Thursday , October 24 2024

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‘बंगाल को विभाजित करने की चुनौती देती हूं’, विधानसभा में भाजपा पर क्यों भड़कीं ममता बनर्जी, जानें मामला

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि उन्होंने दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में भारत-भूटान नदी आयोग के गठन की मांग की। विधानसभा में जब कटाव नियंत्रण और बाढ़ शमन पर चर्चा हो रही थी, इस दौरान बंगाल सीएम ने इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने बंगाल के दो जिलों और बिहार के कुछ जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कुछ भाजपा नेताओं की मांग का भी विरोध किया। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं बंगाल को विभाजित करने की चुनौती देती हूं।

ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे पर भारत-बांग्लादेश के बीच किसी भी समझौते का विरोध करती है। उन्होंने बताया कि उन्हें बांग्लादेश के लोगों से प्यार हैं, लेकिन तीस्ता के पानी के बंटवारे का मतलब है कि उत्तरी बंगाल को पीने के पानी से वंचित रखना। उन्होंने कहा सर्दी और गर्मी के मौसम में तीस्ता में बहुत कम पानी होता है। सीएम ममता बनर्जी ने यह आरोप लगाया कि राज्य सरकार को फरक्का संधि के नवीनीकरण पर भारत-बांग्लादेश के बीच चर्चा के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।

भाजपा विधायकों ने विधानसभा से किया वॉकआउट
भाजपा ने सोमवार को विधायक के तौर पर कटाव नियंत्रण और बाढ़ शमन पर चर्चा के लिए सुमन कांजीलाल का नाम शामिल किए जाने के विरोध में पश्चिम बंगाल विधानसभा से वॉकआउट कर गए। भाजपा नेता संकर घोष ने बताया कि कांजीलाल जिन्हें अलीपुर से भाजपा विधायक बनाया गया है, वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गई हैं। इसका विरोध करते हुए घोष ने स्पीकर बिमान बनर्जी से कहा कि भाजपा विधायक दल ने चर्चा में शामिल होने के लिए उनका नाम नहीं दिया था। स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि उन्होंने चर्चा में भाग लेने के लिए कांजीलाल का नाम शामिल करने की अनुमति दे दी है। इसपर भाजपा विधायकों ने नारे लगाते हुए विधानसभा से वॉकआउट किया।

दिव्यांग आश्रित पारिवारिक पेंशन का हकदार, दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर अविश्वास नहीं किया जा सकता

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सीएमओ की ओर से जारी 60% दिव्यांगता प्रमाण-पत्र पर इस कारण अविश्वास नहीं किया जा सकता कि चार डॉक्टरों की टीम में कोई हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं था। यह भी आरोप नहीं है कि प्रमाणपत्र लेने में कोई कपट या धोखाधड़ी की गई है। कमेटी में स्पेशलिस्ट डॉक्टर न होने से सीएमओ की रिपोर्ट को अस्वीकार नहीं किया जा सकता।

कोर्ट ने सीनियर अकाउंट ऑफीसर पेंशन कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड के दिव्यांग याची को पारिवारिक पेंशन देने से इन्कार करने के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही याची को एक माह में पेंशन का भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस आधार पर पेंशन देने से इन्कार नहीं किया जा सकता कि याची कभी पीसीओ चलाता था, वह जीविका चला सकने में समर्थ है।

कोर्ट ने कहा कि शासनादेश में आश्रित दिव्यांग पुत्र/पुत्री को पारिवारिक पेंशन पाने का हकदार माना गया है। सीएमओ की रिपोर्ट में याची 60 फीसदी अक्षम माना गया है। कभी पीसीओ चलाता था, इस कारण पेंशन देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने मोहम्मद जमील की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

बाहरवाली से था पति का चक्कर, उसी के ससुर से दिल लगा बैठी पत्नी; एक दिन ऐसे खुल गया राज… फिर जो हुआ

आगरा:  उत्तर प्रदेश के आगरा में चार बच्चों के पिता को 55 साल की उम्र में इश्क का बुखार चढ़ गया। पहले तो पत्नी ने समझाने की कोशिश की। इसके बाद 51 वर्षीय पत्नी ने अपनी सौतन के ससुर से ही दोस्ती कर ली। परिवार में क्लेश होने पर रविवार को मामला परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा। दोनों को समझाने में सफलता न मिलने पर काउंसलर ने अगली तारीख दे दी है।

