Friday , October 25 2024

Editor

मान* मिले *सम्मान* मिले, *सुख – संपत्ति* का *वरदान* मिले. *क़दम-क़दम* पर मिले *सफलता*, *सदियों* तक पहचान मिले।

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*मान* मिले *सम्मान* मिले,
*सुख – संपत्ति* का *वरदान* मिले.
*क़दम-क़दम* पर मिले *सफलता*,
*सदियों* तक पहचान मिले।

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आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्यों को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाये।
*सतेन्द्र सेंगर “राष्ट्रीय अध्यक्ष” मीडिया अधिकार मंच भारत रजि.*
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पुरानी लुकमान की एक कथा है। लुकमान पुराने ज्ञानियों में एक हुआ;कोई जीसस से तीन हजार साल पहले। मुहम्मद ने लुकमान का कुरान में बड़ेआदर से उल्लेख किया है।

पुरानी लुकमान की एक कथा है। लुकमान पुराने ज्ञानियों में एक हुआ;कोई जीसस से तीन हजार साल पहले। मुहम्मद ने लुकमान का कुरान में बड़ेआदर से उल्लेख किया है एक पूरा अध्याय लुकमान के लिए समर्पित किया
है। दुनिया की ऐसी कोई भाषा नहीं है, जहाँ लुकमान का शब्द गहरे में प्रवेश नकर गया हो। जिनको लुकमान का कोई पता भी नहीं है, वे भी उसका उपयोगकरते हैं। लोग नाराज हो जाते हैं तो कहते हैं, ‘बड़े लुकमान बने बैठे हैं।’ उन्हें
पता भी नहीं कि वे क्या कह रहे हैं। कहावत है कि लुकमान को क्या समझाना!लुकमान से ज्यादा कोई समझदार भी नहीं हैं। लुकमान से किसी ने पूछा कि तुझे
इतनी समझदारी कैसे मिली? लुकमान ने कहा, ‘जब मैं नासमझ हो गया।’लुकमान से किसी ने पूछा, ‘तुम इतने समादृत क्यों हो?’ लुकमान ने कहा, ‘जब
मैने आदर की आकांक्षा छोड़ दी।’
लुकमान की एक छोटी कहानी है। और लुकमान ने कहानियों में ही अपनासंदेश दिया है। ईसप की प्रसिद्ध कहानियां आधे से ज्यादा लुकमान की हीकहानियां हैं, जिन्हें ईसप ने फिर से प्रस्तुत किया है। लुकमान कहता है, एक
मक्खी एक हाथी के ऊपर बैठ गयी। हाथी को पता न चला मक्खी कब बैठी।मक्खी बहुत भिनभिनाई, आर्वाज की, और कहा, ‘भाई।’ मक्खी का मन होता है
हाथी को भाई कहने का। कहा, ‘भाई। तुझे कोई तकलीफ हो तो बता देना।वजन मालूम पड़े तो खबर कर देना, मैं हट जाऊंगी।’ लेकिन हाथी को कुछसुनाई न पड़ा। फिर हाथी एक पुल पर से गुजरता था बड़ी पहाड़ी नदी थी,भयंकर गड था, मक्खी ने कहा कि ‘देख, दो हैं, कहीं पुल टूट न जाए। अगर
ऐसा कुछ डर लगे तो मुझे बता देना। मेरे पास पंख हैं, मैं उड़ जाऊंगी।’ हाथी
के कौन में थोड़ी-सी कुछ भिनभिनाहट पड़ी, पर उसने कुछ ध्यान न दिया।खो के बिदा होने का वक्त आ गया। उसने कहा, ‘यात्रा बड़ी सुखदहुई। तीर्थयात्रा थी, साथी-संगी रहे, मित्रता बनी, अब मैं जाती हूं। कोई कामहो, तो मुझे कहना।’तब मक्खी की आवाज थोड़ी हाथी को सुनाई पड़ी। उसने कहा, ‘तू कौन है
कुछ पता नहीं। कब तू आयी, कब तू मेरे शरीर पर बैठी, कब तू उड़ गयी,इसका कोई हिसाब नहीं है। लेकिन मक्खी तब तक जा चुकी थी।
लुकमान कहता है, ‘हमारा होना भी ऐसा ही है। इस बड़ी पृथ्वी पर हमारेहोने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। इस बड़े अस्तित्व में हाथी और मक्खी केअनुपात से भी हमारा अनुपात छोटा है। क्या भेद पड़ता है? लेकिन हम बड़ा
शोरगुल मचाते हैं। हम बड़ा शोरगुल मचाते हैं! वह शोरगुल किसलिये है? वहमक्खी क्या चाहती थी? वह चाहती थी हाथी स्वीकार करे, तू भी है; तेरा भीअस्तित्व है। पूछ चाहती थी।
हमारा अहंकार अकेले तो नहीं जी सक रहा है। दूसरे उसे मानें, तो ही जीसकता है। इसलिए हम सब उपाय करते हैं कि किसी भांति दूसरे उसे माने,ध्यान दें, हमारी तरफ देखें; उपेक्षा न हो। हम वस्त्र पहनते हैं तो दूसरों के लिये,
स्नान करते हैं तो दूसरों के लिये, सजाते-संवारते हैं तो दूसरों के लिये। धन
इकट्ठा करते, मकान बनाते, तो दूसरों के लिये। दूसरे देखें और स्वीकार करें कि
तुम कुछ विशिष्ट हो। तुम कोई साधारण नहीं। तुम कोई मिट्टी से बने पतले नहीं
हो। तुम कोई मिट्टी से आये और मिट्टी में नहीं चले जाओगे, तुम विशिष्ट हो।
में तुम्हारी गरिमा अनूठी है। तुम अद्वितीय हो। अहंकार, सदा इस
आंखें मिल जाएं, जो मेरी छाया को वजन दे दें।
संकलन कर्ता
राम नरेश यादव
राष्ट्रीय अध्यक्ष
दिव्य जीवन जागृति मिशन इटावा
उत्तर प्रदेश
मोबाइल नंबर8218141639

