Monday , October 28 2024

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इटावा, जसवंत नगर का रेल मंडी शिवालय: भोलेनाथ का यहां परिवार बसता है

जसवंत नगर का रेल मंडी शिवालय: भोलेनाथ का यहां परिवार बसता है

*200 वर्षों से ज्यादा प्राचीन

जसवन्तनगर(इटावा)।यहां नगर में 24 शिवालय हैं, जिनमे चार शिवालयों को, जो नगर के चारों कोनों पर हैं ,उन्हें यहां के लोगों को आपदाओं विपत्तियों से रक्षा का कवच माना जाता है। इनमें दक्षिणी कोने पर स्थित रेलवे फाटक स्थित शिवालय प्राचीनतम है। इसकी स्थापना करीब 200 वर्ष पूर्व हुई थी।


इस शिवालय को बनाते समय स्वर्गीय रामस्वरूप शिवहरे के पूर्वजों ने भगवान शंकर का पूरा परिवार पार्वती, गणेश,कार्तिकेय और नंदी को विराजित कराया था।यानि भगवान भोलेनाथ सपरिवार बसते थे। मगर कालांतर में कुछ पारिवारिक मूर्तियां खंडित हो विलुप्त हो गईं। शिवालय में तीन मठियां हैं।शिवालय के बगल से सटकर रेलवे लाइन निकली है। इसे डाले जाने के दौरान नक्शे में ठीक मंदिर की जगह पर जसवंतनगर की रेलवे स्टेशन बनना तय हुआ था। रेल फाटक सिसहाट गांव के सामने बनने का नक्शा बना था। मगर बताते हैं कि निर्माण से जुड़े इंजीनियरों को तभी स्वप्न में भगवान शंकर आए और उनसे उनका घर न उजाड़ने की कहा।इसके बाद रेल इंजीनियरों ने स्टेशन को पूर्वी तरफ 150-200 मीटर आगे बनाने का निर्णय लिया। स्टेशन की सिग्नल चौकी मंदिर के उत्तरी और बनाई गई, ताकि सिग्नलमैन भोलाभंडारी की छत्र-छाया में रहें।यही वजह मानी जाती है कि इस शिवालय की 500 मीटर परिधि में रेल ड्रेलमेंट की आज तक कोई दुर्घटना नही हुई।मंदिर परिसर में पीपल का एक विशालतम वृक्ष है, इस की खासियत यह है कि इसी वृक्ष में बरगद और नीम भी इसकी डालों से निकलकर विशालकाय रूप ले गए हैं। पीपल और बरगद की पूजा महिलाए विभिन्न अवसरों पर शिवलिंग की छांव में करती हैं।


इस मंदिर में कभी कोई पुजारी तैनात नहीं रहा।भक्त लोग ही रखरखाव करते रहे हैं।
इस शिवालय के पास ही रहने वाले कई स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी श्याम मोहन गुप्ता ने बताया कि इस प्राचीन शिवलिंग के आगे जो भी मन्नत भक्त मांगते ,वह पूरी होती।मेरा परिवार ही नही रेलमंडी के अनेक परिवार इन भोलेनाथ की कृपा से सरसब्ज हुए हैं। वह बताते कि भगवान राम यहीं से आशीर्वाद लेकर अपनी बारात निकालते रहे। नगर की गणेश बारात भी यहीं से निकलती थी।

जुगौरा गांव निवासी ब्लॉक प्रमुख परिवार के बुजुर्ग 65 वर्षीय कुशल पाल सिंह यादव ने बताया कि यह शिवालय उन्हें आलोकित ऊर्जा प्रदान करता है।मैं कई बार बहुत बीमार हुआ,मगर हर बार इनकी कृपा से स्वस्थ हो गया। अब मेरा नियम है कि मैं सबेरे रोज अपने घर से चलकर इस शिवलिंग को माथा नवाता हूं। उन्होंने बताया कि सावन के महीने और शिवरात्रि पर दूर दूर से लोग दर्शनों को आते हैं।

वेद व्रत गुप्ता*

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विटामिन ‘ए’ संपूर्ण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ*

*विटामिन ‘ए’ संपूर्ण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ*

● जनपद में 2 लाख 3 हजार 496 बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए की दवा,

