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नीरज पांडे और वूट सिलेक्ट ने 'बंदों में था दम' के लिए मिलाया हाथ; ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज़ जीत पर आधारित वेब सीरीज़ का ट्रेलर रिलीज़

नीरज पांडे और वूट सिलेक्ट ने 'बंदों में हाल ही में आयोजित टेस्ट सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ

विजेता टीम की अद्भुत यात्रा को दर्शाती है~

~ट्रेलर को बुधवार, 1 जून को मुंबई में भव्य तरीके से लॉन्च किया गया, जिसमें दिग्गज क्रिकेटर
अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद सिराज, चेतेश्वर पुजारा और हनुमा विहारी के साथ ही

निर्देशक नीरज पांडे उपस्थित रहे~

नेशनल, 1 जून 2022: वूट सिलेक्ट, क्रिकेट प्रेमियों को 2020/21 के ऑस्ट्रेलिया टूर की रोमांचक
यात्रा पर ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसका टाइटल 'बंदों में था दम' है। सीरीज़ के
रिलीज़ से पहले, प्लेटफॉर्म ने मुंबई में अपने लॉन्च इवेंट में नीरज पांडे द्वारा निर्देशित फिल्म
का रोमांचक ट्रेलर लॉन्च किया, जिससे कि फैंस और दर्शकों को दुनिया की नंबर 1 टेस्ट टीम के
चलते ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक जीत की बेमिसाल झलक मिल सके। वेब
सीरीज़ का प्रीमियर जल्द ही वूट सिलेक्ट पर एक्सक्लूसिव तौर पर किया जाएगा।
एक शक्तिशाली स्क्रिप्ट, पर्दे के पीछे के फुटेज, अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन, चेतेश्वर पुजारा,
मोहम्मद सिराज, ऋषभ पंत और हनुमा विहारी जैसी विजेता टीम के स्पष्ट कथन, उनके कोच
और पत्रकार, जिन्होंने सीरीज़ 'बंदों में था दम' को कवर किया, जैसे तमाम बिंदुओं के साथ यह
प्रोजेक्ट उन कोशिशों और परेशानियों पर प्रकाश डालता है, जिनका सामना भारतीय क्रिकेट टीम
को गाबा के मैदान में टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी अविस्मरणीय जीत से पहले करना
पड़ा, जबकि उन्होंने 32 वर्षों तक एक भी टेस्ट मैच नहीं हारा था। वेब सीरीज़ इस बात पर
केंद्रित है कि कैसे टीम ने बड़ी ही सहजता से क्रिकेट खेला, कड़ी मेहनत, दृढ़ता, दृढ़ संकल्प और
प्रतिबद्धता की अवधारणा को पुनः परिभाषित किया, और साथ ही साथ टेस्ट क्रिकेट के लुप्त
होते फॉर्मेट में नई जान फूँकते हुए खेल कौशल के उच्चतम मानकों को स्थापित किया।