काउंसलर डॉ. अमित गौंड ने बताया कि दोनों की शादी को 28 साल हो चुके हैं। बच्चे भी बड़े हैं। इसके बावजूद दोनों के अवैध संबंध चल रहे हैं। पत्नी का आरोप है कि पति का अपने कार्यस्थल पर महिला से प्रेम चल रहा है। इसके फोटो मैंने खींच रखें हैं। समझाने पर पति अपनी आदतों को बदलना नहीं चाहता।

उधर, पति का आरोप है कि पत्नी सरकारी नौकरी की घमंड में रहती है। उसका अफेयर चल रहा है, जिस कारण घर में झगड़े होते हैं। काउंसलर ने बताया कि इन दोनों का अफेयर एक ही घर में चल रहा है। पत्नी का ससुर के साथ और पति का बहू के साथ। दोनों को समझाकर अगली तारीख पर आने के लिए कहा है।

आए 120 मामले, छह में समझौता
रविवार को परिवार परामर्श केंद्र में 120 मामले पहुंचे। इनमें छह में समझौता हुआ। तीन में एफआईआर दर्ज कराने की संस्तुति की गई है। इसी तरह थाना कमला नगर का भी एक मामला पहुंचा। काउंसलर डॉ. अमित ने बताया कि इस मामले में शादी को 5 साल हो चुके हैं। पिछली भाई दूज पर पति ने नारियल का गोला लाकर नहीं दिया।

गुस्से में पत्नी एक बार मायका गई तो ससुराल नहीं लौटी। पत्नी ने काउंसिलिंग में बताया कि भाइयों के लिए गोला लेना था, वह भी लाकर नहीं दिया। मैं इनके पूरे परिवार को खाना-पीना बनाकर खिलाने से लेकर सारे घर की जिम्मेदारी उठाती हूं। इसलिए ससुराल वापस जाना ही नहीं है। पति का कहना है कि वह गोला खरीदकर देना भूल गया था।

महादेवा में आधी रात से शिवभक्तों का सैलाब, रामनगरी में नागेश्वर नाथ मंदिर में हजारों की भीड़

लखनऊ:  सावन के दूसरे सोमवार पर बाराबंकी में महादेवा में भगवान लोधेश्वर के भक्त आधी रात से जलाभिषेक कर रहे हैं। सुबह 10 बजे तक 50 हजार से अधिक लोगों ने महादेवा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। अन्य जिलों का प्रदेशों से भी लोग लगातार महादेवा पहुंच रहे हैं। सावन के दूसरे सोमवार में भगवान लोधेश्वर का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु रविवार से ही पहुंचना शुरू हो गए थे। शाम को ही बैरिकेडिंग के अंदर भक्तों की कतार लग गई। रात 12:00 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही हर हर बम बम, हर हर महादेव, लोधेश्वर भगवान की जय के स्वर से आकाश गूंज पड़ा। भीड़ इतनी है कि मंदिर के अंदर गर्भ ग्रह में किसी भी श्रद्धालुओं को 2 से 3 सेकंड से ज्यादा नहीं रुकने दिया जा रहा है। शिवलिंग के ऊपर जाली रख दी गई है उसी से लोग जल और अन्य द्रव्य अर्पित कर रहे हैं। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि भीड़ को देखते हुए न केवल सीसीटीवी कैमरे बढ़ा दिए गए हैं बल्कि रामनगर से महादेवा तक यातायात व्यवस्था भी मजबूत की गई है।

लेटकर परिक्रमा करते पहुंचे भक्त
अपने आराध्य लोधेश्वर भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्त जहां गेरुवा कपड़ों में कई किलोमीटर पैदल चलकर महादेवा पहुंच रहे हैं वहीं तमाम भक्त जमीन पर लेटकर परिक्रमा करते हुए आ रहे हैं।

कुंतेश्वर, औसानेशवर और बुढ़वा बाबा में उमड़ी श्रद्धा
सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के किंतूर गांव में महाभारत कालीन कुंतेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। यह शिवलिंग महाभारतकाल में माता कुंती द्वारा स्थापित किया गया था। इसी प्रकार हैदरगढ़ के श्री औसानेशवर महादेव और रामसनेहीघाट के बुढ़वा बाबा मंदिर पर भोर चार बजे से भक्तों की कतारें लगी हैं।

आस्था का केंद्र बना आनंदेश्वर महादेव मंदिर
अमेठी जिले के औद्योगिक क्षेत्र जगदीशपुर के सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) परिसर के आनंदेश्वर महादेव मंदिर निर्माण बड़ा रोचक इतिहास है। मंदिर के पुजारी अनिल कुमार शास्त्री ने बताया कि वर्ष 1995 में यहां जीएम रहे राजेश्वर सिंह को एक दिन सपने में भगवान भोलेनाथ का दर्शन हुआ। उन्होंने इस सपने की जानकारी कई धार्मिक विद्वानों को दी। धार्मिक विद्वानों के परामर्श पर परिसर में भव्य शिव मंदिर निर्माण की योजना बनी। करीब दो वर्षों में मंदिर बन कर तैयार हुआ। वर्ष 1997 में प्रकांड विद्वानों की मौजूदगी में भगवान आनंदेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा हुई। मंदिर के गर्भ गृह में विशालकाय शिव लिंग के साथ शिव परिवार व अन्य देवी-देवाताओं की मूर्तियां हैं। श्रद्धालुओं के अनुसार भगवान आनंदेश्वर महादेव की आराधना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन, अधिमास व महाशिवरात्रि के साथ ही प्रत्येक सोमवार को यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक व रुद्राभिषेक करते हैं।

पूरी होतीं भक्तों की मनोकामनाएं
करीब 26 वर्षों से भगवान आनंदेश्वर महादेव की सेवा करने वाले मंदिर के पुजारी अनिल शास्त्री बताते हैं कि वर्ष 2000 में फैक्टरी अज्ञात कारणों से बंद हो गई थी। फैक्टरी बंद होने के बाद महादेव की कृपा से यहां एक भी पैसे की चोरी नहीं हुई। फैक्टरी का फिर संचालन शुरू हुआ। भगवान आनंदेश्वर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

अब उसी को दी ऐसी मौत… देखकर दहल गए लोगों के दिल, मां पर भी किए ताबड़तोड़ वार

एटा: उत्तर प्रदेश के एटा में सोमवार को भतीजे ने अपनी चाची को घन से कूचकर मार डाला। बचाने आई मां पर भी ताबड़तोड़ वार किए। इसके बाद खुद पर भी वार किए। घटना से आसपास दहशत फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी ली। घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

घटना जलेसर थाना क्षेत्र के सराय खानम की है। यहां के निवासी टीकाराम, उसकी पत्नी गीता देवी (60), पुत्र टिंकू (32) और चाची महादेवी (40), इसके दो बच्चे एक ही घर में रहते थे। बताया गया कि महादेवी और टिंकू के बीच अफेयर चल रहा था। इस बात की जानकारी घरवालों के साथ मोहल्ले के लोगों को भी थी।

सोमवार की दोपहर किसी बात को लेकर टिंकू और महादेवी के बीच कहासुनी हुई। इस पर टिंकू ने घर में रखे घन (बड़ा हथौड़ा) से चाची महादेवी पर ताबड़तोड़ वार किए। वह लहूलुहान होकर गिर गई। कुछ ही पल में दम तोड़ दिया।

मां गीता देवी ने देखा तो टिंकू को रोकने के लिए भागी। इस पर टिंकू ने मां पर भी उसी घन से वार किए। वह भी घायल होकर वहीं गिर गई। इसके बाद आरोपी ने खुद पर भी वार किए। इससे वह भी घायल हो गया। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग भागकर पहुंचे।
घर में खून बिखरा पड़ा था। देखकर लोगों के दिल दहल गए। उन्होंने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

राहुल गांधी ने हलवा सेरेमनी पर ऐसा क्या बोला कि निर्मला सीतारमण ने माथे पर रख लिए हाथ

नई दिल्ली:  संसद के मानसून सत्र का आज नौंवां दिन है। संसद की दोनों सदनों में आज दिल्ली कोचिंग हादसे का मुद्दा उठा। संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट 2024 को लेकर सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने चक्रव्यूह का उदाहरण दिया। साथ ही बजट के हलवा सेरेमनी पर कुछ ऐसा कह दिया, जिसे सुनकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने दोनों हाथ माथे पर रख लिए।

