Monday , October 28 2024

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जसवंत नगर, केंद्र सरकार के 8 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की पदाधिकारियों ने एक कार्यक्रम आयोजित किया

जसवंतनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 8 वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की पदाधिकारियों ने एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें महिलाओ से सम्बंधित दवाईया, आदि प्रदान की गई

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला शोध प्रमुख महिला मोर्चा वशु ठाकुर एडवोकेट ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में महिलाओ के उत्थान के लिए लाभदायक योजनाओं को लागू किंया है महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना , महिला पेंशन योजना, आदि लागू की गई है । समदायिक स्वाथ्य केंद्र की विएचडब्लू द्वारा महिलाओं को केल्शियम की दवाईया, सेनेटरी पेड, ऑयरन के कैप्सूल, आदि दवाईया वितरित की गई है।
इस दौरान आसापास की गांव की लगभग एक सैकड़ा महिलाये व्लाक सभागार में मौजूद रही। इस दौरान मंडल अध्यक्ष महेश गुप्ता तथा महिला मंडल अध्यक्ष दीपिका चक बहु मौजूद रही

 

इटावा* बजाजा लाइन स्थित अग्रवाल स्टोर के छत पर रखी एसी में लगी भीषण आग, शॉर्ट सर्किट की बजह से लगी आग

इटावा* बजाजा लाइन स्थित अग्रवाल स्टोर के छत पर रखी एसी में लगी भीषण आग, शॉर्ट सर्किट की बजह से लगी आग

नगर के सबसे व्यस्त और भीड़ भाड़ वाले इलाके के स्टोर में आग लगने से आसपास के दुकानदारों में मचा हड़कंप

आग लगने की जगह पर तारो का जाल और बिजली का पोल होने की बजह से हो सकता था बड़ा हादसा

स्टोर संचालकों और आसपास के दुकानदारों के प्रयास से और दुकान में रखे आग बुझाने के यंत्रों से आग पर पाया काबू

मौके पर पहुची कोतवाली पुलिस

लखना, मना लिया “विश्व पर्यावरण दिवस” पर्यावरण जस का तस*

*मना लिया “विश्व पर्यावरण दिवस” पर्यावरण जस का तस*

लखना,इटावा। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष स्वामी शरण श्रीवास्तव ने कहा है कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी बड़े जोर शोर से विश्व पर्यावरण दिवस मना कर लोगों ने खाना पूरी करदी और अपनी-अपनी फोटो खींचा कर सार्वजनिक तौर पर यह बताने की नाकाम कोशिश की गई कि वह भी पर्यावरण के प्रति खास तौर पर चिंतित हैं इस देश का यह दुर्भाग्य है यहां लोग धरातल पर काम करने की वजाय निमित्त मात्र फोटो खिंचाकर और उसे समाचार पत्रों व फेसबुक एवं अन्य संचार माध्यमों के द्वारा प्रसारित कर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते हैं यदि इस देश में धरातल पर काम किया गया होता तो पूरे देश में हरियाली ही हरियाली दिखती हमारी सरकारें जनता की गाढ़ी कमाई का बहुत सारा धन विज्ञापन में ही खर्च कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाती हैं क्योंकि सरकार द्वारा विगत कई वर्षों में प्रत्येक ग्राम पंचायत को लाखों रुपए वृक्षारोपण के नाम पर दिए गए लेकिन धरातल पर आपको वृक्ष तो क्या उनकी एक सूखी लकड़ी भी नहीं दिखाई पड़ेगी उन्होंने कहा है यदि हम विश्व पर्यावरण दिवस की प्रति गंभीर होते तो आज देश में हरियाली ही हरियाली होती वृक्षारोपण के नाम पर जितना धन बहा दिया गया है उसका एक चौथाई भी धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है सरकारें भी वृक्षारोपण और पर्यावरण के नाम पर गंभीर नहीं दिखाई देती यदि वह गंभीर होती तो वृक्षारोपण जैसी महान कार्य के लिए वन विभाग को ही इसकी एकमात्र जिम्मेदारी दी जाती और इसके लिए ग्राम पंचायतों और दूसरी संस्थाओं को ध्यान देने के बजाय केवल वन विभाग को ही धन दिया जाता तो शायद आज हरियाली कुछ ज्यादा ही दिखाई देती साथ ही वन विभाग को भी इस प्रकार के कड़े निर्देश देती कि वह ऐसे वृक्षों का पौधा रोपण करें जिसकी बहुत लंबी उम्र होती है जैसे पीपल, बरगद,आम नीम,बेल, शीशम आज का भारी पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाता जो आने वाले लंबे समय में हरियाली के साथ-साथ फर्नीचर निर्माण के कार्य में भी काम आते यह वन विभाग भी तत्काल हरियाली दिखाने के लिए उन वृक्षों को लगाती है जिससे हरियाली तो दिखने लगती है परंतु दो चार साल बाद वह वृक्ष खत्म हो जाते हैं जबकि उनके रख रखाव पर उतना ही खर्च होता है जितना कि इन लंबी उम्र के वृक्षों पर।
उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह आने वाले समय में ग्राम पंचायतों को एक पैसा भी वृक्षारोपण के नाम पर देकर धन की बर्बादी को रोके तथा पूरा बजट केवल वन विभाग को ही दे और नहरों, रजबहों सड़कों के दोनों ओर वृक्षारोपण अभियान चलाकर वृक्ष लगाएं और उनकी सुरक्षा और रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी वन विभाग को दें तो ही यह विश्व पर्यावरण दिवस सफल हो सकेगा अन्यथा प्रतिवर्ष लगने वाले लाखों पेड़ लगने के कुछ दिन बाद ही लापता होते रहेंगे सरकार को बड़ी जिम्मेदारी के साथ खाना पूर्ति ना करके इस ओर गंभीरता से ध्यान देना होगा तभी पर्यावरण दिवस सार्थक होगा और पर्यावरण भी सुरक्षित होगा।

