Monday , October 28 2024

Editor

*औरैया, स्वालंबन शिविर में होगा शिकायतों का निस्तारण*

*औरैया, स्वालंबन शिविर में होगा शिकायतों का निस्तारण*

*० पहल शिविर में सुनी जाएंगी महिलाओं एवं बालिकाओं की समस्याएं*

*० 30 जून तक हर 15 दिन पर लगाए जाएंगे स्वालंबन शिविर*

*औरैया।* महिलाओं व बालक-बालिकाओं की योजना संबंधी शिकायताओं के निस्तारण के लिए अब स्वालंबन शिविर लगेंगे। जिले में हर 15 दिन पर लगने वाले यह शिविर मिशन शक्ति-4 के तहत लगाए जाएंगे।जिला प्रोबेशन अधिकारी आशुतोष सिंह ने बताया कि स्वालंबन शिविर में मुख्यमंत्री बाल सेवा, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्प लाइन, बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान, बाल संरक्षण सेवाएं और निराश्रित महिला योजना के बारे में विभिन्न तरीके से जागरूक किया जाएगा। साथ ही इस योजना के पात्र लोगों की शिकायतों का भी समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में निदेशक, महिला कल्याण की ओर से जनपदस्तर पत्र आया है। यह शिविर 30 जून तक हर 15-15 दिन पर आयोजित किए जाएंगे।उन्होंने बताया कि जिले में बाल सेवा योजना के तहत अब तक कोविड प्रभावित 91 बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। इनको 4000 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है। कोविड काल में अन्य कारणों से अनाथ हुए 105 बच्चों को बाल सेवा योजना के तहत 2500 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है। कन्या सुमंगल योजना के तहत 4668 बालिकाएं लाभान्वित हुई हैं। इन बालिकाओं को जन्म से स्नातक तक विभिन्न चरणों में कुल 15 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। निराश्रित महिला योजना के तहत पिछले पांच वर्षों में 7542 नए लाभार्थी जोड़े गए।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत कोविड काल में 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा और चिकित्सा आदि में आर्थिक मदद करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बाल सेवा शुरू की गई है। कोविड काल में कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को 4000 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। वहीं कोविड काल में अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। अनाथ बलिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा अटल आवासीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालाओं में 18 वर्ष उम्र तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है। उपरोक्त श्रेणी में आने वाले बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप भी दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला
योजना के तहत जन्म के समय 2000 रुपये, एक वर्ष टीकाकरण पूर्ण होने पर 1000 रुपये, कक्षा एक में प्रवेश के समय 2000 रुपये, कक्षा 6 में प्रवेश पर 2000 रुपये, कक्षा 9 में प्रवेश पर 3000 रुपये, 10 वीं/12 वीं पास करने या दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश करने पर 5000 रुपये दिए जा रहे हैं। योजना का लाभ लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये और अधिकतम दंपति को दो बच्चे ही होने चाहिए।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ केंद्र सरकार की इस योजना को जिला अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी संयुक्त रूप से जनपद में संचालित करते हैं। इस योजना का उद्देश्य लिंगानुपात के गिरते स्तर को उठाना, बालिकाओं के प्रति संकुचित सोच बदलना और बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रिन्ट, इलेक्ट्रानिक मीडिया और पारंपरिक माध्यमाओं से जन जागरुकता फैलाई जा रही है। निराश्रित महिला योजना ,
महिला शरणालय, मानसिक महिलाओं के आश्रय गृह, संरक्षण गृह, स्वाधार गृह, उज्ज्वला गृह, वृद्धाश्रम व कामकाजी महिलाओं के हॉस्टल की सुविधा के जरिए निराश्रित व कामकाजी महिलाओं की मदद की जा रही है। इस योजना के तहत ऐसी महिलाओं की खास तौर पर मदद की जा रही है जिन्होंने कोविड काल में अपना पति/पिता/संरक्षक खो दिया है। कोविड काल में अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। अनाथ बलिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा अटल आवासीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालाओं में 18 वर्ष उम्र तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है। उपरोक्त श्रेणी में आने वाले बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप भी दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत जन्म के समय 2000 रुपये, एक वर्ष टीकाकरण पूर्ण होने पर 1000 रुपये, कक्षा एक में प्रवेश के समय 2000 रुपये, कक्षा 6 में प्रवेश पर 2000 रुपये, कक्षा 9 में प्रवेश पर 3000 रुपये, 10 वीं/12 वीं पास करने या दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश करने पर 5000 रुपये दिए जा रहे हैं। योजना का लाभ लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये और अधिकतम दंपति को दो बच्चे ही होने चाहिए। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ केंद्र सरकार की इस योजना को जिला अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी संयुक्त रूप से जनपद में संचालित करते हैं। इस योजना का उद्देश्य लिंगानुपात के गिरते स्तर को उठाना, बालिकाओं के प्रति संकुचित सोच बदलना और बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रिन्ट, इलेक्ट्रानिक मीडिया और पारंपरिक माध्यमाओं से जन जागरुकता फैलाई जा रही है। निराश्रित महिला योजना महिला शरणालय, मानसिक महिलाओं के आश्रय गृह, संरक्षण गृह, स्वाधार गृह, उज्ज्वला गृह, वृद्धाश्रम व कामकाजी महिलाओं के हॉस्टल की सुविधा के जरिए निराश्रित व कामकाजी महिलाओं की मदद की जा रही है। इस योजना के तहत ऐसी महिलाओं की खास तौर पर मदद की जा रही है जिन्होंने कोविड काल में अपना पति/पिता/संरक्षक खो दिया है।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