गौरव रक्षित, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, वायकॉम18 डिजिटल वेंचर्स ने कहा, "वायकॉम18 डिजिटल
वेंचर्स में हमने सफलतापूर्वक एक ऐसा इकोसिस्टम बनाया है, जो हमारे दर्शकों की उभरती
जरूरतों को पूरा करता है। रोजमर्रा के कंसम्प्शन प्रपोज़िशन की स्ट्रेटेजी के साथ, हमने लगातार
उच्च गुणवत्ता वाले मनोरंजन को आगे लाने की कोशिश की है। हमारा मजबूत रूप से क्यूरेट
किया गया कंटेंट मिक्स और डिजिटल-फर्स्ट के साथ हमारी सफलता, दर्शकों को गेम-चेंजिंग
अनुभव प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। 'बंदों में था दम' ऐसी कई कथाओं
में सबसे अनोखी सीरीज़ है और हम नई शैलियाँ और रास्ते तलाशना जारी रखेंगे, जो हमारे
दर्शकों की पसंद के साथ तालमेल बिठाते हैं।"
फरज़ाद पालिया, हेड- एसवीओडी और इंटरनेशनल बिजनेस, वायकॉम18 ने कहा, "बंदों में था दम,
एक ऐसी कहानी है, जिसे हर भारतीय जानना चाहता है और साथ ही इसे जीना चाहता है। उक्त
सीरीज़ अनसुनी कहानियों और भारतीय क्रिकेट टीम की जीत के पीछे के वास्तविक संघर्षों पर
आधारित है, जो बेहद कठिन समय में से एक के इर्द-गिर्द घूमती है। नीरज बेहद खूबसूरती से
कहानी बुनते हैं और यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि यह विशेष इवेंट सीरीज़ उन्होंने बनाई
है। यह अपनी तरह की पहली सीरीज़ है, जिसे पहले कभी नहीं देखा गया है। हमें यकीन है कि
यह सीरीज़ स्पेशल इवेंट स्टोरीटेलिंग में एक नया बेंचमार्क स्थापित करेगी।"
'बंदों में था दम' के बारे में बात करते हुए, नीरज पांडे ने साझा किया, "बंदों में था दम, एक
महाकाव्य है, जो 'चमत्कार भी होते हैं' बात को सच करती है और यह वास्तव में भारत-
ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ 2020/2021 में हुआ, जिसका समापन भारत के आश्चर्यजनक प्रदर्शन में
हुआ था। दुनिया की नंबर 1 टेस्ट टीम की हार, वह भी उनके घरेलू मैदान गाबा में, जहाँ उन्होंने
32 साल तक एक भी टेस्ट मैच नहीं हारा था, किसी चमत्कार से कम नहीं है। भारत ने यह
सीरीज़ इस तरह से जीती कि न केवल इसने पूरे देश में मिसाल कायम कर दी, बल्कि दुनिया
भर में क्रिकेट और स्पोर्ट्स कम्युनिटी को ऐसे समय में जबरदस्त खुशी प्रदान की, जब लोग
कोविड-19 की तबाही से जूझ रहे थे। यह क्रिकेट की कहानी, मानवीय कहानियों से अलग स्थान
रखती है। इस क्रिकेट ने भारतीय समाज के सभी वर्गों में भारी उत्साह पैदा किया। देश ने बहुत
बड़ी जीत हासिल की और इसलिए हमें खेल और क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी वापसी की
कहानी को भारत के लोगों के सामने लाना उचित लगा। इस कहानी को बार-बार सुनने और
सुनाने के अलावा मुझे कुछ भी उत्साहित नहीं करता है, जो उच्च गुणवत्ता वाले क्रिकेट, कड़ी

मेहनत, दृढ़ता, दृढ़ संकल्प, प्रतिबद्धता, खेल कौशल से परे है और खिलाड़ियों के दिमाग के
माध्यम से एक्स-फैक्टर को डिकोड करता है, जिसने डेविड बनाम गोलियत कहानी को दोहराया।"
क्रिकेटर और सीरीज़ के कप्तान, अजिंक्य रहाणे ने कहा, "यह एक टीम के रूप में हमारे लिए
सबसे संतोषजनक टूर्स में से एक रहा है। हमने इस जीत को हासिल करने के लिए कई बाधाओं
का डटकर सामना किया, जो कि उस समय टीम के बाहर कई लोगों को मुश्किल लग रहा था।
जब मैंने कप्तान के रूप में पदभार संभाला, तो मेरा पूरा ध्यान सिर्फ इसी बात पर था कि टीम
का मनोबल बरकरार रहे। पहली हार के बाद हम मेलबर्न में हुए दूसरे टेस्ट मैच में मजबूत
वापसी करने में सफल रहे। यह हम सभी के लिए एक भावनात्मक यात्रा रही है। हालाँकि, दूसरी
जीत के बाद टीम के कुछ प्रमुख खिलाड़ी चोटिल हो गए, जिसने नई चुनौतियों को जन्म दिया।
बंदों में था दम, इस यात्रा को खूबसूरती से समेटे हुए है।"
रविचंद्रन अश्विन बताते हैं, "ऑस्ट्रेलिया का भारत टूर एक क्रिकेटर के रूप में सबसे
अविस्मरणीय अनुभवों में से एक है। मुझे याद है कि कैसे हनुमा और मैं कई गंभीर चोटों के
बावजूद ढाई घंटे से भी अधिक समय तक मैदान में जमे हुए थे। लेकिन यह हमारे लिए करो या
मरो की स्थिति थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की जीत से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं लग
रहा था, और मुझे उस ऐतिहासिक टूर का हिस्सा होने पर गर्व है। बंदों में था दम, एक
भावनात्मक यात्रा का खुलासा करता है, जिसने अंततः एक उल्लेखनीय जीत हासिल की।"
मोहम्मद सिराज ने कहा, "मोहम्मद शमी के हाथ में चोट लगने के बाद सभी की निगाहें मुझ
पर थीं, क्योंकि मैंने उन्हें टीम के मीडियम-फास्ट बॉलर के रूप में रिप्लेस था। मैं पूरी तरह से
तैयार था, क्योंकि यह मेरा टेस्ट डेब्यू था, और मैं अपने जीवन के सबसे कठिन क्षण से गुजर
रहा था। हालाँकि, भगवान के आशीर्वाद से यह सब कम से कम क्रिकेट के मोर्चे पर मेरे पक्ष में
रहा, क्योंकि इस दौरान मैंने टेस्ट क्रिकेट में अपने करियर के पहले पाँच विकेट लिए थे। मैं
अपना प्रदर्शन अपने दिवंगत पिता को समर्पित करता हूँ, जो हमेशा मेरे हीरो रहेंगे और वूट
सिलेक्ट पर बंदों में था दम के साथ मैं स्क्रीन पर फैंस द्वारा सीरीज़ में निहित क्षणों को देखे
जाने के लिए उत्साहित हूँ।"
चेतेश्वर पुजारा ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया के पिछले टूर के दौरान मेरे बेहतर प्रदर्शन को लेकर कई
उम्मीदें मुझसे जुड़ी हुई थी। मैं उन उम्मीदों को पूरा करने के लिए उत्सुक था, और मेरा लक्ष्य

अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था और अधिक से अधिक रन बनाकर हमें एक
ऐतिहासिक जीत हासिल करने में मदद करना था। बंदों में था दम, भारतीय क्रिकेट टीम के धैर्य,
दृढ़ संकल्प और मानसिक शक्ति की कहानी है, जिसने तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई टीम पर सभी
बाधाओं के खिलाफ जीत हासिल की, और मैं इस सीरीज़ के माध्यम से इसे फिर से जीने के
लिए बेहद उत्साहित हूँ।"
हनुमा विहारी ने कहा, "मुझे याद है कि तीसरे टेस्ट मैच के दौरान जब अश्विन और मैं अपनी
जीत सुनिश्चित करने के लिए अंतिम दिन मैदान में थे, उस समय मैं बहुत दबाव महसूस कर
रहा था। हम एक अकल्पनीय ड्रॉ हासिल करने और सीरीज़ को अंतिम छोर तक ले जाने के लिए
42.4 ओवर तक रुके रहे। वह पल मेरे लिए हमेशा सबसे खास रहेगा। बंदों में था दम, ने हमारी
जीत की यात्रा को बेहद खूबसूरती से कैद किया है, जो हमेशा हमारे दिलों में अंकित रहेगी।"
बेमिसाल उतार-चढ़ाव के साथ यह रोमांचक क्रिकेट यात्रा निश्चित रूप से सभी क्रिकेट प्रेमियों के
लिए किसी मिसाल से कम नहीं है।

जसवंतनगर, आबकारी विभाग की टीम ने छापा मारकर चार प्लास्टिक कट्टीयों में भरी  60 लीटर अवैध ताड़ी बरामद की

जसवंतनगर(इटावा)  । मलाजनी गांव और उससे निकले नेशनल हाइवे को जाने वाले मार्ग पर आबकारी विभाग की टीम ने  छापा मारकर चार प्लास्टिक कट्टीयों में भरी  60 लीटर अवैध ताड़ी बरामद की। ताड़ी का अवध निर्माण एवम विक्रय करने वाले भूप सिंह पुत्र गंगाराम, अमर सिंह पुत्र रामसनेही निवासीगण नगला हटी थाना जसवंतनगर तथा राम सनेही पुत्र रामचरन निवासी ग्राम मलाजनी थाना जसवंतनगर छापे के दौरान फरार हो गये।