इटावा। इटावा जनपद के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार को 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने के लिए विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
महेवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ०गौरव त्रिपाठी ने 5 वर्षीय बच्चे को दवा पिलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कहा कि बच्चों की अच्छी प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन ए बहुत ही आवश्यक है। इसीलिए बच्चों को समय-समय पर विटामिन ए की खुराक अवश्य पिलाएं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ श्रीनिवास ने बताया कि 2 लाख 3 हजार 496 बच्चों को विटामिन’ए’ पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि बाल स्वास्थ्य पोषण माह साल में दो बार चलाया जाता है। अभियान का पहला चरण अगस्त में चलाया जा रहा है जिसके तहत 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को आयरन और विटामिन ए के साथ कई बीमारियों से बचाने के लिए इस अभियान के तहत विटामिन ए आयरन सिरप बच्चों को पिलाया जाएगा। डॉ श्रीनिवास ने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए भेज दी गई है।

*क्यों पिलाएं विटामिन ए की दवा ?*

जिला अस्पताल बाल रोग विशेषज्ञ डॉ०पी के गुप्ता ने बताया कि शारीरिक विकास के लिए विटामिन ‘ए’की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसीलिए सरकार द्वारा समय-समय पर बच्चों को यह खुराक निशुल्क पिलाई जाती है। जिससे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहे और उनका शारीरिक विकास सही हो।
उन्होंने बताया कि दांत, हड्डियां,त्वचा और नरम ऊतक को स्वस्थ रखने साथ ही आंखों को ठीक तरह से कार्य करने में विटामिन ए की जरूरत होती है। इसीलिए विटामिन ‘ए’ एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के कारण प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है जिससे बच्चे बीमारी से दूर रहते हैं इसकी कमी होने पर बच्चे को बार-बार इंफेक्शन होता है और उसका विकास भी बाधित होता है। डॉ०गुप्ता ने बताया कि विटामिन ए की कमी के कारण आंखों और त्वचा संबंधी रोग भी जल्दी होते हैं इसीलिए विटामिन ए की यह खुराक सभी माता पिता अपने बच्चे को अवश्य पिलाएं।

खूंखार सांड ने एक वर्ष में एक बुजुर्ग पर किये तीन हमले,

*सांड का आतंक-हमला से तीन ग्रामीण हुए दिव्यांग*

● खूंखार सांड ने एक वर्ष में एक बुजुर्ग पर किये तीन हमले,

भरथना,इटावा। भरथना विकास खण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत खानपुरा के ग्रामीण गांव में पहुँचे एक आवारा खूंखार सांड के आतंक और दहशत में जीने को मजबूर बने हुए हैं।
ग्राम प्रधान सुरेश चंद्र यादव ने बताया कि भरथना कस्बे से विचरण करते हुए गांव पहुँचा एक आवारा खूंखार सांड ने खानपुरा सहित आस पास के ग्रामीण महिला पुरूष सहित बुजुर्ग बच्चों युवाओं जीना मुश्किल कर दिया है।
प्रधान श्री यादव के अनुसार गुरुवार को उक्त आवारा खूंखार सांड ने सुबह साढ़े 6 बजे खेतो पर धान की पौध लगवाने जा रहे बुजुर्ग किसान साहब सिंह 70 वर्ष पुत्र स्व०रामरतन सिंह यादव निबासी ग्राम खानपुरा को उक्त सांड ने पड़ौसी ग्राम मिलकिया के निकट जोरदार हमला करके बुरी तरह घायल कर दिया। जिसपर आस पास खेतों पर कृषि कार्य कर रहे तमाम किसानों ने दौड़ कर बुजुर्ग किसान साहब सिंह को सांड से बमुश्किल बचाया है।
प्रधान श्री यादव ने बताया कि उक्त आवारा खूंखार सांड ने साहब सिंह पर एक वर्ष में यह तीसरा हमला किया है और सांड के तीनों हमलों में साहब सिंह बुरी तरह घायल हुए हैं। सांड ने इस बार के हमला में साहब सिंह को पूरी तरह दिव्यांग र्कर दिया है।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व उक्त आवारा सांड ने गांव की एक बुजुर्ग विधवा महिला गायत्री देवी 75 वर्ष पत्नी स्व०कोमल सिंह को एक माह पूर्व हमला कर दिव्यांग कर दिया है गायत्री देवी पिछले एक माह से चारपाई पर लेटे लेते इलाज करा रहीं हैं।
वहीं उक्त सांड अपने हमला से गांव निबासी महेश चंद की पुत्री कु०पूजा को बुरी तरह घायल कर चुका।
ग्राम प्रधान सुरेश चंद्र यादव ने प्रशासन से उक्त आवारा खूंखार सांड को पकड़वा कर जंगलों में छुड़वाए जाने की मांग की है,ताकि इलाके के ग्रामीण सुरक्षित जीवन यापन कर सकें।