इटावा,बलरईः थाना क्षेत्र के अन्तर्गत बीती देर शाम ग्राम कोकावली मे एक घर मे अज्ञात कारणो से लगी आग

बलरईः थाना क्षेत्र के अन्तर्गत बीती देर शाम ग्राम कोकावली मे एक घर मे अज्ञात कारणो से आग लग गई जिससे बहां रखा नगदी, साइकिल, बकरी, तथा घर गृहस्थी का सारा सामान जल गया लगभ्सग एक लाख का नुकसन हुआ है
विवरण के अनुसार बुधवार की देर शाम कमल किशार पुत्र रघुनाथ जाटव, जो घर के किसी काम से जसवंतनगर बाजार आया हुआ था जबकि उसकी पत्नी चमेली देवी गांव मे ही अपनी पुत्रबधू के पास गई हुई थी तभी अचानक उसके घर मे आग लग गई आग इतनी तेज हुई कि उसका सारा सामान जल गया ग्रामीणो ने समर का पानी डालकर तथा वाल्टियो से आग को बुझाया पीडित कमल किशोर ने बताया कि इस घटनामे उसकी साइकिल , बकरी, ए कुंटल गेहू तथा घर गृहस्थी के सामान के अलावा 25 हजार रूपये नगद जो बिजली के बिल के जमा करने के लिए रखे थे बह जल गये मौके पर बलरई थानाध्यक्ष विवेक कुमार सिंह पहुॅचे और उन्होने पीडित परिवार से बातचीत की और उन्होने पीडित परिवार को सरकार से आिर्र्थक सहायत दिलवाने का आवश्वासन दिया

 

जसवंतनगर। नगर पालिका परिषद में जलकल पर्यवेक्षक विनय कुमार एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल

जसवंतनगर। नगर पालिका परिषद में जलकल पर्यवेक्षक विनय कुमार एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। वे बाइक पर पत्नी व बेटे के साथ मैनपुरी में किसी रिश्तेदार के यहां शादी समारोह से वापस लौट रहे थे। उन्हें सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया है।
विवरण के अनुसार क्षेत्र के सिसहाट गांव निवासी 40 वर्षीय विनय कुमार पुत्र पातीराम यहां नगर पालिका परिषद जसवंतनगर में पिछले कई वर्षों से जलकल पर्यवेक्षक के पद पर तैनात हैं। वे मैनपुरी में किसी रिश्तेदार के यहां आयोजित शादी समारोह में भाग लेने के बाद गुरुवार को दोपहर बाद बाइक से अपनी 38 वर्षीय पत्नी शिवानी व 8 वर्षीय बेटे तारा चन्द्र के साथ सैफई की ओर से जसवंतनगर अपने घर वापस लौट रहे थे। जैसे ही वे नगला नरिया तिराहे के निकट एक कोल्ड स्टोर के आसपास आ पहुंचे तभी उनकी बाइक अनियंत्रित होकर दूर तक खड्डे में जा गिरी जिससे विनय अपनी पत्नी व बच्चे समेत घिसटते हुए चले गए। घटना के दौरान उनकी पत्नी को हल्की फुल्की चोट आईं एवं बच्चा सुरक्षित बच गया जबकि विनय गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों ने एंबुलेंस और उनके सहकर्मियों को सूचना दी। एंबुलेंस आ जाने पर उन्हें सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी पहुंचाया गया जहां उनका उपचार जारी है।
नगर पालिका परिषद जसवंतनगर के चेयरमैन सुनील कुमार जौली व अधिशाषी अधिकारी रामेंद्र सिंह भी सूचना पाते ही सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी पहुंच गए। उन्होंने बताया कि पालिका कर्मी विनय के हाथ में फैक्चर हुआ है जबकि शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोटें आई हैं। उनका उपचार अभी जारी है

औरैया, प्रेमी के घर में फंदे पर लटकता मिला प्रेमिका का शव*

*औरैया, प्रेमी के घर में फंदे पर लटकता मिला प्रेमिका का शव*

*पत्नी और प्रेमिका में हुआ था विवाद*

*अयाना,औरैया।* थाना क्षेत्र के तुर्कीपुर में गुरुवार की सुबह प्रेमी के घर के कमरे में प्रेमिका का शव फंदे पर लटकता मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तहसीलदार अजीतमल की मौजूदगी में शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। तुर्कीपुर में गुरुवार की सुबह आशाराम के बेटे सत्यपाल के घर में कमरे के अंदर प्रेमिका विनीता पत्नी करन सिंह निवासी बजरिया मोहल्ला थाना इकदिल का शव पंखे पर साड़ी के सहारे से लटकता मिला। परिजनों की सूचना पर पहुंची थाना अयाना पुलिस ने तहसीलदार अभिनव वर्मा की मौजूदगी में कमरे का ताला तोड़कर शव को पंखे से उतारकर कब्जे में लिया। पुलिस की हिरासत में प्रेमी सत्यपाल ने बताया कि विनीता का अपनी बड़ी बहन गीता के यहां आती थी। इसी दौरान दोनों में प्रेम प्रसंग हो गया। रविवार को वह विनीता व छोटे भाई भोला के साथ अहमदाबाद से तुर्कीपुर आए थे। विनीता के घर आने की जानकारी पर बुधवार को पत्नी नेहा अपने मायके गोहना कोतवाली औरैया से वापस आ गई ,और शाम को विनीता व नेहा में झगड़ा हो गया। विनीता ने अयाना थाने में उसके खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसपर पुलिस रात में उसे पकड़ कर थाने ले आई थी। थानाध्यक्ष जितेंद्र यादव ने बताया कि तुर्कीपुर में प्रेमी के घर में प्रेमिका का शव फंदे पर लटकता मिला है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। तहरीर व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