भर्थना,स्वास्थ विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों की जांच पड़ताल की शुरू,

*जांच टीम ने ऊसराहार के दो अस्पताल किये सील*

● स्वास्थ विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों की जांच पड़ताल की शुरू,

ऊसराहार,इटावा। इटावा जनपद के कस्बा ऊसराहार मे सोमवार को स्वास्थ विभाग की टीम ने प्राइवेट अस्पतालों पर छापामारा कार्यवाही जैसे ही शुरू की ऊसराहार कस्बा व ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित प्राइवेट चिकित्सकों व अस्पतालों के संचालकों सहित झोला छापा डॉक्टरों में बुरी तरह हड़कम्प मच गया। स्वास्थ विभाग की छापा मार टीम को देख कस्बा क्षेत्र के कई चिकित्सक और अस्पताल संचालक अपने अस्पताल व चिकित्सालय बन्द कर मौके से नौ दो ग्यारह हो गये। बाबजूद स्वास्थ विभाग की छापामार टीम ने कस्बा के शिव पाली क्लीनिक पर छापामार कार्यवाही पूर्ण करने के बाद क्लीनिक सील कर दिया,वहीं कस्बा के एम०डी०हास्पिटल की ओ०टी०सीजकर अस्पताल को बन्द करा दिया है।
जबकि स्वास्थ विभाग की इस छापामार कार्यवाही की भनक लगते ही कस्बे में संचालित सिटी हास्पिटल के संचालक व चिकित्सक अपना हॉस्पिटल बन्द कर मौके से नौ दो ग्यारह हो गये। जिसपर स्वास्थ विभाग की छापामार टीम ने हॉस्पिटल के वाहर नोटिस चस्पा कर दिया है।
आपको बतादें जनपद के मुख्यचिकित्साधिकारी के निर्देश पर डिप्टी सीएमओ डाक्टर अवधेश यादव के नेतत्व बाली जांच टीम ने सोमवार को छापामार कार्यवाही शुरू करदी।
छापामार कार्यवाही के दौरान सीएचसी प्रभारी डाक्टर उदय प्रताप टीम के साथ मौजूद रहे।
स्वास्थ विभाग की इस छापामार कार्यवाही के दौरान ऊसराहार कस्बा के कई प्राइवेट अस्पतालों के संचालक अपने अस्पताल बन्द कर भाग खडे हुए। इसके अलावा छापामार कार्यवाही की भनक लगते ही कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सकों व झोलाछाप डॉक्टरों में पूरा दिन हड़कम्प मचा रहा।

इटावा, नमामि गंगे / नमो कालिंदी के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हुआ कार्यक्रम

नदी प्रदूषण रोकने एवं जैव विविधता संरक्षण में महंतों की होगी विशेष भूमिका .. डॉ राजीव चौहान

