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19 नवंबर को बुलाई देशव्यापी हड़ताल करेगा ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन

एक दिन बाद यानी 19 नवंबर को देशभर के बैंक बंद रह सकते हैं। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन ने देशव्यापी हड़ताल बुलाई है। इस हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं बाधित हो सकती हैं।

 ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के महासचिव ने इंडियन बैंक एसोसिएशन को हड़ताल का नोटिस दिया है। इसमें कहा गया है कि उनके सदस्यों ने 19 नवंबर को हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव रखा है।

19 नवंबर को तीसरा शनिवार है और इस दिन बैंक खुले रहते हैं। पंजाब और सिंध बैंक ने भी कहा है कि हड़ताल में देश के कई कर्मचारी हिस्सा ले सकते हैं। इस स्थिति में बैंक की कई शाखाओं का काम प्रभावित हो सकता है।

बीओबी ने स्टेटमेंट में आगे कहा, ‘यद्यपि बैंक हड़ताल के दिन बैंक ब्रांचों में सुचारू कामकाज के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। हड़ताल की स्थिति में ब्रांचेज और ऑफिसों का कामकाज प्रभावित हो सकता है।’

 

NESAC ने रिक्त पदों पर निकाली भर्ती, जल्द करें आवेदन

नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस अप्लीकेशन्स सेंटर ने रिसर्च साइंटिस्ट और जूनियर रिसर्च फेलो के पदों पर नौकरियां निकाली है.

NESAC में साइंटिस्ट और जेआरएफ पदों पर अभ्यर्थियों का चयन इंटरव्यू के आधार पर होगा.  रिसर्च साइंटिस्ट की कुल 10 भर्तियां है. जबकि जूनियर रिसर्च फेलो की कुल 9 वैकेंसी है.

महत्वपूर्ण तिथि:-
आवेदन करने की आखिरी दिनांक- 30 नवंबर 2022

 शैक्षणिक योग्यता:-
रिसर्च साइंटिस्ट- अभ्यर्थियों को सबंधित विषय/डिसिप्लिन में एमई/एमटेक फर्स्ट क्लास पास होना चाहिए.
जेआरएफ- अभ्यर्थियों को संबंधित विषय में फर्स्ट क्लास पोस्ट ग्रेजुएट होना चाहिए. साथ ही नेट/गेट/एन-जेट पास होना भी आवश्यक है.

चयन प्रक्रिया:-
NESAC में साइंटिस्ट और जेआरएफ पदों पर अभ्यर्थियों का चयन इंटरव्यू के आधार पर होगा.

 

नाचोज और टोमैटो सालसा बनाने के लिए देखें इसकी रेसिपी

नाचोज बनाने की सामग्री

गेहूं का आटा- 1 कप, बेसन- 1/4 कप, ऑयल- 1 टेबलस्पून, हल्दी पावडर- 1/2 टिस्पून, अजवाइन- 1/4 टिस्पून, नमक- स्वादनुसार, टमाटर- 2, हरा धनिया- कटा हुआ, हरी मिर्च- 2, अदरक- 1 इंच, काली मिर्च पावडर- 1 टिस्पून, भुना जीरा पावडर- 1 टिस्पून, ऑलिव ऑयल- 1 टिस्पून, दूध- 1 कप, चीज- 1 कप, मैदा- 2 टेबलस्पून, बटर- 2 टेबलस्पून,

विधि

नाचोज चिप्स बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में गेहूं का आटा लीजिये, अब इसके अंदर बेसन, ऑयल, हल्दी पावडर, अजवाइन, नमक डालकर मिला ले, अजवाइन को क्रस करके डाले| अब इसे थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर गूथ ले और फिर ढक कर 10 मिनट के लिए रख दे| अब आटे को ले और अपने हाथों में हल्का सा ऑयल लगाकर फिर से मसल करके गूथ ले, आटा टाइट ही गुथे|