हिंदुस्तान जिंक द्वारा खनन कार्यों में आंतरिक प्रतिभा के कौशल एवं अवसर वृद्धि हेतु जावर में श्हिंदुस्तान जिंक माइनिंग अकादमीश् का शुभारंभ

 

– पांच महीने तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 16 सप्ताह का क्लासरूम इंस्ट्रक्शन शामिल होगा

उदयपुर, 30 जुलाई, 2022रू देश की एकमात्र और विश्व की अग्रणी एकीकृत जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक, कंपनी हिंदुस्तान जिंक द्वारा खनन कार्यों में व्यापारिक भागीदारों के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के उद्येश्य से अनूठी पहल कर जावर में श्हिंदुस्तान जिंक माईनिंग अकादमीश् की स्थापना की है। देश मे खनन क्षेत्र में कुशल कर्मचारियों की महती आवश्यकता है, इस समस्या को हल करने के उद्देश्य से इस हेतु सहायता के लिए, कंपनी ने अनुसंधान किया जिसने जंबो ड्रिल ऑपरेटरों की पहचान करने में मदद की। इस क्षेत्र में अक्सर एक्सपैट्स द्वारा रूचि ली जाती है। खनन व्यवसाय में आंतरिक प्रतिभाएं अधिक और बेहतर कुशल कर्मचारी विशेष रूप से उपयोगी साबित हो सकते है। उदघाटन समारोह में हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा, सीएचआरओ अजय सिंगरोहा, जावर के आईबीयू सीईओ विनोद कुमार एवं जावर मजदूर संघ के जनरल सेक्रेट्री लल्लू राम मीणा उपस्थित थे।

खनन अकादमी को जीएचएच इंडिया माइनिंग एंड टनलिंग इक्विपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया गया है। जिसका उद्देश्य जंबो ड्रिल संचालन के लिए विशेषज्ञ कौशल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कंपनी में कार्यरत प्रतिभा विकसित करना है। हिंदुस्तान जिंक ने इस कार्यक्रम को 3डी सिम्युलेटर जैसे विभिन्न प्रावधानों के माध्यम से मजबूत किया है, जो एक वर्चुअल रियलिटी हाई-टेक डिवाइस है जिसका उपयोग ऑपरेटरों को भारी मशीनरी में प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। सिमुलेटर नियंत्रण परिचित, प्रक्रिया अनुपालन आदि सहित अवधारणाओं के साथ-साथ कौशल के बारे में आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक लागत प्रभावी, सुरक्षित और कुशल तरीका साबित हुआ है। इसके अलावा, इस तरह के सिमुलेशन प्रशिक्षण उत्पादकता को अनुकूलित करने और दक्षता बढ़ाने में भी मदद करता है। कार्यक्रम कक्षा तथा सिम्युलेटर प्रशिक्षण और जाॅब पर प्रशिक्षण का एक एकीकरण है जो आॅन द जाॅब प्रशिक्षण के प्रमुख तत्वों में से एक आॅपरेटर शैडोइंग है जिसमें उम्मीदवार वर्तमान जंबो आॅपरेटरों को बारीकी से शैडोइंग करेंगे जो उन्हें प्रशिक्षको के रूप में दायित्व सौंपे गए हैं और वे इस प्रकार व्यापक व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर रहे हैं।

इस अवसर पर, हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अरुण मिश्रा ने कहा, किष्जावर में श्हिंदुस्तान जिंक माइनिंग अकादमीश् की स्थापना का उद्देश्य देश के युवाओं के लिए खनन उद्योग में कौशल को बढ़ाना है। यह अकादमी जंबो ड्रिल ऑपरेटरों, लोड हॉल डम्पर (एलएचडी) ऑपरेटरों और लो-प्रोफाइल डम्पर ट्रक (एलपीडीटी) ऑपरेटरों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगी और उन्हें भारतीय खनन उद्योग में कौशल बढ़ाने और प्रवासियों पर निर्भरता को कम करने में सक्षम बनाएगी। हम 20 खनन अनुभवी जंबो हेल्पर्स के साथ जावर में माइनिंग एकेडमी का पहला बैच शुरू करेंगे और अन्य खनन स्थानों से बैचों को आमंत्रित करना जारी रखेंगे।