नमामि गंगे / नमो कालिंदी के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सोसायटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर एवं पचनदा यमुना नदी मित्र समिति के साथ मिलकर जागरूकता एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन मंदिर कालेश्वर गढ़िया परिसर में किया गया।
मुख्य अतिथि स्कॉन महासचिव डॉ राजीव चौहान ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संस्था स्कॉन द्वारा प्लास्टिक मुक्त नदियां एवं जैव विविधता संरक्षण पर एक विशेष जागरूकता अभियान पूरे वर्ष के लिए प्रारंभ किया गया है इसके अंतर्गत नदियों के किनारे स्थित धार्मिक स्थलों के पुजारी एवं महंताें के माध्यम से प्लास्टिक प्रयोग ना करने एवं जैव विविधता संरक्षण का संदेश आम जनों में प्रसारित किया जाएगा साथ ही मंदिरों में प्लास्टिक /पॉलीथिन का प्रयोग वर्जित करने का माहौल तैयार किया जाएगा । इस अभियान की शुरुआत पांच नदियों के संगम स्थल पचनदा के कालेश्वर महादेव मंदिर से की जा रही। यह अभियान यमुना नदी में बटेश्वर से लेकर संगम प्रयागराज तक चलाया जाएगा। चंबल नदी में रेहा बरेंडा से भरेह संगम तक यह अभियान चलेगा । इस दौरान लगभग 900 किलोमीटर के 100 मंदिरों में यह अभियान चलाया जाएगा । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नदियों में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण के कारण जल एंव जैव विविधता खतरे में पड़ती जा रही है जिससे मानव के अस्तित्व पर भी एक अनदेखा खतरा मंडराने लगा है । अतः मानव की रक्षा के लिए हमें नदियों के जल एवं उसकी जैव विविधता को संरक्षित करना ही होगा। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों द्वारा हरिशंकरी पौधे रोपित किए गए ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भागवताचार्य स्वामी विश्वात्मा वन ने कहा की अब समय आ गया है वातावरण को बचाने के लिए धार्मिक गुरुओं को भी जन जागरूकता का संदेश अपने सभी कार्यक्रमों में देना चाहिए क्योंकि आम जनमानस धार्मिक गुरुओं के वक्तब्यों पर विश्वास करता है एवं अपने जीवन में अनुसरण भी करता है।

जिला संयोजक पर्यावरण गतिविधि कानपुर प्रांत एडवोकेट महेंद्र चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष की थीम “पृथ्वी एक है” और हमें पृथ्वी के सभी पारिस्थितिकी तंत्राॆं को जीवंत बनाए रखना है जिससे मानव का जीवन लंबे समय तक सुरक्षित रह सके।
स्कॉन सचिव वन्यजीव विशेषज्ञ संजीव चौहान ने कहा कि नदियों की जैव विविधता को बचाने में ग्रामीणों की भूमिका बढ़ाने के लिए 50 गांव चिन्हित किए जा चुके हैं ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था स्कॉन एवं समिति के पदाधिकारी इन्द्रभान सिह परिहार,सूर्जा देवी ,दिलीप सिह, अतिवलेन्द्र सिंह, शिवम, प्रदीप, गजराज,विनोद पाल,प्रिंसी व प्रीति आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।

इटावा,पर्यावरण छात्र संसद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तुलसी के पौधे वितरित किए गए

इटावा। तुलसी ऐसा पौधा है जिससे घर का वातावरण शुद्ध होता है । सभी को घर के आंगन में तुलसी का पौधा जरूर लगाना चाहिए। इसी संकल्प को लेकर पर्यावरण छात्र संसद की ओर से तुलसी के पौधों का वितरण किया गया। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में जुटने का आह्वान भी किया गया।
पर्यावरण छात्र संसद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तुलसी के पौधे वितरित किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी अतुल कांत शुक्ला ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी को जुटना है। नए पौधे लगाने के साथ ही पुराने पौधों की हिफाजत भी करनी है। उन्होंने कहा कि हर आंगन में तुलसी का पौधा आंगन की शोभा है और वातावरण को शुद्ध करता है। उन्होंने कहा कि गांवों में हरी शंकरी के पौधे लगाए जा रहे हैं जो अधिक मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं।

पर्यावरण छात्र संसद के संयोजक व पान कुंवर इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक कैलाश यादव ने कहा कि पर्यावरण पर जो संकट है वह धरती के सभी प्राणियों के लिए चिंता की बात है । इसे हम सब मिलजुल कर दूर कर सकते हैं और यह पौधे लगाने तथा बचाने से ही होगा। पर्यावरण छात्र संसद के संयोजक संजय सक्सेना ने कहा कि बरसात शुरू होने के बाद पौधा रोपण का कार्य तेज गति से किया जाएगा तब तक जागरूकता अभियान चलेगा।

