Thursday , October 24 2024

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पेड़ लगाकर पैसे कमा सकेंगे पूर्वांचल के किसान, जानें- क्या है योजना और कैसे मिलेगा लाभ

वाराणसी: अब पूर्वांचल के किसान पौधे लगाकर पैसे कमा सकेंगे। कॉर्बन सोखो और पैसा कमाओ योजना के तहत इसका लाभ दिया जाएगा। योजना दूसरे चरण में वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के जिलों में यह योजना शुरू की जाएगी। पेड़ों का सर्वे करने के बाद किसानों के खाते में रकम भेजी जाएगी। किसानों को एक पेड़ प्रतिवर्ष 250 रुपये से 350 रुपये तक मिल सकेंगे।

यह योजना 2023 में पहले चरण में मेरठ, गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल में शुरू की गई थी। अब तक 25140 किसानों को 202 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। दूसरे चरण में सात मंडल का चयन किया गया है।

इसमें वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के जिले शामिल हैं। किसानों को वृक्ष जितना कॉर्बन सोखेंगे, उतना ही कार्बन क्रेडिट के हिसाब से पैसे दिए जाएंगे। तेजी से बढ़ने वाले पेड़ यूकेलिप्टस (नीलगिरी), पॉपुलर, शीशम, नीम जैसे पेड़ों पर किसानों को रकम दी जाएगी। प्रत्येक वृक्ष पर कार्बन क्रेडिट के हिसाब से प्रतिवर्ष 250 रुपये से 350 रुपये तक मिलेंगे। इससे किसानों को वृक्षों की कीमत के साथ अतिरिक्त आय होगी।

वन विभाग स्वतंत्र एजेंसी से कराएगा सर्वे
वन विभाग स्वतंत्र एजेंसी से सर्वे कराकर किसानों को योजना का लाभ देगा। वैज्ञानिक फॉर्मूले के आधार पर पेड़ की कार्बन सोखने की क्षमता तय की जाएगी। उसी हिसाब से किसानों के खाते में पैसे भेजे जाएंगे। वन विभाग अधिकारी के अनुसार पेड़ के काटे न जाने तक भुगतान किया जाएगा। सागौन और यूकेलिप्टस (नीलगिरी) के वृक्ष सबसे अधिक कार्बन का अवशोषण करते हैं। इन पेड़ों के ज्यादा पैसे मिलेंगे।

भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से राहत, अवमानना की कार्यवाही बंद की गई

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को योग गुरु स्वामी रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रामक विज्ञापन मामले में दोनों के खिलाफ अवमानना के मामले को बंद कर दिया है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। सर्वोच्च न्यायालय भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ पतंजलि पर बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगा है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर 2023 के अपने आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने आश्वासन दिया है कि ‘‘इसके बाद किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा, खासतौर से इसके द्वारा निर्मित उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग के संबंध में ऐसा नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा औषधीय प्रभावों का दावा करने वाले या किसी भी चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ कोई भी आकस्मिक बयान किसी भी रूप में मीडिया को जारी नहीं किया जाएगा।’’ सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद इस आश्वासन के प्रति बाध्य है।

पत्रकारिता 40अंडर40 के विजेताओं के नाम से उठा पर्दा, यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक रहे मुख्य अतिथि

नई दिल्ली :कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि डॉ. अनुराग बत्रा द्वारा आयोजित हिंदी पत्रकारिता जगता का यह बहुत ही प्रतिष्ठित कार्यक्रम है, भले ही इस कार्यक्रम ने तीन वर्ष पूरे किए हों। लेकिन इस कार्यक्रम का इंतजार हमारे साथी बड़े ही तन्मयता के साथ करते हैं। सामन्यत: प्रतिदिन आठ-दस कार्यक्रमों में जाना का अवसर प्राप्त होता है, लेकिन ऐसे कार्यक्रम में जाने का शायद ही कभी अवसर मिला हो और यह दूसरी बार मिला है, क्योंकि जो दूसरों की खबरें करते हों और उनके बीच कुछ कहने का सौभाग्य मिले इससे अच्छा क्या होगा। नए पत्रकार साथियों से कहना चाहूंगा कि बहुत ही चुनौती भरा प्रोफेशन है ये। आईएएस के विद्यार्थी से ये उम्मीद की जाती है कि उन्हें इंटरव्यू में सभी तरह की जानकारी होगी। ऐसे ही आपसे भी उम्मीद की जाती है कि आपको भी सबकुछ याद होगा। कोई फील्ड ऐसी नहीं है, जो आपको पता न हो। सबकुछ आपको पता होना चाहिए। क्योंकि आपने ऐसी विधा में कदम रखा हैं, जहां सम्मान तो बहुत है, लेकिन मेहनत भी बहुत है। प्रतिक्षण आपको अलर्ट रहना है।