अब आटे को दो भागों में बाँट ले और इसकी लोइया बना कर बेल ले, रोटी को एकदम से पतला बेले, अब इसे पिज्जा कटर मशीन या फिर चाकू से काटकर चौकोर बना ले और फिर बीच से काटकर तिकोना बना ले, इसमें काटे की सहायता से छेद कर ले| अब एक कढ़ाई में ऑयल डालकर गरम करे और नाचोज को डालकर फ्राई कर ले, आंच मध्यम रखे| इसे क्रिस्पी और हल्का ब्राउन होने तक फ्राई करे|

अब टोमैटो सालसा बनाने के लिए सबसे पहले पके टमाटर को भून ले और इसके छिलके निकाल ले| अब इसे टुकड़ो में काट ले और फिर मिक्सर जार में डालकर पीस ले, अब इसके अंदर हरी मिर्च, अदरक, भुना जीरा, काली मिर्च और नमक डालकर मिक्सर चला ले, अब इसमें कटा हरा धनिया और ऑलिव ऑयल डालकर मिला ले और एक बाउल में निकाल ले, आपका टोमैटो सालसा बनकर तैयार हैं|

 

बॉडी की ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए आजमाने ये उपाए

हम आपको बता दें शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आपको रोज ब्रश करना, हाथ धोना और नहाने जैसी चीजें करना जरुरी होता है। रोजाना नहाना जरुरी होता है। यह आपके शरीर से मृत कोशिकाएं और गंदगी हटाने के लिए जरुरी होता है।

जब नहाने की बात आती है तो आपके पास दो विकल्प होते हैं। आप ठंडे या गर्म पानी से नहा सकते हैं। दोनों ही तरह के पानी से नहाने के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। हालांकि कई लोग ठंडे पानी से नहाना पसंद करते हैं। आपको अपने शरीर के अनुसार ही पानी से नहाना चाहिए।

ऐसे होता है फायदा 

जानकारी के लिए बता दें ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए ठंडे पानी से नहाना फायदेमंद होता है। बल्ड सर्कुलेशन के बेहतर होने से मसल्स को ऑक्सीजन मिलती है जो उनकी रिकवरी जल्दी करती हैं। ठंडा पानी ब्लडस्ट्रीम में ग्लूटेथिओन को बढ़ा देता है। साथ ही यूरिक एसिड के लेवल को कम करता है। ग्लूटेथिओन तनाव को कंट्रोल करने वाला हार्मोन है। ठंडे पानी से नहाने से तनाव कम होता है।

और भी है कई फायदे

इसी के साथ गर्म पानी से नहाने से आपकी त्वचा और स्कैल्प पर मौजूद मॉइश्चर कम हो जाते हैं। ठंडा पानी आपकी त्वचा में कसाव लाता है और रोमछिद्र के बंद हो जाने की समस्या को दूर करता है। अच्छी त्वचा और बालों के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। दिन की शुरुआत करने के लिए ठंडे पानी से नहाना फायदेमंद होता है। ठंडे पानी से नहाने से शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है और हार्ट बीट बढ़ता है। तो ताजा महसूस करने के लिए और दिन की शुरुआत अच्छी करने के लिए ठंडे पानी से नहाना फायदेमंद होता है।

लंबे-घने-मजबूत बालों के लिए इस तरह करें बालों की देखभाल

बालों (Hair) को लंबे-घने-मजबूत बनाने के लिए बालों की सही देखभाल बहुत ज़रूरी है. यदि आपको बालों की सही देखभाल का तरीका मालूम है, तो आपके बाल आसानी से लंबे-घने-मजबूत बन सकते हैं. कई लोग बालों की देखभाल के लिए पार्लर में जाकर बहुत पैसा ख़र्च करते हैं, लेकिन उन्हें इससे कोई फ़ायदा नहीं मिलता.

एंटी-फंगल एंटी-बैक्टीरियल गुण हैं जो हमारे सिर की त्वचा को स्वस्थ रखता है. आपने कभी कल्पना की होगी कि जिस तरह हम अपने बचपन में चंपी लेते थे, उसी तरह हॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी चंपी ले रहे हों.  अब वाकई में ऐसा हो रहा है. नारियल तेल के लाभों ने पूरे पश्चिम को इस तेल का मुरीद बना दिया है. बल्कि कई सेलिब्रिटी तो इसे ‘चमत्कारिक लिक्विड’ भी कहने लगे हैं.