छापामार आबकारी टीम में विमलेश कुमार यादव, आबकारी निरीक्षक,  इटावा एवं पुलिस उपनिरीक्षक श्री सत्य प्रकाश एवं आबकारी एवं पुलिस स्टाफ शामिल था।

इटावा, ड्यूटी के दौरान ट्रैफिक हेड कांस्टेबल आशीष कुमार के ऊपर रोडवेज के चालक ने चढ़ाई रोडवेज की बस,

 

इटावा थाना कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रोडवेज बस स्टैंड तिराहे पर बड़ा हादसा होने से टला,

ड्यूटी के दौरान ट्रैफिक हेड कांस्टेबल आशीष कुमार के ऊपर रोडवेज के चालक ने चढ़ाई रोडवेज की बस,

ट्रैफिक हेड कांस्टेबल को आसपास के लोगों ने बस के नीचे से खींच कर बचाई जान,

ट्रैफिक हेड कांस्टेबल तिराहे पर कर रहा था ड्यूटी तभी इटावा डिपो की बस चालक ने पुलिसकर्मी के ऊपर चढ़ाई बस,

तत्काल मौके पर सूचना देने के बाद कोतवाली फैंटम मोबाइल व यातायात प्रभारी राजकुमार शर्मा और सेकंड टीएसआई राकेश बाजपेई मौके पर पहुंचकर घायल हेड कांस्टेबल को जिला अस्पताल पहुँचाया और रोडवेज बस व चालक को हिरासत में लिया,

 

इटावा/थाना बढ़पुरा क्षेत्र स्थित उदी  रेलवे स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों की सक्रियता व ईमानदारी के चलते ट्रेन में छूटा लाखों की ज्वैलरी से भरा थैला उसके स्वामी को सौंपा गया।

इटावा/थाना बढ़पुरा क्षेत्र स्थित उदी  रेलवे स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों की सक्रियता व ईमानदारी के चलते ट्रेन से बरामद लाखों की ज्वैलरी से भरा थैला उसके स्वामी को सौंपा गया। 10 लाख से अधिक ज्वैलरी वापस पाकर जहाँ पीड़ित द्वारा रेलवे कर्मचारियों का बहुत बहुत आभार व्यक्त किया गया तो वहीं क्षेत्रीय जनता द्वारा भी प्रसंशा की गयी।
मामले में बताया गया कि मध्यप्रदेश के जनपद भिंड थाना बरोही के ग्राम बैदपुरा निवासी संदीप लोधी ग्वालियर से अपनी बहन की चौथी चलाकर ग्वालियर से इटावा की ओर आने बाली ट्रेन संख्या 01887 से बापस अपने घर आ रहा था। भिंड स्टेशन पर बहन व अन्य परिवारीजन सामान लेकर उतर गए। लेकिन भूल से एक थैला (बैग) ट्रेन में ही छूट गया। ट्रेन के आगे बढ़ने के बाद जब सामान की गिनती की गयी तो सभी लोग दंग रह गए। संदीप लोधी द्वारा भिंड स्टेशन पर रेलवे स्टाफ के एक व्यक्ति से अपनी बात बताई तो उसके द्वारा तत्काल उदी मोड़ रेलवे स्टेशन पर तैनात अपने परिचय पॉइंट मैन को बैग के संबंध में बताया गया। जिस पर उदी मोड़ स्टेशन पर तैनात पॉइंट मेन रविकांत द्वारा साथी मृदुल कांत के साथ ट्रेन से थैला बरामद कर लिया गया। थैले में स्टील के टिफिन के अलावा 10 लाख से अधिक की ज्वैलरी थी। सूचना पर पहुंचे संदीप लोधी को सामान की तस्दीक करने के उपरांत स्टेशन मास्टर दिलीप कुमार चौधरी के निर्देशन में पॉइंट में रविकांत व मृदुल कांत द्वारा ज्वेलरी आदि सामान का थैला सुपर्द किया गया। सुरक्षित सामान पाकर संदीप लोधी व उसके साथ आये परिवारी जनों द्वारा भारी खुशी व्यक्त करते हुए उपरोक्त रेलवे कर्मचारियों के प्रति आभार जताया गया। संदीप लोधी ने बताया कि वह अभी हाल में हुई बहन की शादी के बाद वह ग्वालियर से चौथी की विदा कराकर बहन को गांव बापस लेकर आ रहे थे। भिंड स्टेशन पर उतरने पर भूल से यह बैग ट्रैन में ही छूट गया था। बताया कि बहन का हार, चूड़ी एवं अन्य जेबरात सहित लगभग 10 लाख की ज्वेलरी थी जो सही सलामत मिल गयी है।