फकीर ने कहा-यह महल नहीं, सराय है

फकीर ने कहा-यह महल नहीं, सराय है
इब्राहीम सम्राट था-बल्ख का। एक फकीर उसके द्वार पर आया और झंझटकरने लगा कि मुझे इस महल में ठहरना है। लेकिन वह ‘महल’ नहीं कह रहाथा। वह कहता था, इस ‘सराय’ में मुझे ठहरना है। बड़े जोर-जोर से लड़ रहाथा वह पहरेदार से।पहरेदार ने कहा, “हजार दफे कह दिया कि यह धर्मशाला या सराय नहींहै। सराय गाँव में दूसरा है। यह राजा का महल है। यह राजा का खुद का निवासहै। तुम होश में हो? तुम क्या बातें कर रहे हो? यह कोई ठहरने की जगह नहीं।”उसने कहा, “फिर मैं राजा को देखना चाहता हूँ।” इब्राहीम भीतर से सबसुन रहा था। उस फकीर की आवाज में कुछ जादू था, कुछ चोट थी। वह जिसढंग से कह रहा था, ऐसा नहीं लगता था कि सिर्फ जिद्दी और पागल है। उसके कहने में कुछ रहस्य मालूम होता था। उसने कहा, “उसे बुलाओ भीतर।” वहफकीर भीतर आया और कहा, “कौन राजा है?” इब्राहीम जो सिंहासन पर बैठाथा, उसने कहा, “हाँ, मैं राजा हूँ। यह मेरा निवास है और तुम व्यर्थ में पहरेदारसे झंझट कर रहे हो।”फकीर ने कहा, “बड़ी हैरानी की बात है! मैं पहले भी आया था, तब दूसरा आदमी इस सिंहासन पर बैठा था और वह भी यही कहता था।”इब्राहीम ने कहा, “वे मेरे पिता थे, जो स्वर्गवासी हो गए।”उसने कहा, “उनके पहले भी मैं आया था, तब एक तीसरा आदमी बैठाथा। और हर बार पहरेदार भी बदल जाते हैं। आदमी भी बदल जाते हैं। यहमकान वही है। हर बार जब मैं आता हूँ, तब यही झंझट!”
इब्राहीम ने कहा, “वे हमारे पिता के पिता थे, वे भी स्वर्गवासी हो गए।”
उसने इब्राहीम से पूछा, “जब मैं चौथी बार आऊँगा, तुम मुझे यहाँ मिलोगे?इस सिंहासन पर कोई और बैठा होगा। इतने लोग यहाँ बदलते जाते हैं, इसीलिए
तो मैं कहता हूँ कि यह सराय है, धर्मशाला है। तुम भी टिके हो थोड़ी देर; मेरे टिक जाने में क्या बिगड़ रहा है? सुबह हुई, तुम भी चल पड़ोगे, हम भी चल
पड़ेंगे।”कहते हैं कि तब इब्राहीम को बोध हुआ। वह सिंहासन से नीचे उतर आयाऔर बोला, “तूने मुझे जगा दिया। अब तू रुक, मैं चला। अब यहाँ रुककर भी क्या करना है! यहाँ से सुबह जाना पड़ेगा, इतना समय भी क्यों गँवाना!”इब्राहीम ने छोड़ दिया राजमहल। इब्राहीम सूफियों का एक बड़ा फकीर हो गया
ओशो
संकलन कर्ता
राम नरेश यादव
राष्ट्रीय अध्यक्ष
दिव्य जीवन जागृति मिशन इटावा
(उत्तर प्रदेश)
मोबाइल नंबर 8218141639

