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आज का राशिफल: 27 जुलाई 2024

मेष राशि: 
आज का दिन आपके लिए चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। आपके कामों में अधिक समस्या आ रही थी, तो वह दूर होगी। किसी बेवजह की बात को लेकर तनाव बना रहेगा। दोस्तों के साथ आप घूमने फिरने की योजना बना सकते हैं। आपके पिताजी को कोई समस्या हो सकती है, इसलिए आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। आप अपने खर्चों को लेकर लेखा-जोखा बनाकर चलें।
वृष राशिः 
आज का दिन विद्यार्थियों के लिए अच्छा रहने वाला है। वह अपने गुरुजनों के साथ पढ़ाई में चल रही समस्याओं को लेकर बातचीत करेंगे। आपको कुछ नया सीखने का मौका मिलेगा। ससुराल पक्ष से आपको धन लाभ मिलता दिख रहा है। आप अपने जीवनसाथी के लिए किसी छोटे-मोटे काम की शुरुआत कर सकते हैं। आपको खर्चों के साथ-साथ भविष्य के लिए धन संचय करने की भी प्लानिंग करनी होगी, नहीं तो बाद में आपको धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
मिथुन राशि :
आज का दिन आपके लिए खुशियां लेकर आएगा। संतान के विवाह में आ रही बाधा दूर होगी। आपको यदि उनके करियर को लेकर कोई चिंता थी, तो वह भी समाप्त होती दिख रही है। आप एक साथ कई काम हाथ मे लेने से बचे, नहीं तो समस्या हो सकती है। शीघ्रगामी वाहनों के प्रयोग से आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। आपके काम करने की गति थोड़ी धीमी रहेगी। जीवनसाथी का साथ बना रहेगा।
कर्क राशि: 
आज का दिन आपके लिए शांतिपूर्ण रहने वाला है। व्यापार कर रहे लोगों को अपने सहयोगियों से तालमेल बनाकर रखने की आवश्यकता है। आपको अपनी किसी सरकारी योजना का पूरा लाभ मिलेगा। घूमने फिरने के दौरान आपको कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। आपके पिताजी यदि आपको कोई जिम्मेदारी दे, तो आप उसमें ढील बिल्कुल न दें। आपकी कोई मन की इच्छा पूरी होने से परिवार में किसी भजन कीर्तन में पूजा पाठ आदि का आयोजन हो सकता है।
सिंह राशि: 
आज का दिन आपके लिए लंबे समय से रुके हुए कामों को पूरा करने के लिए रहेगा। परिवार में सदस्यों से यदि कुछ समस्या चली आ रही थी, तो उसे दूर करने की आवश्यकता है। आप किसी प्रॉपर्टी को यदि खरीदने बेचने की इच्छा रखते हैं, तो उसके जरूरी कागजातों पर ध्यान देना होगा, नहीं तो किसी दुर्घटना के होने की संभावना बनती दिख रही है। रोजगार की तलाश कर रहे लोगों के प्रयास सफल रहेंगे।
कन्या राशि: 
आज का दिन आपके लिए लंबे समय से रुके हुए कामों को पूरा करने के लिए रहेगा। परिवार में सदस्यों से यदि कुछ समस्या चली आ रही थी, तो उसे दूर करने की आवश्यकता है। आप किसी प्रॉपर्टी को यदि खरीदने बेचने की इच्छा रखते हैं, तो उसके जरूरी कागजातों पर ध्यान देना होगा, नहीं तो किसी दुर्घटना के होने की संभावना बनती दिख रही है। रोजगार की तलाश कर रहे लोगों के प्रयास सफल रहेंगे।
तुला राशिः 