यह अनूठी पहल जंबो हेल्पर्स और संबद्ध क्रू सदस्यों को प्रमाणित जंबो ड्रिल ऑपरेटरों में महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करती है। कार्यक्रम पांच महीने की अवधि में होगा जिसमें 16 सप्ताह का कक्षा निर्देश, अनुकरण प्रशिक्षण और सात सप्ताह का ऑन-द-जॉब निर्देश शामिल होगा। इस व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम में जंबो ड्रिल ऑपरेशन के सभी पहलुओं के साथ-साथ रखरखाव की कुछ बुनियादी बातें शामिल होंगी।

औरैया, बरसात में गौशालाओं में गोवंशों की हो रही दुर्दशा आवास विकास गौशाला में दो गाय मरी*

*औरैया, बरसात में गौशालाओं में गोवंशों की हो रही दुर्दशा आवास विकास गौशाला में दो गाय मरी*

*गोवंश आश्रय केंद्र मिर्जापुर में गंदगी व कीचड़ की भरमार सेवादार परेशान*

*औरैया।* बरसात के मौसम में गौशालाओं में गायों की दुर्दशा देखी जा सकती है। स्थानीय आवास विकास में स्थित गौशाला में गोवंशों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। उक्त गौशाला में बुधवार को दो गाय मरी पड़ी देखी गई। जिसे उठाने की सुध न तो गौशाला संचालक ने ही ली और ना ही प्रशासन ने। इसी तरह से विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत जैतापुर के मजरा मिर्जापुर बेरमशाह में भी गंदगी एवं कीचड़ के चलते गोवंशों की दुर्दशा है। गोवंश को चारा आदि देने के लिए सेवादारों को कीचड़ में घुसकर चारा दाना पानी देना पड़ता है। जिससे सेवादारों में आक्रोश व्याप्त है। वही समय से वेतन भुगतान नहीं होने पर सेवादारों ने नाराजगी व्यक्त की है। सेवादारों ने समय से भुगतान कराए जाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। बुधवार को जब संवाददाता गौशालाओं का जायजा लेने के लिए स्थानीय आवास विकास में स्थित गौशाला पहुंचा तो वहां पर गोवंश इधर-उधर घूमते देखे गये। इसके अलावा गौशाला के अंदर ही दो गाय मरी पड़ी हुई देखी गई। गायों की सुरक्षा के लिए बरसात के मौसम में छाया का भी पर्याप्त इंतजाम नहीं है। जिससे गोवंश बरसात में भीगते रहते हैं। गौशाला के अंदर मरी पड़ी दो गायों को ना तो गौशाला संचालक ने ही उठवाया और ना ही पालिका परिषद ने। इस संबंध में जब गौशाला संचालक से बात करनी चाही तो वह गौशाला में उपस्थित नहीं थे और ना ही कोई कर्मचारी था। इसी तरह से संवाददाता जब औरैया विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत जैतापुर के मजरा बेरमशाह स्थित गोवंश आश्रय स्थल गौशाला में पहुंचा तो वहां पर पाया कि गोवंश दलदली जमीन पर कीचड़ में अपनी दुर्दशा बयां कर रहे हैं। इस संबंध में जब गोवंश आश्रय स्थल के प्रमुख सेवादार देवेंद्र सिंह से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि गौशाला में इस समय कमोवेश 475 गोवंश हैं। आगे कहा कि गोवंशो की देखरेख के लिए 11 सेवादार कर्मचारी तैनात हैं, जिनमें से 9 कर्मचारी दिन के समय गोवंशों को अपनी सेवा देते हैं , वही रात के समय 2 सेवादार मौजूद रहते हैं। उन्होंने बताया कि इस समय गौशाला में करीब 75 कुंटल भूसा उपलब्ध है। इसके अलावा प्रतिदिन तीन ट्रैक्टर ट्राली हरा चारा (कटिया) मशीन से कटकर आता है, जो गोवंशों खिलाया जाता है। इसके अलावा पास के गांव कुम्हापुर में भूसे का स्टाक है। सेवादार ने कहा कि बरसात के मौसम के चलते गौशाला की जमीन दलदली कीचड़ युक्त हो गई है, जिससे गोवंशों को भी परेशानी हो रही है। वही सेवादारों को भी गोवंशों को चारा खिलाने व पानी पिलाने में कीचड़ में घुसकर जाना पड़ता है, जिससे उनके पैरों में खरवा हो गये हैं। यदि प्रशासन द्वारा गोवंश आश्रय केंद्र में राविश प्रशासन द्वारा डलवा दी जाए तो समस्या से हद तक निजात मिल सकती है। सेवादारों ने बताया कि वह अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी के साथ करते हैं। इसके बावजूद उन्हें दैनिक रूप में 160 रुपये पारिश्रमिक के रूप में मिलते हैं जो पर्याप्त नहीं हैं। यह धनराशि भी समय से उपलब्ध नहीं होती है। जिससे उनके सामने विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। जो भी पारिश्रमिक मिलता है , वह समय से मिले इसके लिए वह लोग जिला प्रशासन से मांग करते हैं , कि उनका भुगतान समय से कराया जाए , जिससे उन्हें व उनके परिवार को समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े। शहर के संभ्रांत , बुद्धिजीवी एवं वरिष्ठ नागरिको ने कहा है कि यहां यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि यदि कीचड़ युक्त दलदली भूमि से गोवंशो को मुक्त नहीं किया गया तो गोवंशों में बीमारियां फैलने व खुरपका रोग होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। देखना है कि प्रशासन इस ओर क्या कदम उठाता है?