इस दौरान एक्सचेंज4मीडिया समूह के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा, ‘मैं मानता हूं पत्रकारिता और सिविल सोसायटी में हर तरह के विचारों को रखना चाहिए, लेकिन कुछ ऐसे भी विषय होते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा व देश की संप्रभुता से जुड़े होते हैं, यानी जो देश के मुद्दे होते हैं, उस पर हम सभी को एकमत होना पड़ेगा। वैसे हम सब संपादकीय दृष्टिकोण की बहुलता और उसकी उपयोगिता के बारे में जानते हैं, लेकिन मुझे लगता कि कुछ मुद्दों को लेकर हमें एक आवाज बनना होगा। हमारी रुचि राष्ट्र हित में होनी चाहिए।‘

वहीं, ‘समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40 अंडर 40’ कार्यक्रम से जुड़े तीन नियमों की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल हमनें दो नए नियम बनाए थे और अगले साल से लागू कर रहे हैं, जिसमें से पहले दो नियम थे कि जो इस कार्यक्रम के विजेता रह चुके हैं, वह इस कार्यक्रम में दोबारा से रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा नए प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम से जुड़ने का मौका मिल सके। वहीं दूसरा नियम ये बनाया कि हम एंट्री फीस नहीं लेगें और वह इसलिए क्योंकि बड़े संस्थान तो ज्यादा एंट्रीज भेज सकते हैं, लेकिन कई मझोले और छोटे संस्थान इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन पाते थे। इसलिए हमने एंट्री फीस को समाप्त कर दिया है और इसका असर भी देखने को मिला, क्योंकि पिछले साल के विजेता दस संस्थानों ने प्रतिनिधित्व करते थे और लेकिन इस बार के विजेता सत्रह संस्थानों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

BJP ने घटना को निर्भया-2 बताया, कहा- मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तृणमूल का संरक्षण

कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना पर भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी ने इस घटना की तुलना दिल्ली के निर्भया कांड से करते हुए इसे निर्भया-2 करार दे दिया। वहीं भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि घटना में जिस तरह अपराधियों को संरक्षण दिया गया, वह और भी अधिक दुखद है। जिस तरह से (आरजी कर के) प्रिंसिपल को 24 घंटे के भीतर किसी अन्य कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है, वह बंगाल सरकार के संरक्षण को दर्शाता है।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “यह बंगाल सरकार द्वारा की गई जांच पर संदेह पैदा करता है। आज, मैं पूछना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल की सीएम को उस प्रिंसिपल के प्रति सहानुभूति क्यों है… मेरा टीएमसी सरकार से सीधा सवाल है कि इतने दिन क्यों दिए जा रहे हैं। क्या यह हेरफेर के लिए है? ये हम संदेशखाली घटना में देख चुके हैं..जांच को देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी (सीबीआई) को क्यों स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है? INDIA गठबंधन के सभी लोग जिस तरह से मिले हुए हैं, कहां गई प्रियंका गांधी जो कहती थी कि लड़की हूं लड़ सकती हूं उनके होंठ सिले हुए हैं।”

वहीं भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “बंगाल में ममता बनर्जी और टीएमसी की निगरानी में जो हो रहा है वह निर्भया पार्ट-2 से कम नहीं है। यह जाहिर है कि यह एक दुष्कर्म नहीं, बल्कि सामूहिक दुष्कर्म का मामला है। सबूत यही इशारा करते हैं। लेकिन सिर्फ एक आरोपी को पकड़ा गया है। बाकी सभी आरोपी टीएमसी से जुड़ाव की वजह से संरक्षित हैं। टीएमसी सरकार की जांच समिति में वो लोग हैं, जो कि तृणमूल के करीबी हैं। तो बंगाल सरकार कुछ छिपाना चाह रही है।”

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की दूसरी नियुक्ति पर बवाल
गौरतलब है कि इस मामले में विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने सोमवार सुबह त्यागपत्र दे दिया। लेकिन उन्हें कलकत्ता राष्ट्रीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (सीएनएमसी) में स्थानांतरित कर दिया गया। इसे लेकर जूनियर चिकित्सकों, प्रशिक्षुओं और अन्य कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और सीएनएमसी में स्थानांतरण किए जाने पर विरोध जताया और सोमवार रात को ‘चैंबर’ के दरवाजे पर ताला जड़ दिया।

अजित पवार का बड़ा कबूलनामा, पत्नी को बहन के सामने लोकसभा चुनाव में उतारना थी बड़ी गलती

मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक बड़ी बात कबूल की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने हालिया लोकसभा चुनाव में अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनाव मैदान में उतारकर गलती की। राज्यव्यापी ‘जन सम्मान यात्रा’ पर निकले पवार ने मराठी समाचार चैनल से कहा, ‘किसी को भी राजनीति को घर में नहीं आने देना चाहिए।’

वित्तीय सहायता प्रदान करना उद्देश्य
राज्य विधानसभा चुनावों से पहले अपने जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत उपमुख्यमंत्री पवार सरकार की ‘मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना’ का प्रचार कर रहे हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

यह है सियासी विवाद
गौरतलब है, इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में सुनेत्रा पवार ने एनसीपीएसपी सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ बारामती सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सुनेत्रा पवार बाद में राज्यसभा के लिए चुनी गईं। पिछले साल जुलाई में, अजित पवार और कई अन्य विधायक शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे। इससे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन हो गया। चुनाव आयोग ने बाद में अजित के नेतृत्व वाले समूह को असली एनसीपी करार दिया।

मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं: अजित
अब अजित पवार ने कहा, ‘मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं। राजनीति को घरों में घुसने नहीं देना चाहिए। मैंने अपनी बहन के खिलाफ सुनेत्रा को उतारकर गलती की। ऐसा नहीं होना चाहिए था। लेकिन संसदीय बोर्ड (एनसीपी) ने एक निर्णय किया। अब मुझे लगता है कि यह गलत था।’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगले हफ्ते रक्षा बंधन पर अपनी बहन से मिलेंगे, एनसीपी नेता ने कहा कि फिलहाल वह दौरे पर हैं। अगर उस दिन वह और उनकी बहनें एक ही स्थान पर होंगे तो वह उनसे जरूर मिलेंगे।

शरद पवार परिवार के मुखिया
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केवल किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए विकास और कल्याण योजनाओं पर बोलने का फैसला किया है और खुद की आलोचना का जवाब नहीं देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार एक वरिष्ठ नेता और उनके परिवार के मुखिया हैं और वह बाद में की गई किसी भी आलोचना का जवाब नहीं देंगे।

फिर आम आदमी को रुलाएंगे प्याज के दाम, अब इन दो कारणों से बाजार में बढ़ेगा रेट!

आम लोगों को एक बार फिर प्याज के दामों की महंगाई रुला सकती है। कई राज्यों में प्याज की कीमतों में फिर से तेजी का दौर देखा जा रहा है। दामों में तेजी आने की शुरुआत जुलाई के आख़िर और अगस्त के पहले सप्ताह में शुरू हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह बांग्लादेश का घटनाक्रम है। जब पड़ोसी मुल्क में हालात अस्थिर थे तब भारत में प्याज के निर्यात में कमी आई और घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखी गई। हालांकि अब फिर से बांग्लादेश के हालात सही हो रहे हैं और प्याज का निर्यात शुरू हो गया है इसके बाद से एक बार फिर से इसकी कीमतों में तेजी देखी जा रही है।

दिल्ली में आजादपुर मंडी में प्याज का कारोबार करने वाले कारोबारियों का कहना है कि, जिस वक्त पड़ोसी देश बांग्लादेश में प्याज का निर्यात बंद हो गया था, उस समय सभी क़िस्म के प्याज के दामों में भी कमी आई थी। इनकी कीमत 100 रुपये प्रति क्विंटल तक कम हो गई थी। लेकिन अब फिर दामों में उछाल देखने को मिल रहा है। पिछले 15 दिनों से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इन कीमतों में 50 प्रतिशत तक की तेजी आई है। 20 अगस्त के बाद सितंबर महीने के आखिर तक प्याज की मांग एक बार फिर से बढ़ेगी, क्योंकि सावन खत्म हो जाएगा। ऐसे में फिर से इसकी कीमत भी बढ़ेगी।

कारोबारियों का मानना है कि, अभी प्याज की कीमतों में फिलहाल तेजी का दौर इसलिए भी बना रहेगा क्योंकि सरकार प्याज के निर्यात पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाने वाली है। इस वजह से बाजार में प्याज की मांग बनी रहेंगी। यह तेजी अक्टूबर महीने तक जारी रहने की संभावना है।इसके बाजार में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। इसके बाद फिर कीमतों में थोड़ी कमी जरूर आ सकती है।

इसलिए बढेंगे दाम!
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सितंबर खत्म होने से पहले तक थोक बाजार में प्याज की कीमत 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकती है। इसका मतलब खुदरा बाजार में यह 55-60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएगा।

हाईकोर्ट ने चिकित्सकों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की, कहा- आप एक पवित्र पेशे से जुड़े

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 साल की महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की है। कोर्ट ने कहा कि वे एक पवित्र पेशे से जुड़े हैं।

इससे पहले कोर्ट ने महिला चिकित्सक की हत्या के मामले में जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि महिला चिकित्सक की हत्या से संबंधित सभी दस्तावेज बुधवार सुबह 10 बजे तक सीबीआई को सौंपे जाएं। कोर्ट ने शुक्रवार सुबह सेमिनार हॉल में डॉक्टर के मृत पाए जाने के बाद अस्पताल प्रशासन की कार्रवाई में गंभीर खामियों पर गौर किया। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के माता-पिता चाहते हैं कि स्वतंत्र निकाय की ओर से मामले की जांच कराई जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ न हो सके।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हत्या इतनी वीभत्स थी कि चिकित्सकों और प्रशिक्षुओं का गुस्सा वाजिब है। उनकी पीड़ा जाहिर करना भी ठीक है। बता दें कि पूरे पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर और प्रशिक्षुओं ने घटना के विरोध में मंगलवार को भी काम बंद रखा। वे अस्पताल के कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने की भी मांग कर रहे हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को आंदोलनकारी चिकित्सकों से बातचीत करनी चाहिए।

पश्चिम बंगाल सरकार से सवाल
कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार से सवाल किया कि महिला चिकित्सक मामले में शुरुआत में ही हत्या का मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया। इसकी जांच अप्राकृतिक मौत वाले एंगल से क्यों शुरू की गई। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम ने ममता बनर्जी सरकार की तरफ से पेश वकील से यह सवाल तब पूछा, जब उन्होंने दावा किया कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि हत्या की तत्काल कोई शिकायत नहीं मिली थी। न्यायमूर्ति शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का शव सड़क किनारे नहीं मिला था। अस्पताल के अधीक्षक या प्राचार्य शिकायत दर्ज करा सकते थे।

क्या है मामला?
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में गत शुक्रवार को एक महिला चिकित्सक का शव अर्ध नग्न अवस्था में मिला था। परिजनों का आरोप है कि महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई। वारदात के सिलसिले में शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जो अस्पताल से जुड़ा हुआ नहीं था, लेकिन उसका वहां अक्सर आना-जाना था।

जगदंबिका पाल होंगे वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित जेपीसी के अध्यक्ष; लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना

नई दिल्ली:  वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद में काफी खींचतान देखने को मिली है। संसद के दोनों सदनों में इस विधेयक को लेकर काफी हंगामा मचा और इसके बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने इस विधेयक को जांच के लिए संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) को भेज दिया। अब खबर है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल इस समिति के प्रमुख होंगे। अधिकारियों का कहना है कि जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में इस विधेयक की जांच होगी।

संयुक्त समिति में कुल 31 सदस्य
लोकसभा में विपक्ष ने इस विधेयक के प्रावधानों को विरोध किया है। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस विधेयक को जांच के लिए संसद की संयुक्त समिति को भेजा। आपको बता दें कि संसद की संयुक्त समिति में कुल मिलाकर 31 सदस्य हैं। इनमें से 21 सदस्य लोकसभा तो 10 सदस्य राज्य सभा से हैं। संसद के अगले सत्र में संयुक्त समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट को पेश किया जाएगा। बीते शुक्रवार के संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधिन विधेयक को पेश किया था। अधिकारियों का कहना है कि जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में संयुक्त समिति द्वारा जल्द ही एक औपचारिक अधिसूचना जारी की जा सकती है।

सूची में इनके नाम शामिल
लोकसभा सदस्य: जगदंबिका पाल, डॉ, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप शाक्य, अभिजीत गंगोपाध्याय, डी.के. अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, डॉ. मोहम्मद जावेद, मोहिबुल्लाह, कल्याण बनर्जी, ए. राजा, लावु श्री कृष्ण देवरायलु, दिलेश्वर कामेत, अरविंद सावंत, सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपत म्हस्के, अरुण भारती, असदुद्दीन ओवैसी
राज्य सभा सदस्य: बृज लाल, मेधा कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, डॉ. सईद नसीर हुसैन, मोहम्मद नदीमुल हक, वी. वियसाई रेड्डी, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला, संजय सिंह, डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े