औरैया,डीएपी खाद की मनमर्जी वसूले जा रहे रेट, किसान परेशान

 

औरैया,डीएपी खाद की मनमर्जी वसूले जा रहे रेट, किसान परेशान

ए, के, सिंह संवाददाता जनपद औरैया

औरैया,अजीतमल तहसील क्षेत्र में तमाम कोशिशों के बावजूद डीएपी खाद की कालाबाजारी नहीं थम रही। खाद विक्रेताओं ने आपस में यूनियन बनाकर किसानों को कीमत से अधिक रेट पर डीएपी बेचना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं किसान संबंधित अधिकारियों के पास भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। 1200 में मिलने वाली खाद किसान 1400 रुपये की खरीद रहे हैं। अजीतमल तहसील में दुकानदार जमकर खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। जबकि शासन की ओर से डीएपी 1200 रुपये में निर्धारित की गई है। यही बोरी दुकानदार किसानों को करीब 1400 रुपये की देते है। साथ ही किसान की मर्जी के बिना ही डीएपी खाद के साथ अन्य चीजें भी बेच रहे है। अजीतमल तहसील क्षेत्र के फुटेकुआ व आमवात में किसानों को जमकर लूटा जा रहा है। किसी भी किसान को दुकानदार बिल नही देते है

औरैया,डीएपी खाद की मनमर्जी वसूले जा रहे रेट, किसान परेशान

 

औरैया,डीएपी खाद की मनमर्जी वसूले जा रहे रेट, किसान परेशान

ए, के, सिंह संवाददाता जनपद औरैया

औरैया,अजीतमल तहसील क्षेत्र में तमाम कोशिशों के बावजूद डीएपी खाद की कालाबाजारी नहीं थम रही। खाद विक्रेताओं ने आपस में यूनियन बनाकर किसानों को कीमत से अधिक रेट पर डीएपी बेचना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं किसान संबंधित अधिकारियों के पास भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। 1200 में मिलने वाली खाद किसान 1400 रुपये की खरीद रहे हैं। अजीतमल तहसील में दुकानदार जमकर खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। जबकि शासन की ओर से डीएपी 1200 रुपये में निर्धारित की गई है। यही बोरी दुकानदार किसानों को करीब 1400 रुपये की देते है। साथ ही किसान की मर्जी के बिना ही डीएपी खाद के साथ अन्य चीजें भी बेच रहे है। अजीतमल तहसील क्षेत्र के फुटेकुआ व आमवात में किसानों को जमकर लूटा जा रहा है। किसी भी किसान को दुकानदार बिल नही देते है