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

औरैया, पंचायत सचिवालय में हुई चोरी*

*औरैया, पंचायत सचिवालय में हुई चोरी*

*कम्प्यूटर, प्रिंटर, टीवी, इन्वर्टर, बैटरी, पखें ले गए चोर, सीसीटीवी कैमरों को भी किया क्षतिग्रस्त*

*बिधूना,औरैया।* बिधूना विकास खंड की ग्राम पंचायत सराय प्रथम में बने ग्राम सचिवालय में बीती रात्रि अज्ञात चोरों ने सीसीटीवी कैमरा तोड़कर अन्दर कमरों रखे कम्प्यूटर, प्रिंटर, टीवी, इन्वर्टर, बैटरी, पखें आदि समान चोरी कर ली। प्रधान व सचिव ने चोरी की घटना की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची 112 डायल पुलिस ने जांच पड़ताल कर जल्द घटना का खुलासा करने बात कही। प्रधान व सचिव ने कोतवाली पहुंचकर घटना की अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ तहरीर दी है। सफाई कर्मचारी ने दी जानकारी,विकास खंड बिधूना की ग्राम पंचायत सराय प्रथम प्रधान पिंकी देवी ने बताया कि बुधवार सुबह नौ बजे सफाई कर्मचारी राजेन्द्र सिंह ने सचिवालय के बहार मैन गेट खोला तो उसने देखा कि अन्दर के कमरों के भी तोले टूटे हैं। जिसके बाद सफाई कर्मी राजेन्द्र ने उन्हें घर आकर जानकारी दी। बताया कि मौके पर जाकर देखा कि सचिवालय की सुरक्षा में लगे सीसीटीवी कैमरा के साथ कमरे में रखा कम्प्यूटर, प्रिंटर, टीवी, इन्वर्टर, बैटरी,पंखे आदि गायब थे। प्रधान सचिव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज। प्रधान पिंकी देवी ने चोरी की जानकारी पंचायत सचिव परवेज को देने साथ पुलिस को भी सूचना दी। चोरी की सूचना मिलते ही 112 डायल पुलिस ने मौके पर जांच पड़ताल की। जिसके बाद प्रधान पिंकी देवी व सचिव परवेज ने कोतवाली पहुंचकर अज्ञात चोर के खिलाफ तहरीर दी। इस संबंध में कोतवाली प्रभारी जीवाराम ने बताया कि सचिवालय से सामन चोरी होने की जानकारी मिली है। मौके पर पुलिस भेजकर जांच कराकर उचित कार्रवाही की जायेगी। 112 पुलिस सुबह मौके पर पहुंची थी।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