बालों की सही देखभाल करने के लिए सबसे पहले आपको ये मालूम होना चाहिए कि आपके बालों को कैसी देखभाल की ज़रूरत है. यदि आप अपने बालों की ज़रूरत के अनुसार उनकी देखभाल करती हैं, तो आपके बाल आसानी से लंबे-घने-मजबूत बन सकते हैं. आइए, हम आपको बताते हैं बालों की देखभाल का सही तरीका.

इसके पीछे मजबूत तर्क भी है, क्योंकि यह एकमात्र तेल है जो ज्यादा से ज्यादा फायदा देने के लिए बालों के रोम में अंदर जाकर 10 परतों को पोषण देता है. इस तेल के जरिए सबसे अच्छे नतीजे पाने के लिए बढ़िया तरीका है कि तेल की कुछ बूंदे लेकर बालों की पूरी लंबाई में अपने सिर की स्किन पर लगाएं. फिर इसे कम से कम 30 मिनट या पूरी रात के लिए इसी तरह छोड़ दें अगली सुबह सामान्य तरीके से शैम्पू करें.

ग्लोइंग स्किन चाहिए तो अपने रूटीन में शामिल करें ये सभी चीज़े

नमक को अपने खाने में तो लिया ही होगा, लेकिन क्या कभी आपने इसका इस्तेमाल अपनी स्किन के लिए किया है, नहीं किया होगा. तो आज हम ऐसे ही कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप भी अपनी स्किन को सूंड रबना सकती हैं. मामूली से दिखने वाले नमक के कई ब्यूटी फायदे हैं जो आपको दे सकते हैं ग्लोइंग स्किन और प्रॉब्लम-फ्री बाल. हम आपको इसी के बारे में बताएंगे कि कैसे नमक की मदद से अपनी त्वचा को सुंदर बना सकती है.

 

* टोनर :नमक स्किन के पोर्स को अंदर से साफ करके चेहरे के ऑयल को भी बैलेंस रखता है. एक चम्मच नमक को एक कप पानी में घोलें और स्प्रे बॉटल में भर लें. फिर रोज आँखों से बचाते हुए स्किन पर इस्तेमाल करें.

* बैलेंसिंग मास्क : नमक और शहद दोनों में ही एंटी-इनफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ होती हैं, जो स्किन को आराम देते हैं और पिंपल्स और जलन कम करते हैं. 2 छोटे चम्मच नमक और 4 चम्मच कच्चा शहद लेकर पेस्ट बनाएं. इसे साफ और सूखी त्वचा पर लगाएं, आंखों को छोड़ते हुए. इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ें. हल्के हाथों से मसाज करें और फिर गर्म पानी में नर्म कपड़ा भिगोकर उससे चेहरा साफ करें.

* फेस स्क्रब : नमक में ऐसे कई मिनरल्स होते हैं जो त्वचा को मुलायम बनाकर इसकी नमी बरकरार रखते हैं. 1 चम्मच नमक को इतने ही ऑलिव ऑल में मिलाएं. इस मिक्सचर से चेहरे को स्क्रब करें और फिर गुनगुने पानी से धो लें.

* बॉडी स्क्रब : नमक एक नैचुरल एक्सफॉलिएंट है जो डेड स्किन हटाने में मदद करता है. आधा कप नमक को एक चौथाई कप ऐलो वेरा जूस या जेल में मिलाएं इसमें अपने पसंद के एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें भी मिला लें. नहाने से पहले इस मिक्सचर से शरीर को स्क्रब करें.

* चमकते नाखून : नाखूनों को मजबूत और चमकदार बनाने के लिए एक नमक, 1 चम्मच बेकिंग सोडा और नींबू के रस को आधे कप गर्म पानी में मिलाएं. फिर अपने नाखूनों को इस घोल में डुबोकर रखें. फिर नाखूनों को धोकर मॉइश्चराइज़ करें.