*औरैया, बढ़ते पारे ने रुलाया, बिजली कटौती ने तड़पाया*

*औरैया, बढ़ते पारे ने रुलाया, बिजली कटौती ने तड़पाया*

*रुरुगंज,औरैया।* आसमान से आग बरसी तो सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। गर्मी से व्याकुल लोग गला तर करने के लिए पानी की तलाश करते नजर आए। छायादार स्थानों पर खड़े होकर लोग गर्मी को कोसते दिखे। बुधवार के बाद गुरुवार को भी जनपद का पारा 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। भीषण गर्मी के बीच चल रही गर्म हवाओं से बेचैन हो उठे।
गुरुवार की सुबह 9 बजे ही चिलचिलाती धूप ने लोगों को पसीना-पसीना करना शुरू कर दिया। आवश्यक कार्यों के लिए जो लोग घरों से निकले वे गमछा बांधकर निकले। महिलाएं भी पूरे बदन को गर्मी से बचाने के लिए कपड़ों से ढकी नजर आयीं। दोपहर 12 बजते-बजते गर्म हवाओं के थपेड़े बदन को झुलसाने लगे। औरैया, दिबियापुर, फफूंद,अछल्दा, रुरुगंज, बिधूना,एरवाकटरा हर जगह गर्मी का कोहराम हर वर्ग में नजर आया। गेहूं कटाई दिन में की जा रही बंद भीषण गर्मी के बीच किसानों की गेहूं की कटाई थम गई है। सुबह तड़के और देर शाम को कटाई का काम हो पा रहा। दिन में कटाई पूरी तरह से बंद है। किसान प्रदीप, कमलेश, पप्पू, रामप्रकाश, अखिलेश का कहना है कि सालों बाद मौसम के ऐसे तेवर देखे हैं। 15 से 20 अप्रैल तक 80 फीसदी कटाई हो जाती थी लेकिन इस बार 40 से 50 फीसदी ही कटाई हो पायी है। आधी रात को काटी बिजली तो छतो पर टहल कर गुजरा समय भीषण बिजली कटौती से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही। लोगों के जेहन में सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि रात को बिजली कटौती क्यों हो रही है। रात 10 बजे बिजली चली गई जो 12 बजे वापस आई। इसके बाद हर घंटे 30-30 मिनट की कटौती होती रही। लोग इस कटौती से बेहद परेशान हैं। जिससे लोगों के बिजली चलित उत्पादों पर संकट खड़ा हो गया। बिजली कटौती से लोग सो नहीं पा रहे जिससे उनका पारा चढ़ने लगा है। गौरव, सुनील गुप्ता, रविन्द्र यादव, राजू यादव, सोनू राजपूत, नन्दू पोरवाल ने बताया कि कस्बा रुरुगंज में सुबह 11 बजे दिन में बिजली काट दी गई जो शाम 5 बजे तक नहीं आयी। शाम 9 बजे से रात 12 बजे तक लगातार कटौती होती रही।
ग्रामीणों का कटौती से बुरा हाल शहर में तो लोग कटौती से परेशान हैं ही, ग्रामीण क्षेत्रों में तो हाल बहुत बुरा हो गया है। अछल्दा, रुरुगंज, कुसमरा, रुरुकलां, ऐली, मलिकपुर, उड़ेलापुर, चन्दैया, रुरुखुर्द, कछपुरा आदि इलाकों में आधी रात को होने वाली कटौती से लोग गुस्से में हैं। लोगों का कहना है कि 18 घंटे बिजली देने का दावा झूठा हो गया है। लोगों को 8 से 10 घंटे ही बिजली नहीं मिल पा रही।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