जल संरक्षक निर्मल सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण के साथ ही जल संरक्षण भी बेहद जरूरी है । भूजल स्तर कम होना खतरनाक है। इसे रोका जाना चाहिए। इसके लिए पानी की बर्बादी रोकना है। कर्मचारी नेता राजीव यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है और इसके लिए हम सब को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।

इटावा, समाज के आखिरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने में योग की महती भूमिका है*       

*समाज के आखिरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने में योग की महती भूमिका है*

*इटावा।* जायण्ट्स वैलफेयर फाउंडेशन फेडरेशन 5 यूनिट 1 एवं 2 के समस्त समूहों के संयुक्त संयोजकत्व में फेडरेशन अध्यक्षा श्रीमती ऊषा यादव,जायण्ट्स ग्रुप आफ दतावली डायमंड की उपाध्यक्ष श्रीमती रीना यादव एवं निदेशक  श्रीमती निधि दुवेदी द्बारा प्रायोजित पाक्षिक विशेष योग शिविर का शुभारंभ फ्रेंड्स कालौनी में ट्यूव वैल नम्बर 3 वाले पार्क में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने डा.शिव राज सिंह यादव सदस्य विशेष समिति जायण्ट्स वैलफेयर फाउंडेशन की गरिमा मय उपस्थित में दीप प्रज्जवलित करके किया।
*सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा* कि नियमित योगाभ्यास सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है।समस्त स्थानीय जनो से अनुरोध किया कि वे अधिकतम संख्या में शिविर का लाभ प्राप्त करें।आयोजक मंडल एवं ब्यबस्थापक राजेश यादव ने समस्त मन्चासीन अतिथियों का हार्दिक स्वागत बन्दन किया।
*डॉ.शिवराज सिंह यादव सदस्य विशेष समिति जायण्ट्स वैलफेयर फाउंडेशन ने योगासन एवं प्राणायाम का अभ्यास कराते हुए बताया* कि नियमित योगाभ्यास से शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।कोरोना जैसी भयंकर महामारियों से बचाव एवं समाज के आखिरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने में योग की महती भूमिका है। फेडरेशन अध्यक्ष श्रीमती ऊषा यादव ने बताया कि यह पाक्षिक विशेष योग शिविर 21जून अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस तक अनवरत रूप से संचालित होता रहेगा।संयोजिका श्रीमती रीना यादव एवं श्रीमती निधि द्विवेदी ने समस्त जायण्ट्स पदाधिकारियों एवं सदस्यों के साथ साथ स्थानीय जनो से अनुरोध किया कि वे अधिकतम संख्या में शिविर में सहभागिता करें।
*डॉ.उमेश यादव फेडरेशन आफीसर ने  शिविर सन्चालन में सराहनीय योगदान हेतु* फेडरेशन उपाध्यक्ष विमल कुमार सिंह,सचिव रामसजीवन सिंह,वित्त अधिकारी दाऊ दयाल वर्मा,यूनिट निदेशक ललित सक्सैना,श्रीमती कृष्णा शर्मा,राजदा खातून,संगीता तिवारी,कुसुम गुप्ता, विमला देवी,नीता गुप्ता,रविन्द्र सिंह यादव,विनोद कुमार यादव,राजेश त्रिपाठी आदि का हार्दिक आभार ब्यक्त किया।

इटावा:- हिंदुस्तान पेट्रोलियम की पेट्रोल लाइन को काटने वाले 7 गिरफ्तार, मुख्य आरोपी समेत 2 की तलाश जारी

 

इटावा:- हिंदुस्तान पेट्रोलियम की पेट्रोल लाइन को काटने वाले 7 गिरफ्तार, मुख्य आरोपी समेत 2 की तलाश जारी

भरथना थाना क्षेत्र में बुटहर गांव का मामला

29 मई को पेट्रोल चुराने के इरादे से काटी गई थी पेट्रोल लाइन एमएम

रेवाड़ी से कानपुर पेट्रोलियम पाइप लाइन को काट कर तेल चोरी का प्रयास किया था प्रयास

चोरों के पास से 10 केबी का विद्युत ट्रांसफॉर्मर से 11 हज़ार की विद्युत लाइन की लाइन में कटिया डाल कर ट्रांसफॉर्मर से लाइन जोड़ कर बेल्डिंग मशीन से लाइन काटने का किया गया था प्रयास