औरैया, प्राथमिक स्कूल, ऐली का भवन जर्जर*

*औरैया, प्राथमिक स्कूल, ऐली का भवन जर्जर*

*बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर करते हैं पढ़ाई*

*बारिश में पंचायत भवन की लेनी पड़ती है शरण*

*बिधूना,औरैया।* बिधूना तहसील क्षेत्र में सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहद खराब है। यहां कहीं छतों से पानी टपक रहा है तो कहीं भवन जर्जर हैं। कहीं बच्चे दूसरे भवन में शिफ्ट किए गए हैं तो कहीं पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई कराई जा रही है। हालांकि सरकारी आंकड़ों में कायाकल्प योजना के तहत सरकारी स्कूलों को चमकाने का दावा किया जा रहा है। बात करें तहसील क्षेत्र के अछल्दा ब्लॉक की तो प्राथमिक विद्यालय, ऐली का भवन जर्जर हो गया है। यहां बारिश के समय पानी टपकने लगता है। इससे बच्चों को पंचायत भवन की शरण लेनी पड़ती हैं। सामान्य दिनों में पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ाया जाता है। तस्वीरों में आप देख सकते हैं बच्चे परिसर में ही बरगद के पेड़ के नीचे बैठ कर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यही नहीं बारिश के मौसम में जर्जर भवन के गिरने की खतरा और बढ़ जाता है। इससे बच्चों के पढ़ने के लिए कोई दूसरा सुरक्षित स्थान नहीं है। प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन, स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा रहा है। विद्यालयों में शिक्षण सत्र शुरू हो गया है। ऐसे में बच्चे स्कूलों के भवन जर्जर होने के कारण खुले में या पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं। स्कूलों के खस्ताहाल भवनों को देख अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। इसका असर स्कूलों में होने वाले नामांकन पर भी पड़ रहा है। क्षेत्र के ऐली गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन लगभग 32 साल पहले बना था‌‌। स्कूल में दो कमरे हैं, जिनकी दीवारों व छतों में जगह-जगह दरार पड़ गई है। छत व दीवारों का प्लास्टर उखड़ रहा है। बरसात में दीवारों में सीलन हो जाती है। बुधवार को थोड़ी सी बारिश होते ही स्कूल की छतें टपकने लगीं। विद्यालय में पढ़ने के लिए पहुंचे बच्चे बरगद के नीचे बैठे थे, पानी बरसते ही उन्हें पंचायत भवन में शरण लेनी पड़ी। विद्यालय में 8:30 बजे तक शिक्षामित्र रन्नो देवी के अलावा अन्य कोई शिक्षक नहीं पहुंचा था।” चार लोगों का स्टाफ व 53 बच्चे हैं” प्राथमिक विद्यालय, ऐली में चार शिक्षकों का स्टाफ है। इसमें प्रधानाध्यापक श्रीपति द्विवेदी के अलावा एक सहायक अध्यापक अवध किशोर, दो शिक्षमित्र रन्नो देवी व मुकेश बाबू हैं। विद्यालय में कुल 53 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इसमें कक्षा एक में 08 छात्र, कक्षा दो में 08 छात्र, कक्षा तीन में 12 छात्र, कक्षा चार में 15 एवं कक्षा पांच में 10 छात्र-छात्राएं हैं। बारिश के समय जगह-जगह से पानी टपक रहा है। इससे जर्जर भवन की छत गिरने की आशंका बनी हुई है। विभागीय अधिकारियों द्वारा जर्जर भवन को डैमेज घोषित कर नया भवन बनवाए जाने की सुध नहीं लिए जाने से अभिभावक चिंतित हैं। प्रधानाध्यापक श्रीपति द्विवेदी ने बताया कि भवन की पुरानी छत व दीवारों में दरारें हो गई हैं। बारिश होने पर उनसे पानी टपकने लगता है। छतों के कभी भी गिरने की आशंका बनी रहती है। बारिश के दिनों में सीलन के कारण कमरों में नमी और उमस महसूस की जाती है। बताया कि गांव के गरीब परिवार के छोटे-छोटे बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए विवश हैं। उन्होंने इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। परंतु इस ओर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है। शिक्षक अपने व बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं।

“अभिभावकों ने की नया भवन बनाने की मांग”

*बिधूना,औरैया।* अभिभावक सर्वेश राठौर, राधा किशन, गुड्डू सविता, रामदत्त, सुरेश चन्द्र, राकेश कुमार, रुप सिंह, राजू कठेरिया, अरविन्द चौहान ने कहा कि विद्यालय भवन की खस्ता हालत देखते हुए वह अपने बच्चों को लेकर खासा चिन्तित हैं। कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए। उन्होंने जल्द से जल्द इस भवन को डैमेज घोषित कर यहां पर नए विद्यालय भवन का निर्माण कराने की मांग की है। बीएसए विपिन कुमार ने बताया कि इस मामले की जानकारी कर जल्द समस्या दूर की जाएगी। खड शिक्षा अधिकारी अवनीश कुमार ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय, ऐली के जर्जर भवन का मामला संज्ञान में आया है। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