औरैया,निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान का भव्य शुभारंभ

औरैया,निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान का भव्य शुभारंभ

ए,के,सिंह संवाददाता
औरैया जनपद में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशन में सोमवार को मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान का भव्य शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जनपद के प्राथमिक विद्यालय भड़ारीपुर, प्राथमिक विद्यालय रुदौली, प्राथमिक विद्यालय भैरोपुर भाऊपुर, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बमुरीपुर, प्राथमिक विद्यालय भगौतीपुर, पूर्व माध्यमिक विद्यालय धमसेनी, प्राथमिक विद्यालय सिखौला, प्राथमिक विद्यालय सुरान, प्राथमिक विद्यालय तुर्कीपुर, प्राथमिक विद्यालय उड़नपुरा सहित कई अन्य विद्यालयों में छात्र छात्राओं द्वारा मतदाता जागरूकता रैली निकाली गई। रैली में लोगों से अपना मतदाता पहचान पत्र बनाने की अपील की गई। जिला निर्वाचन अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने तिलक महाविद्यालय औरैया के इंदिरा हॉल में छात्र-छात्राओं को मतदाता बनने एवं वोट करने को लेकर जागरूक किया। जिला निर्वाचन अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि सभी लोग अपना वोटर आईडी जरूर बनवा लें। वोटर आईडी नहीं बनने पर हम लोग सरकार चुनने में अपनी भूमिका नहीं निभा पाएंगे। सभी लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए परंतु मताधिकार का प्रयोग करने से पहले सभी को अपना वोटर आईडी बनवाना जरूरी है। आज से शुरू हुए मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में भाग लेकर अपना वोट अवश्य बनवाएं। इस पुनरीक्षण कार्यक्रम में लोग अपना नया वोटर कार्ड बनवाने के साथ ही पुराने वोटर कार्ड में संशोधन भी करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं का विवाह हो गया है वह अपने मायके से वोट कटवा कर अपने ससुराल में वोट बनवा लें
जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी विद्यालयों के प्रबन्धकों से कहा कि वे छात्र-छात्राओं से इस आशय की अन्डरटेकिंग लें कि उनका और उनके परिवार के सभी सदस्यों का नाम मतदाता सूची में है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विद्यालयों में इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब की स्थापना की जाए तथा सभी छात्र-छात्राओं के मोबाइल में वोटर हेल्पलाइन एप डाउनलोड कराया जाय। इसके अलावा विद्यालयों में वोटर पाठशालाएं आयोजित कराई जाये।उन्होंने अभियान के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि 01 जनवरी 2022 को जिनकी उम्र 18 वर्ष की हो जाएगी। उन्हें मतदाता बनाने के लिए अभियान में विशेष फोकस किया जाएगा। इस दौरान 07, 13, 21 व 27 नवंबर को विशेष अभियान चलेगा। सभी पोलिंग बूथ पर मतदाताओं के नाम जोड़ने व हटाने के लिए विशेष कैंप लगेंगे। युवा ऑनलाइन माध्यम से या फिर ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी औरैया, नायब तहसीलदार व सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

ज्ञानदीप स्कूल का तोड कुंदा काट चोरी की घटना को दिया गया अंजाम

*फ़िरोज़ाबाद अपडेट (LSJ)*

*ज्ञानदीप स्कूल का तोड कुंदा काट चोरी की घटना को दिया गया अंजाम*

*थाना रसूलपुर क्षेत्र कब्रिस्तान वाली गली नया रसूलपुर का मामला*

*स्कूल प्रबंधक ने दी जानकारी, डायल 112 ने किया मौका मुआयना*

*भाई शिवसेना जिलाध्यक्ष पं. राजीव शर्मा निकले थाने में तहरीर देने को*

*@Lucky Sharma Journalist*
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जसवंतनगर। उच्च प्राथमिक विद्यालय

  1. जसवंतनगर। उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला नरिया में औचक निरीक्षण के दौरान गड़बड़झाला पाया गया तो खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापक को तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी किया है।
    खंड शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार ने औचक निरीक्षण के दौरान उक्त विद्यालय में शिक्षा का स्तर व मिड डे मील की गुणवत्ता खराब पाई और बच्चों की उपस्थिति में भी फर्जीवाड़ा पाया। रजिस्टर में कुल छात्र संख्या 48 दर्शाई गई थी जबकि मौके पर सिर्फ 8 छात्र ही मिले थे जिन्हें मिड डे मील के नाम पर सिर्फ तहरी दी जा रही थी जिसमें न तो टमाटर थे और न ही मसाले डाले गए थे। खंड शिक्षा अधिकारी ने स्वयं मिड डे मील चख कर देखा तो गुणवत्ता भी घटिया थी। बच्चों ने बताया कि जुलाई से अभी तक उन्हें कभी भी फल या दूध का वितरण नहीं किया गया और मैडम पढ़ाती भी नहीं हैं। मिड डे मील रजिस्टर के निरीक्षण में बच्चों की बहुत अधिक संख्या दर्शाई जाती है जबकि बच्चों से जानकारी की तो बच्चों ने बताया कि बहुत दिनों से इतने ही बच्चे पढ़ने आ रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी इन सब बातों को लेकर काफी नाराज दिखे। उन्होंने बच्चों की कम उपस्थिति शिक्षा का न्यून स्तर मिड डे मील की न्यून गुणवत्ता को लेकर शिक्षकों द्वारा की गई कर्तव्यों के प्रति लापरवाही को लेकर तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी किया है। जवाब न देने पर कार्रवाई की बात कही है।

जसवंतनगर। बिना लाइसेंस आतिशबाजी बेचने

जसवंतनगर। बिना लाइसेंस आतिशबाजी बेचने वाले तीन युवकों को पुलिस ने अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया है जिनके विस्फोटक अधिनियम के तहत चालान किए गए। पुलिस की इस कार्रवाई से कई बड़े अवैध आतिशबाजों के कान खड़े हो गए।
इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सिंह के अनुसार इरशाद उर्फ दिलशाद पुत्र अलीमुद्दीन निवासी नगला भिखन के कब्जे से एक पैकेट फुलझड़ी, बाला फुलझड़ी, एक पैकेट चकाई, पैकेट में सुतली बम, राकेट दो, अनार बम एक पैकेट, बुलेट बम एक पैकेट, ईगल पटाखा एक पैकेट, कलर माचिस एक पैकेट बरामद हुआ। सत्तार पुत्र मोहम्मद इरशाद निवासी कटरा खूब चंद्र के कब्जे से एक पैकेट फुलझड़ी, बाला फुलझड़ी, एक पैकेट चकाई, अनार बम दो पैकेट, सुतली बम एक पैकेट, कलर माचिस दो पैकेट, छोटे-छोटे पटाखे 4 पैकेट, कलर बम दो पैकेट बरामद हुए। दीपक पुत्र महावीर सिंह निवासी नदी का पुल के कब्जे से फड़ पर रखे पटाखे चकई एक पैकेट, फुलझड़ी एक पैकेट, सुतली बम एक पैकेट, अनार बम दो पैकेट, सुल्लड़ बम एक पैकेट, रोशनी वाली स्टिक तीन पैकेट, कलर माचिस एक पैकेट, लक्ष्मी छाप बम दो पैकेट बरामद हुए।

जसवंतनगर।कस्वे में स्थित चौ0 सुघर सिंह

जसवंतनगर।कस्वे में स्थित चौ0 सुघर सिंह एजुकेशनल एकेडमी में दीपावली के अवसर पर बी0टी0सी0 प्रशिक्षुओं के बीच रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसकी जानकारी ग्रुप के निदेशक डॉ0 संदीप पांडेय ने देते हुए बताया कि प्रतियोगिता को विभिन्न वर्गों में आयोजित किया गया था। जिनके नाम बड़े ही आकर्षक रूप से दीवाली पर ही आधारित रखे गए। जिसमें शुभ – लाभ ग्रुप ने प्रथम, स्वास्तिक ग्रुप ने द्वितीय ,चिंगारी ग्रुप ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । शुभ-लाभ ग्रुप में ज्योति , कविता तथा स्वास्तिक ग्रुप में अन्नू सिंह, पूजा सिंह, खुशी और चिंगारी ग्रुप में रोशनी, पल्लवी, सलोनी ने अपना योगदान दिया। इस मौके पर डॉ0 संदीप पांडेय ने संबोधित करते हुए कहा कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का एक बहुत ही बड़ा उदाहरण है जिसे पूरा देश बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मानता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि व्यक्ति के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा उसके विद्वान होने पर भी उसका विनाश करती है । अतः हमें कोशिश करनी चाहिए कि हमारे आसपास एक सकारात्मक ऊर्जा का सृजन हो और हम देश व समाज को नई दिशा देते हुए विकास कर सके । इस मौके पर कॉलेज के प्रबंध निदेशक अनुज मोंटी यादव ने सभी विजेताओं को बधाई दी और सभी प्रतिभागियों को ऐसी तरह हमेशा हर प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की बात कही। उन्होंने कहा प्रतियोगिता में स्थान न पाने से निराश न हो उससे सीख लेकर आगे बढ़ने का हुनर अपने अंदर लाएं। यह सत्य की जीत और खुशियाँ बांटने का त्यौहार है। आप एक उत्कृष्ट शिक्षक बनकर समाज कल्याण का कार्य करें और स्वयं सकारात्मकता बाँटते हुए भविष्य में ऐसे बच्चे तैयार करें जो इस देश को नई दिशा दें।इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार, शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष श्री नितिन आनंद,ब्रजेश पोरवाल, ऋषि पाल सिंह, स्तुति तिवारी, दीप्ति मिश्रा, प्रभा शर्मा आदि उपस्तिथ रहे।