इटावा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 50 वें जन्मदिन एवं विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम

*उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 50 वें जन्मदिन एवं विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम !*

उत्तर प्रदेश की *राजनीति में नया अध्याय लिखने वाले योगी आदित्यनाथ का आज 50वां जन्मदिन है।* इस मौके पर पूरे प्रदेश में बड़े उत्साह के साथ जन्मदिन मनाया जा रहा है ।

भारतीय जनता पार्टी *जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने योगी जी के चित्र के सम्मुख तिलक लगाकर, केक काटकर व एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जन्मदिन मनाया ।* इस मौके पर योगी जी के लंबी उम्र की कामना की गई ।

*विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जिला कार्यालय प्रांगण में पौधा रोपित किया तथा सभी से वृक्षारोपण करने का अनुरोध किया ।*

जन्मदिन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले गोरखपुर की गोरक्षपीठ से दीक्षा लेने वाले योगी आदित्यनाथ का राजनीति में समय-समय पर किरदार बदलता रहा। इस दौरान भी उन्होंने हर भूमिका को एक मिशन के रूप में लेकर सफलता के झंडे गाड़े।

उत्तराखंड के पंचुर, पौड़ी गढ़वाल में पांच जून 1972 को जन्मे अजय सिंह बिष्ट ने बीएससी तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद गोरखपुर की गोरक्षपीठ पहुंचे तो फिर वापसी के बारे में सोचा तक नहीं। गोरखपुर को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले योगी आदित्यनाथ ने नाथ संप्रदाय को भी काफी आगे बढ़ाया। गोरखपुर से 1998 से 2017 तक लोकसभा के सदस्य रहे योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली।

योगी आदित्यनाथ ने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की। 1987 में दसवीं की परीक्षा पास की। 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कालेज से इंटर की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन के दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी की परीक्षा पास की।

1998 में गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा में पहुंचे। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 26 वर्ष थी। वह देश के सबसे युवा सांसद थे। इसके बाद तो 2014 तक लगातार सांसद रहे।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला मंत्री चक्रेश जैन, कोषाध्यक्ष संजीव भदौरिया, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती विरला शाक्य, सतेंद्र राजपूत, वासु चौधरी, जितेंद्र यादव, कार्यालय प्रभारी रवि प्रकाश धनगर, वाशु ठाकुर, राधा पाल सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहें ।

औरैया, प्रोजेक्ट नई किरण की टीम ने 2 परिवारों को आपस में मिलाया*

*औरैया, प्रोजेक्ट नई किरण की टीम ने 2 परिवारों को आपस में मिलाया*

*औरैया।* रविवार को पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के निर्देशानुसार महिला थानाध्यक्ष प्रीति सेंगर की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट नई किरण का आयोजन किया गया। जिसमें 10 फाइलें दायर की गई व 2 परिवार को जो आपसी वैचारिक मतभेद की वजह से कुछ दिनो से अलग रह रहे थे। एक दूसरे के साथ रहने को राजी नही थे , जिसके कारण परिवार टूटने की कगार पर था। जिसे समझा बुझाकर पति-पत्नी के मध्य मन मुटाव कलह को दूर कर एक साथ रहने को राजी कर परिवार से मिलाया गया। परिवार को हंसी खुशी बिदा किया गया। नई किरण प्रोजेक्ट के अन्तर्गत विखरे परिवारों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान प्रोजेक्ट नई किरण के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