आज का दिन आपके लिए लंबे समय से रुके हुए कामों को पूरा करने के लिए रहेगा। परिवार में सदस्यों से यदि कुछ समस्या चली आ रही थी, तो उसे दूर करने की आवश्यकता है। आप किसी प्रॉपर्टी को यदि खरीदने बेचने की इच्छा रखते हैं, तो उसके जरूरी कागजातों पर ध्यान देना होगा, नहीं तो किसी दुर्घटना के होने की संभावना बनती दिख रही है। रोजगार की तलाश कर रहे लोगों के प्रयास सफल रहेंगे।
वृश्चिक राशिः 
आज का दिन आपके लिए परस्पर सहयोग की भावना लेकर आएगा। सामाजिक क्षेत्रो में कार्यरत लोग अपने कामों से सम्मान पाएंगे, उनके मित्रों की संख्या में इजाफा होगा। आपको अपनी वाणी की मधुरता को बनाए रखने की आवश्यकता है। छोटे बच्चे आपके साथ मौज मस्ती करते नजर आएंगे, लेकिन जीवनसाथी से लड़ाई झगड़ा रहने के बाद आपको अकेलापन महसूस होगा, इसलिए आप उसे समय रहते खत्म करने की कोशिश करें।
धनु राशिः 
आज का दिन आपके लिए खर्चों को लेकर सावधान रहने के लिए रहेगा। अपनी जरूरत की वस्तुओं पर ही धन खर्च करना होगा। यदि आप बेफिजूल के खर्चे के चक्कर में पड़े, तो इससे आपको नुकसान हो सकता है। आप अपने मन में चल रही उलझनों को लेकर परेशान रहेंगे। व्यापार कर रहे लोगों को लेनदेन पूरी लिखा पढ़ी करके करना होगा। आप किसी से मांग कर वाहन न चलाएं, नहीं तो कोई दुर्घटना होने की संभावना बनती दिख रही है।
मकर राशिः 
आज का दिन आपके लिए जमीन जायदाद से जुड़े मामलों में अच्छा रहने वाला है। किसी कानूनी मामले में जीत मिलती दिख रही है। आपके घर किसी नए मेहमान का आगमन होने से आपका धन खर्च बढ़ेगा। परिवार में छोटे बच्चों की सेहत में गिरावट आ सकती है, जिसमें आपको ढील बिल्कुल नहीं देनी है। आपके पिताजी आपके कामों से प्रसन्न रहेंगे, जो आपको कोई उपहार दे सकते हैं। आपका कोई काम समय से पूरा न होने के कारण वह आपकी मुश्किलों को बढ़ाएगा।
कुंभ राशिः 
आज का दिन आपके लिए तरक्की दिलाने वाला रहेगा। आपको किसी भी अच्छे मौको को हाथ से जाने नहीं देना है। आर्थिक स्थिति को लेकर यदि कोई चिंता थी, तो वह दूर होगी, क्योंकि आपको आपका डूबा हुआ धन मिल सकता है। आप अपने परिवार में किसी नए काम की शुरुआत करने से पहले बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर जाएं, तो बेहतर रहेगा। पारिवारिक जीवन में रिश्तों में मधुरता आएगी। यदि कोई अनबन थी, तो वह भी दूर होती दिख रही है। निवेश संबंधी मामलों में आपको सावधान रहना होगा।
मीन राशिः 
आज का दिन आपके लिए भाग्य के दृष्टिकोण से अच्छा रहने वाला है। कार्यक्षेत्र में आपको अपने कामों के लिए कोई सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। किसी नए काम को अपने बिजनेस में जोड़ सकते हैं, जिससे उनका बिजनेस और आगे बढ़ेगा। भाई व बहनों से आप अपने कुछ घरेलू कामों को लेकर बातचीत कर सकते हैं। आपने यदि किसी लोन आदि के लिए अप्लाई किया हुआ था, तो वह भी आपको मिलने की संभावना है। जीवनसाथी को नौकरी को लेकर सतर्क रहना होगा।