औरैया, 200 स्कूल बरसात में बन जाते हैं तालाब*

*औरैया, 200 स्कूल बरसात में बन जाते हैं तालाब*

*छात्रों को जलभराव के पानी से होकर पड़ता है गुजरना, पढ़ाई होती है प्रभावित*

*औरैया।* बारिश के चलते जिले के करीब दो सौ परिषदीय विद्यालय जलभराव की चपेट में आते हैं। इससे बच्चों को पानी में से होकर स्कूल आने जाने की परेशानी उठानी पड़ती है। बीहड़ के करीब एक दर्जन स्कूल ऐसे हैं, जो बाढ़ आने पर डूब जाते हैं। बेला के याकूबपुर के गांव पट्टी ज्ञानी का प्राथमिक स्कूल जहां बीते एक पखवारे में हुई बारिश से जलभराव की स्थिति हो गई है। काफी बड़े गड्ढे में पानी भरा है। मेंन गेट के सामने जलभराव से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं, यहां करीब 125 बच्चे हैं और तीन टीचर व एक प्रधानाध्यापक हैं। इसके अलावा विशेषतौर पर निचले स्थानों पर संचालित विद्यालयों में यह परेशानी काफी ज्यादा है। “छात्रों को जलभराव के पानी से होकर पड़ता है गुजरना” इस कारण कहीं परिसर में तो कई जगह कक्षाओं तक में पानी भर गया है। इससे कॉलेज के मुख्य गेट से लेकर कक्षा तक पहुंचने के लिए भी बच्चों व शिक्षकों को काफी मशक्कत करना पड़ रहा है। कई जगह तो विद्यालय तक पहुंचने का मार्ग भी पानी में डूबा हुआ है। ऐसे में पढ़ने के लिए विद्यालय आने वाले बच्चों को जलभराव के पानी से होकर गुजरने की परेशानी भी उठानी पड़ रही है। रुरुगंज के इंग्लिश मीडियम स्कूल व व औरैया के प्राथमिक विद्यालय कांशीराम कॉलोनी के अलावा प्राथमिक विद्यालय पट्टी ज्ञानी के बच्चों विशेषतौर पर जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। “अभिभावको ने जताई नाराजगी”
अछल्दा, सहार, सहायल, बेला, फफूंद आदि कस्बों में भी कई परिषदीय स्कूलों की स्थिति भी कुछ इसी तरह है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर परेशान अभिभावकों ने इस पर नाराजगी जताते हुए जिला प्रशासन से मांग की कि ऐसे सभी विद्यालयों के मार्गों को ऊंचा करवा कर बच्चों के आवागमन की परेशानी को दूर कराया जाए। जिले में कुल 1063 प्राथमिक तथा 453 उच्च प्राथमिक मिलाकर 1516 विद्यालय हैं। “बीहड़ इलाके के स्कूल डूब जाते हैं” सदर तहसील के जुहीखा, फारिहा, आस्ता और अजीतमल से जुड़े प्राथमिक विद्यालय सिकरोड़ी पानी में डूब जाता है। इसके अलावा भदौरा, क्योंटरा व महापूर समेत चार विद्यालय पानी से घिर जाते है। 2020 व 21 में यह स्कूल महीनों बन्द रहे और पढ़ाई ठप रही।”जलभराव की समस्या दूर करने का किया जा रहा प्रयास” बीएसए विपिन कुमार ने बताया, ”कुछ विद्यालयों में जलभराव की परेशानी के बाद भी शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। जलभराव की परेशानी को दूर कराने के लिए संबंधित विभाग के साथ मिलकर प्रयास कराए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत व अन्य संस्थाओं के सहयोग से स्कूलों के बदहाल रास्तों को दुरुस्त कराया जाएगा।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

औरैया, बच्चों को पिलाई गई विटामिन ए की खुराक*

*औरैया, बच्चों को पिलाई गई विटामिन ए की खुराक*

*50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय से शुरू हुआ बाल स्वास्थ्य पोषण माह*