उन्होंने कहा कि महाभारत में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मारा गया। चक्रव्यूह कमल के आकार जैसा था। आज भी वैसा ही चक्रव्यूह रचा जा रहा है और प्रधानमंत्री कमल का निशान अपने सीने पर लगाकर चलते हैं। चक्रव्यूह में देश को फंसाया गया।

हलवा सेरेमनी की दिखाई तस्वीर
इसी दौरान, राहुल गांधी ने हलवा सेरेमनी की एक तस्वीर सदन में दिखाने की कोशिश की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मना कर दिया। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘मैं तस्वीर दिखाकर समझाना चाहता हूं कि बजट का जो हलवा बंट रहा है और इस तस्वीर में एक ओबीसी अधिकारी नहीं दिख रहा है। यहां तक कि एक आदिवासी अधिकारी और एक दलित अधिकारी तक नहीं दिख रहा। यह हो क्या रहा है। देश का हलवा बंट रहा है और इसमें इसमें केवल वही लोग नहीं हैं।’

वित्त मंत्री ने माथे पर रखे हाथ
राहुल गांधी के इतना कहते ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माथे पर हाथ रख लिए। हालांकि, हंगामे के बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आगे भाषण जारी रखा। उन्होंने कहा, ‘सर आप हलवा खा रहे हैं और बाकि लोगों को हलवा मिल ही नहीं रहा है। हमने पता किया है कि 20 अधिकारियों ने बजट तैयार किया है। अगर आप लोग नाम चाहते हैं तो मैं आपको इन अधिकारियों के नाम भी दे सकता हूं।’

उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब 20 अधिकारियों ने बजट बनाया है। मतलब हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटा है। बांटता कौन है वही दो या तीन प्रतिशत लोग, मिलता किसे है? केवल इन तीन प्रतिशत को ही। बाकी 99 प्रतिशत को क्या मिलता है?

भारत में डर का माहौल
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत में डर का माहौल है और यह डर हमारे देश के हर पहलू में व्याप्त है। सरकार ने बजट में बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाया, लेकिन छोटे दुकानदारों और करदाताओं को कोई फायदा नहीं दिया गया।’

रोजगार के मुद्दे पर राहुल ने कहा कि बजट में इंटर्नशिप प्रोग्राम की बात शायद एक मजाक था। ये इंटर्नशिप देश के बड़ी कंपनियों में दी जाएगी, लेकिन इससे युवाओं को कोई फायदा नहीं होगा। युवाओं का आज का मुख्य मुद्दा पेपरलीक है। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में 70 बार इस देश में पेपरलीक की घटना हुई है।’

मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया, बोले- भाजपा हमें बदनाम करने की कोशिश कर रही

बंगलूरू:  बंगलूरू:   कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर ‘झूठ बोलने’ का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हालिया केंद्रीय बजट में राज्य के साथ ‘अन्याय’ करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस शासित कर्नाटक को भ्रष्ट राज्य के रूप में बदनाम करना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दिल्ली जाएंगे, जहां वे पार्टी आलाकमान के साथ पार्टी और सरकार पर चर्चा करेंगे।

सीएम सिद्धारमैया ने लगाए झूठ बोलने के आरोप
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि ‘बजट पूर्व बैठक में आपने कहा था कि आप ऊपरी भद्रा परियोजना के लिए 5300 करोड़ रुपये देंगे लेकिन बजट में पैसा नहीं दिया गया।

15वें वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में विशेष अनुदान के रूप में 5,495 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की थी, लेकिन ये पैसा भी कहां है? कहा गया था कि बंगलूरू में रिंग रोड के लिए तीन हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे और जल निकायों के विकास के लिए भी तीन हजार करोड़ रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन ये (बजट में) कहा है?’

सीएम ने वित्त मंत्री पर लगाए आरोप
सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘इनमें से कुछ भी बजट में नहीं है, क्या यह अन्याय नहीं है? आंध्र प्रदेश और बिहार को दिया गया है, कर्नाटक को क्या दिया गया है? केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी और निर्मला सीतारमण कम से कम यह तो कह सकते थे कि वे यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि कर्नाटक को उसका हक मिले।’ वित्त मंत्री सीतारमण से हाल ही में सीएम के उन आरोप खारिज कर दिया था, जिसमें सीएम ने कहा था कि उनके राज्य का हक नहीं मिला।

वित्त मंत्री ने दावा किया था कि फंड आवंटन के बारे में बहुत सारी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। सीतारमण ने यह भी आरोप लगाया था कि ‘(कर्नाटक में) बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण उद्योग डरे हुए हैं और वे बाहर निकलना चाहते हैं।’

उत्तर से दक्षिण तक उफन रही हैं नदियां, मंडरा रहा है बड़ा खतरा, NDRF को लगातार निगरानी के निर्देश

नई दिल्ली: देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही बारिश के बाद नदियों में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम की सभी नदियां उफान पर हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में उफनाई नदियों की पूरी रिपोर्ट केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से साझा की गई है।

फिलहाल नदियों में बाढ़ जैसे हालत के चलते कुछ राज्यों में अभी भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जिन इलाकों में नदियों से बाढ़ के हालात बने हैं, वहां पर केंद्र सरकार में इस रिपोर्ट के आधार पर तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ के टीमों को भी तैनात किया गया है।

बीते कुछ दिनों से नदियों में बढ़े जलस्तर के चलते असम पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों में लगातार बाढ़ के हालात बने हुए थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की अलग-अलग नदियों में पानी की अधिकता के कारण जबरदस्त नुकसान हुआ था। इन राज्यों में तो अभी भी नदियों में अधिक पानी और बाढ़ के हालात बने हैं। साथ ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को मिली रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु समेत तेलंगाना की कई नदियों में भी तेज बहाव और और जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है।

ऐसे हालात में केंद्र सरकार की मॉनिटरिंग टीम इन नदियों के किनारे बसी आबादी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की तैयारी में लग गई है। अलग-अलग राज्यों में बहने वाली नदियों के जलस्तर की पूरी रिपोर्ट सोमवार सुबह भी जल शक्ति मंत्रालय को दी गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य नदियों के साथ तकरीबन 23 सहायक नदियों में लगातार पानी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।

मोटापा ग्रस्त महिलाएं हो जाएं सावधान, हृदय रोगों के अलावा इस जानलेवा समस्या का भी हो सकती हैं शिकार

शरीर का वजन अधिक होना या मोटापे की समस्या को कई प्रकार की गंभीर और क्रोनिक बीमारियों का कारण माना जाता रहा है। बच्चे हों या बुजुर्ग, महिला हों या पुरुष मोटापे की स्थिति सभी के लिए खतरनाक हो सकती है। इसी से संबंधित एक हालिया अध्ययन में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने महिलाओं में अधिक वजन की समस्या को गंभीर बताते हुए इसे कंट्रोल में रखने की सलाह दी है।

स्ट्रोक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि जो महिलाएं 15 से 30 की उम्र में अधिक वजन वाली या मोटापे की शिकार होती हैं, उनमें 55 की उम्र से पहले इस्केमिक स्ट्रोक होने का जोखिम अधिक हो सकता है। हालांकि इसी उम्र के पुरुषों में मोटापे के कारण इतना जोखिम नहीं देखा गया है।

शोध के निष्कर्ष के आधार पर विशेषज्ञों ने कहा है कि कम उम्र से ही वजन को कंट्रोल रखने के लिए प्रयास जरूरी हैं। किशोरावस्था (13-18 की आयु) के बाद अगर वजन कम भी करते हैं तो भी स्ट्रोक का खतरा समाप्त नहीं होता इसलिए बचपन से ही वजन पर ध्यान देते रहना जरूरी है।

इस्केमिक स्ट्रोक का जोखिम

गौरतलब है कि रक्त का थक्का (जिसे थ्रोम्बस के रूप में जाना जाता है) बनने के कारण मस्तिष्क की ओर जाने वाली धमनी के अवरुद्ध होने से इस्केमिक स्ट्रोक हो सकता है। मोटापे के शिकार लोगों में थक्का बनने का जोखिम अधिक होता है और इससे स्ट्रोक के अलावा हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। स्ट्रोक को जानलेवा समस्या माना जाता है।

ये अध्ययन फिनलैंड में किया गया। साल 1980 से 2020 तक किए गए इस अध्ययन में 50 वर्ष की आयु के 10,491 लोग शामिल थे, जिनमें से 49% महिलाएं थीं। शोधकर्ताओं ने 14 और 31 या दोनों उम्र में इनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) मापा। इनमें 20 में से एक प्रतिभागी में थक्का बनने और इसके कारण स्ट्रोक का खतरा देखा गया।

अध्ययन में क्या पता चला?

