Thursday , October 24 2024

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धर्मांतरण के आरोपी पादरी को कौन रहा फंडिंग? जांच के लिए एसएसपी ने गठित की कमेटी

बरेली: बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र में गरीब बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने के मामले में एसएसपी ने एक कमेटी गठित की है। कमेटी में इज्जतनगर पुलिस व सर्विलांस सेल के छह पुलिसकर्मी शामिल हैं। कमेटी जांच करेगी कि आरोपी पादरी के संपर्क में कौन-कौन लोग हैं और उसे फंडिंग कौन कर रहा है?

मंडल विहार निवासी गुलशन बहादुर ने इज्जतनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा था कि रविवार दोपहर (28 जुलाई) को वह किसी काम से परवाना नगर गए थे। वहां पता लगा कि मिशनरी से जुड़े कुछ लोग किराए पर कमरा लेकर रह रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि ये लोग बच्चों को लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।

जब वह छोटी बिहार मोहल्ले में पहुंचे तो वहां कुछ लोग ईसाई धर्म संबंधी प्रार्थना कर रहे थे। इनमें कुछ बच्चे और महिलाएं शामिल थीं। पुलिस ने इस संबंध में आरोपी पादरी प्रेम जोनल समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। एसएसपी अनुराग आर्य ने एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी में इज्जतनगर पुलिस के तीन व सर्विलांस सेल के तीन सदस्य होंगे।

सीडीआर से खुलेंगे राज
कमेटी यह जांच करेगी कि पादरी किन-किन लोगों के संपर्क में था। फोन पर उसकी किस-किस से बात होती थी। सभी की सीडीआर निकालकर उनके बारे में जांच पड़ताल की जाएगी। यह भी पता किया जाएगा पादरी अब तक कितने लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है।

उसके इस मिशन में कौन-कौन लोग शामिल है। पुलिस पादरी के खातों की जांच कर यह भी पता लगाएगी की उसके पास रकम कहां से आ रही है। आशंका जताई जा रही है कि कमेटी की जांच के दौरान पुलिस धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट तक पहुंची सकती है।

‘मध्यस्थता लंबे समय से भारतीय संस्कृति का हिस्सा’, सुप्रीम कोर्ट के कार्यक्रम में बोले कानून मंत्री मेघवाल

नई दिल्ली: कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि मध्यस्थता लंबे समय से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रही है। अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए उन्होंने महाभारत की कहानियों का सहारा लिया। मेघवाल ने कहा कि आत्म निरीक्षण विवादों को सुलझाने में मदद करती है। कानून मंत्री ने वैवाहिक मुद्दों को निपटाने में लोक अदालतों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जो पहले परिवार के बुजुर्गों द्वारा किया जाता था, उनका हल अब विवाद सुलझाने वाली प्रणालियों के जरिए किया जा रहा है।

मेघवाल ने कहा कि पहली लोक अदालत भगवान कृष्ण ने आयोजित की थी। उन्होंने पांडव और कौरवों का विवाद लोक अदालत के जरिए ही सुलझाने की कोशिश की थी। इसी के साथ उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की भी पंक्तियों का उदाहरण दिया। इन पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने बताया कि कैसे श्रीकृष्ण ने शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकाला था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मुआवजा, भूमि अधिग्रहण, वैवाहिक मतभेदों से लेकर विवादों को निपटाने के लिए विशेष लोक अदालत सप्ताह का आयोजन किया है। मेघवाल ने बताया कि हजार से ज्यादा मामले निपटाए गए हैं।

मणिपुर में असम राइफल्स की जगह CRPF की तैनाती का विरोध, कुकी-जो विधायकों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

इंफाल:  मणिपुर के 10 कुकी और जो विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में विधायकों ने सरकार के उस फैसले से नाराजगी जताई है, जिसमें मणिपुर से असम राइफल्स की दो बटालियंस को हटाकर उनकी जगह सीआरपीएफ की बटालियंस तैनात करने का फैसला किया गया है। पत्र में मांग की गई है कि जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के संवेदनशील इलाकों में असम राइफल्स को ही तैनात रखा जाए।

‘केंद्र का फैसला भयावह साजिश’
कुकी-जो विधायकों ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में लिखा कि ‘जब केंद्र सरकार संघर्ष को खत्म करने की कोशिश कर रही है तो ऐसे वक्त में असम राइफल्स को हटाकर ऐसे नए सुरक्षा बलों की तैनाती करना, जो इलाके से वाकिफ भी नहीं हैं, उससे हिंसा में बढ़ोतरी हो सकती है।’ उल्लेखनीय है कि ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि सरकार कंगवई और कांगपोकपी इलाकों से असम राइफल्स को हटाकर सीआरपीएफ की तैनाती करने की तैयारी कर रही है। कुकी जो विधायकों ने असम राइफल्स को निष्पक्ष बल बताया और दावा किया कि केंद्र सरकार के फैसला एक भयावह साजिश है।

जम्मू में तैनात की जा सकती हैं असम राइफल्स की बटालियन
रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार असम राइफल्स की नौवीं और 22वीं बटालियन को हटाकर इनकी जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की बटालियंस की तैनाती कर सकती है। विधायकों ने पीएम मोदी से इस फैसले में हस्तक्षेप की अपील की है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि असम राइफल्स की बटालियंस को मणिपुर से हटाकर जम्मू में तैनात किया जाएगा। हाल के समय में जम्मू में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ है, यही वजह है कि सरकार जम्मू में सैन्य तैनाती बढ़ाने पर विचार कर रही है।

पत्र में कहा गया है, ‘मणिपुर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में असम राइफल्स के पास सबसे अधिक अनुभव है, साथ ही स्थानीय लोगों, कुकी-जो जनजातियों और मैतेई समुदाय, दोनों के बारे में उन्हें अद्वितीय जानकारी है। क्षेत्र की संस्कृति और भू-राजनीतिक संवेदनशीलताओं के बारे में भी उनकी समझ शांति के माहौल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रही है।’ पत्र में मांग की गई है कि अगर असम राइफल्स की बटालियंस को कहीं और तैनात किया जाता है तो उनकी जगह भी असम राइफल्स की बटालियंस को ही तैनात किया जाए।

‘करोड़पति छोड़ रहे भारत, आने वाले वर्षों में कम हो जाएगा कर राजस्व आधार’, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

नई दिल्ली:  कांग्रेस ने सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2.16 लाख भारतीयों ने 2023 में अपनी नागरिकता छोड़ी है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि उच्च कौशल वाले और अमीर भारतीयों का पलायन एक आर्थिक उपहास है, जो आने वाले कुछ वर्षो में देश के राजस्व आधार को कम करेगा। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि कारोबारी हस्तियां भारतीय नागरिकता छोड़कर बड़ी संख्या में सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन और अन्य स्थानों पर जा रहे हैं।

‘अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा गंभीर असर’
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने हाल ही में नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया था कि 2023 में 2.16 लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी। कांग्रेस के संचार प्रभारी रमेश ने कहा कि यह संख्या 2011 की तुलना में करीब दोगुनी है, जो 1,23,000 थी। उन्होंने कहा कि नागरिकता छोड़ने वाले इन भारतीयों में कई अत्यधिक कुशल और शिक्षित हैं। घरेलू श्रम आपूर्ति की कमी के समय उनके देश छोड़ने से हमारी अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा।

‘पलायन से कम हो जाएगा हमारा कर राजस्व’
रमेश ने कहा, इस साल की शुरुआत में एक अग्रणी वैश्विक निवेश प्रवासन सलाहकार फर्म ने खुलासा किया था कि पिछले तीन वर्षों में 17 हजार से ज्यादा करोड़पति लोगों ने भारत छोड़ दिया। उच्च कुशल और अमीर भारतीयों का पलायन पिछले एक दशक में कॉर्पोरेट भारत में चारों ओर डर और धमकी के माहौल के अलावा अपारदर्शी कर (टैक्स) नीतियों और मनमाने कर प्रशासन का परिणाम हो सकता है। उन्होंने कहा, यह कुछ और नहीं बल्कि एक आर्थिक उपहास है, जो अगले कुछ वर्षों में हमारे कर राजस्व आधार को कम करेगा।

आप सासंद राघव चड्ढा ने पूछा था सवाल
अपने लिखित जवाब में कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया था कि 2011-2018 के आंकड़ों के अनुसार 2022, 2021, 2020 और 2019 के लिए यह आंकड़ा क्रमश: 2.25 लाख, 1.63 लाख, 85,256 और 1.44 लाख था। दरअसल, आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने पूछा था कि क्या सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में लोगों के भारतीय नागरिकता छोड़ने के कारणों का पता लगाने के लिए कदम उठाए हैं।

वायनाड में लोगों की जान बचाने और राहत-बचाव कार्यों में मदद कर रहा रेडियो स्टेशन, जानें कैसे

वायनाड:वायनाड में भूस्खलन के बाद चल रहे राहत-बचाव कार्य में संचार व्यवस्था को स्थापित करना एक अहम चुनौती थी, जिसे हैम रेडियो के एक समूह ने स्वीकार करते हुए संचार नेटवर्क स्थापित किया है। जिसकी मदद से लोगों की जान बचाने के प्रयासों में सुविधा मिल रही है।

सीमित सीमा तक ही उपलब्ध थीं फोन सेवाएं
कलपेट्टा में जिला कलेक्टर के कार्यालय के भूतल पर स्वयंसेवी ऑपरेटरों की तरफ से स्थापित शौकिया रेडियो प्रणाली प्रभावित समुदायों और अधिकारियों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रही है, जिससे बचाव प्रयासों और राहत कार्यों में मदद मिल रही है। शनिवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, कि स्थिति बहुत खराब थी, मोबाइल फोन सेवाएं बहुत सीमित सीमा तक ही उपलब्ध थीं।

जिला कलेक्टर ने किया हैम रेडियो ऑपरेटरों से संपर्क
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि जिला कलेक्टर डी. आर. मेघश्री ने हैम रेडियो ऑपरेटरों से संपर्क किया और उन्होंने संचार की लाइनें खुली रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्टेशन को संचालित करने के लिए रिसीवर, एम्पलीफायर, लॉगिंग और डिजिटल मॉड्यूलेशन के लिए कंप्यूटर और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जाता है।

हैम रेडियो ऑपरेटर आपदा क्षेत्र से हैम रेडियो ट्रांसमीटर के माध्यम से स्टेशन तक सूचना प्रसारित करते हैं। अंबालावायल पोनमुडी कोट्टा में स्थापित एक रिपीटर हैम रेडियो संचार की सुविधा प्रदान करता है। बता दें कि हैम रेडियो आपदाओं के दौरान प्रयुक्त होने वाली संचार व्यवस्था है।

बढ़ती उम्र जाएगी थम, इन एंटी-एजिंग खाद्य पदार्थों को बना लें अपने आहार का हिस्सा

उम्र बढ़ने के साथ त्वचा और चेहरे पर इसका असर साफ तरीके से नजर आने लगता है। चेहरे पर झुर्रियां आ जाना, त्वचा में ढीलापन और चेहरे की चमक कम होना उम्र बढ़ने के साथ नजर आने वाले स्पष्ट लक्षण हैं। इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए हम सभी तमाम प्रकार के कैमिकल युक्त क्रीम और ब्यूटी उत्पादों को प्रयोग में लाते रहते हैं। हालांकि कई अध्ययनों में पाया गया है कि जिस प्रकार से इन उत्पादों में रसायन और प्रतिबंधित तत्व पाए गए हैं ऐसे में इसके कारण शरीर को दीर्घकालिक तौर पर कई प्रकार की समस्याएं होने का जोखिम हो सकता है, इस बारे में सभी लोगों को सावधानी बरतने का आवश्यकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, उम्र बढ़ने के त्वचा और चेहरे पर नजर आने वाले लक्षणों से बचे रहने के लिए कॉस्मेटिक उत्पादों की जगह पर गऱ में आसानी से मौजूद एंटी-एजिंग चीजों को प्रयोग में लाकर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। अच्छी बात यह है कि इन प्राकृतिक उत्पादों से साइड-इफेक्ट्स का कोई जोखिम नहीं होता है और हर आयु के लोग इसको प्रयोग में लाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

एलोवेरा में एंटी-एजिंग गुण

वर्षों से एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट के तौर पर एलोवेरा को प्रयोग में लाया जाता रहा है, इसमें मौजूद कई सक्रिय एंजाइम, खनिज और विटामिन त्वचा को स्वस्थ और जवां बनाए रखने में आपके लिए विशेष लाभकारी माने जाते हैं।

एनल्स ऑफ डर्मेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित साल 2009 के एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 45 वर्ष से अधिक उम्र की 30 स्वस्थ महिलाओं में झुर्रियों और त्वचा की अन्य समस्याओं को कम करने के लिए एलोवेरा के प्रभाव को जानने की कोशिश की। 90 दिनों के इस अध्ययन के बाद पाया गया कि एलोवेरा का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की त्वचा में बेहतर सुधार देखा गया।

त्वचा के लिए लाभकारी है शहद

शोधकर्ताओं ने पाया कि शहद को चेहरे पर लगाना और इसका सेवन करना दोनों ही त्वचा की समस्याओं में लाभकारी हो सकता है। शहद त्वचा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है। यह झुर्रियों को बनने से रोकने में मदद कर सकता है जिससे उम्र बढ़ने के साथ भी त्वचा जवां दिखती है। त्वचा में संक्रमण के खतरे को रोकने में भी शहद लगाने के फायदे देखे गए हैं।

खीरा है बेहद लाभकारी

खीरा को त्वचा से संबंधित कई तरह की समस्याओं को दूर करने में प्रभावी पाया गया है। खीरे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन-सी और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व त्वचा को स्वस्थ रखने और इससे संबंधित विकारों को कम करने में विशेष लाभकारी हो सकते हैं। साल 2011 के एक अध्ययन में पाया गया है कि खीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट घटक इसे संभावित रूप से सहायक एंटी-रिंकल बनाते हैं, जिससे त्वचा से संबंधित कई प्रकार के विकारों का खतरा कम होता है।

काठगोदाम-मुंबई सेंट्रल विशेष ट्रेन का विस्तार दिसंबर तक, आगामी पर्वों पर यात्रियों को होगी सहूलियत

बरेली:  रेलवे ने त्योहारों के मद्देनजर काठगोदाम-मुंबई सेंट्रल-काठगोदाम विशेष ट्रेन के संचालन का विस्तार 26 दिसंबर तक कर दिया है। काठगोदाम-मुंबई सेंट्रल के बीच यह इकलौती साप्ताहिक ट्रेन है। रेलवे इस ट्रेन को नियमित करने पर भी विचार कर रहा है।बरेली से 22976/75 रामनगर-बांद्रा-रामनगर और 14314/13 बरेली-लोकमान्य तिलक-बरेली एक्सप्रेस साप्ताहिक ट्रेनों का भी संचालन होता है, लेकिन इनके मुकाबले 09076/75 काठगोदाम-मुंबई सेंट्रल-काठगोदाम विशेष ट्रेन पर यात्रियों का दबाव ज्यादा रहता है।

प्रत्येक बृहस्पतिवार शाम 5:30 बजे काठगोदाम से चलने के बाद रात 8:20 बजे यह ट्रेन बरेली सिटी और 8:42 बजे बरेली जंक्शन आती है। यहां से बदायूं, कासगंज, हाथरस, मथुरा, भरतपुर, गंगापुर, कोटा रतलाम, बड़ोदरा, सूरत, वलसाद, वापी, बोरीबली होते हुए अगले दिन रात 8:55 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचती है।

वापसी में 09075 मुंबई सेंट्रल-काठगोदाम विशेष ट्रेन प्रत्येक बुधवार को मुंबइ सेंट्रल से सुबह 11 बजे चलने के बाद अगले दिन सुबह 10:45 बजे बरेली जंक्शन, 11:03 बजे बरेली सिटी आती है और दोपहर 2:30 बजे काठगोदाम पहुंचती है। ट्रेन का विस्तार 26 दिसंबर तक किए जाने के बाद रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, दीपावली, भाईदूज और छठ पूजा पर इस रूट के यात्रियों को राहत मिलेगी।

लालकुआं-हावड़ा विशेष ट्रेन का भी तीन माह के लिए होगा विस्तार
त्योहारी सीजन अैर यात्रियों के दबाव को देखते हुए 05060/05059 लालकुआं-हावड़ा-लालकुआं विशेष ट्रेन की संचालन अवधि का विस्तार दिसंबर तक करने का प्रस्ताव है। हाल ही में इस ट्रेन का संचालन 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 अगस्त तक किया गया है।

05060 लालकुआं-हावड़ा विशेष ट्रेन लालकुआं से दोपहर 1:35 बजे चलने के बाद 1:55 बजे किच्छा, 3:08 बजे भोजीपुरा आती है। यहां से पीलीभीत, पूरनपुर, मैलानी, गोला गोकर्णनाथ, लखीमपुर, सीतापुर, गोंडा, गोरखपुर होते हुए अगले दिन रात 9:30 बजे हावड़ा पहुंचती
है।

वापसी में 05059 हावड़ा-लालकुआं विशेष ट्रेन हावड़ा से रात 11:30 बजे चलने के बाद तीसरे दिन सुबह 10:55 बजे पीलीभीत, 12:05 बजे भोजीपुरा और दोपहर 1:55 बजे लालकुआं पहुंचेगी। इस ट्रेन का विस्तार भी दिसंबर तक प्रस्तावित है।

भर्तियों में ओबीसी को मिला सबसे ज्यादा लाभ, शिक्षक भर्ती में 31000 युवाओं का हुआ चयन

लखनऊ:  योगी सरकार में होने वाली भर्तियों में ओबीसी युवाओं के साथ भेदभाव को लेकर जारी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के इतर आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं। शासन के अनुसार, 2017 से अब तक प्रदेश में हुई भर्तियों में न केवल आरक्षण प्रावधानों का पालन हुआ, बल्कि कई में तो सामान्य वर्ग से ज्यादा चयन ओबीसी अभ्यर्थियों का ही हुआ है।

परिषदीय विद्यालयों में हुई 69000 शिक्षक भर्ती प्रकिया में अन्य पिछड़ा वर्ग के 18000 से अधिक पदों पर भर्ती होनी थी। इसके सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग के 31000 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इसमें 18,598 ओबीसी कोटे में तथा 12,630 ओबीसी अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में चयनित हुए। ऐसा ही अनुसूचित जाति संवर्ग में भी हुआ है। शिक्षक भर्ती में अनुसूचित जाति के लिए 14000 से अधिक पद आरक्षित थे। इन सभी पदों पर तो एससी वर्ग के युवाओं का चयन हुआ ही, नियमों के अनुरूप मेरिट के आधार पर 1600 से अधिक अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में भी चयनित हुए।

वहीं बचे 1100 से अधिक अनुसूचित जनजाति के खाली पदों को भी अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों द्वारा ही भरा गया। इस तरह अनुसूचित जाति संवर्ग के कुल 17000 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक पद पर हुआ। संबंधित चयन परीक्षा में अनारक्षित श्रेणी के 34000 से अधिक पदों में 20,301 सामान्य श्रेणी, 12,630 अन्य पिछड़ा वर्ग, 1,637 अनुसूचित जाति, 21 अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों का चयन हुआ।

यूपीपीएससी में सबसे ज्यादा सफलता ओबीसी को
विधानमंडल के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भर्तियों में आरक्षण प्रावधानों का विधिवत पालन होने की बात सदन में रखी थी। उन्होंने लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा के आंकड़े प्रस्तुत किए और सपा शासनकाल और मौजूदा समय में ओबीसी छात्रों को मिली सफलता के अंतर को समझाया था। उन्होंने कहा था कि सपा खुद को पीडीए के हितों की संरक्षक भले ही बताती हो, लेकिन रिकॉर्ड बताते हैं कि 2012 से 2017 के बीच सपा शासनकाल में लोकसेवा आयोग के माध्यम से विभिन्न पदों पर कुल 26,394 युवाओं का चयन हुआ था।

अंतिम रूप से चयनित इन अभ्यर्थियों में ओबीसी वर्ग की कुल हिस्सेदारी मात्र 26.38 फीसदी रही, जबकि एससी संवर्ग के युवाओं को 21.34 फीसदी सीटें मिली थीं। वहीं उनकी सरकार में 2017 से अब तक लोक सेवा आयोग के माध्यम से कुल 46,675 भर्तियां हुई हैं, जिसमें 38.41 फीसदी अकेले ओबीसी संवर्ग के युवाओं का चयन हुआ है। वहीं 3.74 प्रतिशत सीटें ईडब्ल्यूएस वर्ग के युवाओं को मिलीं। अनारक्षित पदों पर सामान्य श्रेणी के 36.76 फीसदी युवाओं को सफलता मिली।

इंडियन मुजाहिदीन धमकी मामले में एजाज शेख बरी, मक्का मस्जिद विस्फोट केस में मिल चुकी है मौत की सजा

मुंबई: मुंबई की विशेष मकाको अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के धमकी भरे मेल के मामले में आरोपी एजाज शेख को बरी कर दिया है। एजाज शेख को बरी करने का आदेश 2 अगस्त को दिया गया। गौरतलब है कि जिस एजाज शेख को मकोका अदालत ने बरी किया है, उसी को हैदराबाद की कोर्ट ने मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा दी थी। एजाज शेख की मौत की सजा की पुष्टि का मामला फिलहाल हैदराबाद हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।

सृूबतों के अभाव में अदालत ने बरी किया
विशेष मकोका न्यायाधीश बी डी शेलके ने इंडियन मुजाहिदीन के धमकी भरे ईमेल भेजने के मामले में सबूतों के अभाव में शेख को बरी कर दिया। हालांकि, विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं है। बीपीओ में काम कर चुका और तकनीक का जानकार एजाज शेख फिलहाल हैदराबाद की जेल में बंद है। एजाज के वकील ने दलील दी कि जिस आईपी एड्रेस से ईमेल किया गया, वह नॉर्वे का था। वकील ने मुंबई पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एजाज शेख को बलि का बकरा बनाया गया क्योंकि जांच कर रहे अधिकारी असली आरोपी का पता लगाने में विफल रहे।

साल 2015 में गिरफ्तार हुआ था एजाज शेख
दरअसल अक्तूबर 2010 में ब्रिटेन स्थित बीबीसी समाचार चैनल को एक ईमेल भेजकर इंडियन मुजाहिदीन द्वारा राजधानी दिल्ली में आतंकी हमले की धमकी दी थी। इसकी जांच की गई तो पता चला कि यह ईमेल दक्षिण मुंबई से भेजा गया था। इसके बाद जांच में पुलिस की जांच एजाज शेख पर केंद्रित हुई। जिसमें पता चला कि शेख ने अपने मोबाइल से धमकी भरे ईमेल भेजे थे। एजाज शेख को फरवरी 2015 में मुंबई की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था। बता दें कि एजाज शेख पर जुलाई 2011 में जावेरी बाजार, ओपेरा हाउस और कबूतर खाना में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों का भी मुकदमा चल रहा है, जिसमें 21 लोग मारे गए थे।

‘SC-ST आरक्षण में क्रीमी लेयर का प्रावधान न लाया जाए’, केंद्रीय मंत्री अठावले बोले- विरोध करेंगे

मुंबई:  एससी-एसटी आरक्षण से क्रीमी लेयर को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अठावले ने कहा कि एससी-एसटी वर्ग की जातियों का उप वर्गीकरण किया जाना चाहिए। इससे समूह में पिछड़ी जातियों को लाभ मिलेगा। लेकिन SC-ST आरक्षण में क्रीमी लेयर का प्रावधान न लाया जाए। अगर ऐसा किया गया तो हमारी पार्टी इसका विरोध करेगी।

रिपब्लिकन पार्टी ऑन इंडिया (अठावले) के प्रमुख और सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने ओबीसी और सामान्य श्रेणी के सदस्यों के लिए भी समान उप-वर्गीकरण की मांग की। अठावले ने कहा कि एससी-एसटी के लिए आरक्षण जाति पर आधारित है। एससी और एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर के प्रावधान लागू करने के किसी भी कदम का आरपीआई (ए) कड़ा विरोध करेगी।

अठावले ने कहा कि देश में 1,200 अनुसूचित जातियां हैं। इनमें से 59 महाराष्ट्र में हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत महाराष्ट्र सरकार को अनुसूचित जातियों का अध्ययन करने और उन्हें ए, बी, सी, डी में उप-वर्गीकृत करने के लिए एक आयोग बनाना चाहिए। इससे एससी में आने वाली सभी जातियों को न्याय मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है?
उच्चतम न्यायालय के सात न्यायधीशों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि राज्य को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए अनुसूचित जातियों का उप-वर्गीकरण करने का अधिकार है। फैसले का मतलब है कि राज्य एससी श्रेणियों के बीच अधिक पिछड़े लोगों की पहचान कर सकते हैं और कोटे के भीतर अलग कोटा के लिए उन्हें उप-वर्गीकृत कर सकते हैं। यह फैसला भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनाया है। पीठ ने इस मामले पर तीन दिनों तक सुनवाई की थी और बाद 8 फरवरी, 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ ने 6:1 के बहुमत से सुनाए ऐतिहासिक फैसले में हिस्सा रहे जस्टिस गवई ने कहा कि राज्यों को एससी, एसटी में क्रीमी लेयर की पहचान करनी चाहिए।