20 की रफ्तार से चलानी थी कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, स्पीड कम करना भूले लोको पायलट, हुए निलंबित

नई दिल्ली:कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ने गति सीमा का उल्लंघन करते हुए हजारों यात्रियों की जान खतरे में डाल दी। आगरा रेल मंडल के मथुरा रेलखंड के 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने के आदेश को लोको पायलट भूल गए। इस रेलखंड में उन्होंने ट्रेन पूरी स्पीड से गुजारी। इसकी जानकारी मिलने पर रेलवे ने दोनों लोको पायलटों को निलंबित कर दिया।

जानकारी के मुताबिक रेलवे ट्रैक की स्थिति, ट्रैक मरम्मत, पुराने रेलवे पुल और स्टेशन यार्ड रिमॉडलिंग के लिए रेलवे ने मथुरा रेलखंड में गति प्रतिबंध लगाया था। इस ट्रैक से 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन गुजारी जानी थी। लेकिन कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के लोको पायलट गति प्रतिबंध को भूल गए। उन्होंने ट्रैक से पूरी रफ्तार से ट्रेन गुजार दी। इसके चलते ट्रेन में सवार हजारों यात्रियों की जान खतरे में पड़ गए। आगरा मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर दोनों लोको पायलट के खिलाफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

दो महीने में तीसरी बार हुई घटना
आगरा रेल मंडल में बीते दो महीने में तीसरी बार किसी ट्रेन के चालक दल ने गति प्रतिबंध का उल्लंघन किया है। इससे पहले मई 2024 में आगरा रेलखंड में ही मालवा और गतिमान एक्सप्रेस के चालकों ने गति सीमा का उल्लंघन किया था। चालकों की 20 किमी प्रतिघंटा की जगह यहां से 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई थी। आगरा रेल मंडल में बार-बार हो रहीं ऐसी घटनाओं से साफ है कि लोको पायलट किसी तनाव से जूझ रहे हैं। रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि लगातार हो रही इस भूल के चलते कोई बड़ा हादसा हो इससे पहले रेलवे बोर्ड को मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम को भेजना चाहिए।

आखिर कैसे हुई भूल
रेलवे के नियमों के मुताबिक जब लोको पायलट और सहायक लोको पायलट किसी स्टेशन से ट्रेन लेकर चलते हैं, तो इंजन में चढ़ने से पहले उनको ऑपरेटिंग विभाग पूरा रूट चार्ट और गति सीमा की चेतावनी की जानकारी देता है। इसके अनुसार उनको ट्रेनों का संचालन करना होता। जब संबंधित सेक्शन आने वाला होता है तो सहायक लोको पायलट को संबंधित चेतावनी के बारे में लोको पायलट को जानकारी देनी होती है। लोको पायलट इसे दोहराता है। मगर इस मामले में यह हैरानी की बात है कि दोनों चालक इसे कैसे भूल गए?

‘एमसीडी को दिल्ली में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों को लागू करना होगा’, अदालत से मिली ‘सुप्रीम’ फटकार

नई दिल्ली:देश की सर्वोच्च अदालन ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चाहे कोई भी इसे अनुचित करार दे लेकिन, एमसीडी को राष्ट्रीय राजधानी में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों को लागू करना होगा। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अभय एस ओका ने कहा कि वे बीते 21 वर्षों से लगातार इस मामले में अनुचित होने के आरोपों के आदी हो चुके हैं।

‘हम ऐसे आरोपों से प्रभावित नहीं होते’
न्यायमूर्ति अभय एस का ने कहा, ‘हम ऐसे आरोपों से प्रभावित नहीं होते हैं।’ न्यायमूर्ति ओका ने एमसीडी की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील से कहा, ‘हम आपसे स्पष्ट तौर पर यह बात कह रहे हैं। अगर कोई कहना चाहता है कि हम इस मामले में अनुचित बात कर रहे हैं, तो हम खुशी-खुशी ऐसे आरोपों को स्वीकर करते हैं क्योंकि, मैं बीते 21 वर्ष से ऐसे आरोपों को सुनने का आदी हो चुका हूं। इन आरोपों के बाद भी मैं सुनिश्चित करता हूं कि इन कानूनों को लागू किया जाएगा।’

‘पहले न्यायाधीश के बारे में जानकारी ले लें’
शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि ‘अनुचित होने’ जैसा कोई भी आरोप लगाने से पहले आपको न्यायाधीश के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इससे पहले एमसीडी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि इस मामले में वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह ने एमसीडी के प्रति निष्पक्ष होना चाहिए। आपको बता दें कि अपराजिता सिंह इस मामले में न्याय मित्र के रूप में शीर्ष अदालत की सहायता कर रहीं हैं। इसके जवाब में न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि वे ऐसे आरोपों को सुनने के आदी हो चुके हैं।

न्याय मित्र अपराजिता सिंह ने अदालत को क्या बताया था?
न्याय मित्र अपराजिता सिंह ने अदालत को बताया था कि असंसाधित ठोस अपशिष्ट की वजह से दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह आपातकाल की स्थिति हो सकती है और राज्य सरकार के पास इस स्थिति से निपटने के लिए आपातकालीन शक्तियां हैं। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि रोजाना तीन हजार टन असंसाधित ठोस कचरे की वजह से दिल्ली के लोगों पर गहरा असर पड़ सकता है। अदालत ने कहा कि इस मामले पर अगली सुनवाई छह सितंबर को होगी।

सावन में रुद्राभिषेक से होती है 18 तरह के फल की प्राप्ति, सभी राशियों के लिए ये है पूजन विधि

वाराणसी:  सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र (शंकर जी) विराजमान हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा हैं। श्रावण मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से इसका फल शीघ्र मिलता है। विविध नैवेद्य से रुद्राभिषेक करने से प्रमुख रूप से 18 तरह के फल की प्राप्ति होती है।

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि कि शिव जी को जलधारा अतिप्रिय है। शिव ही ऐसे एक मात्र देवता हैं जिनका अभिषेक होता है। अभिषेक इसलिए होता है क्योंकि भगवान शंकर अपने कंठ में विष धारण करते हैं। उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए जलाभिषेक करने का विधान है। बाकी देवों को पुष्प व फल आदि प्रिय है। श्रावण मास में मंत्र, रुद्राभिषेक का फल शीघ्र प्राप्त होता है। कालसर्प योग, गृहक्लेश, व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट, कार्य में बाधा दूर हो जाती है।

इन तिथियों पर रुद्राभिषेक फलदायी
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि सावन में सोमवार, प्रदोष काल, मासिक शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है। क्योंकि यह तिथियां भगवान शिव से जुड़ी हैं। इसलिए इन तिथियों पर अनुष्ठान करना चाहिए।

रुद्राभिषेक करने के 18 विशेष फल
रुद्राभिषेक 18 प्रकार के होते हैं। इससे 18 तरह के विशेष लाभ भी मिलते हैं। जल से अभिषेक से वर्षा, कुशोदक से असाध्य रोगों से शांति, दही से भवन-वाहन, गन्ने के रस लक्ष्मी की प्राप्ति, शहद एवं घी से धनवृद्धि, तीर्थ जल से मोक्ष की प्राप्ति, इत्र मिले जल से अभिषेक करने पर बीमारी दूर होती है। वहीं, दुग्ध से पुत्र प्राप्ति, शीतल जल व गंगा जल से ज्वर की शांति, घृत की धारा से वंश विस्तार, शकर मिले दूध से विद्वान की प्राप्ति, सरसों के तेल से शत्रु पराजित, शहद से तपेदिक दू, गोदुग्ध व शुद्ध घी से आरोग्यता, शकर मिश्रित जल से अभिषेक से पुत्र की कामना पूर्ण होती है।

राशियों के अनुकूल करें पूजन

मेष: शहद से अभिषेक। चंदन और लाल पुष्प चढ़ाएं।
वृषभ: दही से अभिषेक। सफेद फूल, बेलपत्र चढ़ाएं।
मिथुन: गन्ने के रस से अभिषेक। भांग, धतूरा, तथा बेलपत्र चढ़ाएं।
कर्क: दूध में शक्कर मिलाकर अभिषेक। श्वेत फूल, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाएं।
सिंह: जल में मधु और गुड़ मिलाकर अभिषेक। कनेर का पुष्प, लाल रंग का चंदन, गुड़ और चावल से बनी खीर चढ़ाएं।
कन्या: गन्ने के रस से अभिषेक। भांग, दुर्वा, पान तथा बेलपत्र चढ़ाएं।
तुला: गाय के घी, इत्र या सुगंधित तेल या मिश्री मिले दूध से अभिषेक। सफेद फूल चढ़ाएं।
वृश्चिक: पंचामृत और शहद से जलाभिषेक। लाल फूल, लाल चंदन, बेलपत्र, बेल के पौधे की जड़ चढ़ाएं।
धनु: दूध में पीला चंदन मिलाकर अभिषेक। पीले रंग के फूल, खीर का भोग लगाएं।
मकर: गंगाजल, नारियल के पानी से अभिषेक। बेलपत्र, धूतरा, शमी व नीले कमल के फूल, भांग, अष्टगंध एवं उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
कुंभ: नारियल के पानी, सरसों व तिल के तेल से अभिषेक। शमी के फूल से पूजन करें।
मीन: केसर मिश्रित जल से जलाभिषेक। पंचामृत, दही, दूध और पीले पुष्प चढ़ाएं।