औरैया, रमजान : तीसरे अशरे में इबादत से मिलेगी जहन्नुम से निजात*

*औरैया, रमजान : तीसरे अशरे में इबादत से मिलेगी जहन्नुम से निजात*

*रुरुगंज,औरैया।* मुकद्दस रमजान का वैसे तो हर लम्हा इबादत का है लेकिन शुक्रवार शाम से शुरू होने वाले जहन्नुम से निजात के तीसरे अशरे की खास अहमियत बताई गई है। आज मगरिब की नमाज के बाद रमजानुल मुबारक का तीसरा अशरा शुरू हो जाएगा, जो जहन्नुम से आजादी का है। इस अशरे में ही शबे कद्र है। शबे कद्र की एक रात का सवाब एक हजार रातों की इबादत से भी ज्यादा है। रमजान का अंतिम अशरा दोजख से निजात की खुसूसियात के लिए जाना जाता है। इस अशरे में अल्लाह रब्बुल इज्जत अपने इबादतगार बंदे के गुनाहों को माफ कर देता है। शुक्रवार शाम को मुकद्दस रमजान का 20वां रोजा मुकम्मल हो जाएगा। रोजा इफ्तार के बाद रमजान का आखिरी अशरा शुरू हो जाएगा। इमाम मोहम्मद सालिम बताते हैं कि रसूले खुदा फरमाते हैं कि आखिरी अशरा दोजख से आजादी का है। यह अशरा 21वें रोजे से 30वें रोजे की शब तक चलता है। बताया कि वैसे तो रमजान का पूरा महीना ही रहमतों और बरकतों का महीना है लेकिन तीसरा अशरा सबसे अफजल कहा गया है। इसी अशरे की ताक रातों में यानी 21, 23, 25, 27, 29 रमजान की रात कुरआन पाक नाजिल हुआ। इन रातों में से जिस रात को कुरआन नाजिल हुआ, उसे शबे कद्र की रात कहते हैं। इसलिए, रमजान में इन रातों की अहमियत काफी बढ़ जाती है। शबे कद्र की रात को हजार महीने की रातों के बराबर बताया गया है। लेकिन वह कौन सी रात है, किस रात को कुरान शरीफ नाजिल हुआ, यह किसी को मालूम नहीं है। इसलिए रोजेदार इन पांचों रात को जागकर अल्लाह रब्बुल इज्जत की इबादत करते हैं। रमजान के तीसरे अशरे में ही फितरा और जकात भी अदा की जाती है। जिससे ईद की नमाज गरीब लोग भी खुशी से अदा कर सकें। इन रातों में है शबे कद्र मुकद्दस रमजान का आखिरी अशरा यूं तो तमाम खुसूसियात से भरा हुआ है लेकिन इस अशरे की ये पांच रातें 21, 23, 25, 27 व 29वीं रात बेहद खास मानी जाती है। इनमें किसी एक रात में कुरआन पाक नाजिल हुआ। जिस रात को कुरआन पाक नाजिल हुआ उसे शबे कद्र कहते है। शबे कद्र की रात इबादत की हजार रातों से बेहतर है। एताकाफ के लिए मस्जिदों में आज से शुरू होगा कयाम शुक्रवार को 20 वें रोजे के साथ रमजान का दूसरा अशरा मुकम्मल हो जाएगा। मगरिब की नमाज के बाद से तीसरा अशरा शुरू होगा। तीसरे अशरे में शबे कद्र पाने के लिए एताकाफ की नीयत से रोजेदार दस दिन तक मस्जिदों में कयाम करते है। एताकाफ रमजान के मुकद्दस महीने की खास इबादत में से एक है। मस्जिद में अल्लाह की इबादत यानी जिक्र-ए-इलाही की नीयत से ठहरने को एताकाफ कहते हैं। एताकाफ के लिए 20वें रमजान को असर की नमाज के बाद सूरज डूबने से पहले मस्जिद में दाखिल होना होता है। ईद का चांद दिखने के बाद मस्जिद से बाहर निकला जाता है। इमाम मोहम्मद सालिम कहते हैं कि हर मस्जिद में एताकाफ के लिए एक रोजेदार का बैठना जरूरी है।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

इटावा आई टी आई कालेज में हुआ अप्रेंटिस मेले का हुआ भव्य आयोजन*कंपनियों ने प्रशिक्षित युवाओं को किया चयन*

*अप्रेंटिस मेले का हुआ भव्य आयोजन*

  1. *बेरोजगार युवाओं में जगी आशा की नई किरण*

*कंपनियों ने प्रशिक्षित युवाओं को किया चयन*

इटावा : राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, इटावा में अप्रेंटिस मेले का भव्य आयोजन हुआ। व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास विभाग एवं सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मेले का आयोजन किया गया।
सरिता भदौरिया, सदर विधायका ने दीप प्रज्वलित कर मेले का उद्घाटन किया। उन्होंने मेले में उपस्थित प्रशिक्षित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की मुख्य प्राथमिकता युवाओं को कौशल आधारित रोजगार देना है। हम इसके लिए स्थानीय स्तर पर लगातार प्रयासरत है।
संतोष कुमार राय मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि कंपनियों से समन्वय कर स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। आज ऑफर लेटर प्राप्त करते ही युवाओं के चेहरे खिले। उन्होंने आईटीआई एवं उद्योग विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयास की प्रशंसा किया।
आज 308 युवाओं ने चयन के लिए प्रयास किया। इसमें से 20 कंपनियों ने 49 अप्रेंटिस एवं 13 युवाओं का चयन नौकरी हेतु विभिन्न ट्रेड में किया गया। इन्हें मौके पर ही कंपनी का ऑफर लेटर माननीय विधायक के हाथों वितरित किया गया।
हेमलता यादव प्रधानाचार्य आईटीआई द्वारा मेले के विषय वस्तु से उपस्थित लोगों को अवगत कराया। इस अवसर पर 60 विद्यार्थियों को टेबलेट का वितरण सरिता भदौरिया माननीय विधायक के हाथों किया गया। मौके पर बृजमोहन अंबेड उपायुक्त स्वरोजगार, सुधीर कुमार उपायुक्त उद्योग, सचिन कुमार जिला सेवा योजना अधिकारी, उपनिदेशक कृषि राम नारायण सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रशांत कुमार, सहायक निदेशक एम एस एम ई सुशील गंगल उपस्थित रहे। सक्सेना, राधा मोहन सक्सैना, जबर सिंह, ओमप्रकाश, फरीद अख्तर खान, रामबाबू कमल, रवि बंसल सहित संस्थान के सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।


कंपनियों में मुख्य रूप से राजेंद्र ऑटो व्हील्स प्राइवेट लिमिटेड, राजेंद्र ऑटो, प्रियांशु इंटरप्राइजेज, एन एन एन डीलक्स प्रोडक्ट, शालीमार फूड्स, वैष्णवी, बाबा शीतगृह, पुखराज हेल्थ केयर, दीपक एग्री इंडस्ट्रीज, मां वैष्णवी मूर्ति कला केंद्र, आर एन कोल्ड स्टोरेज, राधा बल्लभ कोल्ड स्टोरेज, लक्ष्मी कोल्ड स्टोरेज, नानक कोल्ड स्टोरेज सहित गुड़गांव धूप प्राइवेट लिमिटेड एवं आवास स्टील प्राइवेट लिमिटेड हरियाणा सहित कई कंपनियों ने प्रतिभाग किया।

इटावा, यूक्रेन से लौटे छात्रों ने की सैफ़ई में अखिलेश यादव से मुलाकात

इटावा, यूक्रेन से लौटे छात्रों ने की सैफ़ई में अखिलेश यादव से मुलाकात

इटावा, युद्धग्रस्त यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़कर आए हुए स्टूडेंट्स की इस माँग को सरकार तुरंत माने कि उन्हें यहाँ के मेडिकल कॉलेज में प्रैक्टिकल क्लासेज़ करने की अनुमति दी जाए, बाक़ी पढ़ाई वे ऑनलाइन कर लेंगे।

40 मेडिकल कॉलेज का दावा करनेवाले, युवाओं के भविष्य की रक्षा करें।
अखिलेश यादव

इन्दिरा आईवीएफ गोरखपुर केन्द्र ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संदेश के साथ मनाया स्थापना दिवस ग्रुप के एक लाख सफल आईवीएफ होने पर किया सेलिब्रेशन

 

गोरखपुर। ऐसा माना जाता है जब कपल माता-पिता बनते हैं तब उनका परिवार पूरा होता है लेकिन कई दम्पती निःसंतानता के कारण परिवार के अधूरेपन से परेशान रहते हैं। 2015 की ई एण्ड वाई रिपोर्ट के अनुसार करीबन 10 से 15 प्रतिशत भारतीय दम्पती निःसंतानता से प्रभावित हैं लेकिन ज्यादातर दम्पती इसका सफल और आधुनिक उपचार नहीं ले पाते हैं। निःसंतानता के उपचार में देश की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ ने एक लाख सफल आईवीएफ प्रक्रियाएं पूरी करने का गौरव हासिल किया है। 11 वर्षों में उच्च सफलता दर के साथ बड़ा मुकाम हासिल करने तथा सेंटर के पांचवे स्थापना दिवस को इन्दिरा आईवीएफ गोरखपुर केन्द्र द्वारा भव्यतापूर्वक सेलिब्रेशन किया गया। कार्यक्रम में सेंटर हेड डॉ. शिखा मुखिजा, डॉ. तराना गुफरान, डॉ. आकृति, डॉ. स्नेहलता सिंह व पूरे स्टाफ ने विभिन्न तरह की गतिविधियां करते हुए केक काटा, निःसंतानता और इसके उपचार विषय पर संदेशात्मक नाटक का मंचन किया तथा लाभान्वित दम्पतियों को उपहार वितरित किये और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संकल्प दिलवाया ।
इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन डॉ. अजय मुर्डिया ने अपने संदेश में कहा कि इन्दिरा आईवीएफ का लक्ष्य हर निःसंतान दम्पती को रियायती दरों में विश्वस्तरीय उपचार सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। देश के टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में 107 केन्द्रों के माध्यम से निःसंतान दम्पतियों को निःसंतानता का उपचार प्रदान कर रहे हैं। पहली आईवीएफ बेबी नव्या के साथ हमारे सफर की शुरूआत हुई थी जो श्रेष्ठ चिकित्सा सेवाओं के उपयोग से अब एक लाख से अधिक सफल आईवीएफ प्रक्रियाओं को पार कर चुकी है।
इस अवसर पर इन्दिरा आईवीएफ के सह-संस्थापक और सीईओ डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि हमारी उच्च सफलता दर के पीछे अवेयरनेस, अफोर्डेबिलिटी, एक्सेसेबिलिटी और एक्यूरेसी चार प्रमुख स्तम्भ हैं। हमने देशभर में 2100 से अधिक निःशुल्क निःसंतानता परामर्श शिविरों का आयोजन करके हजारों निःसंतान दम्पतियों को निःसंतानता और उपचार के बारे में जागरूक किया है इसी का परिणाम है अब दम्पती उपचार के लिए आगे आने लगे हैं।
इन्दिरा आईवीएफ के सह-संस्थापक और निदेशक नितिज मुर्डिया ने कहा कि आईवीएफ की सफलता दर बहुत कुछ भ्रूण वैज्ञानिक एवं उन्नत लैब पर भी निर्भर करती है, साथ ही उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रोनिक विटनेसिंग एडवांसमेंट से आईवीएफ में पारदर्शिता और सफलता में बढ़ोतरी हुई है।
इन्दिरा आईवीएफ गोरखपुर सेंटर हेड डॉ. शिखा मुखिजा ने कहा कि सेंटर में दम्पतियों की काउन्सलिंग और जाच रिपोर्ट के आधार पर उनकी समस्या के अनुरूप उपचार प्रक्रिया का निर्धारण किया जाता है जिससे दम्पतियों को सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है। सेंटर के पांचवे स्थापना दिवस और ग्रुप के एक लाख सफल आईवीएफ प्रोसिजर को सेलिब्रेट करने के लिए सेंटर में लाभान्वित दम्पतियों को आमन्त्रित करके उनके साथ केक काटा गया, जागरूकता के उद्देश्य से निःसंतानता और इसके उपचार विषयक नाटक का मंचन किया गया तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संकल्प दिलवाया गया। इस अवसर पर केन्द्र में पूरे अप्रैल महीने में निःशुल्क निःसतानता परामर्श शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें दम्पती निःसंतानता से संबंधित समस्याओं को लेकर विशेषज्ञों से निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।