एक ट्रांसफॉरर्मर, बेल्डिंग मशीन,तीन केबल, एक सब्बल, एक फावड़ा, एक ओमनी कार हुई बरामद

एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने दी जानकारी

पेट्रोलियम कंपनी के डीजीएम ए भट्टाचार्या ने बताया कि घटना के समय तकनीकी कारणों से पाइप लाइन बन्द थी अन्यथा बड़ा और भीषण हादसा हो सकता था

घटना का खुलासा करने वाली भरथना थाना पुलिस, एसओजी, सर्विलांस टीम को हिंदुस्तान पेट्रोलियम द्वारा किया जाएगा सम्मानित।

वास्तविकता से रूबरू करा रही है हीमोलिम्फ

 

निर्देशक सुदर्शन गामारे की बहु-प्रतीक्षित फिल्म हेमोलिम्फ को सेंसर बोर्ड से ‘ए’ सर्टिफिकेट मिला है। फिल्म 27 मई 2022 को रिलीज़ हुई।

बॉलीवुड के सफर की शुरुआत करने के लिए वास्तविक जीवन की कहानियाँ आमतौर पर पसंदीदा विकल्प नहीं होती हैं, लेकिन रियाज़ अनवर और रुचिरा जाधव ने न सिर्फ इसे एक चुनौती के रूप में लिया, बल्कि इसे हासिल करने में भी कामयाब भी रहे।

इसके बारे में बात करते हुए रियाज़ कहते हैं, “यह प्रोजेक्ट मेरे दिल के बेहद करीब है, और मैं शुरू से ही इसमें शामिल रहा हूँ। मैं वाहिद से कई बार मिल चुका हूँ और मैं उनकी जिंदगी को पर्दे पर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था। मैंने बहुत रिसर्च की और वाहिद के वीडियोज़ देखे और उनके किरदार में गहराई से उतरने के लिए उनसे और उनके परिवार से बात की। मैंने सभी क्रू मेंबर्स से कहा कि वे मुझे पूरी फिल्म के दौरान मेरे किरदार के नाम से पुकारें, ताकि मैं किरदार में रह सकूँ। शूटिंग शुरू होने से काफी पहले, मैंने वाहिद जैसे कपड़े पहनना शुरू कर दिया था। मैंने वाहिद के काम की दिनचर्या का अनुभव करने के लिए मुंब्रा से सीएसटी तक रोजाना यात्रा की।”

रुचिरा ने साजिदा शेख (वाहिद की पत्नी) की भूमिका निभाई है, इस भूमिका के लिए बहुत दृढ़ विश्वास की आवश्यकता रही और चूँकि फिल्म में अभिनेत्री का चेहरा नहीं दिखाया गया है, इसके एवज में रुचिरा ने अपनी आँखों, बॉडी लैंग्वेज और आवाज के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। इसके बारे में बात करते हुए वे कहती हैं, “जब निर्देशक सुदर्शन इस स्क्रिप्ट के साथ मेरे पास आए, मैं इसका हिस्सा बनने को लेकर काफी रोमांचित थी। मुझे कहानी और मेरा किरदार बेहद पसंद आया, मुझे पूरी स्क्रिप्ट सुनाने के बाद, उन्होंने कहा कि केवल एक बात का ध्यान आपको रखना होगा कि फिल्म में आपका चेहरा सामने नहीं आएगा। आपको अपनी आँखों और हाव-भाव से अभिनय करना होगा और दर्शकों को उन भावनाओं के लिए राजी करना होगा, जो आप व्यक्त कर रहे हैं।” वे आगे कहती हैं, “मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया। यह कठिन था, लेकिन इससे मुझे अपने कौशल को सुधारने में मदद मिली और हमने सेट पर बहुत मज़ा किया।”

जब निर्देशक सुदर्शन गामारे से पूछा गया कि क्या फिल्म बनाना आसान है, तो इसके जवाब के रूप में वे कहते हैं, “वाहिद जी ने कई निर्देशकों को अस्वीकार कर दिया, जो उनके बारे में फिल्म बनाना चाहते थे। क्योंकि उन्हें यकीन नहीं था कि वे फिल्म में वास्तविक सच्चाई दिखाएँगे। यही कारण था कि वे सभी को मना कर दिया करते थे। मेरे साथ भी उन्होंने फिल्म के लिए हाँ कहने से पहले पूरा स्क्रीनप्ले देखने को कहा।” वे आगे कहते हैं, “जब हम कोर्ट रूम सीक्वेंस कर रहे थे, तब 15-20 मिनट बैठने के बाद वाहिद जी हमारे सेट से नीचे उतरे, उस समय हम बहुत घबरा गए थे। उनकी आँखों में आँसुओं का सैलाब था। जब हमने उनसे बात की, तो उन्होंने कहा, “कुछ देर के लिए मैं उस समय में चला गया था, जिस दौरान ये घटनाएँ वास्तव में हुई थीं और मैं इसे अब और नहीं सह सकता।”