शत्रु संपत्ति के फेर में फंसा आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट, जौहर यूनिवर्सिटी पर इसलिए हुई कब्जे की कार्रवाई

रामपुर:  रामपुर प्रशासन ने आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में स्थित शत्रु संपत्ति पर कब्जा लेने का काम शुरू कर दिया है। यहां पर पुलिस सुरक्षा के बीच कब्जा लेने का काम चलता रहा। टीम की ओर से यहां पिलर लगाए जा रहे हैं। साथ ही बैरिकेडिंग भी कराई जाएगी।

अफसरों का कहना है कि कब्जा लेने का काम जारी रहेगा। आजम खां इस वक्त सीतापुर जेल में सजा काट रहे हैं। उनके ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जौहर यूनिवर्सिटी में 13.08 हेक्टेयर जमीन शत्रु संपत्ति है। इस जमीन पर कब्जा करने का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है।

शत्रु संपत्ति विभाग की ओर से जौहर यूनिवर्सिटी में स्थित जमीन का सीमांकन करने के साथ ही उस पर कब्जा लेने के आदेश प्रशासन को दिए गए थे, जिसके बाद एसडीएम सदर मोनिका सिंह व नायब तहसीलदार गौरव बिश्नोई के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम बृहस्पतिवार को जौहर यूनिवर्सिटी पहुंची थी। यह काम शुक्रवार को भी जारी रहा।

भारी पुलिस बल के साथ यूनिवर्सिटी पहुंची टीम ने जमीन की पैमाइश की और इसे कब्जे में लेने की कार्रवाई शुरू कर दी। दिन भर यहां पर सीमांकन का काम चला। इस दौरान पिलर भी लगाए गए। देर शाम तक यह काम चलता रहा। कार्रवाई के दौरान शत्रु संपत्ति विभाग के पर्यवेक्षक प्रशांत कुमार भी मौजूद रहे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हटी थी सील
जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति का मामला कई साल से चल रहा है। इस मामले में जहां एक ओर एमपी-एमएलए कोर्ट में मामला चल रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की ओर से दो साल पहले भी इस जमीन पर कब्जा लिया गया था,लेकिन बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रशासन को इसकी सील हटानी पड़ी थी। इस बीच शत्रु संपत्ति विभाग भी हाईकोर्ट पहुंच गया था। अफसरों का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश पर शत्रु संपत्ति को कब्जे में लेने के आदेश दिए गए थे।

टैटू बनवाने का चार्ज 3000, मिटवाने का 5000; प्यार में धोखा खाए प्रेमी-प्रेमिका मिटवा रहे नाम

वाराणसी:  लोगों में टैटू बनवाने का शौक ज्यादा रहा है, लेकिन इन दिनों ट्रेंड उल्टा हो गया है। टैटू बनवाने के बजाय लोग मिटवा ज्यादा रहे हैं। हर महीने करीब 80 लोग टैटू बनवा रहे हैं। वहीं, 120 लोग मिटवाने के लिए दुकान पहुंच रहे हैं। इसका मुख्य कारण ब्रेकअप, आपस की लड़ाई, नौकरी, मन भर जाने पर दूसरा टैटू बनवाना आदि है।

टैटू मिटवाने वालों में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इसके लिए युवा अधिक पैसे खर्च कर रहे हैं। देखा जाए तो टैटू बनवाने से ज्यादा पैसा टैटू हटवाने में लगता है। टैटू बनवाने में 500 से 3000 रुपये लगते हैं। वहीं मिटवाने में 1000 से 5000 रुपये लगते हैं। साथ ही एक टैटू के ऊपर दूसरा बनवाने पर 800 से 2000 रुपये लगते हैं।

टैटू आर्टिस्ट ने बताया कि पिछले छह महीने से टैटू मिटवाने वाली की संख्या ज्यादा देखी जा रही है। इसमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है। जब हम उनसे पूछते हैं कि आप टैटू क्यों मिटवा रहीं हैं तो वे हमें बताती हैं हमारी शादी होने वाली है, पहले हम रिलेशनशिप में थे जिस कारण पार्टनर का नाम लिखवा लिया था अब मिटवा रहे हैं। या फिर रिलेशनशिप में अब लड़ाई हो गई है, जिस कारण मिटवा रहे हैं।

वहीं लड़कों में देखा जाए तो ओम, शिव का त्रिशूल, साई बाबा का नाम, अपने माता का नाम लिखवाने के लिए आते हैं। जब मिटवाने आते हैं तो बताते हैं कि सेना में नौकरी, पुलिस में भर्ती, माता पिता की डांट के कारण मिटवा रहे हैं।

यूपी में 60 हजार सिपाहियों की भर्ती से जुड़ा नया अपडेट… नए कानून के तहत होंगी परीक्षाएं

नोएडा:  उत्तर प्रदेश में 60,244 पदों पर सिपाहियों की सीधी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 23 अगस्त से पांच दिनों में कराई जाएगी। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 23, 24, 25 अगस्त एवं 30, 31 अगस्त को परीक्षा कराने की घोषणा की है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की वजह से परीक्षा की तारीखों में अंतराल दिया गया है। प्रत्येक दिन परीक्षा दो पालियों में होगी, जिसमें 5 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थी बस से निशुल्क यात्रा कर सकेंगे।

बीती 17 और 18 फरवरी को सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ था, जिसका पेपर लीक होने के बाद परीक्षा स्थगित कर दी गयी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छह माह के भीतर दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था। इसके बाद दोबारा परीक्षा कराने का कार्यक्रम घोषित किया गया है।भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि परीक्षा 19 जून को जारी निर्देशों के तहत केंद्रों का चयन, अभ्यर्थियों का सत्यापन, पेपर लीक, सॉल्वर, नकल आदि रोके जाने संबंधी सभी मानकों के अनुसार होगी।

गड़बड़ी करने वालों पर एक करोड़ तक का जुर्माना
इस बार सिपाही भर्ती परीक्षा नए एंटी पेपर लीक कानून के तहत होगी। अब अगर परीक्षा में किसी भी तरह के अनुचित साधनों का इस्तेमाल, सॉल्वर, पेपर लीक कराने, पेपर लीक की साजिश रचने वालों के खिलाफ नए कानून के तहत कार्रवाई होगी। शासन द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, जैसे प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ आदि को रोकने के लिए उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 बीती 1 जुलाई को अधिसूचित किया गया है।
इसमें प्रावधान है कि परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या कराना, प्रश्न पत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना या प्रकट करने का षड्यंत्र करना आदि अपराध की श्रेणी में आते हैं, जो दंडनीय है। ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा, दोनों ही हो सकती है।

48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी देंगे परीक्षा
पिछले बार 48,17,442 अभ्यर्थियों ने आवदेन किया था, जिसमें से 43,13,611 ने ही परीक्षा दी थी। डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि पूर्व में हुई परीक्षा का एडमिट कार्ड भरने वाले अभ्यर्थी दोबारा होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों का आवंटन नए सिरे से किया जाएगा।

अभ्यर्थियों के लिए निशुल्क बस यात्रा
निशुल्क बस यात्रा का लाभ लेने के लिए अभ्यर्थियों को अपने प्रवेश पत्र की अतिरिक्त दो प्रतियां डाउनलोड करनी होगी। एक प्रति परीक्षा केंद्र के जिले तक की यात्रा एवं दूसरी प्रति परीक्षा के बाद अपने जिले तक की यात्रा के लिए बस कंडक्टर को दिखानी होगी।

