Thursday , October 24 2024

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भाजपा नेता भवानी शंकर भोई ने विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के लिए भरा नामांकन, बुधवार को चुनाव की संभावना

भुवनेश्वर:  भाजपा विधायक भवानी शंकर भोई ने मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इस पद के लिए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उप मुख्यमंत्री केवी सिंह देव और प्रावती परिदा समेत अन्य लोगों के साथ तलसरा विधायक ने अपना नामांकन दाखिल किया। भोई 2019 और 2024 में दो बार ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए।

इस पद के लिए एक से अधिक उम्मीदवार होने पर डिप्टी स्पीकर पद के लिए बुधवार को चुनाव होगा। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुरमा पाढ़ी को विधानसभा स्पीकर चुना गया है। बता दें कि 147 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 78 सांसद बीजद के 51 विधायक कांग्रेस के 14 निर्दलीय के तीन और सीपीआई(एम) के एक विधायक हैं।

गुजरात हाईकोर्ट का आदेश- मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों से मिलकर जमीनी हकीकत जानें न्याय मित्र और वकील

अहमदाबाद:  मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि न्याय मित्र के एक वकील के साथ हादसे के पीड़ितों से मुलाकात करें। कोर्ट ने कहा कि न्याय मित्र और वकील पीड़ितों से हकीकत जानें और रिपोर्ट दाखिल करें। गुजरात हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर स्वत: सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। 30 अक्तूबर 2022 को गुजरात की मच्छु नदी पर ब्रिटिश काल में निर्मित मोरबी पुल गिर गया था। इसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी और 56 लोग घायल हो गए थे।

कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि कोर्ट की ओर से किसी को पीड़ितों से मुलाकात और बात करनी चाहिए। न्याय मित्र पीड़ितों के पास जाएं और उनकी हकीकत को समझने का प्रयास करें। इसके बाद कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करें। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि एक वकील को भी न्याय मित्र के साथ पीड़ितों से मिलकर उनके मुद्दों को समझना चाहिए। एक पीड़ित के मुआवजा लेने से इन्कार करने को लेकर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वकीलों को संबंधित व्यक्ति की काउंसलिंग करनी चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा कि हम स्वतंत्र राय चाहते हैं। सबसे मिलकर बात करके पीड़ितों को समझाना चाहते हैं कि कोर्ट उनके साथ है। न्याय मित्र और वकील अगस्त में ही पीड़ितों से मिलें। कोर्ट ने आदेश दिया कि जिलाधिकारी न्याय मित्र और वकील को आवश्यकता सहायता उपलब्ध कराएंगे।

कोर्ट में एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने कहा कि पुल के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रहे ओरेवा ग्रुप ने 18 जुलाई को बैठक की थी। ग्रुप ने अपने प्रतिनिधियों को हर तीन महीने पर पीड़ितों से मिलकर उनकी जरूरतों को जानने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जिला बाल कल्याण अधिकारी ने ग्रुप के प्रतिनिधियों के साथ पीड़ितों से बात की थी। इस दौरान सात बच्चे अनाथ मिले। जबकि जिन 14 बच्चों ने अपने किसी अभिभाववक को खो दिया, उनसे तीन महीने में एक बार मुलाकात की जाती है। त्रिवेदी ने कहा कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने भी पीड़ितों से मिलकर बात की है। ग्रुप ने हर पीड़ित की देखभाल करने का फैसला किया है।

एयरपोर्ट अथॉरिटी कार निकोबार और कैंपबेल बे हवाई अड्डों का संचालन करेगी, अंडमान प्रशासन के साथ किया समझौता

नई दिल्ली: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने कार निकोबार और कैंपबेल बे हवाई अड्डों के संचालन और रखरखाव के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते पर सोमवार को नागरिक उड्डयन सचिव विश्वेंद्र और एएआई के कार्यकारी निदेशक-II (जेवीसी/पीपी) एन वी सुब्बारायडू ने हस्ताक्षर किए।

गुरुग्राम की कंपनी करेगी संचालन
इस समझौते के तहत, पोर्ट ब्लेयर, कार निकोबार और कैंपबेल बे के बीच 19 सीटों वाला फिक्स्ड-विंग विमान संचालित होगा, जिसमें बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड के तहत गुरुग्राम स्थित निजी कंपनी ‘फ्लाईबिग’ को ऑपरेटर के रूप में चुना गया है। दिसंबर 2020 में स्थापित, फ्लाईबिग उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के टियर-2 शहरों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करती है। विश्वेंद्र ने कहा, ‘एएआई पांच साल की शुरुआती अवधि के लिए हवाई अड्डों का प्रबंधन और रखरखाव करेगा, जिसे आपसी सहमति से पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।’

नागरिक उड्डयन में एक नए अध्याय की शुरुआत
विश्वेंद्र ने बताया कि उत्तरी अंडमान में शिबपुर हवाई अड्डे के लिए इसी तरह के समझौतों पर 2023 की शुरुआत में हस्ताक्षर किए गए थे, जो सभी क्षेत्र में हवाई संपर्क और पर्यटन को बढ़ाने के लिए उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना का हिस्सा हैं। हवाई अड्डे के निदेशक देवेंद्र यादव ने समझौते की सराहना की और इसे नागरिक उड्डयन में एक नए अध्याय की शुरुआत बताया। उन्होंने भविष्यवाणी की कि इससे हवाई संपर्क और क्षेत्रीय विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा।

केंद्र पर बरसे राहुल गांधी, कहा- ये ‘कुर्सी बचाओ बजट’; खरगे बोले- ये देश के विकास के लिए नहीं

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्रीय बजट को ‘कुर्सी बचाओ बजट’ की कहा और दावा किया कि यह अन्य राज्यों की कीमत पर भाजपा सहयोगियों से खोखले वादे करता है। पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने यह भी दावा किया कि बजट 2024 के चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र और पिछले बजटों की कॉपी और पेस्ट वाला काम है।

राहुल गांधी ने बजट पर ऐसे साधा निशाना
सोशल मीडिया एक्स पर राहुल गांधी ने एक पोस्ट में केंद्र सरकार के बजट को ऐसे उल्लेखित किया है। कुर्सी बचाओ बजट, सहयोगियों को खुश करना: अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे, साथियों को खुश करना: आम भारतीयों को कोई राहत नहीं, लेकिन एए (अडानी-अंबानी) को लाभ, कॉपी और पेस्ट: कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले बजट।

कांग्रेस अध्यक्ष ने बजट को बताया ‘नकलची बजट’
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी केंद्रीय बजट पर निशाना साधा और कहा कि इस बजट में देश के विकास के लिए कुछ भी नहीं है। ये एक मोदी सरकार को बचाने वाला बजट है। कांग्रेस अध्यक्ष केंद्रीय बजट को नकल भी करार दिया। उन्होंने एक्स पर लिखे एक पोस्ट में कहा, मोदी सरकार का ‘नकलची बजट’ कांग्रेस के न्याय पत्र की भी ठीक से नकल नहीं कर सका! मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन सहयोगियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी रेवड़ियां बांट रहा है ताकि एनडीए बच जाए।

‘सरकार का ग्रामीण मजदूरी बढ़ाने का कोई इरादा नहीं’
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि 10 साल बाद, दो करोड़ रोजगार प्रति वर्ष के नारे की मार झेल रहे युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं की गई हैं। उन्होने कहा, किसानों के लिए सिर्फ सतही बातें की गई हैं – डेढ़ गुना एमएसपी और आय दोगुनी – सब चुनावी धोखा साबित हुआ! इस सरकार का ग्रामीण मजदूरी बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है।

कांग्रेस पार्टी ने भी की बजट की आलोचना
वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी केंद्रीय बजट की आलोचना की और कहा कि यह कार्रवाई की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है और दावा किया कि कॉपी-पेस्ट सरकार ने लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र से बहुत कुछ उधार लिया है। विपक्षी दल ने अपने पोस्ट में दावा किया कि सरकार ने चुपचाप स्वीकार किया है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है, और कहा कि बजट में राजनीतिक मजबूरियां लिखी हुई हैं।

‘वित्त मंत्री के भाषण में महाराष्ट्र एक बार भी नहीं आया, प्रदेश के साथ भेदभाव’; आदित्य ठाकरे का आरोप

मुंबई: शिवसेना (उद्धव ठाकर गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार भी महाराष्ट्र का जिक्र नहीं किया। उन्होंने सबसे ज्यादा कर अदा करने वाले राज्य के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। एक्स पर पोस्ट करते हुए ठाकरे ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र को भ्रष्ट शासन और अधिक टैक्स लगाकर लूट रही है।

उन्होंने कहा कि मैं समझ सकता हूं कि भाजपा ने अपनी सरकार को बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को बड़ा बजट दिया है। लेकिन महाराष्ट्र की क्या गलती है? जब हम सबसे ज्यादा टैक्स अदा करते हैं। इतने बड़े योगदान के बाद हमें क्या मिला?

ठाकरे ने कहा कि क्या महाराष्ट्र का बजट में एक बार भी जिक्र किया गया? भाजपा महाराष्ट्र से इतनी नफरत क्यों करती है? महाराष्ट्र का इतना अपमान क्यों किया जा रहा है? उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है, पहले भी भाजपा सरकार ऐसा कर चुकी है। यह महाराष्ट्र के प्रति भेदभाव है।

आंध्र प्रदेश को मिले 15 हजार करोड़
बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का एलान किया है। निर्मला सीतारमण ने कहा, “सरकार का आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास किया। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने, विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे पर जोर, आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश के लिए एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन और आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान दिया जाएगा।

भरी बिहार की झोली
वित्त मंत्री सीतारमण ने बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाले एक अतिरिक्त पुल को बनाने में भी मदद दी जाएगी। इसके साथ ही, बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा की गई, जिनमें भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है।

जलवायु परिवर्तन को लेकर विकसित देशों पर बरसे भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार, दोहरे मानक अपनाने का आरोप

नई दिल्ली:  भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने जलवायु परिवर्तन में दोहरे मापदंडों को अपनाने के लिए विकसित देशों की आलोचना की है। नागेश्वरन ने यहां जी7 सम्मेलन की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया है। आपको बता दें कि जी7 सम्मेलन में, 2030 के दशक की शुरुआत में मनमाने तरीके से कोयला बिजली संयंत्रों के उपयोग को समाप्त करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई थी।

वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण में नागेश्वरन ने इन बातों पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों पर बेहतर जीवन जीने की आकांक्षाओं को त्यागने का दबाव डालना गलत होगा। उन्होंने आगे कहा कि इससे विकसित देशों के स्वच्छ वातावरण और ठंडी जलवायु में जीवन बिताने का रास्ता साफ होगा। उन्होंने तर्क दिया कि विकासशील देशों का आर्थिक विकास उन्हें बेहतर जलवायु परिवर्तन के लिए सुदृढ़ बनाएगा। नागेश्वरन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में इस वैश्विक समस्या से निपटने पर जोर दिया गया था। इस दौरान यह कहा गया था कि विकसित देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए संसाधन मुहैया कराएंगे और साथ ही आर्थिक गतिशीलता को बनाए रखेंगे।

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, ‘यह देखने को मिला है कि विकासशील देशों ने अपने घरेलू संसाधनों के माध्यम से जलवायु के क्षेत्र में कार्रवाइयां कीं हैं। इसके अलावा, विकसित देशों का जोर मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन की कार्रवाई के वित्तपोषण रहा है।’ इसके साथ ही नागेश्वरन ने अमीर देशों के दोहरे मानदंडों को लेकर उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने वर्ष 2030 से 2035 तक पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए फैसले को टाल दिया है। इसके अलावा जर्मनी ने जीवाश्म ईंधन बॉयलर पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर भी रोक लगा दी।

नागेश्वरन ने आगे कहा कि अमीर देशों ने विकासशील देशों पर कार्बन उत्सर्जक रणनीतियों को अपनाने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘जी7 के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया था कि 2030 के दशक की शुरुआत में कोयला बिजली संयंत्रों को खत्म किया जाएगा। जापान और जर्मनी इस बात से सहमत नहीं हुए। जर्मनी ने तय किया है कि वर्ष 2038 तक कोयला संयंत्रों को बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा जापान ने अभी तक कोई तिथि तय नहीं की है। यह आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय विवादों को जन्म दे सकता है।’ आपको बता दें कि बीते कुछ वर्षों में भारत के साथ साथ वैश्विक दक्षिण पर विकसित देशों ने कोयला संयत्रों को समाप्त करने का दबाव डाला है। खासतौर पर संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया गया है। आपको बता दें कि भारत में विद्युत उत्पादन का 70 फीसदी हिस्सा कोयले पर निर्भर है।

धर्मस्थल में घुसकर मूर्ति तोड़ने के आरोपी समेत चार को भेजा जेल, पुजारी पर किया था चाकू से हमला

बरेली:  बरेली के डेलापीर अनाज मंडी परिसर स्थित धर्मस्थल में घुसकर मूर्तियां तोड़ने व पुजारी पर चाकू से हमला करने के आरोपी उत्तराखंड के खटीमा थाने के इस्लाम नगर गौटिया निवासी अकरम और उसके तीन मददगारों को सोमवार को जेल भेज दिया गया।

रविवार सुबह साढ़े सात बजे अकरम उर्फ सोनू ने गोपेश्वरनाथ मंदिर में घुसकर वहां रखी मूर्तियों को तोड़ दिया था। उसने शीशे में रखी मूर्तियों को भी निकाल लिया था। इस बीच पत्नी की सूचना पर पहुंचे पुजारी रामकिशोर पर चाकू से हमला कर दिया था। शोर सुनकर जुटे लोगों ने आरोपी को पकड़ा तो कुछ लोग उसे छुड़ाने आ गए। लोगों ने उसेे इज्जतनगर पुलिस को सौंप दिया। अकरम से पुलिस ने विदेशी मुद्रा, चाकू और स्कूटी बरामद की थी।

तीन आरोपियों की खंगाली कुंडली, धाराएं भी बढ़ाईं
अकरम को बचाने वालों में शहर के बिहारमान नगला निवासी शाहरुख और अरशद व जगतपुर पानी की टंकी के निवासी आजम शामिल रहे। इनका रिकॉर्ड खंगाला गया, पर इन पर पुराना कोई मुकदमा जानकारी में नहीं आया। थाना प्रभारी राधेश्याम ने बताया कि मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को कोर्ट में पेश किया गया। वहां से चारों को जेल भेज दिया गया। मुकदमे में जानलेवा हमले की धारा बढ़ाई गई है।
मंत्री ने लिया हालचाल, पुलिस अफसरों से की बात
सावन के पहले सोमवार पर मंडी स्थित मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। वनमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने मौके पर जाकर श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों से घटना की जानकारी ली। फोन पर पुलिस से बात की। मंत्री ने बताया कि घटना को लेकर पुलिस गंभीर है। दोषियों पर प्रभावी कार्रवाई की गई है।
परिजनों ने दी सफाई

अकरम के बहन-बहनोई बारादरी थाना क्षेत्र में रहते हैं। उन्होंने इज्जतनगर पुलिस को बताया कि शनिवार को अकरम उनके घर आया था। रात को शाहदना वली की दरगाह पर पहुंचकर वहां भी उसने ऊधम मचाया था। उन्होंने अकरम को डिप्रेशन का मरीज बताया। बरेली के दो डॉक्टरों से उसका इलाज होना बताकर उसे मनोरोगी साबित करने की कोशिश की। हालांकि, उसके पास मौजूद विदेशी मुद्रा व कुछ अन्य बातों की सफाई वह नहीं दे सके।

प्रदेश में बनेंगे दुनिया के सबसे हाइटेक ड्रोन-मानवरहित विमान, 2030 तक 13 अरब डॉलर का होगा भारत का बाजार

लखनऊ:भारतीय सेना को यूपी के ड्रोन और मानवरहित विमान (यूएएस) नई ताकत देंगे। पहली बार यूपी में ड्रोन व मानवरहित विमान के लिए परीक्षण और शोध केंद्र बनाया जा रहा है। 60 करोड़ की लागत से बनने वाले ड्रोन टेस्टिंग फाउडेंशन में 45 करोड़ केंद्र सरकार देगी। एचएएल इस योजना का नेतृत्व करेगा।

भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल), यंत्र इंडिया लिमिटेड, ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) , आईआईटी कानपुर और यूपीडा की अहम भूमिका होगी। यूपी डिफेंस कारीडोर में सेना के लिए सुसाइडल ड्रोन, दो से तीन हजार किलोमीटर की दूरी तय करने वाले ड्रोन, मीलों ऊपर से ही खुफिया निगरानी जैसे ड्रोन यहां विकसित होंगे। अपनी तरह के पहले सेंटर का नाम यूएएस टेस्टिंग फाउंडेशन रखा गया गया है।

मुख्य सचिव व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की मौजूदगी में यूपीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही और अन्य संबंधित संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच समझौता हुआ। यूएएस यानी मानवरहित विमान और ड्रोन में इंसान नहीं होता। ये दूर से संचालित होते हैं या स्वायत्त रूप से उड़ते हैं।

यूएएस को आमतौर पर मानव रहित हवाई प्रणाली (यूएएस), मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) और ड्रोन के रूप में जाना जाता है। इन्हें सैन्य अभियानों में शत्रु क्षेत्र की टोह लेने और जरूरत पड़ने पर आक्रमण करने के लिये उपयोग मे लाया जाता है।

यूपी होगा ड्रोन शक्ति का केंद्र
अब यूपी ने ड्रोन व मानवरहित विमान का गढ़ बनने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। इसके बाजार का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वैश्विक ड्रोन बाजार करीब 14 अरब डालर का है जो 2032 तक 54 अरब डालर होने का अनुमान है। वहीं भारतीय ड्रोन टेक स्टार्टअप रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ड्रोन बाजार 2030 तक 13 अरब डॉलर होगा। इजरायल और अमेरिका के बाद भारत तेजी से ड्रोन तकनीकी में अपना लोहा मनवा रहा है।

इस फाउंडेशन के जरिये इजरायल के हेरॉन ड्रोन और अमेरिका के एमक्यू-9बी ड्रोन से भी उन्नत ड्रोन यहां विकसित करने पर शोध होगा। एमक्यू-9बी ड्रोन से ही अमेरिका ने अल कायदा सरगना अयमान-अल जवाहिरी को मार गिराया था। प्रदेश में 15 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन, 500 किलोमीटर की रफ्तार से लैस ड्रोन और एक बार फ्यूल टैंक भरने के बाद 40 घंटे तक उड़ान भरने वाले ड्रोन पर काम होगा। ये मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक हमले से बेअसर होंगे। दुश्मन के अड्डे की रेकी करेंगे। तीन हजार किलो तक के हथियार आसानी से ले जाने में ये ड्रोन सक्षम होंगे।

सीएम की बैठक में नहीं गए राजभर, केशव प्रसाद मौर्या से मिले; दोनों नेताओं की मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल

लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार को आजमगढ़ में बुलाई गई बैठक में सुभासपा अध्यक्ष और पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर शामिल नहीं हुए। अलबत्ता उन्होंने राजधानी में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से मुलाकात कर एक नई सियासी चर्चा को जन्म दें दिया है। केशव के आवास पर हुई मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई।

बता दें कि लोकसभा चुनाव परिणामो को लेकर मुख्यमंत्री मण्डलवार जनप्रतिनिधियों के साथ चुनाव कि समीक्षा कर रहे हैं। इसी कड़ी में सीएम ने सोमवार को आजमगढ़ मंडल कि बैठक बुलाई थी। लेकिन राजभर उस बैठक में नहीं पहुंचे। अलबत्ता राजभर शाम को लखनऊ में केशव के आवास पहुंचे और इस मुलाकात कि फोटो वायरल की।हालांकि, उनकी केशव से किस मुद्दे पर बात हुई, यह किसी से शेयर नहीं किया। राजभर की केशव से मुलाकात को भाजपा के भीतर चल रही खिंचतान के तहत हो रही लामबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है।

राजभवन में कलराज से केशव ने की मुलाकात
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को राजभवन में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से शिष्टाचार मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने राज्यपाल से विभिन्न विषयों पर बातचीत की है।बता दें कि राजस्थान के राज्यपाल बीते दो दिनों से यूपी के दौरै पर लखनऊ आए हैं। यूपी के रहने वाले कलराज मिश्रा लंबे समय से तक प्रदेश में सक्रिय सियासत से जुड़े रहे हैं और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा प्रदेश व केन्द्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

‘भारत सांस्कृतिक महाशक्ति, जहां सिखाए जाते हैं संस्कार’; यूनेस्को में भारत के स्थायी राजदूत का बयान

विश्व धरोहर समिति को यूनेस्को में भारत के राजदूत ने अपने देश के बारे में बातया। जिसमें उन्होंने विश्व विकास और विरासत के लिए भारत के संदेश को बताया। उन्होंने कहा कि भारत एक सांस्कृतिक महाशक्ति है। संस्कृत से संस्कृति, संस्कृति से संस्कार और संस्कार से संस्कार सिखाए जाते हैं। दुनिया को भारत का संदेश विकास और विरासत है।

विश्व धरोहर समिति के सत्र का उद्धाटन रविवार को दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ। यह कार्यक्रम 21 जुलाई से 31 जुलाई तक आयोजित हो रहा है। विश्व धरोहर समिति को विश्व धरोहर से संबंधित सभी मामलों का प्रबंधन करने और विश्व धरोहर सूची में अंकित किए जाने वाले स्थलों पर निर्णय लेने का काम सौंपा जाता है। यूनेस्को में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी शर्मा ने कहा भारत एक सांस्कृतिक महाशक्ति है। संस्कृत से संस्कृति, संस्कृति से संस्कार और संस्कार से संस्कार सिखाए जाते हैं। दुनिया को भारत का संदेश विकास और विरासत है। उन्होंने कहा कि भारत में होने वाली यह विश्व धरोहर समिति हर भारतीय परिवार का हिस्सा है। यह सभी का प्रतिनिधित्व करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं बल्कि विज्ञान भी है। विशाल वी शर्मा के अनुसार रुद्रेश्वर रामप्पा मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में हुआ। तब मंदिर की नींव शॉक-एब्जॉर्बिंग तकनीक पर बनाई गई थी। मूर्तियों को कठोर डालराइट चट्टान से तैयार किया गया, यह तकनीक भारत के अलावा कहीं और नहीं मिल सकती। यह प्राचीन भारतीय तकनीक का एक उदाहरण है। राजदूत ने यह भी कहा कि ये स्मारक हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए हैं। हम सिर्फ इसके संरक्षक हैं, और हमें इसे अपने भविष्य के लिए बचाना है। हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को इस तरह के स्मारकों की रक्षा करने के लिए प्रेरित करना होगा। क्योंकि ये कोहिनूर है।

वहीं शर्मा ने इस दौरा विश्व धरोहर समिति के लिए केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कि आज दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम और केंद्र सरकार के उस रास्ते के कारण आगे बढ़ रहे हैं। पीएम ने कल क्षमता निर्माण के लिए 1 मिलियन डॉलर देने की घोषणा की है। हम उसे ग्लोबल साउथ के लिए करेंगे और दूसरे देशों की मदद करेंगे। विश्व धरोहर समिति के इस 46 वें सत्र कं उद्घाटन के मौके पर शर्मा ने कहा कि आज दुिनया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है, उसकी वह से।

वहीं पीएम ने क्षमता निर्माण के लिए 1 मिलियन डॉलर देने की घोषणा की। हम उसे ग्लोबल साउथ के लिए काम रेंेऔर दूसरे देशों की भी मदद करेंगे।