मेकर्स ने असली कहानी को जिंदा रखा है। इस कहानी को ग्लैमरस बनाने के लिए किसी तथ्य को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया गया है। इस प्रकार निर्देशक ने सिनेमा बनाने की कला के प्रति वास्तविकता पेश की है। हीमोलिम्फ एक स्कूल शिक्षक, अब्दुल वाहिद शेख की वास्तविक कहानी है, जिन पर 11 जुलाई, 2006 को मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामले में आरोप लगाया गया था। इस आरोप ने न केवल उनका जीवन, बल्कि उनके परिवार को भी बर्बाद कर दिया था। फिल्म न्याय के लिए उनकी लड़ाई और उन अन्य लोगों के बारे में है, जिनका जीवन इस तरह के हालातों से प्रभावित हुआ है।

यह फिल्म टिकटबारी और एबी फिल्म्स एंटरटेनमेंट द्वारा आदिमन फिल्म्स के सहयोग से बनाई गई है। इसके सह-निर्माता एननडी9 स्टूडियोज़ हैं। फिल्म सुदर्शन गामारे द्वारा लिखित और निर्देशित है। फिल्म में अब्दुल वाहिद शेख की भूमिका रियाज़ अनवर ने निभाई है। वहीं मुज्तबा अज़ीज़ नाज़ा ने बैकग्राउंड स्कोर दिया है, डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी रोहन राजन मापुस्कर हैं और फिल्म का संपादन एचएम ने किया है।

नीरज पांडे और वूट सिलेक्ट ने 'बंदों में था दम' के लिए मिलाया हाथ; ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज़ जीत पर आधारित वेब सीरीज़ का ट्रेलर रिलीज़

नीरज पांडे और वूट सिलेक्ट ने 'बंदों में हाल ही में आयोजित टेस्ट सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ

विजेता टीम की अद्भुत यात्रा को दर्शाती है~

~ट्रेलर को बुधवार, 1 जून को मुंबई में भव्य तरीके से लॉन्च किया गया, जिसमें दिग्गज क्रिकेटर
अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद सिराज, चेतेश्वर पुजारा और हनुमा विहारी के साथ ही

निर्देशक नीरज पांडे उपस्थित रहे~

नेशनल, 1 जून 2022: वूट सिलेक्ट, क्रिकेट प्रेमियों को 2020/21 के ऑस्ट्रेलिया टूर की रोमांचक
यात्रा पर ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसका टाइटल 'बंदों में था दम' है। सीरीज़ के
रिलीज़ से पहले, प्लेटफॉर्म ने मुंबई में अपने लॉन्च इवेंट में नीरज पांडे द्वारा निर्देशित फिल्म
का रोमांचक ट्रेलर लॉन्च किया, जिससे कि फैंस और दर्शकों को दुनिया की नंबर 1 टेस्ट टीम के
चलते ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक जीत की बेमिसाल झलक मिल सके। वेब
सीरीज़ का प्रीमियर जल्द ही वूट सिलेक्ट पर एक्सक्लूसिव तौर पर किया जाएगा।
एक शक्तिशाली स्क्रिप्ट, पर्दे के पीछे के फुटेज, अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन, चेतेश्वर पुजारा,
मोहम्मद सिराज, ऋषभ पंत और हनुमा विहारी जैसी विजेता टीम के स्पष्ट कथन, उनके कोच
और पत्रकार, जिन्होंने सीरीज़ 'बंदों में था दम' को कवर किया, जैसे तमाम बिंदुओं के साथ यह
प्रोजेक्ट उन कोशिशों और परेशानियों पर प्रकाश डालता है, जिनका सामना भारतीय क्रिकेट टीम
को गाबा के मैदान में टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी अविस्मरणीय जीत से पहले करना
पड़ा, जबकि उन्होंने 32 वर्षों तक एक भी टेस्ट मैच नहीं हारा था। वेब सीरीज़ इस बात पर
केंद्रित है कि कैसे टीम ने बड़ी ही सहजता से क्रिकेट खेला, कड़ी मेहनत, दृढ़ता, दृढ़ संकल्प और
प्रतिबद्धता की अवधारणा को पुनः परिभाषित किया, और साथ ही साथ टेस्ट क्रिकेट के लुप्त
होते फॉर्मेट में नई जान फूँकते हुए खेल कौशल के उच्चतम मानकों को स्थापित किया।

गौरव रक्षित, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, वायकॉम18 डिजिटल वेंचर्स ने कहा, "वायकॉम18 डिजिटल
वेंचर्स में हमने सफलतापूर्वक एक ऐसा इकोसिस्टम बनाया है, जो हमारे दर्शकों की उभरती
जरूरतों को पूरा करता है। रोजमर्रा के कंसम्प्शन प्रपोज़िशन की स्ट्रेटेजी के साथ, हमने लगातार
उच्च गुणवत्ता वाले मनोरंजन को आगे लाने की कोशिश की है। हमारा मजबूत रूप से क्यूरेट
किया गया कंटेंट मिक्स और डिजिटल-फर्स्ट के साथ हमारी सफलता, दर्शकों को गेम-चेंजिंग
अनुभव प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। 'बंदों में था दम' ऐसी कई कथाओं
में सबसे अनोखी सीरीज़ है और हम नई शैलियाँ और रास्ते तलाशना जारी रखेंगे, जो हमारे
दर्शकों की पसंद के साथ तालमेल बिठाते हैं।"
फरज़ाद पालिया, हेड- एसवीओडी और इंटरनेशनल बिजनेस, वायकॉम18 ने कहा, "बंदों में था दम,
एक ऐसी कहानी है, जिसे हर भारतीय जानना चाहता है और साथ ही इसे जीना चाहता है। उक्त
सीरीज़ अनसुनी कहानियों और भारतीय क्रिकेट टीम की जीत के पीछे के वास्तविक संघर्षों पर
आधारित है, जो बेहद कठिन समय में से एक के इर्द-गिर्द घूमती है। नीरज बेहद खूबसूरती से
कहानी बुनते हैं और यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि यह विशेष इवेंट सीरीज़ उन्होंने बनाई
है। यह अपनी तरह की पहली सीरीज़ है, जिसे पहले कभी नहीं देखा गया है। हमें यकीन है कि
यह सीरीज़ स्पेशल इवेंट स्टोरीटेलिंग में एक नया बेंचमार्क स्थापित करेगी।"
'बंदों में था दम' के बारे में बात करते हुए, नीरज पांडे ने साझा किया, "बंदों में था दम, एक
महाकाव्य है, जो 'चमत्कार भी होते हैं' बात को सच करती है और यह वास्तव में भारत-
ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ 2020/2021 में हुआ, जिसका समापन भारत के आश्चर्यजनक प्रदर्शन में
हुआ था। दुनिया की नंबर 1 टेस्ट टीम की हार, वह भी उनके घरेलू मैदान गाबा में, जहाँ उन्होंने
32 साल तक एक भी टेस्ट मैच नहीं हारा था, किसी चमत्कार से कम नहीं है। भारत ने यह
सीरीज़ इस तरह से जीती कि न केवल इसने पूरे देश में मिसाल कायम कर दी, बल्कि दुनिया
भर में क्रिकेट और स्पोर्ट्स कम्युनिटी को ऐसे समय में जबरदस्त खुशी प्रदान की, जब लोग
कोविड-19 की तबाही से जूझ रहे थे। यह क्रिकेट की कहानी, मानवीय कहानियों से अलग स्थान
रखती है। इस क्रिकेट ने भारतीय समाज के सभी वर्गों में भारी उत्साह पैदा किया। देश ने बहुत
बड़ी जीत हासिल की और इसलिए हमें खेल और क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी वापसी की
कहानी को भारत के लोगों के सामने लाना उचित लगा। इस कहानी को बार-बार सुनने और
सुनाने के अलावा मुझे कुछ भी उत्साहित नहीं करता है, जो उच्च गुणवत्ता वाले क्रिकेट, कड़ी

मेहनत, दृढ़ता, दृढ़ संकल्प, प्रतिबद्धता, खेल कौशल से परे है और खिलाड़ियों के दिमाग के
माध्यम से एक्स-फैक्टर को डिकोड करता है, जिसने डेविड बनाम गोलियत कहानी को दोहराया।"
क्रिकेटर और सीरीज़ के कप्तान, अजिंक्य रहाणे ने कहा, "यह एक टीम के रूप में हमारे लिए
सबसे संतोषजनक टूर्स में से एक रहा है। हमने इस जीत को हासिल करने के लिए कई बाधाओं
का डटकर सामना किया, जो कि उस समय टीम के बाहर कई लोगों को मुश्किल लग रहा था।
जब मैंने कप्तान के रूप में पदभार संभाला, तो मेरा पूरा ध्यान सिर्फ इसी बात पर था कि टीम
का मनोबल बरकरार रहे। पहली हार के बाद हम मेलबर्न में हुए दूसरे टेस्ट मैच में मजबूत
वापसी करने में सफल रहे। यह हम सभी के लिए एक भावनात्मक यात्रा रही है। हालाँकि, दूसरी
जीत के बाद टीम के कुछ प्रमुख खिलाड़ी चोटिल हो गए, जिसने नई चुनौतियों को जन्म दिया।
बंदों में था दम, इस यात्रा को खूबसूरती से समेटे हुए है।"
रविचंद्रन अश्विन बताते हैं, "ऑस्ट्रेलिया का भारत टूर एक क्रिकेटर के रूप में सबसे
अविस्मरणीय अनुभवों में से एक है। मुझे याद है कि कैसे हनुमा और मैं कई गंभीर चोटों के
बावजूद ढाई घंटे से भी अधिक समय तक मैदान में जमे हुए थे। लेकिन यह हमारे लिए करो या
मरो की स्थिति थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की जीत से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं लग
रहा था, और मुझे उस ऐतिहासिक टूर का हिस्सा होने पर गर्व है। बंदों में था दम, एक
भावनात्मक यात्रा का खुलासा करता है, जिसने अंततः एक उल्लेखनीय जीत हासिल की।"
मोहम्मद सिराज ने कहा, "मोहम्मद शमी के हाथ में चोट लगने के बाद सभी की निगाहें मुझ
पर थीं, क्योंकि मैंने उन्हें टीम के मीडियम-फास्ट बॉलर के रूप में रिप्लेस था। मैं पूरी तरह से
तैयार था, क्योंकि यह मेरा टेस्ट डेब्यू था, और मैं अपने जीवन के सबसे कठिन क्षण से गुजर
रहा था। हालाँकि, भगवान के आशीर्वाद से यह सब कम से कम क्रिकेट के मोर्चे पर मेरे पक्ष में
रहा, क्योंकि इस दौरान मैंने टेस्ट क्रिकेट में अपने करियर के पहले पाँच विकेट लिए थे। मैं
अपना प्रदर्शन अपने दिवंगत पिता को समर्पित करता हूँ, जो हमेशा मेरे हीरो रहेंगे और वूट
सिलेक्ट पर बंदों में था दम के साथ मैं स्क्रीन पर फैंस द्वारा सीरीज़ में निहित क्षणों को देखे
जाने के लिए उत्साहित हूँ।"
चेतेश्वर पुजारा ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया के पिछले टूर के दौरान मेरे बेहतर प्रदर्शन को लेकर कई
उम्मीदें मुझसे जुड़ी हुई थी। मैं उन उम्मीदों को पूरा करने के लिए उत्सुक था, और मेरा लक्ष्य

अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था और अधिक से अधिक रन बनाकर हमें एक
ऐतिहासिक जीत हासिल करने में मदद करना था। बंदों में था दम, भारतीय क्रिकेट टीम के धैर्य,
दृढ़ संकल्प और मानसिक शक्ति की कहानी है, जिसने तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई टीम पर सभी
बाधाओं के खिलाफ जीत हासिल की, और मैं इस सीरीज़ के माध्यम से इसे फिर से जीने के
लिए बेहद उत्साहित हूँ।"
हनुमा विहारी ने कहा, "मुझे याद है कि तीसरे टेस्ट मैच के दौरान जब अश्विन और मैं अपनी
जीत सुनिश्चित करने के लिए अंतिम दिन मैदान में थे, उस समय मैं बहुत दबाव महसूस कर
रहा था। हम एक अकल्पनीय ड्रॉ हासिल करने और सीरीज़ को अंतिम छोर तक ले जाने के लिए
42.4 ओवर तक रुके रहे। वह पल मेरे लिए हमेशा सबसे खास रहेगा। बंदों में था दम, ने हमारी
जीत की यात्रा को बेहद खूबसूरती से कैद किया है, जो हमेशा हमारे दिलों में अंकित रहेगी।"
बेमिसाल उतार-चढ़ाव के साथ यह रोमांचक क्रिकेट यात्रा निश्चित रूप से सभी क्रिकेट प्रेमियों के
लिए किसी मिसाल से कम नहीं है।