घर से उठीं तीन भाइयों की अर्थी तो रो पड़ा गांव, एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार, साथ लिपटे मिले थे शव

बिजनाैर: दो वक्त की रोजी-रोटी के लिए मजदूरी करने के लिए संग गए। आते हुए पीली नदी में डूबे तो मरते दम तक साथ नहीं छोड़ा। तीनों के शव एक दूसरे से लिपटे मिले थे। तीन अर्थियां एक साथ उठीं तो हर आंख नम हो गई। जिनका रामगंगा नदी के घाट पर गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया। यहां भी भाइयों के प्रेम की मिसाल देखने को मिली। तीनों भाई एक ही चिता पर पंचतत्व में विलीन हो गए।

बुधवार को गांव रफैतपुर निवासी तीन सगे भाइयों ओमप्रकाश (40), तेजपाल (25) तथा जय सिंह (21)पीली नदी में डूबने से मौत हो गई थी। तीनों भाइयों के शव करीब आठ घंटे बाद 150 मीटर दूर मिले थे। अचानक नदी में आए पानी को पार करते समय तेजपाल व जय सिंह डूबने लगे तो ओमप्रकाश उन्हें बचाने लगा। दरअसल ओमप्रकाश तैरना जानता था। जबकि वे दोनों तैरना नहीं जानते थे।

ओमप्रकाश ने अपने भाइयों को बचाने का बहुत प्रयास किया वह उन्हें नहीं बचा सका ओर स्वयं भी उनके साथ मौत के आगोश में चला गया। गांव में भाइयों के लिए जान देने की मिसाल पेश कर गया। जब उनके शव नदी से निकाले गए तब तीनों भाई एक दूसरे से लिपटे थे। जिसे देख हर किसी की आंखें नम हो गईं।

वहीं पोस्टमार्टम के बाद गाड़ी से तीनों भाईयों के शव गांव पहुंचे। तो उनके घर पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों में चीख-पुकार मच गई। तीन-तीन अर्थियां एक साथ देखकर भीड़ में मौजूद लोग भी रो उठे। इसके बाद तीनों भाई की शव यात्रा निकाली गई।शवयात्रा में भी भारी भीड़ रही। भूतपुरी रामगंगा घाट पर तीनों भाइयों के शव का एक ही घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं तीनों भाइयों के अंतिम संस्कार के लिए सिर्फ एक चिता ही लगी। एक ही चिता पर तीनों भाई पंचतत्व में विलीन हो गए।

देश में पिछले पांच वर्षों में सैंकड़ों बाघों की हुई मौत, सरकार ने संसद में पेश किए अहम आंकड़े

नई दिल्ली:  देश में बीते पांच वर्षों में 628 बाघों की मौत हुई है। इनमें प्राकृतिक कारणों के साथ ही शिकार के दौरान मारे गए बाघों की संख्या भी शामिल है। सरकार ने यह आंकड़े पेश किए हैं। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के डाटा के अनुसार, साल 2019 में देश में 96 बाघ मारे गए। साल 2020 में यह आंकड़ा 106, साल 2021 में 127, साल 2022 में 121 और साल 2023 में 178 बाघ मारे गए।

बीते पांच वर्षों में 349 लोग बाघ के हमलों में मारे गए
केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि बीते पांच वर्षों में 349 लोग बाघ के हमलों में मारे गए हैं। महाराष्ट्र राज्य में सबसे ज्यादा 200 लोग बाघ के हमलों में जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 और 2020 में 49-49 लोगों की मौत बाघ के हमलों में हुई। वहीं 2021 में 50, 2022 में 110 और 2023 में 82 लोगों की जान बाघ के हमलों में गई। उत्तर प्रदेश में 59 और मध्य प्रदेश में 27 लोगों की मौत बाघ के हमलों में हुई।