*1.59 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य*

*औरैया।* जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार से बाल स्वास्थ्य पोषण माह की शुरुआत हुई | स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में नौ माह से पांच साल तक बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी गई। 50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना श्रीवास्तव की मौजूदगी में भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीराम मिश्रा ने अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने यहां बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई। उन्होंने शासन द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित की जा रही जन उपयोगी योजनाओं की जानकारी दी। एक माह तक चलने वाले इस अभियान में नौ माह से लेकर पांच साल तक के करीब 1.59 लाख शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। अभियान प्रत्येक सप्ताह बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण के साथ चलाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक सप्ताह बुधवार और शनिवार को अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान टीकाकरण केंद्रों पर आने वाले नौ माह से लेकर पांच साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी। नौ से बारह माह तक के बच्चों को आधी चम्मच यानी एक एमएल, एक से पांच साल तक के बच्चों को दो एमएल दवा दी जानी है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 1.59 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि विटामिन ए से रोग प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत होती है। स्किन भी सही होती है। हड्डियां मजबूत और घाव भरने में भी मदद करती है। विटामिन ए में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है, जो आंखों की बीमारियों के खतरे कम करता है। इम्यून सिस्टम के कार्यों को बेहतर बनाने और दिल, फेफड़े, किडनी के साथ ही शरीर के दूसरे आवश्यक अंगों के कार्यों को भी सामान्य रखने के लिए विटामिन ए की भूमिका काफी अहम होती है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान नौ से 12 माह के 9562 , एक से दो साल के 36032 , दो से पांच साल के 113497 बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई जानी है। इसका माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। ब्लाक वार लक्ष्य निर्धारित कर जिम्मेदारी दे दी गई है। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक , सहयोगी संस्था यूनिसेफ और यूएनडीपी के प्रतिनिधि सहित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं मौजूद रहे। उधर दिबियापुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बाल स्वास्थ्य पोषण माह का शुभारंभ नगर पंचायत अध्यक्ष अरविंद पोरवाल ने सीएचसी अधीक्षक डाक्टर विजय आनंद की उपस्थिति में फीता काटकर किया।इस अवसर पर स्वास्थ्यकर्मी अश्वनी सिंह , हिमांशु सिंह , ईशू पाठक आदि लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

औरैया, हाइवे पर तमंचे दिखाकर व्यापारियों से लूट* कार सवार बदमाशों ने की वारदात

*औरैया, हाइवे पर तमंचे दिखाकर व्यापारियों से लूट*

*डीसीएम पर आलू लादकर आगरा से औरैया आ रहे थे पीड़ित*

*कार सवार बदमाशों ने की वारदात*

*अजीतमल,औरैया।* नेशनल हाईवे पर बुधवार को कार सवार बदमाशों ने डीसीएम से आलू लेकर जा रहे व्यापारियों को तमंचे के बल पर लूट लिया। इसके बाद उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। पीड़िताें ने पुलिस को तहरीर दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। नींद आने पर गाड़ी रोककर सड़क किनारे कर रहे थे आराम। आगरा के बाह थाना क्षेत्र के ग्राम बरकापुरा निवासी नेमीचंद पुत्र रतन सिंह अपने पड़ोसी गांव जरार निवासी खलासी बॉबी पुत्र गोपीचंद के साथ डीसीएम में आलू लोड कर औरैया जा रहे थे। बुधवार दोपहर दो बजे मुरादगंज कस्बे के पास नींद आने के कारण हाइवे की सर्विस रोड पर डीसीएम रोककर आराम करने लगे। आरोप है तभी सफेद रंग की कार आकर रुकी। उस पर सवार बदमाशों ने तमंचे की बट मारकर नेमीचंद को घायल कर दिया। तीन हज़ार रुपये और मोबाइल लूट कर कार से भाग गए। पीड़ित ने 112 नम्बर पर कॉल कर घटना की जानकारी दी। “टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी नहीं कर रहे थे काम” पीड़ितों के साथ टोल प्लाजा पहुंचकर एसपी चारू निगम ने सीसीटीवी फुटेज चेक किये। उनके साथ सीओ प्रदीप कुमार और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह भी मौजूद थे। एसपी को बताया गया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण के चलते वायर आदि कट जाने के कारण सीसीटीवी काम नहीं कर रहा है। सीओ ने बताया कि मामले की तहरीर मिली है। जांच की जा रही है। जल्द ही घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता