Thursday , October 24 2024

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‘ईरान के किसी भी हमले से इस्राइल की रक्षा करेगा अमेरिका’, बाइडन ने कॉल कर नेतन्याहू से किया वादा

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की। इस बातचीत के दौरान बाइडन ने वादा किया कि अमेरिका, ईरान के किसी भी हमले से इस्राइल की रक्षा करेगा। गौरतलब है कि ईरान में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है और ईरान ने इस्राइल को हमले की धमकी दी है। बाइडन के अलावा राष्ट्रपति पद की दावेदार कमला हैरिस ने भी बेंजामिन नेतन्याहू से टेलीफोन पर बात की।

हानिया की हत्या के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका
हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया के साथ ही इस्राइल ने हाल ही में हिजबुल्ला के एक शीर्ष कमांडर फौद शुक्र को भी बेरूत में ढेर कर दिया था। ऐसे में हिजबुल्ला भी इस्राइल पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इस्राइल की सरकार ने हालांकि अभी तक खुलकर ये स्वीकार नहीं किया है कि इस्माइल हानिया की हत्या के पीछे उसका हाथ है, लेकिन इस्राइल ने इनकार भी नहीं किया है। हानिया की मौत के बाद से ही इस्राइल को धमकियां मिल रही हैं। इससे गाजा में जारी संघर्ष के पूरे पश्चिम एशिया में फैलने का डर बढ़ गया है।

आशंका है कि हानिया की मौत से इस्राइल और हमास के बीच चल रहीं संघर्ष विराम की कोशिशों को झटका लग सकता है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा, यह बताना अभी जल्दबाजी होगी कि हमास नेता इस्माइल हानिया की मौत का गाजा युद्धविराम समझौते के लिए चल रही बातचीत पर क्या प्रभाव पड़ेगा। हम अभी उसे लेकर अटकलें लगाने नहीं जा रहे हैं।

कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर ट्रंप का फिर हमला, एक तस्वीर साझा कर बोले- भारतीय विरासत के लिए उनका…

अमेरिका में राष्ट्रपति पद को लेकर नवंबर महीने में चुनाव होने वाले हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप लगातार डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। ट्रंप ने दूसरे दिन गुरुवार को भी उपराष्ट्रपति की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाया। उन्होंने उनकी एक तस्वीर साझा कर हमला बोला। इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि अभी तक कमला हैरिस भारतीय विरासत पर जोर देती थीं, लेकिन वह अब अचानक से अश्वेत बन गई हैं। इस पर हैरिस ने पलटवार करते हुए कहा था कि ट्रंप की टिप्पणी विभाजनकारी और अनादर से भरी है। दरअसल, अमेरिका की राजनीति में श्वेत और अश्वेत हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है, क्योंकि अमेरिका में भारी संख्या में अश्वेत मतदाता हैं।

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने मौजूदा उपराष्ट्रपति पर हमला जारी रखा। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें हैरिस अपने परिवार के सदस्यों के साथ साड़ी पहने नजर आ रही हैं। ट्रंप ने कहा कि भारतीय विरासत के लिए कमला हैरिस का प्यार और गर्मजोशी सराहनीय है।

ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर तस्वीर साझा करते हुए कहा, ‘कई साल पहले आपने जो अच्छी तस्वीर भेजी थी, उसके लिए धन्यवाद कमला! आपकी भारतीय विरासत के लिए आपकी गर्मजोशी, दोस्ती और प्यार की बहुत सराहना की जाती है।’

रिपब्लिकन उम्मीदवार ने क्या कहा था?
डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वह जानबूझकर अश्वेत पहचान भुनाने में लगी हैं। ट्रंप ने शिकागो में नेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्लैक जर्नलिस्ट्स कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा था कि वह (कमला हैरिस) हमेशा से खुद को भारत से जुड़ा हुआ बताती थीं। वह भारतीय संस्कृति का प्रचार करती थीं, लेकिन अब वह अचानक से अश्वेत हो गई हैं। वह अश्वेत कब से हो गईं? अब वह चाहती हैं कि उन्हें अश्वेत के तौर पर पहचाना जाए।

भारतीय मूल के डॉक्टर होंगे एरिजोना से डेमोक्रेट उम्मीदवार, नवंबर में दिग्गज रिपब्लिकन से है मुकाबला

भारतीय मूल के डॉक्टर अमीश शाह ने एरिजोना से डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी में जीत दर्ज की है। इसके साथ ही वह नवंबर में होने वाले चुनाव में एरिजोना से रिपब्लिन पार्टी के उम्मीदवार की चुनौती का सामना करेंगे। 47 वर्षीय अमीश शाह के मुख्य प्रतिद्वंदी आंद्रेइ चेर्नी ने गुरुवार को अपनी हार स्वीकार कर ली, जिसके बाद एरिजोना से भारतीय मूल के डॉक्टर की उम्मीदवारी तय हो गई।

प्राइमरी चुनाव में कई दावेदारों को पछाड़ा
अमीश शाह इससे पहले राज्य के निचले सदन के भी सदस्य रह चुके हैं। प्राइमरी चुनाव में शाह को 1629 वोट मिले, जो कि कुल मतदान का 23.4 प्रतिशत है। शाह के मुख्य प्रतिद्वंदी चेर्नी को 21.4 प्रतिशत मतों से संतोष करना पड़ा। शाह और चेर्नी के अलावा एरिजोना से डेमोक्रेट प्राइमरी चुनाव में पूर्व न्यूज एंकर मार्लेन गैलन वुड्स, आर्थोडोंटिस्ट एंड्रयू होर्न, अमेरिकी रेड क्रॉस के पूर्व क्षेत्रीय सीईओ कर्ट क्रोएमर और इनवेस्टमेंट बैंकर कोनोर ओ कैलेघन भी चुनाव मैदान में थे।

नवंबर में रिपब्लिकन उम्मीदवार से होगा मुकाबला
नवंबर में होने वाले अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफि रिप्रजेंटेटिव्स के चुनाव में शाह का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डेविड स्वीकर्ट से होगा। गौरतलब है कि स्वीकर्ट सातवीं बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं और मंगलवार को हुए रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी में उन्होंने आसानी से जीत हासिल की। साल 2022 के चुनाव में स्कीवर्ट ने डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जेविन हॉज को हराया था।

अपनी पीड़ा खत्म होने के लंबे इंतजार में जी रहे फलस्तीनी शरणार्थियों की एक झलक

अल बिद्दावी शिविर 1955 में फलस्तीनी नकबा के दौरान उन लोगों को आश्रय देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था, जिन्हें इस्राइली सेना ने ऊपरी गेलीली और उत्तरी तटीय शहरों से जबरन बेदखल किया गया था। नकबा को अरबी भाषा में प्रलय जैसे हालात भी कहा जाता है। उसके बाद से इस शरणार्थी शिविर में आने वाले शरणार्थियों की संख्या कई गुना बढ़ गई है, क्योंकि हिंसा ने, इन देशविहीन फलस्तीनी शरणार्थियों का पीछा नहीं छोड़ा है। ये लोग लेबनान में गृहयुद्ध सेलेकर सीरिया में युद्ध तक से भी प्रभावित हुए हैं। इस कारण भारी संख्या में सीरियाई और फलस्तीनी शरणार्थी इस छोटे से देश लेबनान में पहुंचे हैं। संकीर्ण और बदहाल सड़कें यहां जीवित रहने के संघर्ष की प्रतीक हैं।

फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी UNRWA का कहना है कि इस एक वर्ग किलोमीटर के दायरे में, 21 हजार से अधिक फलस्तीनी लोग, बहुत से निर्धन लेबनानी नागरिकों और सीरियाई शरणार्थियों के साथ गुजारा करते हैं। वर्ष 2019 के अंत से लेबनान में आर्थिक संकट की जकड़ बढ़ने के कारण इस इलाके में अन्य वंचित इलाकों की ही तरह रोजगारपरक काम की कमी हो गई है और जो लोग काम कर भी रहे हैं वे भी बमुश्किल गुजारा कर पा रहे हैं।

अहमद की आपबीती
अहमद (परिवर्तित नाम) आठ बच्चों के बेरोजगार पिता हैं और कई पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं। अहमद उनका असली नाम नहीं है। उन्होंने अपना असली नाम बताने में कतराते हुए यूएन न्यूज को बताया कि अक्सर चूहे, सड़क से लेकर चौथी मंजिल तक बिजली के तारों के सहारे उनके घर तक पहुंच जाते हैं। आसपास की अन्य इमारतों से जगह की तंगी के कारण उनके घर की खिड़कियां बंद रहने के बावजूद वो, चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए अपने घर की खिड़कियां खुली रखने की कोशिश करते हैं।

पीएम मोदी की राज्यपालों से अपील- केंद्र और राज्य सरकार के बीच बने प्रभावशाली माध्यम

राज्यपाल सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यपालों के आग्रह किया कि वे सभी केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक असरदार पुल की भूमिका निभाएं। पीएम ने राज्यपालों से कहा कि लोगों और सामाजिक संगठनों के साथ इस तरह से बातचीत करने का आग्रह किया, जिससे वंचित लोगों को शामिल किया जा सके।

सम्मेलन में इन मुद्दों पर की जाएगी चर्चा
बता दें कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। वहीं इस सम्मेलन को लेकर राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, शनिवार को खत्म होने वाले इस सम्मेलन में ऐसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जो न केवल केंद्र-राज्य संबंधों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि आम लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने उद्घाटन के दौरान दी सलाह
इस सत्र के दौरान अपने उद्घाटन भाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि लोकतंत्र के सुचारू संचालन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि कई केंद्रीय एजेंसियां सभी राज्यों में बेहतर समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने राज्यपालों को सलाह दी कि वे इस बारे में सोचें कि वे अपने-अपने राज्यों के संवैधानिक प्रमुख के रूप में इस समन्वय को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इस सम्मेलन के एजेंडे में सावधानीपूर्वक चुने गए मुद्दे शामिल हैं, जो राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण हैं।

‘राज्यपालों ने जो शपथ ली है, उसका पालन करेंगे’
इस दौरान राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी राज्यपाल लोगों की सेवा और कल्याण में योगदान देना जारी रखेंगे, उन्होंने जो शपथ ली है, उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं और राज्यपाल ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को बड़े पैमाने पर जन आंदोलन बनाकर इसमें योगदान दे सकते हैं।

उपराष्ट्रपति और गृह मंत्री ने भी सत्र को किया संबोधित
वहीं अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यपालों की शपथ का जिक्र किया और उनसे सामाजिक कल्याण योजनाओं और पिछले दशक के दौरान हुए अविश्वसनीय विकास के बारे में लोगों को जागरूक करने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने का आग्रह किया। जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिवसीय सम्मेलन में होने वाली चर्चाओं की रूपरेखा बताई और राज्यपालों से लोगों में विश्वास पैदा करने और विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए ‘जीवंत गांवों’ और ‘आकांक्षी जिलों’ का दौरा करने का आग्रह किया।

भाजपा का राहुल पर वार, कहा- वायनाड भूस्खलन में जवाबदेही से बचने को नई कहानी गढ़ रहे कांग्रेस नेता

नई दिल्ली :  वायनाड भूस्खलन के मामले में भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला है। भाजपा नेताओं का कहना है कि वायनाड भूस्खलन मामले में राहुल गांधी पर सवाल उठ रहे हैं। इन सवालों का जवाब देने से बचने के लिए राहुल गांधी नई कहानी गढ़ रहे हैं कि उनके खिलाफ ईडी की छापेमारी की योजना बनाई जा रही है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि राहुल गांधी से भी लोग वायनाड मामले में सवाल कर रहे हैं। इसलिए वे नई कहानी बना रहे हैं। आपदा में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर गरीब थे। यह सिर्फ एक त्रासदी नहीं बल्कि अपराध है। उन्होंने लापरवाही के लिए 2009 से लगातार राज्य सरकारों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि वायनाड के लोगों ने इसकी कीमत चुकाई।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सहयोगी ललन सिंह ने कहा कि गांधी ने कुछ ऐसा किया होगा जिसके बारे में उनका मानना है कि सवाल पूछे जाएंगे। अगर कोई गलत नहीं करेगा तो कुछ क्यों होगा? बता दें गांधी 2019 और 2024 के चुनावों में वायनाड से सांसद चुने गए थे। उन्होंने इस बार वायनाड को अपनी लोकसभा सीट के रूप में छोड़ दिया और रायबरेली को बरकरार रखा है।

कांग्रेस ने घोषणा की है कि उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी, जिसकी घोषणा होनी बाकी है। दोनों भाई-बहन इस समय वायनाड में प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर रहे हैं। हाल ही में राहुल ने एक्स पर पोस्ट किया था कि संसद में उनके भाषण के बाद उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। गांधी ने कहा था कि वह बाहें फैलाकर इंतजार कर रहे हैं।

हमले में जख्मी अनुप्रिया पटेल के जेठ की हालत में सुधार, कोहनी की हड्डी में तीन जगह फ्रैक्चर

प्रयागराज :हमले में जख्मी केंद्रीय परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के जेठ और सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री आशीष पटेल के बड़े भाई अरुण पटेल की हालत में सुधार है। बृहस्पतिवार की दोपहर उन्हें आईसीयू वार्ड से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। चिकित्सकों का कहना है कि उन्हें अभी एक हफ्ते तक अस्पताल में रखा जा सकता है। इसके बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा।

बीती 30 जुलाई को प्राण घातक हमले में घायल अरुण के बाएं हाथ की कोहनी की हड्डी तीन जगह फ्रैक्चर हो गई है। इसके अलावा पीठ पर भी गहरी चोट आई है। गंभीर हालत में उन्हें धूमनगंज मीरापट्टी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां चिकित्सकों ने बुधवार की शाम उनके हाथ का ऑपरेशन किया। करीब दो घंटे तक यह ऑपरेशन चला। देर शाम उन्हें आईसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि उनका हालत खतरे से बाहर है।
मंत्री के भाई की नहीं हुई सुनवाई…दो दिन बाद भी हमलावर पकड़ से बाहर

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के भाई और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के जेठ अरुण सिंह पटेल पर हुए जानलेवा हमले के मामले में आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। अस्पताल में उपचार के दौरान बृहस्पतिवार को अरुण सिंह ने पुलिस पर अनदेखी करने का आरोप लगाया।

रैपुरा थाना क्षेत्र के लौरी हनुमानगंज निवासी प्रधान पति अरुण सिंह पर मंगलवार को भाजपा नेता देवराज उर्फ बड़कू शुक्ला ने साथियों के साथ जानलेवा हमला किया था। गंभीर रूप से घायल अरुण का शहर के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। अरुण ने बताया कि हमले के दो दिन बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। सिर्फ बस खानापूर्ति हाे रही है। अरुण सिंह ने चित्रकूट की सीओ निष्ठा उपाध्याय पर आरोप लगाया कि वह इस मामले में कार्रवाई नहीं करना चाह रही हैं।

एटा में मकान में सोए परिवार के चार सदस्यों की दबने से मौत, दादी से लिपटी मिली बच्ची

एटा:उत्तर प्रदेश के एटा जिले में बारिश की वजह से एक मकान की छत गिर गई। इसके मलबे में दबकर एक ही परिवार की वृद्ध महिला और तीन मासूम बच्चियों की मौत हो गई। वहीं दो मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें मलबे से निकालने के बाद तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। जब मलबा हटाया गया तो 11 वर्षीय बच्ची अपनी दादी से लिपटी हुई मिली। सूचना मिलते ही थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई।

थाना जैथरा के गांव कूपपुरा निवासी रामगोपाल किसान हैं। घटना गुरुवार रात 8.30 बजे की है। रामगोपाल और उसकी पत्नी आंगन में सो रहे थे, जबिक उनकी बुजुर्ग मां होशियारश्री (64), तीन बेटियां सपना (16), जूली (13) और अंशिका (11) के साथ दोनों बेटे शिवा और आनंद कमरे में सो रहे थे। रात के अचानक की कमरे की छत भरभराकर गिर गई। छत गिरते ही तेज धमाका हुआ, जिसे सुनकर ग्रामीण रामगोपाल के घर की तरफ दौड़ लिए। वहां का दृश्य देख लोग कांप गए। आनन-फानन में मलबे को हटाना शुरू कर दिया गया।

मलबे में रामगोपाल की मां के साथ उसकी तीन बेटियां और दोनों बेटे दब गए थे। लोगों की सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने तत्काल ही ग्रामीणों की सहायता से मलबा को हटाना शुरू कर दिया।मलबे में पहले एक ही चारपाई पर दादी और अंशिका की लाश मिली। दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो दादी ने उसे बचाने के लिए आंचल में समेट लिया हो। वहीं सपना और जूली के साथ दोनों बेटे गंभीर रूप से घायल मिले।

घायलों को उपचार के लिए तत्काल ही अस्पताल भेजा गया। यहां इलाज के लिए ले जाते समय सपना और जूली ने दम तोड़ दिया। वहीं शिवा और आनंद अस्पताल में भर्ती हैं।रात में ही मौके पर डीएम प्रेम रंजन सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह सहित आला अधिकारी पहुंच गए थे।

भोले के जयघोष से गूंजा पुरा महादेव, छह लाख भक्तों ने किया जलाभिषेक… हेलिकॉप्टर से बरसे फूल

मेरठ: पुरा के परशुरामेश्वर महादेव मंदिर पर सुबह से ही कांवड़ियों का सैलाब उमड़ पड़ा। वहां सुबह से भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ियों व श्रद्धालुओं की चार किमी लंबी लाइन लगी रही। मंदिर में गुरुवार से अभी तक छह लाख से ज्यादा भक्तों ने जलाभिषेक किया। आज सुबह से ही शिवभक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। लाखों श्रद्धालुओं के जलाभिषेक करने की उम्मीद है। वहीं अधिकारियों ने हेलिकाॅप्टर से जलाभिषेक करने वाले कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की।

पुरा महादेव मंदिर में चल रहे चार दिवसीय श्रावणी मेले में दूसरे दिन कांवड़ियों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं आज शिवरात्रि के दिन मंदिर में त्रयोदशी का जलाभिषेक करने के लिए सुबह से लाइन लगनी शुरू हो गई थी। कांवड़ियों व श्रद्धालुओं की लाइन परशुराम खेड़ा तक पहुंच गई और वहां लाइन में लगने के बाद पांच घंटे में जलाभिषेक का नंबर आया। इसके बाद ही हरिद्वार से गंगाजल लेकर आए लाखों कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया।

भीड़ को देखते हुए व्यवस्था बनाने के लिए मंदिर में आरएएफ के साथ ही पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं, जबकि पुलिस को बाहर की तरफ लगाया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित जयभगवान शर्मा ने बताया कि गुरुवार देर शाम तक मंदिर में छह लाख कांवड़ियों व श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया है। वहीं डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह व एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने मंदिर में पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों व पुलिस कर्मियों को कांवड़ियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने देने के निर्देश दिए।

हेलिकॉप्टर से डीएम व एसपी ने किया सर्वेक्षण… बरसाए फूल
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह व एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बृहस्पतिवार काे हेलिकॉप्टर से पुरा महादेव मंदिर और आसपास के मार्गों पर हवाई सर्वेक्षण करते हुए सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इसके साथ ही जलाभिषेक के लिए पहुंचे कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। हेलिकॉप्टर ने पुलिस लाइन से उड़ान भरी और करीब एक घंटे तक सर्वेक्षण और पुष्पवर्षा के बाद अधिकारियों को वापस छोड़ा गया। कांवड़ियों व श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए वाच टावर और कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी गई। कैमरों से सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया जा रहा था।

क्या दलितों व आदिवासियों का जीवन भेदभाव मुक्त हो गया? मायावती ने उठाए सवाल

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि क्या दलितों व आदिवासियों का जीवन द्वेष व भेदभाव-मुक्त हो गया है? ऐसे में आरक्षण का बंटवारा कितना उचित है? उन्होंने भाजपा-कांग्रेस को भी निशाने पर लिया और कहा कि एससी-एसटी व ओबीसी लेकर दोनों दलों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं।

उन्होंने सोशल साइट एक्स पर कहा कि सामाजिक उत्पीड़न की तुलना में राजनीतिक उत्पीड़न कुछ भी नहीं। क्या देश के खासकर करोड़ों दलितों व आदिवासियों का जीवन द्वेष व भेदभाव-मुक्त आत्म-सम्मान व स्वाभिमान पूर्ण का हो पाया है। अगर नहीं तो फिर जाति के आधार पर तोड़े व पछाड़े गए इन वर्गों के बीच आरक्षण का बंटवारा कितना उचित?

देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों और सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं। वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं हैं। वरना इन लोगों द्वारा आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गई होती।

1. सामाजिक उत्पीड़न की तुलना में राजनीतिक़ उत्पीड़न कुछ भी नहीं। क्या देश के ख़ासकर करोड़ों दलितों व आदिवासियों का जीवन द्वेष व भेदभाव-मुक्त आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का हो पाया है। अगर नहीं तो फिर जाति के आधार पर तोड़े व पछाड़े गए इन वर्गों के बीच आरक्षण का बंटवारा कितना उचित?

2. देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों/सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं। वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गयी होती।

बता दें कि आरक्षण को लेकर बृहस्पतिवार को दिए गए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी कोटे के भीतर कोटा को वैधानिक करार दिया है और क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर करने की बात कही है।