देश में अभी इतनी है बाघों की कुल संख्या
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में साल 2012 के बाद सबसे ज्यादा बाघों की मौत हुई। अभी देश में मौजूद बाघों की कुल संख्या 3,682 है, जो पूरी दुनिया में पाए जाने वाले बाघों की कुल जनसंख्या का 75 प्रतिशत है। सरकार के ये आंकड़े साल 2022 के हैं। भारत सरकार ने साल 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी। इसी प्रोजेक्ट टाइगर के तहत देश में बाघों के संरक्षण की शुरुआत की गई। शुरुआत में 18,278 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले नौ टाइगर रिजर्व से प्रोजेक्ट टाइगर को शुरू किया गया था। आज देश में कुल 55 बाघ संरक्षण केंद्र हैं, जो कुल 78,735 वर्ग किलोमीटर का इलाका कवर करते हैं। यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है।

हलफनामे के बाद भी यूपी सरकार के आदेश पर रोक जारी, कांवड़ मार्ग के दुकानदारों को नहीं लगानी होगी नामपट्टिका

नई दिल्ली:  सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकारों द्वारा कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानदारों को नामपट्टिका लगाने के आदेश पर अंतरिम रोक जारी रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे के बाद भी आदेश पर रोक जारी रखी है। इससे पहले उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नामपट्टिका लगाने के अपने आदेश का बचाव किया। यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसके दिशा-निर्देश कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन और पारदर्शिता कायम करने के लिए उद्देश्य से दिए गए थे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया क्यों लागू किया था नामपट्टिका वाला आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि निर्देश के पीछे का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान पारदर्शिता कायम करना और यात्रा के दौरान उपभोक्ताओं/कांवड़ियों को उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी देना था। ये निर्देश कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर दिए गए ताकि वे गलती से कुछ ऐसा न खाएं, जो उनकी आस्थाओं के खिलाफ हो।

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध या निषेध नहीं लगाया है (मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध को छोड़कर), और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने के लिए स्वतंत्र हैं। हलफनामे में कहा गया है, ‘मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए एक अतिरिक्त उपाय मात्र है।’

सरकार ने बताया- शिकायतों के बाद दिए गए थे निर्देश
सरकार ने अपने बयान में कहा कि कांवड़ यात्रा एक कठिन यात्रा है, जिसमें कुछ कांवड़िए, जो डाक कांवड़ लाते हैं, कांवड़ को अपने कंधों पर रखने के बाद आराम के लिए भी नहीं रुकते। कांवड़ यात्रा की कुछ पवित्र विशेषताएं होती हैं, जैसे कि पवित्र गंगाजल से भरे कांवड़ को जमीन पर नहीं रखना होता और न ही गूलर के पड़े की छाया में। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि कांवड़िए कई वर्षों की तैयारी के बाद यात्रा पर निकलते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि नामपट्टिका से संबंधित आदेश कांवड़ियों की शिकायतों के बाद दिए गए थे, जिसमें कांवड़ियों ने यात्रा के दौरान परोसे जाने वाले भोजन की पवित्रता पर चिंता जताई थी।

धार्मिक प्रथाओं के अनुरूप खाने की तैयारी को लेकर शिकायतें मिलीं थीं। जिसके बाद कांवड़ मार्गों पर दुकानदारों से नामपट्टिका लगाने संबंधी आदेश दिए गए थे। गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा, एक वार्षिक तीर्थयात्रा है जहाँ भगवान शिव के भक्त, जिन्हें कांवड़ियों के रूप में जाना जाता है, गंगा नदी से पवित्र जल लाने के लिए यात्रा करते हैं। कांवड़ यात्रा में हर साल लाखों लोग भाग लेते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी राज्य सरकार के आदेश पर रोक
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली दुकानदारों को दुकान पर नामपट्टिका (नेमप्लेट) लगाने और मोबाइल नंबर लिखने के दिशा निर्देश जारी किए थे। सरकार के इन दिशा-निर्देशों की खूब आलोचना हुई। सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुईं, जिन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब राज्य सरकार का हलफनामा मिलने के बाद भी अदालत ने आदेश पर रोक जारी रखने का फैसला किया है।