कोविड-19 ने जीवन बीमा वितरण मॉडल को नए अंदाज में पेश किया: भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस

 

कोविड-19 महामारी से बीमा उद्योग भी अछूता नहीं रहा है और इसके चलते इस उद्योग में भारी बदलाव हुए हैं। इस वैश्विक महामारी के कारण परम्परागत और डिजिटल चैनलों के संयोजन की गति तेज हुई है जिसके फलस्वरूप बीमा वितरण पद्धति में काफी बदलाव आया है। आज बीमा कंपनियाँ विक्रय चैनलों के दीर्घकालीन रूपांतरण पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। इसके पीछे उनका लक्ष्य ग्राहकों के अनुभव में सुधार करना और अपने व्यवसाय को भविष्य के लिए तत्पर बनाना है। भारती एक्सा लाइफ जैसी बीमा कंपनियाँ, जिन्होंने पहले ही अपनी डिजिटल कार्यकुशलता विकसित करने में निवेश किया है, आज इस बदलते परिदृश्य में खुद को अनुकूल बनाने की बेहतर स्थिति में हैं।

इस विषय में भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस के हेड – टाईड एजेंसी और डायरेक्ट डिस्ट्रीब्यूशन, श्री मुरली जालान ने कहा कि, “कोरोना महामारी ने बीमा वितरण मॉडल को हाइब्रिडाइज (मिश्रित) करने की ज़रूरत पर जोर दिया है। डिजिटल चैनलों के लिए बढ़ती पसंद और इसे अपनाने की प्रवृत्ति को देखते हुए यह ज़रूरत और भी सामयिक हो गई है। बीमा कंपनियाँ अपने वितरण ढाँचे पर फिर से गौर कर रही हैं और इस बात का मूल्यांकन कर रही हैं कि वे समय की माँग के अनुसार किस प्रकार अनुकूलन कर सकती हैं। भारती एक्सा लाइफ में हमारा मानना है कि बीमा कंपनियों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। हमें अधिक प्रभावकारी और दक्ष वितरण पद्धतियों का निर्माण करना चाहिए जो समस्त टचपॉइंट्स में ग्राहकों की यात्रा को बेहतर बना सकें और पहले से अधिक व्यक्तिपरक विक्रय अनुभव प्रदान कर सकें। हम बीमा व्यवसाय के क्षेत्र में महामारी के बाद की इन हलचल मचाने वाले रुझानों का लाभ उठाने के लिए सुदृढ़ स्थिति में है और ग्राहकों के बदलते व्यवहार तथा पैटर्न के जवाब में अपनी पेशकशों को विकसित करना जारी रखेंगे।”

बीमा वितरण में इन रुझानों से ग्राहकों को व्यापक विकल्पों, अधिक पारदर्शिता, एवं लचीले मूल्यन का फायदा मिलेगा। बीमा कंपनियों को तेजी से बदलते इस वातावरण में अनुकूलित होने, प्रासंगिक बने रहने और व्यवसाय के नए अवसर लाने के लिए प्रतिभा, डेटा और प्रौद्योगिकी में निवेश करना जारी रखना चाहिए।