परिवहन मंत्री बोले, ड्राइवर-कंडक्टर जितनी चलाएंगे बस उतनी मिलेगी प्रोत्साहन राशि

लखनऊ:  रोडवेज के चालक-परिचालक रक्षाबंधन पर्व पर जितनी ज्यादा मेहनत करेंगे, उतनी प्रोत्साहन राशि उन्हें दी जाएगी। प्रशासन ने चालक परिचालकों के लिए यह स्कीम रक्षाबंधन पर बहनों को बस में मुफ्त यात्रा को ध्यान में रखकर लागू की है। परिवहन राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने रक्षाबंधन पर्व पर अतिरिक्त सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 17 से 22 अगस्त तक अधिकाधिक बसों का संचालन कराया जाए, जिससे लोगों को रक्षाबंधन पर्व पर आवागमन में कोई असुविधा न हो।

शतप्रतिशत बसों को ऑनरोड किया जाए। सभी अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए। कोई भी अधिकारी कार्य स्थल बिना सूचना दिए नहीं छोड़ेगा। एमडी मासूम अली सरवर ने बताया कि रक्षाबंधन पर सभी क्षेत्रीय/सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक और सेवा प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बसों का संचालन कराया जाए। लखनऊ और कानपुर के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन सुनिश्चित कराया जाए।

इतनी मिलेगी प्रोत्साहन राशि
एमडी मासूम अली सरवर ने बताया कि चालक परिचालक द्वारा 18 सौ किमी बस चलाने पर 12 सौ रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इससे अधिक बस संचालन पर 55 पैसे प्रति किमी की दर से अतिरिक्त भुगतान दिया जाएगा। ऐसे ही डिपो व क्षेत्रीय कार्यशाला के तकनीकी कर्मचारी इस अवधि में प्रत्येक दिन उपस्थित होते हैं तो उन्हें एकमुश्त 500 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। बस स्टेशनों पर तैनात कार्मिकों और पर्यवेक्षकों को प्रोत्साहन धनराशि के उद्देश्य से 5000 रुपये प्रति स्टेशन की दर से दी जाएगी।

चार दिन के ट्रिप के लिए मजेदार हैं ये पांच जगहें, 15 हजार में घूम-फिरकर आ जाएंगे वापस

15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस के कारण राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इस बार 15 अगस्त गुरुवार को है। कई दफ्तरों में 17 और 18 अगस्त को शनिवार और रविवार की छुट्टी होती है। वहीं अगले दिन यानी 19 अगस्त को रक्षाबंधन के मौके पर अवकाश है। ऐसे में इस माह 15 से 19 तक आपको घूमने के लिए 5 दिन का मौका मिल सकता है। चार से पांच दिन की छुट्टियों में घूमने के लिए कई विकल्प मिल जाएंगे। हालांकि मानसून है तो सफर पर जाने से पहले ऐसी जगहों का चयन करें, जहां बरसात में जाया जा सकता है। साथ ही बजट में भी घूम सकते हैं।

महाबलेश्वर, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में इस मौसम में जाना बेहतर विकल्प हो सकता है। यहां आप लिंगमाला वॉटरफॉल, वेन्ना लेक, महाबलेश्वर मंदिर घूमने जा सकते हैं। पुणे से बस या टैक्सी द्वारा घूमने जा सकते हैं। महाबलेश्वर घूमने का खर्च लगभग 15000 रुपये में आ सकता है।

कोडाइकनाल, तमिलनाडु

मदुरै से बस या टैक्सी के जरिए कोडाइकनाल पहुंच सकते हैं। यहां कोडाइकनाल झील, कोकर केव्स और ब्रायंट पार्क घूमने जा सकते हैं। 2 से 3 दिन के ट्रिप में 15000 रुपये खर्च करके घूमने जा सकते हैं।

कुर्ग, कर्नाटक

कर्नाटक का कुर्ग शहर बेहद सुंदर है। यहां एबी वाॅटर फाॅल, राजा की सीट, कुर्ग कॉफी प्लांटेशन की सैर पर जा सकते हैं। मैसूर या बेंगलुरु से बस के जरिए कुर्ग पहुंच सकते हैं।

शिलांग, मेघालय

बारिश के मौसम में मेघालय के शिलांग की ट्रिप पर जाना अद्भुत अनुभव करा सकता है। यहां एलिफेंट वाटरफाल, उमियम झील या शिलांग पीक की सैर कर सकते हैं। गुवाहाटी से शिलांग आसानी से पहुंचा जा सकता है।

मुन्नार, केरल

चाय के बागान और हरियाली देखने के लिए केरल के मुन्नार हिल स्टेशन पर जा सकते हैं। यहां चाय के बागान, एराविकुलम नेशनल पार्क और अट्टुकल जलप्रपात घूमने की जगह है। कोच्चि से सड़क मार्ग या रेल मार्ग के जरिए यहां पहुंच सकते हैं।