अध्ययन की कुछ महत्वपूर्ण बातों पर विशेषज्ञों ने ध्यान आकृष्ट किया है।

  • 14 वर्ष की आयु में मोटापे की शिकार महिलाओं में थक्के के कारण स्ट्रोक का जोखिम 87% अधिक पाया गया।।
  • 31 वर्ष की आयु में मोटापे की शिकार महिलाओं में उचित वजन वाली महिलाओं की तुलना में क्लॉट के कारण होने वाले स्ट्रोक का खतरा 167% अधिक था।
  • 31 वर्ष में मोटापे वाली महिलाओं में हेमोरेजिक स्ट्रोक का जोखिम भी लगभग 3.5 गुना अधिक देखा गया।
  • जो पुरुष 14 या 31 वर्ष की आयु में अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त थे, उनमें थक्के के कारण होने वाले स्ट्रोक का खतरा, महिलाओं की तुलना में कम था।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

न्यूयॉर्क में नॉर्थवेल हेल्थ-साउथ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी डिवीजन के निदेशक डॉ. एंड्रयू रोगोव कहते हैं, 14 और 31 वर्ष की आयु में अधिक वजन वाली महिलाओं में पुरुषों की तुलना में स्ट्रोक की आशंका अधिक देखी गई।

व्रत खोलने के लिए आसान विधि से तैयार करें कुट्टू के पकौड़े और फलाहारी चटनी

आज सावन का दूसरा सोमवार है। ऐसे में शिवालयों में आपको शिव भक्तों की लंबी कतार देखने को मिल रही होगी। सावन के महीने में सोमवार का दिन काफी खास होता है। इस दिन शिव भक्त महादेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं और मंदिर जाते हैं। बहुत से भक्त तो सोमवार को व्रत-उपवास भी रखते हैं। व्रत वाले दिन सबसे बड़ा सवाल ये होता है कि क्या खाकर व्रत का पारण किया जाए।

अगर आप फलाहार खाते हैं तो यहां हम आपकी मदद कर सकते हैं। आप चाहें तो आज सोमवार का व्रत खोलने के लिए कुट्टू के आटे की पकौड़ी और फलाहारी चटनी बना सकते हैं। ये खाने में काफी स्वादिष्ट लगती है। ये फलाहारी होती है, ऐसे में आप बिना सोचे महादेव को भी इसका भोग लगा सकते हैं। तो चलिए बिना देर किए आपको कुट्टू के आटे की पकौड़ी और फलाहारी चटनी बनाना सिखाते हैं।

कुट्टू के पकौड़े बनाने का सामान

  • कुट्टू का आटा – 1 कप
  • आलू – 2
  • सेंधा नमक – स्वादानुसार
  • हरी मिर्च – 2-3
  • अदरक (कसी हुई)
  • धनिया पत्ती
  • घी – तलने के लिए

विधि

कुट्टू के पकौड़े बनाना काफी आसान है। इसे बनाने के लिए एक बर्तन में सबसे पहले कुट्टू का आटा लें। इसे छानने के बाद कटोरे में उबले और मसले हुए आलू, सेंधा नमक, बारीक कटी हुई हरी मिर्च, कद्दूकस की हुई अदरक डालें। आखिर में इसमें बारीक कटी धनिया पत्ती डालें।

अब इसे अच्छी तरह से मिलाकर इसमें थोड़ा सा पानी डालें और बेटर तैयार करें। ध्यान रखें कि इसका बेटर गाढ़ा ही रहना चाहिए। बेटर तैयार करने के बाद एक कढ़ाई में घी गर्म करें और फिर बेटर से छोटे-छोटे पकौड़े बनाकर गर्म घी में डालें और सुनहरे भूरे होने तक तलें। जब ये सुनहरे हो जाएं तो इसे एक प्लेट पर नैपकिन लगाकर उसपर निकाल लें।

फलाहारी चटनी बनाने का सामान

  • ताजा धनिया
  • पुदीना
  • हरी मिर्च – 2-3
  • अदरक
  • नींबू का रस – 2 बड़े चम्मच
  • सेंधा नमक – स्वादानुसार
  • दही – आधा कप