विटामिन डी रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती हैं ये चीजें

विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो शरीर के समुचित कार्य के लिए जरूरी है. विटामिन डी मांसपेशियों, प्रतिरक्षा प्रणाली और कोशिका वृद्धि के लिए जरूरी है. सूजन को कम करने के अलावा, विटामिन डी रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करता है और हृदय की रक्षा  करने के लिए जाना जाता है.

क्या कहती है स्टडी? एक हेल्थ इंस्टीयूट के अनुसार वजन कम करने और विटामिन-डी के बीच संबंधों पर रिसर्च की गयी. एक अन्य रिसर्च के अनुसार विटामिन डी के अधिक सेवन से प्रतिभागियों के शरीर में वसा की प्रतिशत में कमी आ गयी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि क्योंकि विटामिन डी शरीर में वसा के भंडारण और उत्पादन को प्रभावित करती है. यह आपके शरीर में अन्य हार्मोन जैसे टेस्टोस्टेरोन और न्यूरोट्रांसमीटर (सेरोटोनिन) को भी प्रभावित करता है, जो आपके वजन को घटाने में सहायक होता है.

इसके अलावा शोध में पाया गया है कि महिलाओं में पेट की चर्बी विटामिन डी के कम स्तर से जुड़ी हुई थीं, जिससे उनके पेट की चर्बी पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा. पुरुषों में विटामिन डी का स्तर उनके लिवर और पेट के फैट के साथ बेहद जुड़ा हुआ था. रिसर्च पेट की चर्बी बढ़ने और विटामिन डी की कमी से पेट के हिस्से में फैट जमा हो जाती है, या पेट का फैट विटामिन डी के स्तर में कमी ला सकता है?

दूध के बाद या पहले ऐसा कुछ खा खा लेना हो सकता हैं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

इंसान के शरीर में पौष्टिक तत्वों की शुरुआत दूध से होती है। यूं तो दूध कैसे भी पिया जाए, सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें दूध से पहले या बाद में नहीं खाना – पीना चाहिए। इसके पीछे स्वास्थ्य संबंधी कारण हैं।

कई बच्चों और यहां तक कि बड़ों को भी यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्हें दूध से एलर्जी है। दूध से एलर्जी यानी दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन के प्रति रिएक्शन। इसके पीछे का मुख्य कारण होता है संतुलित आहार का अभाव यानी दूध के बाद या पहले ऐसा कुछ खा पी लेना, जो उसमें पाए जाने वाले प्रोटीन के प्रति रिएक्शन करता है। आहार और पोषण विशेषज्ञ कहते हैं कि एक ही भोजन में दो प्रोटीन वाली चीजें कभी एक साथ नहीं खाना चाहिए।

दूध के साथ- मछली, नमक, मूली, मूली के पत्ते, खट्टे फल, सहिजन, तरबूज, इमली, नारियल, खरबूजा, जामुन, अनार, आंवला, उड़द, सत्तू, तेल, बेलफल, संतरा, नींबू, करौंदा, खटाई नहीं खानी चाहिए.

दही के साथ- पनीर, खीर, दूध, गर्म पदार्थ, खीरा, खरबूजा और तरबूज न खाएं.

तरबूज के साथ- दूध, दही, पानी, पुदीना नहीं खाना चाहिए.

खरबूजे के साथ- पानी, लहसुन, दही, दूध, मूली के पत्ते न खाएं.

खीर के साथ- दही, नींबू , कटहल, खटाई, मूली, खट्टे फल नहीं खाने चाहिए.

शहद के साथ- घी, गर्म दूध या अन्य गर्म पदार्थ, तेल, वसा, अंगूर, कमल का बीज, मूली नहीं खानी चाहिए.

पानी के साथ- तरबूज, अमरूद, खीरा, ककड़ी, मूंगफली, घी, तेल, गर्म दूध का सेवन नहीं करना चाहिए.

चावल के साथ- सिरका नहीं खाना चाहिए.

चाय-कॉफी के साथ- शहद, कुल्फी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक नहीं लेनी चाहिए.

एड़ी में दर्द होना प्रातः काल के समय नहीं हैं आम बात, ये हैं इसकी वजह

अमृतसर के भारतीय फुट एंड एंकल सोसायटी के अध्यक्ष  हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव वोहरा के अनुसार सामान्यत:    काम करते हुए कई बार हल्की-फुल्की चोट या मोच आ जाती है.

ऐसे में तुरंत आइस सेक करें  क्रेप बैंडेज बांधे. जब प्रभावित हिस्से में दर्द और सूजन कम हो जाए तो घर पर कुछ सरल फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं. इन्हें करने से पहले डॉक्टर से सलाह महत्वपूर्ण है.

पिंडलियों में दर्द
सर्द हवाओं से पिंडलियों में दर्द होना पुरुष  स्त्रियों दोनों में आम है. इससे आराम के लिए घर पर भी कुछ अच्छा ढंग अपना सकते हैं.
ये करें : जमीन पर किसी टेबल या दीवार पर हाथों के सहारे खड़े होकर दर्द वाले पैर को पीछे की तरफ धीरे-धीरे खीचें. ऐसा 5-6 बार करें.
प्लांटर फेशिया (एड़ी में दर्द)
अधिकतर धावकों में प्रातः काल के समय उठते ही एड़ी में दर्द आम समस्या है. हल्की-फुल्की चोट या हाई हील फुटवियर पहनने से भी ऐसा होता है. ऐसे में एड़ी में प्रभावित स्थान पर स्टेरॉइड इंजेक्शन लगाते हैं. इसमें ये उपाय अपना सकते हैं.
ये करें : कमर सीधी कर बैठें या लेट जाएं. अब एक तौलिया लेकर जिस पैर की एड़ी में दर्द है उसके तलवे के मध्य हिस्से पर रखते हुए पैर को अपनी ओर खीचें.
टखने में मोच
संतुलन बिगडऩे से कई बार टखने में मोच आ जाती है. खेल और दिनचर्या के सामान्य काम के दौरान ऐसा होता है. घर पर एक्टिविटी कर सकते हैं.
ये करें
टखने के मुडऩे से आने वाली मोच में 4-5 प्रभावित अंग को आराम दें  हल्के हाथ से मालिश कर सकते हैं. फिर सूजन और दर्द कम होने पर जिस पैर के टखने में चोट है उसके सहारे खड़े हो जाएं. दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें. अब दोनों हाथों को कमर पर रख कुछ देर आंखें बंद करें.

महिलाओं के बीच तेज़ी से फैल रहा हैं ये गंभीर रोग

अमेरिकन हार्ट असोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियॉलजी की ओर से सूत्रबद्ध की गई गाइडलाइन्स के मुताबिक, 45 साल के कम उम्र के पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर रोग के लक्षण तीन गुना हो जाएंगे जबकि 45 साल से कम उम्र की महिलाओं में इस रोग का प्रसार दो गुना हो जाएगा। यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया के डॉ रॉबर्ट एम कैरी कहते हैं, ‘ये आकंड़े डराने वाले हैं।’

 

इस स्टडी में बताया गया कि दुनियाभर की करीब 50 प्रतिशत महिलाओं में 60 की उम्र से पहले ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या विकसित हो जाती है लेकिन उसके जो लक्षण महिलाओं में नजर आते हैं जैसे- घबराहट, कंपकंपी या हॉट फ्लशेज उन्हें मेनोपॉज का संकेत मान लिया जाता है. यही कारण है कि पुरुषों में हाई बीपी को हाइपरटेंशन कहा जाता है लेकिन महिलाओं में इसे स्ट्रेस या मेनोपॉज के लक्षण के तौर पर देखा जाता है.

नीदरलैंड्स के रैडबोड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर स्थित वीमेन्स कार्डिएक हेल्थ प्रोग्राम की डायरेक्टर प्रोफेसर ऐन्जेला मास कहती हैं, ‘पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ब्लड प्रेशर का इलाज कम ही हो पाता है जिसकी वजह से महिलाओं में हृदय संबंधित कई बीमारियों जैसे- ऐट्रिअल फाइब्रिलेशन, हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. ये ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें होने से रोका जा सकता है.’