इस्तेमाल करें. ये डैंड्रफ को बढ़ाता है और आपके बाल से प्राकृतिक नमी को उतार देता है.

एलोवेरा जेल और गुलाब जल की मदद से बनाए ये फेस सीरम

हर इंसान ये ही चाहता है की वो खूबसूरत दिखे और उसके चेहरे पर ग्लो बना रहे वैसे कई लोगो ऐसा चेहरा पाने के लिए कई महंगी महंगी क्रीम और बोट प्रोडूसेट्स खरीदते है जिस में से कुछ तो कोई काम नहीं करते है और कुछ के तो साइड इफ़ेक्ट भी होते है तो आज हम आप को एक ऐसी फेस पैक के बारे में बताने वाले है जो घर में ही बान जाता है और साथ ही ये काफी सस्ता भी होता है

फेस सीरम बनाने की सामग्री

2 चम्मच एलोवेरा जेल
2 चम्मच गुलाब जल
विटामिन ई की 2 कैप्सूल

सीरम बनाने का तरीका

एक प्याले में एलोवेरा जेल और गुलाब जल को डालें. अगर घर पर एलोवेरा का पौधा है तो चम्मच का इस्तेमाल कर थोड़ा जेल निकालें. अगर आपके पास नहीं है तो सिर्फ घर पर मुहैया एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करें. आप घर पर गुलाब जल भी गुलाब की पंखड़ियों से निकाल सकते हैं. आगे, प्याले में विटामिन ई के दो कैप्सूल मिलाएं. सभी सामग्रियों को अच्छी तरह मिक्स करें. अब आपका फेस सीरम तैयार है. फेस सीरम को स्टोर करने के लिए किसी बोतल या कंटेनर ले सकते हैं.

कैसे करें इस्तेमाल

आप देसी फेस सीरम दिन में दो बार लगा सकते हैं. सुनिश्चित करें कि चेहरा धोने के बाद लगाएं. आहिस्ता से अपने पूरे चेहरे पर मालिश करें. तीन सामग्रियों के इस्तेमाल से तैयार सीरम प्राकृतिक है. प्राकृतिक सामग्री जैसे एलोवेरा और गुलाब जल में किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं होता है. इसलिए बाजार में मिलनेवाले फेस सीरम के मुकाबले ये देसी सीरम ज्यादा बेहतर है.

चेहरे पर फाउंडेशन को लगाने के बाद यूँ करें इसे अच्छे से ब्लैंड

साफ- सुथरी और चमकती-दमकती त्‍वचा तो हर कोई पाना चाहता है। मगर इसके लिए बहुत जरूरी है कि आप अपनी त्‍वचा को साफ रखें। खासतौर पर चेहरे को साफ रखना बहुत जरूरी होता है क्‍योंकि यह सबसे ज्‍यादा एक्‍सपोज होता है और इसे सबसे ज्‍यादा धूल-मिट्टी और प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।

मगर चेहरे को साफ करने का एक तरीका होता है। इस तरीके में सबसे मुख्‍य बात होती है कि आपको यह जानकारी हो कि आपकी त्‍वचा का टाइप क्‍या है। यदि चेहरे को त्‍वचा के टाइप के अनुसार साफ किया जाए तो वह अच्‍छी तरह से साफ होने के साथ-साथ चमकने और दमकने भी लगता है।

चेहरे पर फाउंडेशन को लगाने के बाद इसे ब्लैंड करने के लिए हाथों का इस्तेमाल न करें क्योंकि हाथों की वजह से फाउंडेशन त्वचा की ऊपरी सतह पर ही लगी रह जाती है। इसके लिए अच्छी क्वालिटी का ब्रश या ब्लेंडर का इस्तेमाल करें। ब्यूटी ब्लेंडर को हल्का सा गीला करके चेहरे पर लगाने से फाउंडेशन त्वचा के अंदर तक पहुंच कर जाता है। जिससे चेहरा खूबसूरत और बिल्कुल भी बनावटी नहीं नजर आता है।

अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो मेकअप के लिए फेस पाउडर का प्रयोग तो बिल्कुल भी न  करें। खासतौर पर उन जगहों पर जहां फाइन लाइन नजर आती हों।

चेहरे पर हाइलाइटर का प्रयोग करना न भूलें। चेहरे के टी जोन यानी माथे, नाक, मुंह के आसपास के हिस्से और ठोढ़ी पर हाइलाइटर का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से चेहरा सुंदर तो दिखेगा ही साथ ही अगर उम्र ज्यादा है तो झुर्रियों पर ध्यान भी नहीं जाएगा।

सुबह आंख खोलने के बाद क्या आप भी करते हैं यही काम तो पढ़े ये खबर

सुबह आंख खोलने के बाद ज्यादातर लोग अपना मोबाइल फोन उठाते हैं। वजह चाहे टाइम देखना हो, अलार्म बंद करना या मैसेज या कॉल चेक करना अधिकतर लोगों का हाथ सबसे पहले मोबाइल पर जाता है। इसके कुछ फायदे तो कई नुकसान भी हैं जिनसे लोग वाकिफ नहीं या ज्यादातर इस पर ध्यान नहीं देते। अगर आप भी उठकर सबसे पहले मोबाइल चेक करते हैं तो जानें आप पर इसका क्या असर हो सकता है.

 

आपको इस बात का अहसास नहीं होता लेकिन सबसे पहले उठकर अगर आप ये देखते हैं कि आपने क्या मिस किया या आज पूरे दिन क्या करना है तो इसका असर मूड पर होता है। मान लीजिए उठकर आप ऑफिस के ईमेल सबसे पहले चेक करते हैं तो आपको लगने लगेगा कि दिन बहुत बिजी रहने वाला है। इससे आपका स्ट्रेस बढ़ सकता है। सुबह उठते ही आप दिमाग को इन्फॉर्मेशंस से भरने लगते हैं यह आपकी मन पर अच्छा असर नहीं डालता।

अगर आप इंस्टाग्राम या फेसबुक भी चेक करते हैं तो भी इनडायरेक्टली नकारात्मक विचारों का शिकार हो सकते हैं। मान लीजिए सोशल मीडिया पर किसी ने अपने घूमने या नई गाड़ी खरीदने का पोस्ट डाला। इस पर आपके दिमाग में आ सकता है कि आपके पास ऐसी चीज क्यों नहीं। ऐसे अनजाने में आप अपना स्ट्रेस बढ़ा लेते हैं।

पूरे दिन मोबाइल से दूर नहीं रहा जा सकता लेकिन सुबह उठते ही इसे चेक करने की आदत को बदला जा सकता है। इसके लिए आप फोन को तकिए के नीचे या साइड टेबल पर रखने के बजाय दूर रखना शुरू कर सकते हैं। सुबह उठते ही किसी और एक्टिविटी में इन्वॉल्व होने की कोशिश करें। उठकर पानी पिएं, मेडिटेशन करें या घरवालों को हंसकर गुड मॉर्निंग विश करें। कुछ दिन तक ऐसा करने से ये आपकी आदत में आ जाएगा।

 

 

सरसों के तेल का इस्तेमाल बना सकता हैं आपकी पाचन शक्ति की मजबूत

वैसे तो आप सभी ने कई महंगे कॉस्मेटिक्स पर पैसे और समय बर्बाद किया होगा लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से आपके लिए मस्टर्ड ऑयल जिसे सरसों के तेल के नाम से जाना जाता है फायदेमंद है. यह तेल अस्थमा के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है.

पुराने समय से ही सरसों के तेल का इस्तेमाल होता आ रहा है और इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि इस तेल से पाचन शक्ति अच्छी रहती है. ये भूख बढ़ाने का भी काम करता है. इसमें थियामाइन और फोलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं. सरसों का तेल वजन घटाने के लिए भी मददगार साबित हो सकता है.

बच्चों की सरसों तेल से मालिश भारतीय परंपरा का हिस्सा है, शायद इसका कारण यही है कि सरसों तेल की मालिश से हड्डियां और मांसपेशियां दोनों ही मजबूत होती हैं. इससे ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा रहता है. इसके अलावा शरीर के किसी हिस्से में दर्द हो तो भी गर्म तेल से मालिश की जाती है, इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है, गठिया रोग में भी इससे आराम मिलता है.

कहा जाता है कोल्ड और कफ में भी ये तेल काफी फायदेमंद होता है. जी दरअसल मस्टर्ड ऑइल में अजवाइन मिलाकर बॉइल करें और चेस्ट पर सोने से पहले लगायें. ये आपको कोल्ड में काफी मददगार साबित होगा.

इस तेल को शरीर में दर्द के समय भी इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि ये काफी कारगर होता है. आप चाहे तो इसे रात के समय गर्म करके अपने शरीर पर लगायें इससे दर्द में राहत मिलती है.

क्या आप भी तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं तो पढ़े ये खबर

आपने कई लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते देखा होगा और लोगों को कहते भी सुना होगा, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सच ? अगर जानना चाहते हैं, इसके लाभदायक गुणों के बारे में तो जरूर पढ़िए –

अगर आपको जोड़ों के दर्द और सूजन की तकलीफ है तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इससे गठिया की समस्या में भी आराम मिलता है।

तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमरियों को पैदा करते हैं।

तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।

अगर आप नियमित रूप से तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीते हैं तो इससे त्वचा पर चमक आती है। यह पानी त्वचा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का काम करता है।

पाचन क्रिया बेहतर बनाने के लिए भी तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने की सलाह दी जाती है। अगर आपको कब्ज और एसिडिटी की समस्या है तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से यह दूर हो जाएगी।

मक्‍खन में मौजूद आयोडीन थायराइड ग्रंथियों को मजबूत करने में हैं कारगर

मक्‍खन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। ये घर का बना सफेद मक्‍खन होना चाह‍िए।सफेद मक्‍खन में भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। इस तरह ये त्वचा की फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा करता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। साथ ही ये कैंसर से हमारा सुरक्षा कवच भ बनता है। मक्‍खन में मौजूद आयोडीन थायराइड ग्रंथियों को मजबूत बनाती है। साथ ही ये गले के ल‍िए भी अच्‍छा होता .

सफेद मक्खन के फायदे
  • अगर आपके गले में सूजन आ जाती है तो मक्खन का सेवन कीजिए. इससे आराम मिलता है. मक्खन में आयोडीन थायराइड मौजूद रहते हैं, जो ग्रंथियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं
  • सफेद मक्खन खाने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है और कोलेस्ट्राल की समस्या भी खत्म हो जाती है. मक्खन में मौजूद विटामिन और सेलेनियम से हार्ट प्रॉब्लम्स भी नहीं होती.
  • दिमाग तेज करने के लिए मक्खन का सेवन किया जाता है. बच्चों को सफेद मक्खन जरूर खिलाना चाहिए. इससे उनका दिमाग स्वस्थ और याददाश्त तेज होती है. सफेद मक्खन से बच्चों की आंखों की रोशनी भी तेज होती है.
  • सफेद मक्खन में कैल्शियम मौजूद रहता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है. इससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.
  • कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मक्खन मददगार साबित हो सकता है.
  • घर पर बनाया गया मक्खन अच्छी वसा का स्त्रोत होता है, जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध बटर की तुलना में स्वस्थ है. इस मक्खन में ट्रांस-फैट (Trans-Fats) होते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं.

हिमोग्लोबिन और आरबीसी को बढ़ाने में बेहद महत्वपूर्ण हैं ये चीज़

शहद का उपयोग सदियों से खाद्य पदार्थ के रूप में किया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण औषधि है और साथ ही स्वाद में भी लाजवाब होता है। शहद का हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

शहद से होने वाले लाभः

हिमोग्लोबिन और आरबीसी को बढ़ाने में शहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप भी अपने शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित रूप से गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद डालकर पीये। ऐसा करने से आयरन की कमी और एनीमिया जैसे रोग भी दूर होते हैं। शहद में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है जो हमारे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। साथ ही रक्त के बहाव को भी नियमित रखता है।

कीमोथैरेपी में शहद का असरः

अक्सर देखा गया है कि कीमो थेरेपी का इलाज चलते समय व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं की संख्या बहुत अधिक मात्रा में कम होने लगती है। जो मरीज के शरीर के लिए गंभीर हो सकता है। ऐसे में शहद कीमो थेरेपी का सामना कर रहे व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है।

शहद की एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टीः

शायद हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। शहद हानीकारक सूक्ष्म जीव से लड़ता है और हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। चोट या घाव पर अगर सीधे शहद को लगा दिया जाए तो यह एंटीसेप्टिक का काम करता है और बैक्टीरियल, फंगल इंफेक्शन से बचाता है।