भर्थना, फेंके गए नवजात के शव को कुत्तों ने नौंचा*

*फेंके गए नवजात के शव को कुत्तों ने नौंचा*

● पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा,

भरथना,इटावा। भरथना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नगला गनू सहित आस पास क्षेत्र में उस समय हड़कम्प के साथ सनसनी फैल गई जब ग्राम नगला गनू के निकट कन्धेसी माइनर बम्बा किनारे खाली पड़े एक प्लाट में एक नवजात शिशु के शव को कुत्तों को नौंचता कुछ राहगीरों ने देखा,हालांकि राहगीरों ने कुत्तों को खदेड़ कर नवजात शिशु के शव को कुत्तों से बचा लिया।
नवजात शिशु के शव मिलने की सूचना पर पहुँचे समाज सेवी संस्था सर्व सेवा समिति रजि०के प्रदेश महासचिव शेखर शुक्ला ने घटना स्थल का अवलोकन कर भरथना पुलिस को मौके पर बुला लिया। इससे पूर्व नवजात शिशु का शव मिलने की खबर सुनकर ग्राम नगला गनू सहित आस पास के ग्रामीण व राहगीरों का जमावड़ा लग गया।
सर्व सेवा समिति के प्रदेश महासचिव श्री शुक्ला ने बताया कि उक्त नवजात शिशु का शव किसी चिकित्सालय से लाया गया है जिसकी निशानी नवजात शिशु की टुंडी में लगी चिकित्सालय की किलिम्प यह बता रही है कि किसी अज्ञात महिला ने चोरी छिपे अज्ञात चिकित्सालय में शिशु का जन्म देने के बाद उसको जीतेजी मौत के मुंह मे ढकेल दिया गया है,और नवजात की मौत के बाद उसके शव को उक्त स्थान पर मामूली मिट्टी खोदकर शव छिपाया गया था। जिसे जंगली कुत्तों ने मिट्टी हटा कर निकाल लिया और नौंचना शुरू कर दिया।
श्री शुक्ला ने बताया कि जंगली कुत्तों ने नवजात शिशु के दौनो पैर और दौनो हाथों को नौंच खाया है। मौके पर पहुँची पुलिस ने मौका मुआयना कर नवजात शिशु के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा है।

औरैया, स्कूलों में बृक्षारोपण कर सोशल वेलफेयर कमेटी ने चलाया पर्यावरण बचाओ महा अभियान*

*औरैया, स्कूलों में बृक्षारोपण कर सोशल वेलफेयर कमेटी ने चलाया पर्यावरण बचाओ महा अभियान*

*० छात्र-छात्राओं ने पौधारोपण कर पर्यावरण बचाने का लिया संकल्प*

*० पर्यावरण दिवस के मौके पर कमेटी ने लगाए पौधे।*

*फफूंद,औरैया।* विश्व पर्यावरण दिवस को पर्यावरण महा अभियान के रूप में मनाते हुए सोशल वेलफ़ेयर कमेटी ने वृक्षारोपण किया। नगर के गांव फक्कडपुर में स्थित मां सरस्वती शिक्षा निकेतन स्कूल के परिसर में कमेटी के सहयोग से दिव्याराज, साक्षी पाल, ज्योतिराज, मुस्कान कुमारी,राखी कुमारी, दीक्षा, अभ्यांश पाल,विनय कुमार,अर्पित पाल,गजेंद्र कुमार,अनूप कुमार,नितिन कुमार, छात्र- छात्राओं ने पौधारोपण कर पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया कस्बे में एम. एस,ज्ञान सरोवर इंटर कॉलेज में पहुंचकर पौधे लगाए और इसके अलावा कई गांव में जाकर लोगों को जागरुक करते हुए उन्हें वृक्षारोपण की अहमियत बताई और सभी ने अपने अपने घरों के बाहर वृक्षारोपण किया । कस्बे मैं अन्य जगहों पर भी वृक्षारोपण किया गया। इस दौरान वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष ने लोगों को हिदायत दी व तमाम लोगो से अपील भी की,और कहा कि यदि”हम आज एक पेड़ लगाएंगे तो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर पर्यावरण को बना पाएंगे यदि जिस तरह से आज पेड़ो का कटान चल रहा है तो आने वाले समय में हमे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा इसलिए हम सबको चाहिए कि कम से कम एक पेड़ लगाकर पर्यावरण को बेहतर बनाएं। रविवार को सोशल वेलफेयर कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष आसिफ सिद्धकी के नेतृत्व में वृक्षारोपण कर पर्यावरण दिवस को पर्यावरण महा अभियान के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया और पौधे लगाए और कमेटी का वृक्षा रोपण महा अभियान आगामी 30 जून तक अनवरत जारी रहेगा ।इस मौके पर सोशल वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष- आसिफ सिद्दीकी,संगठन सचिव रामकिशोर जिलाध्यक्ष औरैया- मोहम्मद सरिक मीडिया प्रभारी अखलेश पाल , शिक्षिका गिरिजा मेम, सीमा अख्तर, धीर सिंह, राहुल कुमार, सहित आदि लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

औरैया, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व शिक्षण संस्था ने किया पौधारोपण

*औरैया, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व शिक्षण संस्था ने किया पौधारोपण*

*रुरुगंज,औरैया।* विश्व पर्यावरण दिवस पर क्षेत्र के गांव ऐली में आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सक्षम संस्था के सदस्यों द्वारा पौधरोपण किया गया। साथ ही कहा गया कि हम सभी का दायित्व है कि हम प्रकृति के साथ तालमेल को बनाए रखें क्योंकि पेड़ पौधों के बिना जीवन संभव नहीं है। क्षेत्र के गांव ऐली में विश्व पर्यावरण दिवस पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री तथा सक्षम की जिला अध्यक्ष संपूर्णा त्रिपाठी की मौजूदगी में पीपल, कैथा, पाकड़ के अलावा फलदार वूक्षों का पौधरोपण किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज चारों तरफ बीमारियां फैल रही हैं, कहीं ना कहीं यह हमारी प्रकृति के रुष्ट होने के कारण है। इस लिए हमें इस पर्यावरण दिवस पर एक संकल्प लेना है कि हम सब को ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करके अपनी प्रकृति को हरा-भरा बनाए रखना है।पांच पौधे जरूर रोपें संपूर्णा त्रिपाठी ने कहा कि जंगलों का कटना, नदियों को गंदा करना एवं वातावरण को दूषित कर हम प्रकृति का अस्तित्व खत्म कर रहे हैं। कहा कि अगर वातावरण को नहीं बचाया गया तो आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हम सभी एक छोटे से प्रयास से पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम पांच पौधे अवश्य रोपित करने चाहिए। इस अवसर पर गांव के नवीन कुमार, अविरल सिंह, रामू सिंह, नन्द किशोर, विवेक कुमार, टीटू, अनुपम व गगन आदि ने भी पौधारोपण किया।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

औरैया, पर्यावरणीय त्योहार पर 7 पौधे रोपित कर मनाया विश्व पर्यावरण दिवस*

*औरैया, पर्यावरणीय त्योहार पर 7 पौधे रोपित कर मनाया विश्व पर्यावरण दिवस*

*इस वर्ष की थीम है केवल एक पृथ्वी ( ओनली वन अर्थ) पी*

*दिबियापुर,औरैया।* राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्राप्त छात्रा नेहा कुशवाहा ने विश्व पर्यावरण दिवस पर 7 पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पूर्वजों की याद में पौधरोपण अभियान के तहत अब तक 2859 पौधे रोपित करने वाली नेशनल यूथ अवार्डी नेहा कुशवाहा ने अपने बेहतर भविष्य और खुशहाली जीवन जीने के लिए न्यूनतम एक पौधे को रोपित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
दिबियापुर के समीप गांव गढ़े के पुर्वा निवासी प्रताप सिंह ने अपने पिता स्व बलधारी सिंह की याद में अमरूद का एक पौधा रोपित किया जबकि अर्जुन सिंह ने अपने पिता स्व सुखनंदन लाल की याद में, अमित कुमार ने अपने पिता स्व० संतोष कुमार की याद में, श्रीमती फूलदेवी ने अपनी सास स्व० कटोरी देवी की याद में, प्रदीप कुमार सिंह राजपूत ने अपने पिता स्व० शोभारन सिंह की याद में अमरूद का एक एक पौधा रोपित किया वहीं ग्राम पंचायत उमरी के गाँव खजवैया में गिरेंद्र सिंह ने अपने पिता स्व० मनफूल की याद में जबक सर्वेस सिंह ने अपनी माता स्व० रेशमा देवी की याद में कदम्ब का एक एक पौधा रोपित किया । इस प्रकार कुल 7 पौधे रोपित कर लोगों को पौधरोपण के प्रति जागरूक किया।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता